कपिल शर्मा पिता बन गए, उनकी पत्नी गिन्नी चतरथ ने बेटी को जन्म दिया. पापा बनने की ख़ुशी को उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा हमारे घर बेटी हुई है. आपके दुआओं की ज़रूरत है. सभी को प्यार. जय माता दी…
Blessed to have a baby girl 🤗 need ur blessings 🙏 love u all ❤️ jai mata di 🙏
अभी हाल ही में अक्षय कुमार के गुड न्यूज़ पर कमेंट करते हुए कपिल शर्मा ने कहा था कि मेरी गुड न्यूज़ आपसे पहले आएगी और यही हुआ भी.
बेटी होने की बधाई सबसे पहले गुरू रंधवा ने ख़ुद चाचा बनने की कहकर दी. उसके बाद तो बधाइयों को सिलसिला-सा चल पड़ा. कपिल शर्मा शो की सारी टीम, उनके साथियों, जिनमें कीकू शारदा, भुवन बाम के अलावा साइना नेहवाल, दीया मिर्ज़ा, रकुल प्रीत ने बधाइयां दीं.
अक्टूबर महीने में कपिल शर्मा ने अपने परिवार-रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ पूरे धूमधाम से गिन्नी का बेबी शॉवर मनाया था. कपिल-गिन्नी बेबी मून के लिए कनाडा भी गए थे. जहां उन्होंने बच्चे के लिए ख़ूब ख़रीददारी भी की थी.
कपिल शर्मा और गिन्नी चतरथ ने पिछले साल 12 दिसंबर को जालंधर में पूरे धूमधाम से शादी की थी. इसके बाद दिल्ली और मुंबई में रिस्पेशन भी दिया था. कपिल की शादी काफ़ी सुर्ख़ियों में रही थी. शादी में तमाम जाने-माने फिल्म स्टार्स संगीतकार, राजनीतिज्ञ व अन्य हस्तियां शामिल हुई थीं.
बिटिया के जन्म से कपिल का पूरा परिवार ख़ुशी से झूम रहा है. तमाम सितारों व शख़्सियतों के बधाइयों का सिलसिला भी ज़ारी है. नन्हीं परी के जन्म पर कपिल शर्मा, गिन्नी चतरथ और पूरे परिवार को बहुत-बहुत बधाई हो!…
शोले फिल्म में गब्बर सिंह के क़िरदार को इतने दशकों के बाद भी कोई भूल नहीं पाया है. आज गब्बर सिंह यानी अमजद ख़ान का जन्मदिन है. उनसे जुड़ी कई कही-अनकही बातों के बारे में जानते हैं. ख़ासकर किस तरह उन्हें गब्बर का रोल मिला और अमिताभ बच्चन के साथ उनका याराना…
शोले फिल्म के दौरान अमिताभ बच्चन के साथ अमजद ख़ान की अच्छी दोस्ती हो गई थी. अमिताभ ने उनसे जुड़े कई मज़ेदार क़िस्से बताए.
* अमिताभ के अनुसार अमजद चाय के बेहद शौकीन थे. दिनभर में कभी-कभी वे बीस कप तक चाय पी जाते थे.
* एक बार कैंटीन में दूध ख़त्म हो गया और अपनी चाय की तलब की ख़ातिर अमजद साहब ने भैंस ही लाकर कैंटीन में बांध दी थी.
* वे काफ़ी मज़ाकिया भी थे. उन्हें बात-बात पर मज़ाक करने की आदत थी. वे अपनी मौत को लेकर भी अक्सर हंसी-मज़ाक किया करते थे.
* उनका कहना था कि वे पांच मिनट के अंदर ही इस दुनिया से विदा ले लेंगे और ऐसा हुआ भी. उनकी पत्नी के अनुसार, शाम सात बजे उन्हें किसी से मिलना था और वे तैयार हो रहे थे, तभी उनका बेटा दौड़ता हुआ आया और कहा कि पापा के हाथ-पैर ठंडे हो रहे हैं. पांच मिनट के अंदर ही वे इस दुनिया से रुख़सत हो गए. ऐसे में मुकद्दर का सिकंदर का वो गाना कितना सार्थक बैठता है कि ज़िंदगी तो बेवफ़ा है साथ छोड़ जाएगी, मौत तो महबूबा है अपनी साथ ले के जाएगी… मर के जीने की अदा को दुनिया को दिखलाएगा…
* अमिताभ व अमजद की ऑन स्क्रीन नायक व ख़लनायकवाली जोड़ी को दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया, जैसे- शोले, याराना, नास्तिक, मुकद्दर का सिकंदर, महान, सत्ते पे सत्ता, बरसात की एक रात आदि.
* रमेश सिप्पी की गब्बर के रोल के लिए पहली पसंद डैनी डैन्जोंगपा थे, पर कई कारणों से वे यह फिल्म नहीं कर सके.
* गब्बर के रोल के लिए जब किसी ने निर्माता-निर्देशक रमेश सिप्पी को अमजद ख़ान का नाम सुझाया, तब पहली बार मिलने पर ही उन्होंने उन्हें रिजेक्ट कर दिया.
* उस समय अमजद काफ़ी दुबले-पतले थे. लेकिन अपने काम के धुन के पक्पके अमजद ने सिप्पीजी से एक महीने का समय मांगा और न केवल अपना वज़न बढ़ाया, बल्कि अपने लुक को भी बदला और वे चुन लिए गए.
* बहुत कम लोगों को पता है कि संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन व धर्मेंद्र तीनों ही गब्बर सिंह का रोल करना चाहते थे. लेकिन रमेश सिप्पी ने तीनों के क़िरदार जैसे जय-वीरू व ठाकुर फाइनल कर लिए थे. उनका यह मानना था कि ये तीनों ही इन क़िरदारों के साथ न्याय कर पाएंगे और यह सच भी साबित हुआ.
* गौर करनेवाली बात है कि गब्बर सिंह के क़िरदार पर अब तक कम से कम छह-सात फिल्में बन चुकी हैं. इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है हिंंदी फिल्म के इतिहास में यह क़िरदार कितना प्रभावशाली था.
* अमजद ख़ान ने अपने फिल्मी करियर में हर तरह की भूमिकाएं निभाई यानी नायक, खलनायक, सहायक कलाकार और हर भूमिका में जंचे और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उनकी दादा, याराना कुछ ऐसी ही फिल्में थीं.
* आज वे हमारे बीच नहीं हैं, पर उनकी बहुआयामी भूमिकाएं, दमदार संवाद, लाजवाब अभिनय सदा दिलों में ज़िंदा रहेगी.
विशेष: आज एक और मशहूर व प्रभावशाली विलेन रंजीतजी का भी जन्मदिन है, उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं.
संजय दत्त (Sanjay Dutt) की फिल्मों का दर्शकों को ख़ास इंतज़ार रहता है, क्योंकि उनकी भूमिका और एंट्री दोनों ही धमाकेदार रहती है, जैसे पानीपत फिल्म (Panipat Film) के पोस्टर की हुई है. इसमें संजय ज़बरदस्त योद्धा के रूप में नज़र आ रहे हैं. उनकी बेटी त्रिशाला ने भी पिता के लुक की तारीफ़ करते हुए कहा- लव यू पापा, शानदार लुक… साथ ही पार्वती बाई के रूप में कृति सेनन का लुक भी बेहद आकर्षक है. कृति पहली बार किसी पीरियड फिल्म में ऐतिहासिक भूमिका में दिखाई देंगी.
निर्देशक आशुतोष गोवारिकर फिल्म जोधा-अकबार के बाद एक बार फिर पीरियड फिल्म पानीपत लेकर आ रहे हैं. संजय दत्त, ज़ीनत अमान, अर्जुन कपूर, कृति सेनन जैसे सितारों से सजी पानीपत का ट्रेलर कल रिलीज़ होगा. लेकिन उससे पहले फिल्म के युद्ध सीन, संजय दत्त व कृति सेनन के शेयर किए गए लुक को हर किसी ने ख़ूब पसंद किया और सभी कलाकारों द्वारा इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर करने के बाद से ही देखते ही देखते वायरल हो गया. अब दर्शकों को अर्जुन कपूर के लुक का बेसब्री से इंतज़ार है. शायद कल ट्रेलर के साथ उसे भी शेयर किया जाए.
पानीपत फिल्म 14 जनवरी, 1761 में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई को केंद्र बिंदु में रखकर बनाई गई है. जब मराठाओं के साथ अफगानिस्तान के सुल्तान अहमद शाह अब्दाली, जो संजय दत्त बने हैं, के बीच भयंकर युद्ध होता है. ज़ीनत अमान सकीना बाई के किरदार में है. बाजीराव पेशवा प्रथम के भतीजे व मराठा सेना के कंमाडर चीफ की भूमिका में अर्जुन कपूर हैं. उनकी दूसरी पत्नी पार्वती के रूप में कृति सेनन पहली बार अलग अंदाज़ में है.
फिल्म छह दिसंबर को रिलीज़ होनेवाली है. वैसे कल रविवार को निर्देशक आशुतोष ने अपने ख़ास दोस्तों व मीडिया को फिल्म का ट्रेलर दिखाया था. सभी ने ट्रेलर को बेहद पसंद किया. सभी कलाकार प्रभावशाली हैं, पर संजय दत्त फिल्म की जान हैं. उनकी एंट्री रोंगटे खड़ा कर देती हैं. ऐसा पहली बार नहीं है. फिल्म अग्निपथ में कांचा चीना की भूमिका में भी उन्होंने लोगों को ख़ूब डराया था. अपने अब तक के फिल्मी करियर में संजय दत्त निगेटिव भूमिका यानी ख़लनायकी में ख़ूब जंचते हैं और दर्शक उन्हें पसंद भी करते हैं, ख़लनायक फिल्म इसका बेहतरीन उदाहरण है. हाल ही उनके द्वारा निर्मित प्रस्थानम् फिल्म को भी लोगों ने पसंद किया और ख़ासतौर पर संजय की भूमिका को.
पानीपत में अपने योद्धा के किरदार के लिए संजय दत्त ने ख़ूब मेहनत भी की है. जहां एक्सरसाइज़, ढेर सारा वर्कआउट्स किया, वहीं खानपान में काफ़ी बदलाव किया. स्ट्रिक डायट को फॉलो किया और अपने वज़न को संतुलित किया. फिल्म में उनका कॉस्ट्यूम भी भारी-भरकम है, इसी कारण उन्हें यह सब करना ही पड़ा. लेकिन संजय ने इन सभी को करते हुए भी ख़ूब एंजॉय किया. अब देखते हैं फिल्म व ट्रेलर का दर्शक कितना लुत्फ़ उठाते हैं. करते रहें इंतज़ार कल तक…
आज सुपरस्टार शाहरुख ख़ान का जन्मदिन है. कल रात से ही उनके फैन्स का हुजूम उनके घर मन्नत पर मेला लगाए है. शाहरुख ने भी उनकी भावनाओं का ख़्याल रखते हुए घर के छत से सभी का प्यार स्वीकारते हुए धन्यवाद कहा व अभिवादन किया. साथ ही उन्होंने सभी को आराम करने की भी सलाह दी.
रोमांस, एक्शन, कॉमेडी, विलेन, एंकर… हर भूमिका में शाहरुख बादशाह रहे. जल्द ही ‘सनकी’ व ‘सेवन’ फिल्म में दर्शक उन्हें ख़ास अंदाज़ में देखेंगे. आज ही से उनका ग्रेट शो ‘टेड टॉक्स इंडिया नई बात’ भी शुरू हो रहा है. जन्मदिन पर किंग ख़ान की तरफ़ से लोगों को एक और ख़ूबसूरत तोहफ़ा. जन्मदिन मुबारक हो!…
शाहरुख ख़ान दुबई के बुर्ज खलीफा पर रोशनी से नहाई अपने हैप्पी बर्थडे विश को देखकर भावविभोर हो गए. उन्होंने लव यू दुबई… कहते हुए सभी का शुक्रिया अदा किया. सच में शाहरुख शिखर पर चमकते हुए बादशाह सितारे हैं.. यादगार जन्मदिन..!
सलमान ख़ान ने अपने भाइयों, परिवार, दबंग 3 के को-स्टार्स सोनाक्षी सिन्हा, जैकलीन फर्नांडिस आदि के साथ मिलकर पूरे ज़ोर-शोर से किंग ख़ान को जन्मदिन की बधाई दी. साथ ही सलमान ने उनका फोन ना उठाने की मीठी-सी शिकायत भी की…
उजड़ा चमन (Ujda Chaman) नाम से ही ज़ाहिर होता है कि किसी की दुनिया लूट गई हो जैसे. हां जी, जिनके सिर पर जवानी में ही बहुत कम बाल हो यानी की वे गंजे हों, तो दर्द-ए-दास्तान कुछ ऐसी ही होती है जैसे फिल्म उजड़ा चमन के नायक की है. एक अछूते विषय को कहीं मनोरंजन, तो कहीं गंभीरता से छूने की सार्थक कोशिश की गई है.
फिल्म के हीरो चमन यानी सनी सिंह दिल्ली के कॉलेज में हिंदी के शिक्षक हैं. उनके सिर पर बाल न होने पर अक्सर क्लास में उनका मज़ाक उड़ाया जाता है. वहीं वे अपनी शादी को लेकर भी परेशान रहते हैं. ऐसे में काफ़ी मशक्कत के बाद अप्सरा यानी मानवी गगरू मिलती भी है, तो वो ओवरवेट है.
दोनों परफेक्ट कपल, पर कुछ कमी के साथ हैं. गंजेपन के कारण कई रिश्तों का ठुकराया जाना, पंडितजी का अल्टीमेटम कि इस साल शादी नहीं हुई, तो ज़िदगीभर कुंवारा रहना पड़ सकता है, गंजेपन को लेकर शर्मिंदगी, तो मोटापे को लेकर जगहंसाई… इन तमाम बातों से जुड़ी भावनाओं व प्रतिक्रियाओं से होकर गुज़रती है फिल्म.
कन्नड़ फिल्म ओंदु मोट्टया कथे, जिसकी कहानी राज बी. शेट्टी ने लिखी थी, पर आधारित उजड़ा चमन अलग तरह की फिल्म है. यह इस बात पर भी कटाक्ष करती है कि आज भी हमारे देश में गंजापन और मोटापा कितना बड़ा मुद्दा बना हुआ है. ये शादी में रोड़ा होने के साथ-साथ चिंता का विषय भी बना हुआ है.
अजय देवगन के सेक्रेटरी कुमार मंगत फिल्म के निर्माता है. उन्हीं के बेटे अभिषेक पाठक ने इस फिल्म से निर्देशन की शुरुआत की है. फिल्म के प्रमोशन में अजय देवगन, कार्तिक आर्यन, पुलकित सम्राट ने भी काफ़ी सहयोग दिया था. इसी विषय पर आयुष्मान खुराना की बाला फिल्म भी अगले हफ़्ते रिलीज होनेवाली है. दोनों ही फिल्मों को लेकर काफ़ी विवाद भी हुआ था. फिर भी यक़ीनन दोनों ही फिल्में दर्शकों का अलग तरह से मनोरंजन करने में कामयाब रहेंगी.
अन्य कलाकारों में सौरभ शुक्ला, ग्रूशा कपूर, अतुल कुमार, शारिब हाशमी, गगन अरोड़ा, करिश्मा शर्मा सभी ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है.
गौरव रोशिन का संगीत ठीकठाक है. गुरु रंधावा के गीत कर्णप्रिय पर सामान्य है. सुधीर चौधरी की फोटोग्राफी ख़ूबसूरत व दर्शनीय है. सनी सिंह प्यार का पंचनामा, सोनू के टीटू की स्वीटी, टीवी आदि में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके हैं. यह फिल्म उनके लिए अभिनय सफ़र की एक और मज़बूत कड़ी साबित होगी. गंजापन किसी के जीवन के लिए कितना बड़ा अभिशाप बन जाता है, उजड़ा चमन इसका बेहतरीन उदाहरण है. लीक से हटकर कुछ अलग देखने की चाह हो, तो इसे ज़रूर देखें.
विकी डोनर से लेकर ड्रीम गर्ल तक आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) ने अलग-अलग क़िरदारों में बेहतरीन अदाकारी से हर किसी को प्रभावित किया. वे युवाओं के रोल मॉडल बनते जा रहे हैं. गीत-संगीत, गायकी के साथ अपने प्रभावशाली अभिनय से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली है. बधाई हो, अंधाधुन, आर्टिकल 15, ड्रीम गर्ल की कामयाबी ने उन्हें शिखर पर ला दिया है. आज उनसे ही उनकी कुछ कही-अनकही दास्तान सुनते हैं.
* ड्रीम गर्ल में मेरी अदाकारी पर भले ही सब फ़िदा हों, पर मैं बचपन से ही नाच-गाना करते हुए होंठों को हिलाना, अभिनय करना जैसी नौटंकी-ड्रामा करता रहा हूं. इन्हीं सबके कारण एक बार तो मां ने मुझे फ्रॉक तक पहना दिया था.
* एक बार एक गे कास्टिंग डायरेक्टर ने मेरा ऑडिशन लिया और मुझसे मेरा प्राइवेट पार्ट दिखाने को कहा. मुझे यह सुनकर अजीब लगा. मैंने हंसते हुए कहा कि क्या बात कर रहे हो? क्या तुम सीरियस हो? मैं तुम्हें ऑडिशन दूंगा, लेकिन जो तुम कह रहे हो, वह नहीं करूंगा.
* पहली ही फिल्म विकी डोनर बेहद सफल रही, पर एक्ट्रेस यामी गौतम को किए गए एक किस के कारण मेरी शादीशुदा ज़िंदगी में तूफ़ान आ गया. मेरी पत्नी ताहिरा नहीं चाहती थीं कि मैं ऑनस्क्रीन किसी एक्ट्रेस को किस करूं. तब हमारे बीच कई बार अनबन व टकराव भी हुए. मुझे इससे उबरने में क़रीब तीन साल लग गए.
* एक और दिलचस्प वाकया विकी डोनर के समय का ही है. मैं अपनी मां के साथ मॉल में था. तब एक लड़की, जो मेरी फैन थी, ने मुझसे मेरे स्पर्म की डिमांड की. इस पर जहां मां चौंक गईं, वहीं मैंने शरारत में कहा कि मां साथ हैं, वरना दे देता.
* मैं स्कूलिंग तक बॉयज़ स्कूल में पढ़ा था. फिर ताहिरा से ट्यूशन के दौरान मुलाक़ात, फिर प्यार हो गया. वो स्कूल के प्रिंसिपल की बेटी थी. वो बाद में हमारे थिएटर ग्रुप मंचतंत्र से भी जुड़ी. मैंने ताहिरा के साथ मिलकर अपने फिल्मी सफ़र पर एक किताब भी लिखी है.
* गाने का बचपन से ही बेहद शौक रहा है. फिल्मों में विकी डोनर से जो गाने की शुरुआत हुई, वो अब तक बरक़रार है.
आयुष्मान लाइफ जर्नी
* चंडीगढ़ के आयुष्मान को बचपन से क्रिकेट का बहुत शौक रहा है. घर-बाहर, टूर्नामेंट आदि में वे ख़ूब क्रिकेट खेला करते थे.
* साइकिल चलाना, मार्केट्स में घूमना-फिरना, वेफर्स आदि खाना उन्हें ख़ूब पसंद है.
* उनके पिता पी. खुराना ज्योतिष विशेषज्ञ हैं. एस्ट्रोलॉजी में रुचि होने के कारण अपनी सरकारी नौकरी छोड़ वे पूरी तरह से इससे जुड़ गए. विदेशों से भी उनके क्लाइंट आते हैं. उन्होंने आयुष्मान को भी कई उपयोगी उपाय बताए, जिससे उन्हें करियर में आगे बढ़ने में मदद मिली.
* उनके पिता ढोलक व हार्मोनियम भी बजाया करते थे और घर में संगीतमय माहौल रहता था. इसी से प्रेरित हो आयुष्मान का संगीत के प्रति रुझान बढ़ा. उनकी मां पूनम गृहिणी हैं.
* अपने आगाज़ ग्रुप के एक नाटक के लिए आयुष्मान ने अपने सिर के बाल मुंडवा लिए थे.
* एक थी राजकुमारी टीवी सीरियल में उन्होंने नकारात्मक क़िरदार भी निभाया था.
* टीनएज में ही वी चैनल के लिए पॉप स्टार्स शो किए.
* कॉलेज में मास कॉम की पढ़ाई करते हुए टीवी रियालटी शो रोडीज़ सीज़न 2 जीता.
* बिग एफएम में आरजे फिर वीजे भी रहे और एंकरिंग तक की.
* आध्यात्मिक इतने कि जब कभी दुखी या तनाव में रहते हैं, तो श्रीमद् भगवदगीता पढ़ने लगते हैं.
* आयुष्मान बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. कॉन्वेंट में पढ़ने के बावजूद उनकी हिंदी में बेहद रुचि है. वे हिंदी में अच्छी कविताएं व ब्लॉग लिखते हैं. उनका जन्मदिन हिंदी दिवस (14 सितंबर) को होता है. इसलिए वे स्कूल के दिनों से ही हिंदी के वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहते थे.
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) फैमिलीमैन फिल्म स्टार के रूप में जाने जाते हैं. हाल ही में उनकी फिल्म मिशन मंगल ने कामयाबी के आसमान को छूते करो़ड़ों का आंकड़ा पार कर लिया. ड्रीमगर्ल और वॉर फिल्मों से भी उसे कड़ी टक्कर मिलती रही. जल्द ही उनकी हाउसफुल फिल्म की चौथी कड़ी यानी हाउसफुल 4 और गुडन्यूज़ आनेवाली है. मनोरंजन से भरपूर मल्टी स्टारर हाउसफुल द को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है. गुडन्यूज़ भी अपने नए कॉन्सेप्ट के कारण लोगों में दिलचस्पी जगा रही है. ऐसे में अक्षय कुमार बाला चैलेंज भी ख़ूब सूर्ख़िया बटोर रहा है. आए दिन स्टार्स इससे जुड़ रहे हैं. सबसे अधिक आयुष्मान खुराना और वरुण धवन यह चैलेंज लोगों ने पसंद किया. आइए, अक्षय कुमार की फिल्मों, परिवार, फैन व सेहत से जुड़ी बातों को संक्षेप में उन्हीं से जानते हैं.
अक्षय कुमार पृथ्वीराज पर…
सम्राट पृथ्वीराज चौहान के मूल्यों व बहादुरी से मैं हमेशा प्रभावित रहा हूं. मैं ख़ुद को ख़ुशक़िस्मत मानता हूं कि मुझे इस ऐतिहासिक क़िरदार को निभाने का मौक़ा मिल रहा है. सच, अपने जन्मदिन पर यशराज के बैनर तले बननेवाली इस फिल्म पृथ्वीराज का ऐलान करते हुए मुझे बेइंतहा ख़ुशी हुई थी. जल्द ही इसकी शूटिंग शुरू होनेवाली है.
लंदन की गलियों में मां को व्हील चेयर पर बैठाकर पैदल घुमाते हुए…
लंदन में शूटिंग के बिज़ी शेड्यूल से समय निकालकर मॉम को लंदन की सैर करवाना बहुत अच्छा लगा. इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप ज़िंदगी में कितना आगे बढ़ रहे हैं, पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पैरेंट्स भी बूढ़े हो रहे हैं, इसलिए उनके साथ कुछ व़क्त ज़रूर बिताएं, जो आप कर सकते हैं. मैं अक्सर अपने व्यस्त कामों से समय निकालकर मां के साथ समय बिताता हूं. मुझे अच्छा लगता है और इससे संतुष्टि भी मिलती है.
क्रेज़ी फैन प्रभात, जो द्वारका (गुजरात) से पैदल चलकर उन्हें मिलने मुंबई आया…
किसी भी स्टार का फैन होना अच्छी बात है, पर इसके लिए अपनी जान जोख़िम में डालना ठीक नहीं है. आप इतनी दूर से पैदल चलकर आए हो, रास्ते में हाइवे आदि पर कुछ भी हो सकता था. युवाओं व अपने फैन्स को कहना चाहूंगा कि वे अपना क़ीमती समय व एनर्जी अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने और अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगाएं. वे ऐसा करेंगे, तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी.
स्टार किड्स को लेकर मीडिया का रवैया…
21 साल की उम्र से छोटे किसी भी शख़्स के बारे में ग़लत या बेकार की बातें लिखना ग़ैरक़ानूनी कर देना चाहिए. किसी को दुखी करने, मज़ाक उड़ाने, शर्मिंदा करने में कइयों को बहुत आनंद आता है. कई स्टार किड्स के साथ ऐसा होता है. पैरेंट्स के रूप में मैं बच्चों को इतना ही समझा सकता हूं कि इस तरह की बातों को दिलोदिमाग़ पर न लें.
अपने बच्चों का लाइमलाइट से दूर रहना…
मेरे बच्चे लाइमलाइट से दूर रहते हैं. मेरी बेटी नितारा, जो छह साल की है, वो हमारे साथ फैमिली डिनर या कहीं भी इसलिए नहीं आती कि उसे कैमरे की फ्लैश लाइट पसंद नहीं है. मैं मानता हूं कि स्टार होने के बाद मीडिया का अटेंशन होना आम बात है, पर बच्चों को उनकी प्राइवेसी भी तो मिलनी ज़रूरी है.
बेटे आरव के जन्मदिन पर…
एक चीज़, जो मैंने अपने पिता से सीखी थी कि यदि मैं कभी भी मुश्किल में फंसा, तो मैं उनसे डरने की जगह उन पर पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं और निर्भर रह सकता हूं. आज जब बेटे आरव के मोबाइल पर स्पीड डायल में अपना नंबर देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मैं भी सही परवरिश कर रहा हूं.
मैं हमेशा तुम्हें गाइड करता रहूंगा और तुम्हारे साथ रहूंगा. हैप्पी बर्थडे आरव…
फिटनेस सीक्रेट…
मेरे फिट रहने का राज़ है- घर का बना भोजन, समय पर खाना-सोना, पर्याप्त पानी पीना व एक्सरसाइज़ करना. साथ ही अपनी उम्र को छुपाने के लिए कोई भी प्रोडक्ट्स लेना या कुछ अलग करने की कभी कोशिश न करना. मैं व एथलीट हिमा दास इसका बेहतरीन उदाहरण हैं कि आपको अच्छा दिखने व विजेता होने के लिए किसी सप्लीमेंट या स्टेरॉइड की ज़रूरत नहीं है. वैसे भी फिटनेस में कभी भी शॉर्टकट नहीं अपनाएं. इसके लिए जो तरीक़ा है, थोड़ा मुश्किलोंभरा है, पर वही सही है. यदि हम शॉर्टकट करते हैं, तो ज़िंदगी भी शॉर्ट यानी छोटी हो जाती है. याद रहे, हम जो खाते हैं, वैसे ही हम बनते हैं. हमें अपने शरीर के साथ ईमानदारी रखनी चाहिए. मैं दो बच्चों का पिता हूं, इस उम्र में भी ख़ुद को हमेशा फिट रखता हूं. एक ही ज़िंदगी है, उसे तरी़के से जीएं. सभी अपना ख़्याल रखें.
आनेवाली फिल्में…
मैं यह कह सकता हूं कि आनेवाली मेरी हर फिल्म आपको चौंकाएगी, जैसे- लक्ष्मी बम, गुड न्यूज़, सूर्यवंशी, हाउसफुल 4, पृथ्वीराज. वैसे भी हाउसफुल की हर पार्ट को लोगों ने ख़ूब पसंद किया, इसलिए मुझे यक़ीन है कि हाउसफुल 4 भी लोगों का ख़ूब मनोरंजन करेगी. अच्छी बात यह भी है कि यह त्योहार पर यानी दिवाली; के समय रिलीज़ हो रही है, इसलिए यक़ीनन लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स भी मिलेगा. सभी को दीपावली की शुभकामनाएं.
वरुण धवन (Varun Dhawan) की हमेशा से ही यह इच्छा रही है कि वे सैनिक की या फिर आर्मी की कोई भूमिका निभाएं. अब उनकी यह इच्छा पूरी होने जा रही है. परमवीर चक्र विजेता शहीद सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल (Arun Khetarpal) की जीवनी पर फिल्म बन रही है, जिसमें वरुण अरुण का क़िरदार निभा रहे हैं. संयोग की बात यह भी है कि आज ही अरुण खेत्रपाल के जन्मदिन पर ही निर्माता दिनेश विजन ने उनके बायोपीक पर फिल्म बनाने की घोषणा कर दी.
इस फिल्म का निर्देशन फिल्म बदलापुर फेम श्रीराम राघवन करेंगे. वरुण धवन ने अरुण खेत्रपाल की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करके उन्हें जन्मदिन पर याद करने के साथ ही इस फिल्म में काम करने की ख़ुशी भी ज़ाहिर की. वे ख़ुद को ख़ुशक़िस्मत मानते है कि उन्हें पहली बार आर्मी ऑफिसर के रूप में काम करने का मौक़ा मिल रहा है.
वरुण धवन व फिल्म की टीम अरुण के परिवारवालों से भी मिले. श्रीराम राघवन पिछले छह महीने से इस बायोपीक की कहानी पर काम कर रहे हैं. पूरी टीम की कोशिश है कि साल 1971 में हुए पाकिस्तानी हमले में दुश्मन के दस टैंक को अपने बलबूते पर नष्ट करनेवाले वीर बहादुर अरुण की शौर्य गाथा को पूरी सच्चाई व ईमानदारी के साथ पेश किया जाए. ग़ौर करनेवाली बात है कि शहीद अरुण खेत्रपाल परमवीर चक्र पानेवाले सबसे युवा आर्मी ऑफिसर थे. 21 साल की युवा उम्र में वे दुश्मनों को खदेड़ते हुए देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए. उनके वीरता व साहस को नमन!
वरुण धवन ने उनके भाई मुकेश खेत्रपाल व पूना हॉर्स का भी ज़िक्र किया. साथ ही यह भी कहा कि उनका भी एक भाई है, इसलिए वे एक भाई के दर्द को बख़ूबी समझ सकते हैं. उन्हें अरुण पर गर्व है. वे उनकी भूमिका के साथ न्याय करने के लिए जी जान लगा देंगे.
इन दिनों देश की रक्षा करनेवाले वीरों पर कई फिल्में बन रही है, जिनमें विकी कौशल, सिद्धार्थ मल्होत्रा आदि मुख्य भूमिकाओं में नज़र आनेवाले हैं. ऐसे में वरुण धवन अरुण खेत्रपाल की भूमिका को किस तरह निभाते हैं, यह तो आनेवाला कल ही बताएगा. लेकिन निर्देशक श्रीराम राघवन बेहतरीन निर्देशकों में से एक हैं. उन्होंने बदलापुर फिल्म में वरुण धवन से लाजवाब काम करवाया था. अत: इसमें कोई दो राय नहीं कि इनकी जोड़ी इस फिल्म में भी कमाल दिखाएगी. एक अच्छी व प्रेरणादायी फिल्म के लिए हमारी शुभकामनाएं पूरी टीम के साथ है.
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सत्तर-अस्सी के दशक में अपने अभिनय, स्टाइल, हैंडसम पर्सनैलिटी से जिस कलाकार ने सबसे अधिक आकर्षित किया, वो थे विनोद खन्ना. उनके एक्शन, इमोशन, कॉमेडी में ग़ज़ब का तालमेल था. उनका खलनायक से शुरू हुआ सफ़र नायक के शिखर तक पहुंचा. फिर अध्यात्म की तरफ़ झुकाव, संन्यास, ओशो आश्रम जाना, दोबारा फिल्मों में आना, राजनीति, छोटे पर्दे पर आना… वे अपनी ज़िंदगी में हर दौर में न जाने कितने पड़ाव से गुज़रे, पर हर जगह अपनी क़ाबिलियत से हर किसी को प्रभावित किया. आज उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कई कही-अनकही बातों को जानने की कोशिश करते हैं.
* विनोद खन्ना के पिता का टेक्सटाइल, केमिकल का बिज़नेस था. जब विनोदजी ने अभिनय करने की इच्छा ज़ाहिर की, तो उन्होंने उनकी तरफ़ बंदूक तान दिया था. लेकिन पत्नी के समझाने पर शांत हुए और विनोद को दो साल तक का समय दिया फिल्मों में ख़ुद को स्थापित करने के लिए. यदि वे असफल होते हैं, तो फिर उन्हें पिता के बिज़नेस में हाथ बंटाना होगा.
* विनोद पांच भाई-बहन थे, जिनमें तीन बहन और दो भाई थे. देश के बंटवारे के समय उनके पिता पेशावर से हिंदुस्तान आकर मुंबई में बस गए थे.
* विनोद खन्ना को पहली पत्नी गीतांजली से दो बेटे अक्षय व राहुल हैं और दूसरी बीवी से दो बच्चे साक्षी व श्रद्धा हैं.
* बचपन में विनोद काफ़ी शर्मीले स्वभाव के थे. एक बार उनके शिक्षक ने उन्हें नाटक में ज़बर्दस्ती काम करवाया, तब से अभिनय के प्रति उनका रुझान बढ़ने लगा.
* जब वे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे, तब वे सोलवां साल और मुग़ल-ए-आज़म फिल्म से काफ़ी प्रभावित हुए और उन्होंने फिल्म में करियर बनाने का सोचा.
* सुनील दत्त की फिल्म मन का मीत से खलनायक के तौर पर अभिनय के सफ़र की शुरुआत हुई और विलेन के रोल में दर्शकों ने उन्हें पसंद भी किया.
* इसके बाद आन मिलो सजना, पूरब और पश्चिम, मेरा गांव मेरा देश जैसी फिल्मों में अपनी खलनायकी के जलवे उन्होंने दिखाए, पर नायक के तौर पर ब्रेक गुलज़ार साहब ने दिया.
* उनकी मेरे अपने फिल्म ने विनोद खन्ना को हीरो के तौर पर पहचान दी. गुलज़ार-विनोद की जुगलबंदी ने फिर तो कई फिल्में कीं, जिसमें अचानक, इम्तिहान, रिहाई, लेकिन, मीरा जैसी लाजवाब फिल्में रहीं.
* मीडिया द्वारा अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना को एक-दूसरे का प्रबल प्रतिद्वंदी माना जाता था, जबकि हक़ीक़त में ऐसा कुछ भी नहीं था. यह और बात है कि बिग बी अमिताभ को सुपरस्टार विनोद खन्ना ने अमर अकबर एंथोनी, परवरिश, ख़ून-पसीना, हेरा फेरी, मुकद्दर का सिकंदर जैसी तमाम फिल्मों में जमकर टक्कर दी. और ये सभी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर-डुपर हिट साबित हुईं.
* बहुत कम लोग जानते है कि अमिताभ बच्चन ने कुर्बानी फिल्म करने से मना कर दिया था, तब विनोद खन्ना को अप्रोच किया गया और फिरोज खन्ना की यह फिल्म उस दौर की सबसे कामयाब फिल्मों में से एक रही. इसके गीत-संगीत का जादू आज भी लोगों के दिलों को गुदगुदाता है, ख़ासकर- गाना लैला मैं लैला…
* विनोद खन्ना कम मूडी नहीं थे. अपने अभिनय सफ़र के शिखर पर रहते हुए उन्होंने सब कुछ यानी फिल्मेें, पत्नी, दोनों बच्चे अक्षय व राहुल को छोड़छाड़ कर अमेरिका में ओशो रजनीश के आश्रम चले गए.
* वहां पर उन्हें स्वामी विनोद भारती, द मॉन्क हू सोल्ड हिज़ मर्सीडीज़, हैंडसम संन्यासी जैसे नामों से पुकारा जाता था. ग्लैमर वर्ल्ड को दरकिनार कर वे वहां पर साफ़-सफ़ाई करना, खाना बनाना, बागवानी करना जैसे तमाम काम करते थे.
* लेकिन वहां पर ध्यान-ज्ञान, काम सब कुछ करते हुए भी उनका मन स्थिर न रह पाया और उन्होंने दोबारा फिल्मों की तरफ़ रुख किया.
* उनकी फिल्मों में सेकंड एंट्री भी धमाकेदार रही. लोगों ने उन्हें हाथोंहाथ लिया. इंसाफ़, सत्यमेव जयते, दयावान, ज़ुर्म, रिहाई जैसी बेहतरीन उम्दा फिल्में कीं.
* उन्होंने राजनीति में भारतीय जनता पार्टी की तरफ़ से गुरदासपुर से चार बार चुनाव लड़ा और विजयी रहे. इस बार वहां से सनी देओल चुनाव लड़े थे और भारी बहुमत से जीत भी हासिल की थी.
* फिल्मों में विनोद खन्ना के उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई अवॉर्डस के अलावा फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
आज वे हमारे बीच नहीं है, पर अपने दमदार अभिनय, मस्ताने अंदाज़ से आज भी वे सभी की यादों में ज़िंदा है.
जब भी उनके जीवन में उतार-चढ़ाव आया, तब उन्होंने अपनी ही फिल्म के गाने से प्रेरणा ली- रुक जाना नहीं. तू कहीं हार के.. कांटों पे चलकर मिलेंगे साये बहार प्यार के, ओ रही, ओ रही…
बर्थडे (Birthday) स्टार रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने हर किरदार में लाजवाब एक्टिंग का जलवा बिखेरा है. फिल्म सांवरिया से शुरू हुआ यह फिल्मी सफ़र जाने कितने ख़ूबसूरत पड़ाव से होकर गुज़रा है. राजनीति, वेक अप सीड, ये जवानी है दीवानी, रॉकस्टार, बर्फी, ऐ दिल है मुश्किल, संजू आदि फिल्मों के ज़रिए रणबीर ने अपने सशक्त अभिनय से हर किसी को प्रभावित किया.
रणबीर ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा को पर्दे पर बख़ूबी दिखलाया है. एक दिलफेंक प्रेमी, राजनीतिज्ञ, मूडी गायक, नशे का शिकार प्रेमी जैसी भूमिकाओं में वे अभिनय की ऊंचाइयों को छूते हैं. आज उनके जन्मदिन पर उनके बचपन के कई रूप को हम देखने की कोशिश करेंगे. इसमें कोई दो राय नहीं कि रणबीर बचपन से ही काफ़ी नटखट, शरारती, चुलबुले व मासूम थे.
अक्सर उनकी मां नीतू सिंह उनसे जुड़े बचपन की यादों को तस्वीरों के जरिए सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. नीतू के राना यानी रणबीर कपूर अपने मां के लाडले हैं. जिस तरह से ऋषि कपूर के तबीयत ख़राब होने पर रणबीर और पूरे परिवार ने उनका ध्यान रखा, वह काबिले तारीफ है. हर पिता को अपने ऐसे बेटे पर नाज़ होगा, ऋषि कपूर को भी है. उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई! ऋषि और नीतू के इस होनहार बेटे रणबीर की ज़िंदगी को तस्वीरों के ज़रिए देखते हैं…
श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) की ख़ूबसूरती व लाजवाब अभिनय ने हर किसी को प्रभावित किया है. टीवी पर अंतिम बार उन्हें ‘बेगूसराय’ सीरियल में देखा गया था. अब तीन साल बाद ‘मेरे डैड की दुल्हन’ (Mere Dad Ki Dulhan) टीवी शो के ज़रिए वे दोबारा छोटे पर्दे पर वापसी कर रही हैं..
सोनी चैनल ने इस सीरियल से जुड़ा वीडियो शेयर किया है, जिसे काफ़ी पसंद किया जा रहा है. पारिवारिक कहानी, पर थोड़ा लीक से हटकर है इस धारावाहिक का कॉन्सेप्ट. जहां इसमें श्वेता तिवारी अहम् क़िरदार निभा रही हैं, वहीं उनके साथ वरुण वडोला भी ख़ास भूमिका में है.
श्वेता तिवारी को एकता कपूर की धारावाहिक ‘कसौटी ज़िंदगी की’ से ख़ूब नाम-शौहरत मिली. वे रातोंरात स्टार बन गई. यह सीरियल इतना सुपरहिट रहा कि इसी की कामयाबी को भुनाने के लिए एकता ने ‘कसौटी ज़िंदगी की 2’ शुरू की, जिसमें सभी क़िरदार नए हैं, जो इन दिनों टीवी पर दिखाया जा रहा है और बहुत पसंद भी किया जा रहा है. इसके क़िरदार प्रेरणा और अनुराग के फैन तो लोग हमेशा से ही रहे हैं. फिर चाहे वो ‘कसौटी ज़िंदगी की’ 1 हो या 2.
यूं तो श्वेता तिवारी हमेशा से ही सुर्ख़ियों में रही हैं, फिर चाहे वो ‘कसौटी ज़िंदगी की’ दमदार अभिनय, सफलता रही हो, व्यक्तिगत ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव हो, ‘बिग बॉस’ जीतना हो या फिर अन्य घरेलू विवाद हो… लेकिन श्वेता ने कभी हार नहीं मानी. हमेशा हिम्मत के साथ मुस्कुराते हुए हर परिस्थितियों का डटकर सामना किया. कुछ ऐसा ही जज़्बा उनकी इस नई धारावाहिक ‘मेरे डैड की दुल्हन’ में भी देखने को मिलेगा.
सोनी ने अपनी ऑफिशयल सोशल अकाउंट पर इससे जुड़ा जो वीडियो शेयर किया है, उसमें श्वेता व वरुण वडोला ने सीरियल को लेकर अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं.
जैसा की नाम से ही ज़ाहिर है कि सीरियल दिलचस्प ही नहीं काफ़ी मज़ेदार भी होगा, बस दर्शक करें थोड़ा-सा इंतज़ार…
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने हर क़िरदार को अपने उम्दा अभिनय से लाजवाब बनाया है. फिर चाहे वो मारधाड़ व मनोरंजन से भरपूर भूमिका हो, गंभीर देशभक्ति में रंगा रोल हो या फिर सामाजिक मुद्दों से जुड़ा कोई मसला हो. उन्होंने अपनी फिल्मों से हमेशा ही लोगों को इंटरटेन करने के साथ-साथ संदेश भी दिया है. आज उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़े कई पहलुओं के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
* अक्षय को मार्शल आर्ट सीखने की बेहद इच्छा थी, तब उनके पिता ने उन्हें कुछ पैसे दिए बैंकॉक में जाकर ट्रेनिंग लेने के लिए. लेकिन उन पैसों में वे या तो वहां रह सकते थे या फिर मार्शल आर्ट सीख सकते थे. तब उन्होंने होटल्स में काम किया और सीखना और रहना दोनों को मैनज करते रहे.
* अक्षय कुमार ने अपनी पहली फिल्म सौंगध से जो अभिनय में रफ़्तार पकड़ी, वो आज भी ज्यों की त्यों मिशन मंगल तक बरक़रार है.
* खिलाड़ी कुमार के नाम से मशहूर अक्षय कुमार ने भले ही अपने करियर की शुरुआत एक्शन फिल्म से की हो, पर धीरे-धीरे वे हास्य अदाकारी मेंं अपने जलवे दिखाने लगे. उनकी हेरा फेरी, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी, हाउसफुल जैसी फिल्मों को लोगों ने ख़ूब पसंद किया.
* खेल के प्रति उनके समपर्ण से हर कोई वाकिफ़ है. इसी से प्रेरित उनकी फिल्म पटियाला हाउस उनके करियर की यादगार फिल्मों में से एक बनी. ऋषि कपूर और डिंपल कापड़िया के साथ उनके भावनात्मक दृश्यों को दर्शकों की काफ़ी सराहना मिली.
* देशभक्ति से जुड़ी उनकी फिल्मों को सभी ने इस कदर पसंद किया कि वे नेशनल हीरो बन गए. बेबी, हॉलीडे, एयरलिफ्ट, केसरी उनमें से ख़ास रही.
* टॉयलेट- एक प्रेम कथा और पैडमैन जैसी फिल्मों में अक्षय कुमार का एक अलग ही अंदाज़ दर्शकों से रू-ब-रू हुआ. ऐसी विषयों पर फिल्म बनाना और उसमें लीड रोल करना, यह अक्षय कुमार के बस की ही बात थी. कभी किसी ने इस तरह की फिल्म करने के बारे में शायद ही सोचा हो.
* हाल ही में रिलीज़ हुई मिशन मंगल में अक्षय कुमार ने अपने अभिनय को एक अलग ही स्तर पर ले गए. विद्या बालन, तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा जैसी बेहतरीन अदाकाराओं के समूह में उन्होंने न केवल ख़ुद को बनाए रखा, अपनी लाजवाब अदाकारी से सभी को अभिभूत भी किया है.
* बहुत कम लोगों को पता है कि अक्षय कुमार ने ऐसी कई फिल्मों से इंकार किया, जो उन्हें ठीक नहीं लगी. ताज्जुब की बात यह रही कि वे सभी फिल्में सुपरहिट भी रहीं. इसमें विशेषकर भाग मिल्खा भाग, बाजीगर थीं. एथलीट मिल्खा सिंह की ख़ुद ख़्वाहिश थी कि अक्षय कुमार ही उनका क़िरदार निभाएं, पर बात बन न सकी.
* विश्व के सबसे अमीर अभिनेताओं में से एक भी हैं अक्षय कुमार. एक ज़माना था, जब इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन, शाहरुख ख़ान जैसे सितारों के नाम शामिल रहते थे. लेकिन हाल ही फोर्ब्स द्वारा सबसे अमीर एक्टर्स की लिस्ट में भारत से एकमात्र अक्षय कुमार थे. यह उपलब्धि उन्हें यूं ही नहीं मिल गई. इसमें उनकी बरसों की कड़ी मेहनत व संघर्ष भी रही है.
* अक्षय कुमार एक फैमिली मैन के रूप में भी जाने जाते हैं. वे कभी लेट नाइट पार्टी में नहीं जाते. वे शाम का व़क्त अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करते हैं.
* वे अपने फिटनेस पर बहुत ध्यान देते हैं. ब्लैक बेल्ट रह चुके अक्षय वर्कआउट्स करना, ध्यान, योग करना, संतुलित भोजन, समय पर सोने-उठने में विश्वास करते हैं. वे ऐसा करते भी हैं और लोगों को भी जीवन में नियम, अनुशासन और स्वस्थ रहने की प्रेरणा देते रहते हैं.
* पत्नी ट्विंकल और बच्चों के साथ वे कल ही लंदन रवाना हो गए. वहीं पर अपना जन्मदिन वे अपनों के बीच मनाएंगे.
* आज अपने जन्मदिन पर उन्होंने पृथ्वीराज चौहान पर आधारित अपनी फिल्म पृथ्वीराज का भी ऐलान किया. यह उनकी पहली ऐतिहासिक फिल्म होगी. यशराज बैनर तले बननेवाली इस फिल्म के निर्देशक चाणक्य फेम डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी हैं. यह फिल्म साल 2020 में दिवाली पर रिलीज़ होगी.
मेरी सहेली की तरफ़ से अक्षय कुमार को जन्मदिन मुबारक हो!.. वे इसी तरह अपने व्यवहार, उदारता और नेक कार्यों के ज़रिए सभी को प्रेरित करते रहे, यही हमारी शुभकामनाएं!