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#HealthAlert: कोरोना के वैक्सीन लेने के बाद ध्यान रखी जानेवाली ज़रूरी बातें… (Important Things To Keep In Mind After Taking The Covid-19 Vaccine)

कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिए वैक्सीन सुरक्षा के सबसे प्रभावशाली तरीक़े के तौर पर सामने आई है. वैक्सीन लगवाने के बाद यदि आप वायरस के संक्रमण का शिकार होते हैं, तो गंभीर प्रभावों की संभावनाएं कम हो जाती हैं. हालांकि, जिन वैक्सीन को मान्यता प्रदान की गई है, उनका सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए बहुत ध्यान से परिक्षण किया जाता है, उन्हें केवल अधिकृत कर्मियों से ही लगवाया जाना चाहिए.

जब आप वैक्सीन लगवाने के लिए जाते हैं, तो आपको इससे होनेवाले अपेक्षित दुष्प्रभावों को समझ लेना चाहिए और वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद के सुरक्षा के तौर-तरीक़ों को अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए. यहां पर रोहित शेलतकर, वी.पी., वीटाबायोटिक्स, स्वास्थ्य एवं पोषण विशेषज्ञ द्वारा कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो आपको वैक्सीन लगवाने के बाद के दिनों में सहायता करेंगे.
जैसे-जैसे आपका शरीर अपनी रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है, कुछ मामूली से दुष्प्रभावों के लिए आपको तैयार रहना चाहिए. ये दुष्प्रभाव एक-दो दिनों तक रह सकते हैं. इनमें इंजेक्शन ली जानेवाली जगह पर दर्द और लाल होना, ठंड लगना और हल्का बुखार होना, शरीर में दर्द होना, सिरदर्द होना और थकान महसूस होना शामिल हैं. डॉक्टर की सलाह के अनुसार, आपको पैरासिटामोल या बुखार की कोई और दवा लेनी चाहिए.

  • बहुत ज़्यादा तनाव वैक्सीन के असर और प्रभावशीलता को कमज़ोर कर सकता है. शांत करने वाले व्यायाम, ध्यान लगाना और सुगंध चिकित्सा की सलाह दी जाती है. सांस लेने-छोड़ने का व्यायाम नियमित तौर पर करें.
  • वैक्सीन लेने के बाद बिल्कुल भी धूम्रपान नहीं करना चाहिए और शराब नहीं पीनी चाहिए. धूम्रपान करना बहुत-सी वैक्सीन्स के रोगप्रतिरोधक तत्वों के असर को कम करने के लिए जाना जाता है. यही बात शराब पर भी लागू होती है.
  • भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ लें और वैक्सीन की खुराक लेने के बाद अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें. कम से कम दो दिनों तक किसी भी तरह का अत्यधिक एक्सरसाइज़ करने से बचना चाहिए. शरीर को समय की ज़रूरत होती है और अधिक एक्सरसाइज़ करने से थकान हो सकती है.
  • वैक्सीन लेने से पहले और बाद में पोषक आहार महत्वपूर्ण होता है. हरी सब्ज़ियां, जैसे- साग, पालक, ब्रोकोली का सेवन करें, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है. डॉक्टरों का कहना है कि ये चीज़ें वैक्सीन लेने के बाद होनेवाली सूजन का मुक़ाबला करने में मदद कर सकती हैं. ज़िंक, विटामिन सी, बी12, डी और ए शामिल करें. ये छोले, फलियों (लोबिया जैसी विभिन्न प्रकार की बीन्स) और दाल में आसानी से उपलब्ध होते हैं, जो शरीर को कोविड से बेहतर तरीक़े से लड़ने में और वैक्सीन को ठीक तरह से काम करने में भी मदद करते हैं.
  • सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आपके ऊर्जा के स्तरों पर प्रभाव कम से कम हो. पनीर, चिकन, अंडे, मछली और राजमा जैसे प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों को पर्याप्त मात्रा में शामिल करें. सबसे अच्छा है कि आप अपने सभी प्रमुख भोजनों में किसी न किसी रूप में प्रोटीन को ज़रूर शामिल करें.
  • धैर्य रखें. बहुत अधिक लक्षण दिखाई देने पर घबराएं नहीं. वैक्सीन के प्रभाव सामान्य और अपेक्षित होते हैं. अधिकतर मामलों में ये कुछ दिनों के अंदर अपने आप चले जाते हैं. समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहें और वैक्सीन पर भरोसा रखें.
    जैसा कि हमनें दूसरी लहर में देखा, हम कोविड की इस महामारी को हल्के में नहीं ले सकते. दुनियाभर में, इसकी गंभीरता से निपटने के लिए वैक्सीन्स सबसे प्रभावी उपाय के तौर पर सामने आई है. वैक्सीन लेने के बाद हमारे सुझाव आपको उसके प्रभावों से निपटने में मदद करेंगे. अतः वैक्सीन लें और सुरक्षित रहें!
Covid-19 Vaccine


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Photo Courtesy: Freepik

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पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में लगी आग, कोविड वैक्सीन बनाने वाली जगह को लेकर चिंता बढ़ी (Maharashtra Fire Breaks Out At Terminal 1 Gate Of Serum Institute Of India In Pune)

महाराष्ट्र के पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में आग लग गई है, जिससे कोविड वैक्सीन बनाने वाली जगह को लेकर चिंता बढ़ी है. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ही कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड बना रही है, जिसकी आपूर्ति भारत समेत कई देशों में की जा रही है. हालांकि आग लगने की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है. दमकल विभाग की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं.

Serum Institute Of India

कोविड वैक्सीन बनाने वाली जगह को सुरक्षित बताया जा रहा है
महाराष्ट्र के पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में आग लग गई है, जिससे पूरे देश में चिंता की लहर है. बता दें कि पिछले साल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था, लेकिन अभी इस प्लांट में वैक्सीन का उत्पादन नहीं शुरू हो पाया है, इसलिए फिलहाल कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड बनाने वाली जगह को सुरक्षित बताया जा रहा है. कोविशिल्ड बनाने वाली जगह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की इस बिल्डिंग से एक किलोमीटर दूर है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि फंसे हुए लोगों को बाहर निकाल लिया गया है.

न्यूज़ एजेंसी ANI ने ट्वीट करके महाराष्ट्र के पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के टर्मिनल एक गेट में आग लगने की जानकारी दी है.

https://twitter.com/ANI/status/1352205083073646595?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1352205083073646595%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Findia%2Fmaharashtra%2Fstory%2Fmaharashtra-fire-breaks-out-at-terminal-1-gate-of-serum-institute-of-india-in-pune-1195704-2021-01-21

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट करके बताया है कि सीरम इंस्टीट्यूट में लगी आग से किसी की भी जान को कोई नुक़सान नहीं हुआ है, हालांकि बिल्डिंग के कुछ फ्लोर की काफी क्षति हुई है.

https://twitter.com/adarpoonawalla/status/1352210515880255489

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में लगी आग की घटना के बाद उस इलाके की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है, ताकि कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड बनाने वाली जगह की सुरक्षा में कोई कमी न आने पाए.

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कोविड वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल मिशन से जुड़ना गर्व की बात: डॉ. सुरेश सुंदर (COVID-19 Vaccine: Happy To Be Part Of Noble Effort, Says Trial Volunteer Dr. Suresh Sundar)

कोरोना ने जहां पूरे संसार की रफ़्तार को धीमा कर दिया वहीं मानव जाति पर भी यह एक बड़ा संकट है यह कहना ग़लत नहीं होगा, ऐसे में सभी को इंतज़ार है तो बस वैक्सीन का. इसकी कोशिशें भी हो रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन के रूप में हमारे पास कोरोना को हराने का हथियार होगा.

कई देशों में वैक्सीन के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा है और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी भी इस ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रही है और भारत में सिरम इंस्टिट्यूट और आईसीएमआर के साथ मिलकर एक सशक्त वैक्सीन- ‘कोविशील्ड’ के निर्माण की दिशा में वो काफ़ी आगे बढ़ चुकी है क्योंकि उसने ह्यूमन वैक्सिनेशन भी लगभग पूरा कर लिया है और अब वो इसके असर और प्रभाव पर नज़र बनाए हुए है.
ह्यूमन ट्रायल के लिए कुल भारत में 1600 वॉलंटियर्स की ज़रूरत थी और केईएम में 100, जिसमें से एक हैं महाराष्ट्र के नामी डॉक्टर सुरेश सुंदर जिनसे हमारी इस प्रक्रिया को लेकर बात हुई और हमें इस विषय को बेहतर तरीक़े से समझने में मदद मिली.

COVID-19 Vaccine

इतने महत्वपूर्ण मिशन के लिए वॉलंटियर बनने की क्या शर्तें और मानक होते हैं?

मैं भी डॉक्टर हूं तो ज़ाहिर है हमारा संपर्क और बातचीत होती रहती है इस तरह की कोशिशों से जुड़े लोगों से, इसीलिए मुझे भी अवसर मिला कि मैं इस अच्छे काम का हिस्सा बनूं.

आप कैसे इस मिशन से जुड़े?

आप एडल्ट हों और पूरी तरह हेल्दी हों. आपको कोरोना ना हुआ हो और आप मानसिक रूप से भी मज़बूत हों. पहले स्टेप में स्क्रीनिंग होती है जिसमें आपका हेल्थ चेकअप, कोविड टेस्टिंग वैग़ैरह होता है और दूसरा स्टेप होता है काउन्सलिंग का जिसमें आपको पूरी प्रक्रिया की गंभीरता और साइडइफ़ेक्ट्स की संभावनाओं के बारे में मानसिक रूप से तैयार किया जाता है.

इसके रिस्क फ़ैक्टर्स के बारे में कुछ बताइए?

चूंकी यह पूरी तरह नई वैक्सीन है तो इसके बारे में हमें ज़्यादा कुछ पता नहीं होता, ऐसे में इसके साइडइफ़ेक्ट्स भी कई तरह के हो सकते हैं, जैसे- मसल वीकनेस, किसी तरह की कमज़ोरी और यहां तक कि जान को भी ख़तरा हो सकता है.

Dr. Suresh Sundar

ऐसे में आप और आपके परिवार वाले कैसे तैयार हुए?

मेरी पत्नी भी डॉक्टर हैं और मैं भी तो ज़ाहिर है ये वैक्सीन कितनी ज़रूरी है आज हमारे पूरे देश, दुनिया और समाज के लिए हम समझ सकते हैं. यह गर्व की बात है कि मुझे मौक़ा मिला इस तरह के कार्य का हिस्सा बनने का. चूंकी वैक्सीन को बिना ट्रायल के बाज़ार में उतारा नहीं जा सकता तो यह प्रक्रिया बेहद ज़रूरी हो जाती है.

COVID-19 Vaccine


मेरे परिजनों और दोस्तों ने मुझे हौसला दिया और यह भी कहना चाहूंगा कि प्रोफ़ेसर डॉक्टर गोगटे और केईएम डीन डॉक्टर देशमुख जिस तरह के प्रयास कर रहे हैं इस वैक्सीन के निर्माण व ट्रायल में वो क़ाबिले तारीफ़ है.

आपने अपना ट्रायल पूरा कर लिया?

मुझे 2 शॉट्स वैक्सीन के लग चुके हैं और नियम के मुताबिक़ 28 दिनों के अंतराल पर इसे लगाया जाता है. दो ही बार इसे इंजेक्ट किया जाता है और उसके बाद 5 महीनों तक मॉनिटर किया जाता है कि हमें किसी तरह के कॉम्प्लिकेशन्स या साइडइफ़ेक्ट तो नहीं हो रहे.
यह ट्रायल 5 महीनों तक चलता रहेगा और अभी तक वॉलंटियर्स को वैक्सिनेशन का काम पूरा हुआ है.

COVID-19 Vaccine

अब तक तो मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं और उम्मीद है कि यह वैक्सीन जल्द ही मानकों पर खरी उतरेगी और लोगों तक पहुंचेगी!

लेकिन तब तक सभी ध्यान रखें, सुरक्षित रहें, मास्क सही तरह से मुंह और नाक ढंककर पहनें, सोशल डिसटैंसिंग का पालन करें और स्वच्छता का पूरा ख़्याल रखें, सतर्क रहें!

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