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Birthday boy टीम इंडिया के कैप्टन अनूप कुमार (Anup Kumar) क्या सोचते हैं, यह जानना बेहद दिलचस्प होगा-
अपनी फिटनेस का ख़्याल किस तरह से रखते हैं?
जहां तक डायट का सवाल है, तो ऑयली और फैटी फूड अवॉइड करता हूं, क्योंकि डायट से ही हमारी फिटनेस बनी रहती है. साथ ही जमकर प्रैक्टिस करता हूं. 5-6 घंटे की प्रैक्टिस से स्टेमिना भी बेहतर होता है और बॉडी भी फिट रहती है.
ओलिंपिक्स में कबड्डी को लेकर क्या सपना है?
ओलिंपिक्स में कबड्डी को ज़रूर जाना चाहिए. यह सपना हम सभी का है, ताकि एक और मेडल देश को मिल सके. भविष्य में ज़रूर ऐसा होगा.
क्या कभी ऐसा महसूस होता है कि कबड्डी को उतनी सुविधाएं और पहचान नहीं मिली, जितनी अन्य खेलों को?
जी नहीं, बिल्कुल भी नहीं. फेसिलिटीज़ बहुत अच्छी मिलती हैं. किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं. हमारे ट्रैवलिंग से लेकर, रहने और खाने-पीने तक के सारे इंतज़ाम काफ़ी अच्छे हैं. एक समय था, जब लोग हमें उतना नहीं पहचानते थे, लेकिन लीग के आने के बाद मीडिया भी कबड्डी को लेकर काफ़ी संजीदा हुआ है और अच्छा कवरेज मिलता है. लोग हमें बेहद प्यार करते हैं. यह देखकर भला क्यों किसी से शिकायत होगी?
भारत में कबड्डी का फ्यूचर किस तरह से देखते हैं आप?
कबड्डी का फ्यूचर बहुत ही ब्राइट है इंडिया में. हमारी मिट्टी से जुड़ा खेल है और भविष्य में यह और भी ऊंचाइयों को छुएगा.
आप लोग कई विदेशी खिलाड़ियों के साथ व उनके विरुद्ध भी खेलते आए हैं, उनकी फिटनेस व टेक्नीक को लेकर क्या महसूस करते हैं? क्या वो हमसे बेहतर हैं या हम उनसे बेहतर हैं?
विदेशी खिलाड़ियों के मुकाबले हमारी टेकनीक बेहतर है, लेकिन जहां तक फिटनेस का सवाल है, तो इसमें हम थोड़े पीछे इसलिए रह जाते हैं कि हमारा खान-पान थोड़ा अलग है. वो नॉन वेज खाते हैं, जबकि आज भी हमारे बहुत-से प्लेयर्स नॉन वेज नहीं खाते. तो यही वजह है, अगर हम भी अपने डायट प्लान में कुछ तब्दीली लाएं, तो फिटनेस में भी हम पीछे नहीं रहेंगे.
कबड्डी के भविष्य व कबड्डी प्लेयर बनने का सपना देखनेवालों को कुछ कहना चाहेंगे? कुछ ख़ास टिप्स?
भविष्य के लिए यह ज़रूर चाहूंगा कि हर राज्य में हर शहर में विंग्स खोलनी चाहिए, जहां बच्चों को कबड्डी के लिए ट्रेनिंग दी जा सके. वहां उनकी ट्रेनिंग, डायट, फिटनेस और टेक्नीक पर बचपन से ही काम किया जा सकेगा, जिससे 20-22 की उम्र तक वो काफ़ी बेहतरीन खिलाड़ी बनकर देश का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे. आख़िर कबड्डी का भविष्य तो यही बच्चे हैं, तो उन पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए.
फ्री टाइम में क्या करना पसंद करते हैं?
फ्री टाइम में मैं अपनी फैमिली के साथ रहना पसंद करता हूं. फैमिली ही मेरा मॉरल सपोर्ट है, तो जब भी व़क्त मिलता है, उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करता हूं.
भविष्य का अनूप कुमार बनने की क्षमता किस प्लेयर में देखते हैं आप?
भविष्य का अनूप कुमार मेरे हिसाब से तो सभी में संभावनाएं हैं. किसी एक का नाम लेना तो ठीक नहीं, क्योंकि सभी अनूप कुमार ही क्यों, मुझसे बेहतर भी बन सकते हैं.
यंग जनरेशन को क्या कहना चाहेंगे?
यंगस्टर्स को मैं यही कहूंगा कि आज की तारीख़ में कबड्डी में काफ़ी संभावनाएं हैं. भविष्य अच्छा है, इसलिए मेहनत करें. जमकर प्रैक्टिस करें.
रैपिड फायर: दीपिका के दीवाने हैं कैप्टन कूल अनूप!
फेवरेट डिश?
– घर का सादा खाना पसंद है, शुद्ध देसी खाना, दूध, दही, घी, रोटी-सब्ज़ी. बाहर खाना मजबूरी है, लेकिन पसंद तो घर का खाना ही है.
फेवरेट एक्टर?
– सनी देओल.
फेवरेट एक्ट्रेस?
– दीपिका पादुकोण.
फेवरेट क्रिकेटर?
– सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह.
– गीता शर्मा
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7 अक्टूबर 2016 से कबड्डी वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है, ऐसे में टीम इंडिया की कमान है हमारे कैप्टन कूल अनूप कुमार (Anup Kumar) के हाथ में, जो अपने शांत मिज़ाज और विपरीत परिस्थितियों में भी सही निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं. क्या कहना है उनका टीम के बारे में, कबड्डी के बारे में और अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में, आइए उन्हीं से जानते हैं-
भारत में कबड्डी का फ्यूचर किस तरह से देखते हैं आप?
कबड्डी का फ्यूचर बहुत ही ब्राइट है इंडिया में. हमारी मिट्टी से जुड़ा खेल है और भविष्य में यह और भी ऊंचाइयों को छुएगा.
टीम इंडिया की वर्ल्ड कप की तैयारी कैसी है?
वर्ल्ड कप की तैयारी बहुत ही बढ़िया है. हम सभी कैंप्स में बहुत मेहनत कर रहे हैं. आख़िर मेहनत से ही तो बेहतर परिणाम मिलते हैं.
सबसे टफ अपोनेंट कौन लग रहा है?
सभी टीमें बहुत अच्छी हैं, हम किसी को भी कम नहीं आंक सकते. वो भी उतनी ही मेहनत करते हैं और जीत के जज़्बे के साथ ही मैट पर उतरते हैं.
बतौर कप्तान देश को वर्ल्ड कप में प्रेज़ेंट करना कितना ज़िम्मेदारी का काम है? लीग और देश के लिए कप्तानी करने का अनुभव किस तरह से अलग होता है?
जब हम लीग में खेलते हैं, तो वहां खेल और उससे जुड़ी ज़िम्मेदारियां कुछ अलग हो जाती हैं और जब हम देश के लिए खेलते हैं, तो ज़ाहिर है ज़िम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. एक कप्तान के तौर पर भी ज़िम्मेदारी काफ़ी हद तक बढ़ जाती है. एक-एक हार और जीत मायने रखती है. लीग में अगर आप एक मैच हार भी गए, तो लगता है कोई बात नहीं, अगला मैच जीत जाएंगे, लेकिन जहां देश की बात होती है, तो हारना हम अफोर्ड ही नहीं कर सकते, क्योंकि उसका असर पूरी टीम के मोराल पर पड़ता है.
आपको कैप्टन कूल कहा जाता है? क्या कभी ग़ुस्सा नहीं आता? किस तरह से आप विपरीत परिस्थितियों में भी ख़ुद को शांत बनाए रखते हैं?
मेरा यह मानना है कि ग़ुस्सा हमेशा नुक़सान ही पहुंचाता है और ग़ुस्से के दुष्परिणाम भी हमें ही भुगतने पड़ते हैं. मेरी यही कोशिश रहती है कि मैं शांत रहूं, ग़ुस्सा न करूं, क्योंकि ग़ुस्से का असर मेरी और मेरी टीम की सोचने-समझने की क्षमता पर नकारात्मक रूप में पड़ सकता है. बेहतर यही है कि शांत दिमाग़ से परिस्थितियों का आंकलन किया जाए. ऐसे में यदि आप गेम में पीछे भी होते हैं, तो भी आपके जीतने की पूरी संभावना बनी रहती है. आप अपनी ग़लतियों से सीखते हैं और सही निर्णय लेकर परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर सकते हैं.
यंग जनरेशन को क्या कहना चाहेंगे?
यंगस्टर्स को मैं यही कहूंगा कि आज की तारीख़ में कबड्डी में काफ़ी संभावनाएं हैं. भविष्य अच्छा है, इसलिए मेहनत करें. जमकर प्रैक्टिस करें.
अपनी फिटनेस का ख़्याल किस तरह से रखते हैं?
जहां तक डायट का सवाल है, तो ऑयली और फैटी फूड अवॉइड करता हूं, क्योंकि डायट से ही हमारी फिटनेस बनी रहती है. साथ ही जमकर प्रैक्टिस करता हूं. 5-6 घंटे की प्रैक्टिस से स्टेमिना भी बेहतर होता है और बॉडी भी फिट रहती है.
भविष्य का अनूप कुमार बनने की क्षमता किस प्लेयर में देखते हैं आप?
भविष्य का अनूप कुमार मेरे हिसाब से तो सभी में संभावनाएं हैं. किसी एक का नाम लेना तो ठीक नहीं, क्योंकि सभी अनूप कुमार ही क्यों, मुझसे बेहतर भी बन सकते हैं.
ओलिंपिक्स में कबड्डी को लेकर क्या सपना है?
ओलिंपिक्स में कबड्डी को ज़रूर जाना चाहिए. यह सपना हम सभी का है, ताकि एक और मेडल देश को मिल सके. भविष्य में ज़रूर ऐसा होगा.
क्या कभी ऐसा महसूस होता है कि कबड्डी को उतनी सुविधाएं और पहचान नहीं मिली, जितनी अन्य खेलों को?
जी नहीं, बिल्कुल भी नहीं. फेसिलिटीज़ बहुत अच्छी मिलती हैं. किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं. हमारे ट्रैवलिंग से लेकर, रहने और खाने-पीने तक के सारे इंतज़ाम काफ़ी अच्छे हैं. एक समय था, जब लोग हमें उतना नहीं पहचानते थे, लेकिन लीग के आने के बाद मीडिया भी कबड्डी को लेकर काफ़ी संजीदा हुआ है और अच्छा कवरेज मिलता है. लोग हमें बेहद प्यार करते हैं. यह देखकर भला क्यों किसी से शिकायत होगी?
आप लोग कई विदेशी खिलाड़ियों के साथ व उनके विरुद्ध भी खेलते आए हैं, उनकी फिटनेस व टेक्नीक को लेकर क्या महसूस करते हैं? क्या वो हमसे बेहतर हैं या हम उनसे बेहतर हैं?
विदेशी खिलाड़ियों के मुकाबले हमारी टेकनीक बेहतर है, लेकिन जहां तक फिटनेस का सवाल है, तो इसमें हम थोड़े पीछे इसलिए रह जाते हैं कि हमारा खान-पान थोड़ा अलग है. वो नॉन वेज खाते हैं, जबकि आज भी हमारे बहुत-से प्लेयर्स नॉन वेज नहीं खाते. तो यही वजह है, अगर हम भी अपने डायट प्लान में कुछ तब्दीली लाएं, तो फिटनेस में भी हम पीछे नहीं रहेंगे.
कबड्डी के भविष्य व कबड्डी प्लेयर बनने का सपना देखनेवालों को कुछ कहना चाहेंगे? कुछ ख़ास टिप्स?
भविष्य के लिए यह ज़रूर चाहूंगा कि हर राज्य में हर शहर में विंग्स खोलनी चाहिए, जहां बच्चों को कबड्डी के लिए ट्रेनिंग दी जा सके. वहां उनकी ट्रेनिंग, डायट, फिटनेस और टेक्नीक पर बचपन से ही काम किया जा सकेगा, जिससे 20-22 की उम्र तक वो काफ़ी बेहतरीन खिलाड़ी बनकर देश का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे. आख़िर कबड्डी का भविष्य तो यही बच्चे हैं, तो उन पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए.
फ्री टाइम में क्या करना पसंद करते हैं?
फ्री टाइम में मैं अपनी फैमिली के साथ रहना पसंद करता हूं. फैमिली ही मेरा मॉरल सपोर्ट है, तो जब भी व़क्त मिलता है, उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करता हूं.
वर्ल्ड कप के लिए आपको और टीम इंडिया को ऑल द बेस्ट!
थैंक्यू सो मच!
– गीता शर्मा
Bhagya Lakshmi Women's Pride Traditional Gold Plated Mangalsutra Necklace pendant Black bead Chain For Women
Cosco Light Cricket Tennis Ball (Pack of 6)
PUMA Men's Athletic Socks (Pack of 3) (IN91099001_White/ Black/ Grey_37/40)

तैयार है टीम इंडिया!-Kabaddi World Cup 2016
- स्पोर्ट्स लवर्स और कबड्डी फैन्स का इंतज़ार अब ख़त्म होने को है. जैसाकि हम सभी जानते हैं कि 7 अक्टूबर 2016 से कबड्डी वर्ल्ड कप शुरू होने जा रहा है और 20 सितंबर 2016 को नेशनल टीम का एलान भी हो चुका है.
- मुंबई में अपनी नई नीली जर्सी के साथ टीम इंडिया भी अनवेल हुई और इस मौ़के पर कपिल देव के साथ-साथ, जनार्दन सिंह गहलोत (अध्यक्ष, इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन) व डॉ. मृदुल भदौरिया व अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं.
- टीम इंडिया के कप्तान रहेंगे कबड्डी के कैप्टन कूल अनूप कुमार और वाइस कैप्टन होंगे अपने एग्रेशन के लिए जाने जानेवाले मंजीत छिल्लर.
- टीम के कोचेस हैं- बलवान सिंह और भासकरन सर. तो अब देर किस बात की टीम इंडिया पूरी तरह से तैयार है अन्य 11 देशों की टीम्स के साथ कबड्डी के मैट पर अपना जौहर दिखाने के लिए.
- इस बार वर्ल्ड कप भारत के गुजरात के अहमदाबाद शहर में आयोजित किया जा रहा है और इसमें भाग लेनेवाली अन्य टीम्स हैं- ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, साउथ कोरिया, इंग्लैंड, ईरान, जापान, केन्या, पोलैंड, थाईलैंड, अर्जेंटीना और अमेरिका.
- हमारी तरफ़ से टीम इंडिया को शुभकामनाएं!
- गीता शर्मा