लव हार्मोन का कमाल
- ऑक्सिटोसिन को ‘लव हार्मोन’ या ‘कडल हार्मोन’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसका प्रभाव हमारी भावनाओं पर भी पड़ता है.
- ऑक्सिटोसिन रेस्पॉन्सिव न्यूरॉन्स हमारे मस्तिष्क के कई हिस्सों में पाए जाते हैं.
- हालांकि अब तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि ऑक्सिटोसिन किन-किन सेल्स पर असर डालता है या यह हार्मोन मस्तिष्क के तंत्र को किस तरह से प्रभावित करता है.
- शोधों में उस इंटरन्यूरॉन पर अधिक ध्यान दिया गया, जो अन्य न्यूरॉन्स को संदेश भेजता है.
- रिसर्चर्स ने यह पाया कि जब ये न्यूरॉन्स ऑक्सिटोसिन रिलीज़ करते हैं और यदि इस प्रक्रिया में अवरोध पैदा किया जाता है, तो मादाओं की नर में दिलचस्पी कम हो जाती है.
- यह परीक्षण चूहों पर किया गया था और मनुष्यों पर भी इसका यही नतीज़ा होता है, इस आधार पर यह भी देखा गया कि महिलाओं में यह हार्मोन दोस्ती को बढ़ाता है, जबकि पुरुषों में कॉम्पिटिटिवनेस को बढ़ाता है.
लव इज़ ब्लाइंड
डोपामाइन ही वह हार्मोन है, जो एक्साइटमेंट और आनंद से जुड़ा होता है. यही वजह है कि प्रेमी रात-रातभर जागकर एक-दूसरे से बातें करते हैं, शायरी करने लगते हैं, समय निकालकर एक-दूसरे से मिलने घंटों यात्रा करके भी आ जाते हैं, अपनी लाइफस्टाइल और यहां तक कि जॉब्स भी बदल देते हैं. यही नहीं, एक-दूसरे के लिए जान तक देने को तैयार रहते हैं. दरअसल, वो उस केमिकल में भीगे होते हैं, जो एनर्जी और स्टैमिना के लिए जाना जाता है और मस्तिष्क उन्हें ऐसा करने की दिशा में प्रेरित करता है. यही वजह है कि प्यार के लिए अक्सर कहा जाता है कि प्यार अंधा होता है. रिसर्चर्स का मानना है कि यह ज़रूरी भी है, ताकि एक-दूसरे पर विश्वास व आपसी लगाव गहरा हो.
प्यार और शादी
इसका भी अलग ही फंडा है, शोधों में पाया गया है कि यहां लिंग भेद के आधार पर अलग-अलग प्रभाव नज़र आता है. जिन महिलाओं को अपने पार्टनर के साथ अधिक समय गुज़ारने को मिलता है, वो अपने रिश्ते में अधिक ख़ुश रहती हैं, जबकि जो पुरुष आर्थिक रूप से बेहतर कर रहे होते हैं, वो अपनी शादी में अधिक ख़ुश रहते हैं. दोनों पार्टनर तब अधिक ख़ुश रहते हैं, जब उन्हें लगता है कि अपने पार्टनर पर उनका प्रभाव है और उनकी सेक्स लाइफ भी बेहतर होती है.
ऐसे भी कपल्स होते हैं, जो शादी के सालों बाद भी न्यू लव बर्ड्स जैसा ही महसूस व व्यवहार करते हैं. उनके ब्रेन को स्कैन करने पर यही पाया गया कि जब मोटिवेशन, क्रेविंग और रिवॉर्ड मिलने पर जिस तरह की ब्रेन एक्टिविटी होती है, उसी तरह की इनकी भी होती है.
ऐसे में शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि जहां रोमांटिक लव आज भी एक रहस्य है और उसे बनाए रखने के बारे में शायद कभी भी पूरी तरह से कोई नहीं समझ पाए, लेकिन यह अध्ययन इस विषय पर ज़रूर प्रकाश डालता है और कई सारे सबूत भी पेश करता है कि प्यार को लंबे समय या ताउम्र बनाए रखने के लिए मस्तिष्क में कौन-सी ज़रूरी क्रियाएं होती हैं. फिर भी प्यार की दीवानगी को विज्ञान के आधार पर जांचा-परखा नहीं जा सकता, इसीलिए कहते हैं, ये दिल दीवाना है!
- विजयलक्ष्मी
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