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सरसों के तेल में काफ़ी गुण हैं और सर्दियों में तो यह वरदान है, ना सिर्फ़ हेल्थ बल्कि इसके ब्यूटी बेनीफिट्स भी हैं.
हेल्थ बेनीफिट्स
- इसमें एंटीबैक्टीरीयल, एंटीफ़ंगल और एंटीकर्सिनोजेनिक प्रॉपर्टीज़ हैं जो कैन्सर जैसे गंभीर रोग से बचाव करती हैं. यह पेट व मलाशय के कैन्सर से बचाता है. कई तरह के इन्फ़ेक्शंस से भी बचाने में यह कारगर है. खाना बनाने मेंइसका प्रयोग बेहद फ़ायदेमंद है.
- इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए ये सर्दी-ज़ुकाम से भी बचाव करता है. सरसों के तेलवाली स्टीम लेने से सीने औरनाक में जमा कफ निकल जाता है.
- यह साइनस से भी बचाव करता है. सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां और एक चम्मच अजवायन मिलाकरगर्म करें और इससे तलवों और सीने की मालिश करें. सर्दी से बचे रहेंगे.
- यह शरीर में गर्माहट पैदा करता है. सरसों के तेल की मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचारभी बेहतर होता है.
- इस तेल की मालिश करने के बाद स्नान करने से शरीर स्वस्थ रहता है. नहाने के बाद भी इसे लगा सकते हैं. नाक, कान और नाभि में इसे लगाएं.
- यह दांतों को मज़बूत और स्वस्थ बनाता है. दांतों में तकलीफ हो तो सरसों के तेल में नमक मिलाकर दांतों औरमसूड़ों की मालिश करें.
- सरसों के तेल की मालिश से जोड़ों का दर्द और गठिया रोग भी ठीक हो जाता है.
- सरसों के तेल का प्रयोग हार्ट के लिए भी हेल्दी माना जाता है. इसे यूज़ करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज़ का खतरा भीकम होता है. इसमें सैचुरेटेड फ़ैटी ऐसिड्स कम होता है और एसेंशियल फ़ैटी ऐसिड्स इसमें काफ़ी मात्रा में होते हैंजिससे ये खाने में प्रयोग का हेल्दी ऑप्शन है. यह हार्ट फेल और ऐंजाइना के ख़तरे को कम करता है और जिन्हेंहृदय रोग है उनके लिए यह बेहतरीन ऑप्शन है.
- जिन्हें सांस संबंधी समस्या हो या अस्थमा की शिकायत हो तो उनके लिए भी सरसों का तेल वरदान साबित हुआ है. सरसों में मैग्नीशियम पाया जाता है और सरसों के तेल में पाया जानेवाला सेलेनियम अस्थमा के प्रभाव को कमकरने में कारगर साबित होता है.
- यह मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है, सर्कुलेशन और ब्रेन फ़ंक्शन को भी इम्प्रूव करता है क्योंकि इसमें स्टिम्युलंटप्रॉपर्टी होती है.
- ये पाचन तंत्र को बेहतर करके भूख लगने में मदद करता है. अगर भूख न लगे, तो खाना बनाने में सरसों के तेल काउपयोग करें.
- ये वज़न को घटाने में भी सहायक है. इसमें मौजूद विटामिन्स मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं जिससे वजन घटाने में मददमिलती है.
- ये इन्सेक्ट बाइट और रैशेज़ के प्रभाव को कम करता है. अगर किसे कीड़े या मच्छर ने काट लिया है तो वहां इसेअप्लाई करें. इसी तरह रैशेज होने पर भी यहां तक कि छोटे बच्चों को नैपी रैश होने पर भी इसे यूज़ किया जाता है.
ब्यूटी बेनीफिट्स
- यह बेहतरीन मॉइश्चराइज़र है, ठंड में ड्राई स्किन को हेल्दी ग्लो देना हो तो गुनगुने सरसों के तेल की मालिश करें.
- इसे बेसन और हल्दी में मिलाकर उबटन तैयार करें, त्वचा निखर जाएगी.
- एंटीफ़ंगल प्रॉपर्टीज़ के कारण ये फ़ंगल इंफ़ेक्शन से बचाता है.
- विटामिन ई का ये बेहतरीन स्रोत है, ये रिंकल्स और फ़ाइन लाइंस को कम करता है.
- ये बालों के लिए भी बेहद लाभकारी है. हेयर फ़ॉल को रोकता है, स्काल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर करके बालों कीग्रोथ भी बेहतर करता है.
- यह सनटैन को दूर करने में भी मदद करता है.
- यह फटे होंठों को नर्म मुलायम बनाता है.
- इसमें विटामिन बी कॉमप्लेक्स भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद है. इसे अप्लाई करनेसे स्किन टोन बेहतर होती है, दाग और झाइयों से भी छुटकारा मिलता है.
- इसमें एंटी एजिंग तत्व होते हैं जो आपको देते हैं यंगर स्किन.
- ये है नेचुरल सनस्क्रीन, जो अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाव करता है. घर से बाहर जाने से पहले हल्का सा ऑइलस्किन पर अप्लाई करें और सूरज की हानिकारक किरणों से बचें.
- यह बालों को असमय सफ़ेद होने से रोकता है. दही में सरसों का तेल मिलाकर बालों में लगाने से कई तरह की बालोंकी समस्या से छुटकारा मिलता है.
- अगर बाल समय से पहले सफ़ेद हो रहे हैं तो सोने से पहले सरसों के तेल की मालिश करें या सुबह बाल धोने से एकया आधे घंटे पहले तेल लगाएं, लाभ होगा.
- अगर डैंड्रफ की समस्या है और इचि स्काल्प से परेशान हैं तो स्काल्प मसाज करें. चाहें तो सरसों और नारियल तेलको सामान मात्रा में मिला लें. स्काल्प मसाज करें, टोवेल से कवर करें और दो घंटे बाद शैम्पू कर लें.
रिंकू शर्मा
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दूध सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद माना जाता है. दूध में कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -२) युक्त होता है. इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज, वसा और ऊर्जा भी होती है. ध्यान रहे, दूध पीने के बाद कोई भी खट्टा पदार्थ नहीं खाना चाहिए. आइए, दूध की उपयोगिता के बारे में जानते हैं.
घरेलू नुस्ख़े
- आधासीसी यानी माइग्रेन की तकलीफ़ में भी दूध काफ़ी फ़ायदेमंद है. इसमें पाव किलो दूध में 2 चम्मच शुद्ध घी मिलाकर पीएं. इसके अलावा दूध में चार-पांच छुआरा उबालकर खाएं और दूध में थोड़ा-सा शुद्ध घी मिलाकर पीएं. ये दोनों ही उपाय माइग्रेन की तकलीफ़ में बेहद लाभकारी है. इससे सिर का दर्द धीरे-धीरे ख़त्म हो जाता है.
- गुर्दे में पथरी होने पर 30 ग्राम केले के तने का पानी, 25 ग्राम कलमी शोरा और पाव किलो दूध तीनों को मिला लें. दिनभर में दो या तीन बार इसका सेवन करें. इसके प्रभाव से पथरी गलने लगेगी और पेशाब के रास्ते से धीरे-धीरे बाहर निकल जाएगी.
- इलायचीवाला दूध पीने से एनीमिया की परेशानी दूर होती है और झुर्रियां भी से कम पड़ती है. रोज़ रात को दूध में इलायची पाउडर मिलाकर पीएं.
- पेशाब में जलन हो रही हो, तो पाव किलो दूध में एक कप पानी मिला लें. फिर मिश्री मिलाकर दिन में दो बार पिएं. एक हफ़्ते तक इसका सेवन करने से जलन की तकलीफ़ पूरी तरह से दूर हो जाएगी.
- नींद की समस्या होने पर बकरी के दूध में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता है. इसके अलावा पांच बादाम और एक चम्मच खसखस को पीस लें. इसमें दूध और मिश्री मिलाकर रात में पीएं. अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी.
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- दस्त होने पर गाय के दूध को अच्छी तरह से पका लें. बेल का गूदा निकालकर दो सौ ग्राम तक खाएं और उसके ऊपर से दूध पी लें. दिन में दो-तीन बार लेने से दस्त की समस्या दूर हो जाएगी.
- हल्दीवाला दूध तो हमेशा ही फ़ायदेमंद माना गया है. सर्दी-खांसी और ज़ुकाम के लिए रोज़ रात को हल्दीवाला दूध पीना रामबाण उपाय है.
- हार्ट प्रॉब्लमवालों को कभी-कभी दिल में दर्द होता है. इसके लिए गाय के दूध की बनी हुई शुद्ध देसी घी दो चम्मच लेकर उसमें 10 ग्राम बेल का रस मिलाकर पीएं.
- नपुंसकता की समस्या में भी दूध उपयोगी है. एक ग्लास गर्म दूध के साथ 5-5 ग्राम बेल की छाल, पत्ते और गुदा लेकर उसमें एक छुआरा, तीन मुनक्के या पांच किशमिश, 8-10 मूंगफली की गिरी और 3-4 बादाम की गिरी लेकर इन सबको बारीक़ पीस लें. आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर दूध में डालकर पीएं. महीनेभर यह उपाय करने से समस्या दूर हो जाएगी.
- यदि गले में दर्द महसूस कर रहे हों, तो एक कप गर्म दूध पीने से आपको दर्द से तुरंत छुटकारा मिल सकता है.
- त्वचा के रंग को निखारने के लिए भी बहुत से लोग दूध का इस्तेमाल करते हैं. अपने चेहरे और गर्दन पर कच्चे दूध को लगाएं और 10 मिनट तक लगा रहने दें. फिर पानी से चेहरा धो लें. यह आपकी त्वचा को नर्म-मुलायम बनाने में भी मदद करता है.
- सोयाबीनवाला दूध पीने से वज़न कम होता है और कोलेस्ट्रोल लेवल को भी कंट्रोल में रखता है.
- दूध में नारियल मिलाकर पीना भी शरीर के लिए बहुत उपयोगी रहता है. नारियल दूध पीने से लिवर, जोड़ों के दर्द और त्वचा की समस्याएं भी दूर होती हैं.
- दूध में बालों के बढ़ने, मज़बूत और घने होने के लिए ज़रूरी सभी प्रोटीन, कैल्शियम और खनिज मौजूद होते हैं. बालों को हेल्दी बनाए रखने में भी दूध मदद करता है. यह एक अच्छे कंडीशनर के रूप में भी काम करता है. बालों और सिर की त्वचा पर दूध लगाकर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें. उसके बाद बालों को शैंपू से धो लें. इससे बाल ख़ूबसूरत, सॉफ्ट और सिल्की होते हैं.
- यदि आप चाहें तो स्प्रे बोतल को भी ठंडे दूध से भरकर इसकी मदद से बालों पर अच्छी तरह से ठंडा दूध लगा सकती हैं और आधे घंटे बाद बालों को पानी से धोकर फिर शैंपू से दोबारा धो लें.
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रिसर्च
- कई अध्ययनों से पता चला है कि दूध महिलाओं और पुरुषों दोनों में कैंसर का ख़तरा कम करता है. दूध में विटामिन डी, कैल्शियम और लिनोलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है. दूध के सेवन से कोलोरेक्टल, स्तन और पेट के कैंसर की संभावना को भी कम करता है.
- शोधों से साबित हुआ है कि कि कम फैट्स वाला दूध मस्तिष्क शक्ति को बढ़ाने में और अल्जाइमर बीमारी को रोकने में मदद करता है. यह विटामिन बी 12 का एक अच्छा स्रोत है, जो सोचने की शक्ति को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है.
सुपर टिप
दूध में शक्कर की बजाय यदि हम गुड़ मिलाकर लें, तो इसके अधिक फ़ायदे होते हैं और यह आयरन की कमी को पूरा करता है.
– ऊषा गुप्ता
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सेहतमंद शरीर के लिए अखरोट काफ़ी फ़ायदेमंद है. यह फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और अनसैचुरेटेड फैट का बेहतरीन स्रोत होता है. अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैग्नीशियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अखरोट शरीर के लिए काफ़ी उपयोगी है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पाया जाता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को दूर करने में सहायता करता है. मेडिकल रिसर्च के अनुसार, अखरोट में एंटी कैंसर प्रभाव पाया जाता है. इसके कारण यह कैंसर के ट्यूमर को पनपने से रोकता है. अखरोट के बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन डॉ. अजय राणा, जो आईएलएएमईडी (ILAMED) के संस्थापक और निदेशक है, ने भी वॉलनट (अखरोट) ऑयल के फ़ायदे और हेल्दी स्किन से जुड़ी कई उपयोगी जानकारियां दीं.
घरेलू नुस्ख़े
- यूं तो अखरोट ऐसे ही खा सकते हैं, लेकिन इसे भिगोकर खाना अधिक लाभदायक होता है. भीगे हुए अखरोट खाने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा कम हो जाता है. साथ ही कब्ज कब्ज़ दूर होता है. इम्युनिटी बेहतर होने के साथ-साथ तनाव दूर रहता है.
- प्रतिदिन एक मुट्ठी या 4 से 5 अखरोट का सेवन करने से हृदय स्वस्थ रहने के साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद मिलती है.
- दूध में एक चम्मच अखरोट का पाउडर व एक चम्मच शहद मिलाकर पीने हड्डियां मज़बूत होती है.
- रात को सोते समय एक ग्लास दूध के साथ अखरोट के दो-तीन टुकड़े खाना सबसे अधिक लाभदायक है. इससे आप कई बीमारियों से बच जाते हैं.
- एक युवा व्यक्ति हर रोज़ कम-से-कम 30 ग्राम तक अखरोट का सेवन करना चाहिए.
- अखरोट के तेल यानी वॉलनट ऑयल के कई फायदे हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, यह त्वचा को हेल्दी रखता है. वॉलनट के तेल में नुट्रिएंट्स होते है, जो स्किन के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. वॉलनट ऑयल स्किन ग्लो व हेल्दी रखने के साथ सूजन संबंधी स्किन डिसऑर्डर्स से भी लड़ता है.
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- वॉलनट ऑयल के नियमित उपयोग से रिंकल्स और स्किन की अन्य समस्याओं को दूर का किया जा सकता है.
- यह समय के साथ स्किन की थिन लाइन्स और रिंकल्स को गायब करने में भी मदद करता है और साथ ही एक्ने से लड़ने में मदद करता है.
- वॉलनट ऑयल डार्क सर्कल्स को कम करने और तनावग्रस्त और थकी हुई त्वचा को ठीक करने की क्षमता रखता है, इसलिए नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करें.
- वॉलनट ऑयल दाद (रिंगवर्म) या कैंडिडिआसिस जैसे फंगल इन्फेक्शन से लड़ता है. वॉलनट ऑयल के साथ टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों से इन्फेक्टेड स्किन में नियमित रूप से मालिश करने से लाभ होता है.
- सोरायसिस के इलाज के लिए वॉलनट ऑयल का उपयोग किया जा सकता है.
- हफ़्ते में एक बार वॉलनट ऑयल का उपयोग करके फेस पैक लगाए. यह स्किन को नर्म-मुलायम और अधिक चमकदार बनाता है.
- वॉलनट ऑयल को ओमेगा -3 का एक एक्सीलेंट प्लांट सोर्स माना जाता है. यह कई हेल्थ बेनेफिट्स से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें हृदय रोग, कुछ प्रकार के कैंसर और अन्य इंफ्लेमेटरी डिसऑर्डर्स जैसे एक्जिमा से सुरक्षा शामिल है.
- यदि आप अखरोट को ऐसे ही खाते ऊब गए हैं, तो आप इसे अन्य तरीक़े से सेवन करके भी लाभ ले सकते हैं, जैसे – योगर्ट में केले और अखरोट की दो-तीन गिरियां मिलाएं और स्मूदी के तौर पर इसे खाएं. यदि चाहे तो इसमें स्वाद के लिए एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं.
- आप ब्रेड स्प्रेड की तरह भी अखरोट का उपयोग कर सकते हैं. बटर में अखरोट का पाउडर मिलाएं और इसे ब्रेड स्प्रेड की तरह इस्तेमाल करते हुए ब्रेड पर लगाकर खाएं.
सुपर टिप
- वॉलनट ऑयल पेट के फैट्स को कम करने में भी मदद करता है.
– ऊषा गुप्ता
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नमक (Salt) हमारे जीवन में बहुपयोगी भूमिका निभाता है. एक तरफ़ जहां यह भोजन के स्वाद के लिए ज़रूरी है, वहीं इसमें कई औषधीय गुण भी हैं, जिससे कई तरह के दर्द और समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
नमक कई प्रकार के होते हैं, जैसे- सेंधा नमक, काला नमक, समुद्री नमक, सामान्य नमक आदि. नमक के कई फ़ायदे हैं. यह कब्ज़ दूर करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, दिल के दौरे की संभावना को कम करने में सहायक है. आइए, दर्दनिवारक नमक के बहुपयोगी नुस्ख़ों के बारे में जानते हैं.
* अपच होने पर नींबू के रस में नमक मिलाकर पीएं. तुरंत आराम मिलेगा.
* यदि आधासीसी यानी माइग्रेन की तकलीफ़ हो, तो लहसुन में नमक मिलाकर पीस लें और माथे पर इसका लेप लगाएं.
* यदि पेटदर्द हो, तो केले का जूस बना लें और उसमें काला नमक मिलाकर पीएं.
* खट्टी डकार की समस्या होने पर आधा-आधा टीस्पून पुदीना, बड़ी इलायची, कालीमिर्च, अजवायन, सेंधा व काला नमक लेकर पीस लें. दो-दो घंटे पर सौंफ के पानी के साथ ये चूर्ण एक टीस्पून लेते रहें.
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* गठिया की शिकायत हो, तो नमक और राई बराबर मात्रा में लेकर पीस लें. अब इसे हल्का गर्म करके दर्दवाली जगह पर लेप करके पट्टी बांध लें.
* ज़ुकाम होने पर तुलसी के रस में थोड़ा-सा नमक घोलकर नाक में कुछ बूंद टपकाएं.
* तिल के तेल में नमक को अच्छी तरह से भूनकर जोड़ों के दर्द में मालिश करने से आराम मिलता है.
* चेहरे पर दाग़-धब्बे व झाइयां हों, तो खीरे को सिरे से काटकर उस पर नमक लगाकर खाएं.
* छाले होने पर नमकवाले गुनगुने पानी से कुल्लाकरने से लाभ होता है.
* शरीर में थकान हो और बदन टूट रहा हो, तो एक खुले बर्तन या बाल्टी में गर्म पानी डालकर दो-तीन चम्मच नमक मिला लें. फिर घुटनों तक पैरों को अच्छी तरह से धोएं. बाद में काफ़ी देर तक पैर को डुबोएं रखें.
* दांत में कीड़े लग गए हों, तो आधा ग्लास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर अच्छी तरह से घोल लें. फिर इसे घूंट-घूंट भरकर कुल्ला करें.
* नज़ले की समस्या होने पर गुनगुने नमकवाले पानी से नथुनों से पानी खींचें और छोड़ें, जैसे जलनेती करते हैं.
* पेशाब की रुकावट की समस्या हो, तो नमक पीसकर नाभि में डालें और बूंद-बूंद पानी डालें. जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी.
* भूख न लगने की परेशानी हो, तो भोजन से आधे घंटे पहले एक चम्मच अदरक के रस में थोड़ा-सा नमक मिलाकर पीएं.
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* सिरदर्द होने पर घी में नमक डालकर गुनगुना गर्म करें और इसे माथे पर और कनपटियों पर मलें.
* हिचकी की समस्या हो, तो सेंधा व काला नमक पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाएं और आधा कप पानी में घोलकर पीएं. इससे हिचकी से तुरंत आराम मिलेगा.
* चोट-मोच लगने पर घी गर्म करके उसमें नमक मिलाएं और चोटवाली जगह पर लगाएं.
* गर्दन में ऐंठन और मांसपेशियों में दर्द हो, तो नमक व हल्दी मिलाकर पोटली बना लें. इसे गुनगुने तेल में भिगोकर हल्के हाथों से मालिश करें.
* कब्ज़ में एक ग्लास गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधा व काला नमक व आधा नींबू निचोड़कर खाली पेट पीएं. पंद्रह मिनट में पेट साफ़ हो जाएगा.
* तनाव दूर करने और तरोताज़गी के लिए भी नमक बेहद उपयोगी है. नहाने के गुनगुने पानी में दो कप सेंधा नमक मिलाकर स्नान करें. ऐसा हफ़्ते में कम-से-कम दो बार ज़रूर करें.
सुपर टिप
बदहज़मी होने पर प्याज़ के रस में नमक मिलाकर पीने से आराम मिलता है.
– रुचि ख़ुशी गुप्ता
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यदि एक्सरसाइज़ को खेल के साथ जोड़ दिया जाए यानी खेल-खेल में एक्सरसाइज़ की जाए, तो यह मज़ेदार हो जाता है. इसके अलावा बच्चों के साथ पैरेंट्स भी इस बहाने ख़ुद को फिट रख पाते हैं.
इन दिनों बच्चे मोबाइल फोन, वीडियो गेम, इंटरनेट आदि में इस कदर उलझे रहते हैं कि आउटडोर एक्टिविटीज़ व एक्सरसाइज़ से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में यदि पैरेंट्स बच्चों को खेल-खेल में एक्सरसाइज़ सिखाएं और करवाएं, तो इससे दुगुना फ़ायदा होगा. जहां बच्चे दिमाग़ी और शारीरिक रूप से मज़बूत होंगे, वहीं पैरेंट्स भी फिट रहेंगे.
खेल भी, सेहत भी
* जब बच्चा दो साल का होता है, तभी से उसे हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ खेल-खेल में करवा सकते हैं.
* बच्चे के साथ बॉल से कैच-कैच खेलें. इससे आंखों की एक्सरसाइज़ होगी.
* इस उम्र में सबसे अधिक फोकस मूवमेंट स्किल और बॉडी कंट्रोल पर होना चाहिए.
* बच्चे को फ्री रनिंग, बॉल कैच करना, दौड़ना, एरोबिक्स जैसे खेल खिलाएं. इस तरह के खेल से बच्चों की हड्डी मज़बूत होती है.
* बच्चे के साथ हर रोज़ टहलें, पैदल चलें और घूमें. इससे ब्लड सर्क्युलेशन ठीक रहता है.
* यदि बच्चे की उम्र 12 साल से अधिक है, तो उसे साइकिलिंग, टेनिस, स्विमिंग, स्केटिंग जैसे खेल खेलने के लिए प्रेरित करें.
* क्लाइम्बिंग वाले गेम से बच्चे की पीठ, हाथ मज़ूबत होते हैं, साथ ही उनकी हाइट बढ़ने में भी मदद मिलती है.
* सी सॉ अधिकतर बच्चों का पसंदीदा गेम है. इसमें दो बच्चे आमने-सामने झूले पर बैठकर उठक-बैठक करते हैं, जिससे जहां उनके हाथ-पैर की एक्सरसाइज़ होती है, वहीं उनके साथ बड़ों की भी अच्छी-ख़ासी कसरत हो जाती है.
* बच्चे की याददाश्त बढ़ाने के लिए उनके साथ मेमरी गेम्स खेलें.
* बच्चों के साथ कूदें-फांदें. ऐसा करने से बॉडी स्ट्रेच होती है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है.
* रस्सी कूदना- दस मिनट रस्सी कूदना, आठ मिनट के दौड़ने के बराबर होता है.
* एक मिनट रस्सी कूदने से 10 से 15 कैलोरीज़ बर्न होती हैं.
* रस्सी कूदने से शरीर का बैलेंसिंग पावर इम्प्रूव होता है और पैरों के मूवमेंट से फुर्ती और कंट्रोल बढ़ता है, इसलिए बच्चों के साथ रस्सी कूदनेवाला गेम ज़रूर खेलें.
* इन सबके अलावा डांस, योग, वर्कआउट्स आदि को भी आप मनोरंजक तरी़के से बच्चों के साथ कर सकते हैं, जिससे आप दोनों ही फिट और हेल्दी रह सकते हैं.
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गेम के साथ स्टडी भी
* यदि बच्चा बहुत छोटा है, तो आप उसे खेल-खेल में किचन में ही गणित सिखा सकती हैं.
* बच्चों को किचन में कुछ बर्तन इकट्ठा करने के लिए कहें और फिर गिनती करवाएं.
* इस तरह आप 1 से 10 और 1 से 20 आसानी से गिनती करवा सकती हैं.
* किचन में एक जैसी दिखनेवाली वस्तुओं को अलग करवाएं, जैसे- सभी कटोरियां, ग्लास, प्लेट आदि.
* बच्चों को इनके आकार के बारे में बताएं. इससे वे अलग-अलग शेप्स के बारे में जानेंगे.
* ध्यान रहे, खेल-खेल के माध्यम से बच्चा जो कुछ भी सीखता है, वो उसे हमेशा याद रखता है.
कुछ एक्सरसाइज़ ऐसी भी
* क्रॉलिंग लाइक ए बेबी यानी बच्चों की तरह रेंगना. यह भी एक मज़ेदार एक्सरसाइज़ है, जो क़रीब 1800 साल पुराना है. इससे बच्चों जैसी चंचलता और मज़बूती आती है. यह एक फन एक्सरसाइज़ है. इससे बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है. मसल्स मज़बूत होते हैं और जॉइंट्स स्ट्रॉन्ग होते हैं. इसे आप बच्चों के साथ कर सकते हैं.
* ग्रूव एक्सरसाइज़ में सिंपल म्यूज़िक के साथ मूव करना होता है. इस एक्सरसाइज़ की ख़ास बात यह होती है कि इसमें कोई भी स्टेप ग़लत नहीं होता है. आपको म्यूज़िक को फील करके स्टेप करने होते हैं. जब बच्चे के साथ आप इसे करेंगे, तब गेम+फन+फिटनेस, तीनों का ही लुत्फ़ उठा पाएंगे.
* वेव शेप वर्कआउट में किसी भी मशीन की ज़रूरत नहीं होती. इससे स्ट्रेंथ, बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी बेहतर होती है.
* गेम्स फॉर द ब्रेन, एक ऑनलाइन जिम है, जहां पर आप अपने दिमाग़ की एक्सरसाइज़ कर सकते हैं. यहां पर 40 से भी अधिक ब्रेन गेम्स हैं, जिसे खेलकर ब्रेन को हेल्दी और फिट रख सकते हैं.
डिफरेंट स्ट्रोक्स
* आप जब भी बाज़ार जाएं, तो बच्चे को साथ लेकर जाएं. इससे बच्चा यह समझ सकेगा कि जो भी हम ख़रीदते हैं, उसके बदले में हमें पैसे देने पड़ते हैं.
* इस तरह आप बच्चों को दिलचस्प तरी़के से पैसों की अहमियत भी समझा सकते हैं.
* बच्चे से पहेली पूछ सकते हैं, क्रॉसवर्ड, शब्दों को तलाशना, ब्लॉक्स, सुडोकू जैसे खेल दिमाग़ के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज़ हैं.
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इन बातों का रखें ख़्याल
* यदि बच्चे का मन नहीं है, तो उसे ज़बर्दस्ती खेलने के लिए न उकसाएं.
* हर रोज़ बच्चे को कम से कम एक घंटा खेलने के लिए प्रेरित करें.
* आप अपने बच्चों के साथ खेलने से हिचकिचाएं नहीं, बल्कि उनका भरपूर साथ दें.
* इससे बच्चों के बीच आपसी समझ और बॉन्डिंग बढ़ेगी.
* बैडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट जैसे आउटडोर गेम्स में बच्चे का पार्टनर बनकर खेलने से आप बच्चे के अच्छे दोस्त बन सकते हैं.
एक्सरसाइज़ के फ़ायदे
* बच्चे कम तनाव महसूस करते हैं.
* अच्छा महसूस करते हैं.
* वज़न कंट्रोल में रहता है.
* अच्छी नींद आती है.
* एक्सरसाइज़ से हड्डियां, मांसपेशियां व जोड़ों को मज़बूती मिलती है.
– ऊषा गुप्ता
अधिक पैरेंटिंग टिप्स के लिए यहां क्लिक करेंः Parenting Guide

स्वस्थ और सुंदर दिखने के लिए प्रतिदिन बादाम का सेवन ज़रूर करें. प्रोटीन और ऑयल से भरपूर बादाम को चाहे जिस रूप में खाएं, ये फ़ायदा ही पहुंचाता है. बादाम खाने से दिमाग़ तेज़ होता है, यो तो आपने कई बार सुना होगा और अपने बच्चों के दिमाग़ के विकास के लिए रोज़ाना बादाम देती भी होंगी, लेकिन क्या आप जानती हैं कि दिमाग़ तेज़ करने के साथ ही बादाम के कई और हेल्थ बेनिफिट्स हैं (Health benefits of almond).
हार्ट अटैक से राहत
सप्ताह में पांच दिन बादाम खाने वालों को हार्ट अटैक का ख़तरा कम हो जाता है. तो अगर आप भी फैमिली को बीमारियों से दूर रखना चाहती हैं, तो रोज़ाना बादाम खिलाएं.
दिमाग़ तेज़ होता है
नाश्ते की टेबल पर बादाम का बाउल आपके पूरे परिवार के लिए फ़ायदेमंद है. नाश्ते के बाद बादाम खाने से दिमाग़ तेज़ होता है. रातभर पानी में भिगोने के बाद सुबह बादाम को छीलकर पीस लें और दूध के साथ लें. इससे याददाश्त तेज़ होगी. बच्चों को नियमित रूप से पिलाएं.
सेहत सुधरती है
दिनभर खाने के बाद भी क्या आपका बच्चा दुबला है या फिर वो कुछ खाता ही नहीं? दोनों दशा में बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. नियमित रूप से 4-5 बादाम को घिसकर दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है. तो अपने बच्चों को रोज़ाना दूध के साथ बादाम दें और उनकी सेहत बनाएं.
चक्कर से मुक्ति
क्या आपको ट्रेन, बस, ऑफिस घर कहीं भी चक्कर आ जाता है? अगर हां, तो बादाम खाने से आपकी ये बीमारी दूर हो सकती है. बादाम में थायमीन नामक विटामिन पाया जाता है, जो चक्कर से बचाव करता है.
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
नियमित रूप से बादाम का सेवन करने सेकोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है. यह शरीर में चर्बी जमा नहीं होने देता और आपको फिट एंड फाइन रखता है.
हड्डियों को मज़बूत करता है
रोज़ाना बादाम खाने से आपकी हड्डियां मज़बूत होती हैं. इसके साथ ही दांत भी स्वस्थ रहते हैं. बच्चों में अमूमन दांत की समस्या होती है. उनकी समस्या को दूर करने के लिए रोज़ सुबह स्कूल जाने से पहले उन्हें बादाम खिलाएं.
बच्चों को कैसे मिले बादाम का पोषण?
बहुत से बच्चों को बादाम खाने में अच्छा नहीं लगता. वो काजू तो बड़े चाव से खा लेते हैं, लेकिन बादाम के समय वो आपसे ना-नुकुर करते हैं. बच्चों को कैसे खिलाएं बादाम ताकि बादाम का पोषण उनको मिले? आइए, जानते हैं.
- अगर बच्चे को बादाम खाना अच्छा नहीं लगता, तो बादाम को पीसकर आटे में मिलाएं. इसी आटे की रोटी/परांठे बनाकर बच्चों को खिलाने से बादाम का पूरा पोषण मिलेगा.
- बादाम के तेल में सब्ज़ी बनाकर बच्चे को खिलाएं.
- बादाम मिल्क भी बेहतर ज़रिया है. प्लेन, वेनीला और चॉकलेट प्लेवर में भी बादाम मिल्क मिलता है.
- बादाम को बादाम ऑयल में हल्का सा नमक लगाकर फ्राई करके भी बच्चों को खिला सकती हैं.
- बादाम का छिलका निकालकर पीस लें. अब इस पाउडर को दूध में मिलाकर बच्चों को पिलाएं. इससे उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि वो बादाम खा रहे हैं और उसका पोषण भी उन्हें मिल जाएगा.
कैसे करें स्टोर?
बादाम को एयर टाइट कंटेनर में बंद करके कूल डार्क प्लेस में रखें. बेहतर होगा अगर आप इसे अपनी फ्रिज में रखें. एयर टाइट कंटेनर में बंद करके फ्रिज में रखने पर दो साल तक बादाम का उपयोग आप कर सकती हैं.
श्वेता सिंह

आमतौर पर हर घर में सलाद और सब्ज़ी के रूप में खाई जाने वाली मूली (Health Benefits of Radish) सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. मूली खाने न स़िर्फ हेयर फॉल की समस्या ख़त्म हो जाती है, बल्कि ये नर्वस सिस्टम को भी मज़बूत करती है. मूली खाने के और क्या फ़ायदे हैं? आइए, जानते हैं.
कैंसर रिस्क
मूली में फॉलिक एसिड, विटामिन सी और एंथोकाइनिन की भरपूर मात्रा होती है, जो कैंसर के रिस्क को कम करते हैं. वहीं इसमें मौजूद विटामिन सी एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है.
ब्लड प्रेशर
मूली में मौजूद कुछ पोषक तत्व हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं. इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम भी होता है जो शरीर में सोडियम-पोटैशियम के अनुपात को बैलेंस करते हुए ब्लड प्रेशर बिगड़ने नहीं देता.
डायबिटीज़
मूली में फाइबर भी होता है. वहीं इसमें मौजूद तत्व इंसुलिन को नियंत्रित करने का काम करते हैं. मूली से शुगर लेवल कंट्रोल रहता है.
सर्दी-खांसी
यदि आप हमेशा सर्दी-खांसी से परेशान रहते हैं, तो अपनी डेली डायट में मूली शामिल करें. मूली में मौजूद कुछ खास पोषक तत्व कफ ख़त्म करने में सहायक होते हैं.
मज़बूत हड्डियां
मूली खाने से दांत, मंसूड़े मजबूत होते हैं, ये हड्डियों को भी मज़बूत बनाने में सहायक है. मूली खाने से थकान दूर होती है और नींद न आने की समस्या भी ख़त्म हो जाती है.
पीलिया
पीलिया (जॉन्डिस) की समस्या होने पर रोज़ाना एक कच्ची मूली सुबह-सुबह खाना फ़ायदेमंद होता है. इसके अलावा मूली खाने से मोटापा भी दूर होता है. फैट घटाने के लिए मूली के रस में नींबू का रस मिलाकर रोज़ाना पीएं.
पायरिया
पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ला करें और इसका रस पिएं भीं, जल्द फ़ायदा होगा. इसके साथ ही मूली को चबा-चबा कर खाने से भी दांत व मसूड़ों की बीमारी से बचा जा सकता है.
मुंहासे
मूली में विटामिन सी, जिंक, बी कांप्लेक्स विटामिन और फॉस्फोरस होता है. इसके पत्ते को पीसकर चेहरे, हाथों और पैरों पर लगाने से त्वचा मुलायम बनती है. मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए मूली का टुकड़ा गोल काटकर मुंहासों पर लगाएं. थोड़ी देर बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.
कब्ज़
कब्ज़ से परेशान हैं तो मूली पर नींबू व नमक लगा कर सुबह-सुबह खाएं, फ़ायदा होगा. मूली को सलाद के रूप में खाना भी लाभदायक होता है. सुबह-शाम मूली का रस पीने से भी कब्ज़ में फ़ायदा होता है.
हीमोग्लोबिन
मूली के रस में बराबर मात्रा अनार का रस मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है.
– कंचन सिंह

दाल-सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने वाला लाल टमाटर (Health Benefits of Tomato) आपकी त्वचा के लिए भी अच्छा होता है. टमाटर की स्लाइस चेहरे पर रगड़े से त्वचा में कसाव आता है. इतना ही नहीं टमाटर आपको जवां बनाए रखने के साथ ही कई अन्य बीमारियों से भी बचाता है.
* एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन से भरपूर टमाटर सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है.
* टमाटर खाने से भूख बढती है. इसके अलावा ये डाइजेशन सिस्टम और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी दूर करता है.
* टमाटर खाने से पेट साफ़ रहता है और इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है.
* टमाटर में पाया जानेवाला लाइकोपीन त्वचा को सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाता है. टमाटर खाने से सनबर्न और टैन स्किन की समस्या भी दूर होती है.
* डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी टमाटर खाना बहुत फायदेमंद होता है. डेली एक खीरा और एक टमाटर खाने से डायबिटीज़ पेशेंट को लाभ होता है.
* टमाटर आंखों व यूरीन संबंधी बीमारियों के लिए भी फ़ायदेमंद है. टमाटर खाने से लीवर और किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाती है. रोज़ाना टमाटर का सूप पीने से लीवर और किडनी को फ़ायदा होता है.
* टमाटर जैसी स्किन चाहिए, तो अपनी डायट में टमाटर को ज़रूर शामिल करें. टमाटर को सलाद के रूप में, सब्ज़ी में डालकर या सूप बनाकर पीएं.
* टमाटर खाने से कैंसर का ख़तरा भी कम हो जाता है.
* टमाटर बेहतरीन एंटी एजिंग का काम करता है, इसे खाने से त्वचा जवां दिखती है और स्किन संबंधित बीमारियां भी नहीं होतीं.
* ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी टमाटर बहुत अच्छा होता.
* सुबह के नाश्ते में स़िर्फ दो टमाटर कंप्लीट मील के बराबर होता हैं. टमाटर वज़न बढ़ने से रोकता है, इसलिए जिन लोगों को वज़न कम करना है उनके लिए टमाटर किसी वरदान से कम नहीं है. एक मीडियम साइज़ के टमाटर में केवल 12 कैलोरी होती है.
* महिलाओं के लिए भी टमाटर बहुत फ़ायदेमंद होता है. प्रेग्नेंसी के समय और डिलीवरी के बाद शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए रोज़ाना सुबह-शाम 100 ग्राम टमाटर का रस पीएं.
* शरीर में ख़ून की कमी हो जाए, तो रोज़ाना 100 ग्राम टमाटर का रस या टमाटर का सलाद खाएं.
* बच्चों को नकसीर की समस्या हो, तो उन्हें रोज़ाना पके टमाटर का रस पिलाएं.
* गर्मी के मौसम में रोज़ाना पके टमाटर का रस पीने से फोड़े-फुंसियों व अन्य त्वचा संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है.
– कंचन सिंह
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एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टेरियल एवं एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर लहसुन खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. रोज़ाना लहसुन खाने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं.
* सर्दी-ज़ुकाम होने पर 5-5 मि.ली. लहसुन और तुलसी का रस, 1 टीस्पून सोंठ का चूर्ण और आधा टीस्पून कालीमिर्च का चूर्ण सबको एक साथ मिलाकर आधा लीटर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम पीने से थोड़े ही दिनों में फ़ायदा होगा.
* लहसुन, शक्कर और सेंधा नमक समान मात्रा में लेकर चटनी की तरह पीस लें. इसमें घी मिलाकर चाटने से पेटदर्द, अपच, पेट की जलन आदि दूर होता है.
* लहसुन की कलियों को तेल में पकाकर छान लें. इस तेल की दो-दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द शांत हो जाता है. कान पक रहा हो, तो भी यह तेल लाभकारी होता है.
* लहसुन को पीसकर रोगी को सुंघाने से हिस्टीरिया की मूर्च्छा दूर हो जाती है.
* लहसुन की कलियों को पीसकर रस निकालें. यह रस तीन दिन तक मलने से शारीरिक गर्मी के कारण शरीर पर निकले हुए लाल चकत्ते दूर हो जाते हैं.
* लहसुन को पीसकर दूध में पीने से ब्लडप्रेशर में बहुत लाभ होता है या फिर लहसुन, पुदीना, जीरा, धनिया, कालीमिर्च और सेंधा नमक की चटनी बनाकर खाने से भी ब्लडप्रेशर कम होता है.
* घाव में कीड़े पड़ गए हों, तो लहसुन को पीसकर उसका लेप लगाएं. इससे कीड़े मर जाते हैं.
* 10-15 लहसुन की कलियों को दूध में पकाकर उसे छान लें. इसे बच्चों को सुबह-शाम पिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है. या फिर 20 से 30 बूंद लहसुन का रस शर्बत में मिलाकर चार-चार घंटे पर देने से भी काली खांसी मिटती है.
* लहसुन, अदरक, हरा धनिया, शक्कर और सेंधा नमक की चटनी रोज़ाना खाने से डाइजेशन और भूख न लगने की समस्या दूर होती है.
* जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें रोज़ाना सुबह खाली पेट लहसुन की कुछ कलिया खानी चाहिए. इससे ब्लड सर्कुलेशल ठीक रहता है.
* खाली पेट लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रित रहता है.
* लहसुन खाने से इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग बनता है
हेल्थ भी टेस्ट भी
लाजवाब लाल लहसुन
4 लहसुन की पूरी कली को छीलकर उसमें 1/4 टीस्पून जीरा डालकर कूट लें. अब
1/4 टीस्पून मिर्च पाउडर मिलाएं. 2 टीस्पून मूंगफली को सेंककर, पीसकर उसका पाउडर बनाएं और चटनी में डाल दें. सबको मिला लें. लाजवाब लाल लहसुन तैयार है.
दही-लहसुनी चटनी
2 लहसुन की पूरी कली को छीलकर पीसकर पेस्ट बना लें. पाव किलो दही को मलमल के कपड़े में बांधकर टांग दें, ताकि पानी निकल जाए. अब लहसुन के पेस्ट में दही और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं. दही-लहसुनी चटनी का लुत्फ़ उठाएं.

मीठे अंगूर (Health Benefits of Grapes) के दाने न स़िर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ये सेहत का खज़ाना भी है. आपको हेल्दी रखने के साथ ही अंगूर आपकी त्वचा और बालों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. इंस्टेंट एनर्जी के लिए भी आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं.
* ब्रेस्टफीट कराने वाली महिलाओं को रोज़ाना क़रीब 100 ग्राम अंगूर खाना चाहिए. इससे दूध बढ़ता है है.
* कब्ज़ की वजह से सिरदर्द, चक्कर जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो इससे राहत के लिए रोज़ाना नियमित रूप से 25 ग्राम अंगूर का रस पीएं.
* एसिडिटी होने पर 25-25 ग्राम अंगूर और सौंफ को रातभर 250 मि.ली. पानी में भिगोकर रखें. सुबह उसे मसलकर छान लें. फिर उसमें 10 ग्राम शक्कर मिलाकर पीएं. कुछ दिनों तक नियमित रूप से ऐसा करने से एसिडिटी से राहत मिलेगी.
* यदि आपको कमज़ोरी महसूस हो रही है, तो 25 ग्राम अंगूर खाएं और उसके बाद आधा लीटर दूध पीएं. इससे कमज़ोरी दूर होगी.
* पेशाब में गर्मी की समस्या होने पर 50 ग्राम काले अंगूर को रातभर ठंडे पानी में भिगोकर रखें. सुबह मसलकर छान लें. फिर इसमें थोड़ा-सा जीरा चूर्ण मिलाकर पीएं. इससे पेशाब की गर्मी दूर होगी.
* पत्थरी दूर करने में अंगूर फ़ायदेमंद होता है. अंगूर के बीज को पीसकर चूर्ण बना लें. इसे फांककर ऊपर से एक ग्लास दूध पीएं. ऐसा करने से पथरी गलकर बाहर आ जाएगी.
* अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को न केवल कैंसर से, बल्कि हार्ट डिसीज़, नर्व डिसीज़, अल्ज़ाइमर, वायरल और फंगल इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देते हैं.
* प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, सोडियम, फाइबर, विटामिन ए, सी, ई, के, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंग्नीज़, जिंक और आयरन के गुणों से भरपूर अंगूर में कैलोरी मात्रा बहुत कम होती है.
* शरीर के किसी भी हिस्से से ख़ून निकलने पर एक ग्लास अंगूर के जूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने से ख़ून की कमी दूर हो जाती है और ख़ून बहना बंद हो जाता है.
* अंगूर में ग्लूकोज़ व विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में होता है, इसलिए अंगूर खाने से भूख बढ़ती है और पाचन शक्ति ठीक रखती है. अंगूर आंखों, बालों व त्वचा को भी शाइनी बनाता है.
* अंगूर फाड़े-फुंसियों व पिंपल्स को सुखाने में मदद करता है. अंगूर के रस से गरारे करने से मुंह छालों से राहत मिलती है.
* एनीमिया के मरीज़ों के लिए अंगूर बेस्ट मेडिसीन है. उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोड़ा नमक व कालीमिर्च डालकर खाएं.
* 20-25 अंगूर को रात को पानी में भिगों दें. सुबह इन्हें मसलकर निचोडें और इस रस में शक्कर मिलाकर पीएं. पेट की गर्मी दूर हो जाएगी.
* खाने के आधा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी जैसी बीमारियां दूर हो जाती हैं.
हेल्थ भी टेस्ट भी
अंगूरी शरबत
500 ग्राम शक्कर और 750 मि.ली. पानी को मिलाकर दो तार की चाशनी तैयार कर लें. 500 ग्राम अंगूर को धो लें और पीस कर रस निकाल लें. इस रस को चाशनी में मिला दें और धीमी आंच पर 1-2 उबाल आने तक पकाएं. ठंडा होने पर इस घोल को बोतल में डालकर रख दें. एक ग्लास में 4 टीस्पून तैयार शरबत डालें और ठंडा पानी मिलाकर सर्व करें.
अंगूर का मुरब्बा
250 ग्राम ताज़े अंगूर पर नमक और आधा किलो शक्कर लगाकर रखें. पानी में शक्कर मिलाकर दो तार की चाशनी तैयार करें. जब यह ठंडा हो जाए तो इसमें आधा टीस्पून ब्लैक करंट एसेंस, 2 बूंद पर्पल कलर, अंगूर व 100 ग्राम किशमिश डालें. 24 घंटे तक ऐसे ही रहने दें. 1/4 टीस्पून सिट्रिक एसिड डालकर जार में भर दें.

मेथी हर रसोई में मिल जाएगी. खाने का फ्लेवर बढ़ाने के साथ ही ये कई बीमारियों को भी दूर रखती है. ठंड के मौसम में मिलने वाले मेथी के पत्तों की सब्ज़ी बनाकर खाएं. स्वाद में भले ही ये थोड़ी कड़वी होती है, मगर सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है. ख़ासकर महिलाओं के लिए. वैसे स़िर्फ मेथी के पत्ते ही नहीं, मेथी दाना भी सेहत का खज़ाना है. मेथी में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है.
* डिलीवरी के बाद महिलाओं को मेथी के लड्डू खाने को कहा जाता है. इससे प्रेग्नेंसी के बाद शरीर मज़बूत बनता है और कमज़ोरी महसूस नहीं होती. ब्रेस्टफीड करानेवाली महिलाओं के लिए मेथी के पत्तों की सब्ज़ी बहुत फ़ायदेमंद होती है. मेथी कैल्शियम का भी बेहतरीन स्रोत है.
* पेट में जलन होने पर मेथी की सूखी पत्तियों और शहद को मिलाकर काढ़ा बनाएं. दिन में दो बार इसे पीने से पेट की जलन से राहत मिलती है.
* मेथीदाना को पीस लें और गुड़ में मिलाकर लड्डू बनाएं. ठंड के मौसम में रोज़ाना एक लड्डू खाने से सर्दी-खांसी की समस्या नहीं होगी.
* मेथी की सब्ज़ी बनाकर खाएं. इससे डाइजेशन ठीक रहता है.
* मेथी बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करके हार्ट डिसीज़ के ख़तरे को कम करती है.
* मेथी डायबिटीज़ पेशेंट के लिए भी रामबाण से कम नहीं है. ये शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है.
* यह शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करती है.
* मेथी याददाश्त बढ़ाने में भी मददगार है.
* वज़न कम करने में भी मेथी कारगर है. इसमें पाए जाने वाले फाइबर्स पेट के लिए फ़ायदेमंद होते हैं.
* मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाएं, बहुत फ़ायदा होगा.
* यदि स्किन प्रॉब्लम्स जैसे- रिंकल्स, ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, ड्राईनेस आदि से परेशान हैं, तो मेथी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं और क़रीब 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें.
* हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में भी मेथी बेहद कारगर होती है.
* मेथी एक बेहतरीन घरेलू दवा का काम करती है. ये बुखार और कई अन्य मौसमी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है.
* मेथी के पत्तों से हर्ब टी बनाई जा सकती है, इसे पीने से दिमाग़ शांत और फ्रेश रहता है.
* मेथी में आयरन भी भरपूर मात्रा में होता है, इससे शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है.
* मेथी के नियमित सेवन से महिलाओं को पीरियड्स और मेनोपॉज़ के दौरान होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है.
हेल्थ भी टेस्ट भी
मेथी सलाद
एक गड्डी मेथी को धोकर नमक लगाकर 30 मिनट रखकर पानी निचोड़ लें. फिर मेथी के पत्तों को बारीक़ काट लें. आधा-आधा कप बारीक़ कटे प्याज़ और टमाटर, मेथी, आधा टीस्पून लालमिर्च पाउडर, 1 टीस्पून तेल और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें. तैयार मेथी सलाद का मज़ा लें.
मेथी टमाटर
एक गड्डी मेथी को साफ़ करके काट कर उबाल लें. कड़ाही में 1 टेबलस्पून तेल गरम करके हींग, राई और जीरे का छौंक लगाएं. अब 1 टमाटर बारीक़ कटा हुआ, आधा-आधा टीस्पून धनिया पाउडर व लालमिर्च पाउडर डालकर 2 मिनट तक भूनें. 2-3 टेबलस्पून पानी डालकर एक उबाल आने पर मेथी व नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें. धीमी आंच पर 5-7 मिनट पकने के बाद आंच से उतार लें.
– कंचन सिंह

आयरन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर खजूर (health benefits of dates) को सर्दियों का मेवा कहा जाता है. ठंड के मौसम में इसका सेवन बहुत फ़ायदेमंद होता है. इंस्टेंट एनर्जी देने के साथ ही ये त्वचा पर उभरने वाली महीन रेखाओं (fine lines) को भी कम करने में मदद करता है.
1. खजूर खाने से इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है, जिससे शरीर मौसम के बदलाव को आसानी से सहन कर लेता है.
2. डाइट्री फाइबर, एंटीऑक्सिटेंड और शुगर के गुणों से भरपूर खजूर एनर्जी बूस्टर का काम करता है.
3. खजूर में फैट की मात्रा कम होती है. ये कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है, इसलिए हेल्थ कॉन्शियस लोगों के लिए बेहतरीन स्नैक्स है.
4. इसमें फाइबर और प्रोटीन के साथ ही विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, ए1 और सी भी भरपूर मात्रा में होता है.
5. खजूर आयरन और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीज़, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं.
6. खजूर त्वचा के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है. इसे खाने से चेहरे पर उभरने वाली फाइन लाइन्स कम हो जाती हैं और स्किन ग्लो करती है.
7. जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, उनके लिए खजूर बहुत फ़ायदेमंद है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को ठीक रखता है. रोज़ाना रात को चार खजूर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खा लें.
8. यदि वज़न बढ़ाना चाहते हैं, तो दूध के साथ खजूर खाएं. रोज़ 1 ग्लास दूध में 4-5 खजूर डालकर पीएं.
9. बढ़ते बच्चों के लिए भी खजूर बहुत उपयोगी है. इसे खाने से हड्डियां मज़बूत बनती है. साथ ही ये जॉइंट पेन से भी राहत दिलाता है.
10. एनीमिया के मरीज़ों के लिए खजूर रामबाण का काम करता है. खजूर में मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाने के साथ ही लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) को भी बनाता है. रोज़ाना सुबह-शाम खजूर खाएं.
यूं खाएं खजूर
* खजूर को आप पैकेट से निकालकर सीधे भी खा सकती हैं या फिर इसे पिघली हुई चॉकलेट से कोट करके खाएं.
* खजूर का बीज निकालकर इसे बादाम व अखरोट के साथ खाएं.
* फ्रूट सलाद में कटे हुए खजूर डालकर उसे और स्वादिष्ट बना सकती हैं.
* किसी भी स्वीट डिश में खजूर डालने से उसका टेस्ट और फ्लेवर बढ़ जाता है.
ऐसे बनाएं खजूर चॉकलेट बॉल्स
सामग्री
500 ग्राम (2 मिडियम साइज़ के पैकेट)- मारी बिस्किट
1 बड़ा कप- खजूर
आधा कप- सूखा नारियल
5 टेबलस्पून- कोका पाउडर
500 मि.ली.- कंडेन्स्ड मिल्क
गार्निशिंग के लिए
4 टेबलस्पून- आइसिंग शुगर/कद्दूकस किया चॉकलेट/खजूर के टुकड़े
विधि
मारी बिस्किट को बड़े ज़िप लॉक बैग में डालकर रोलिंग पिन से क्रश करें. आप चाहें तो फूड प्रोसेसर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बिस्किट बिल्कुल पाउडर न बन जाएं. खजूर के बीज निकालकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. अब सभी सामग्री को मिक्स करके छोटे-छोटे बॉल्स बना लें और फ्रिज में कम से कम 45 मिनट के लिए रखें. सर्व करने से पहले आप चाहें तो इसे चॉकलेट (कद्दूकस किया हुआ) या फिर आइसिंग शुगर से गार्निश कर सकती हैं.
– कंचन सिंह