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Coronavirus Symptoms vs Com...
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रॉक ऑन, वो लम्हे, एयर लिफ्ट फिल्मों के एक्टर पूरब कोहली का पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित हुआ. पूरब कोहली ने इस बात का खुलासा इंस्टाग्राम पर किया. पूरब कोहली ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है कि किस तरह उनका पूरा परिवार कोरोना का शिकार हुआ. बता दें कि पूरब कोहली इस समय लंदन में रह रहे हैं. पूरब कोहली ने इंस्टाग्राम पर इस बात का खुलासा किया कि वो और उनका पूरा परिवार कोरोना वायरस पॉजिटिव था.
ऐसे हुई एक्टर पूरब कोहली और उनके परिवार के कोरोना पॉज़िटिव होने की पुष्टि
पूरब कोहली ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनके जनरल फिजिशयन ने पूरब को बताया था कि वो और उनका परिवार कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया है. उनके परिवार में सबसे पहले आम फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने लगे, लेकिन बाद में इस बात की पुष्टि हो गई कि पूरब कोहली और उनका परिवार कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. पूरब और उनके परिवार के सभी सदस्य पिछले दो हफ्ते से लंदन में सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे हैं.
सबसे पहले पूरब कोहली की बेटी इनाया को हुआ कोरोना
पूरब कोहली ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से बताया कि सबसे पहले उनकी बेटी इनाया को कोरोना हुआ, उनकी बेटी को सबसे पहले कफ और सर्दी हुई थी. इसके बाद उनकी बीवी को सीने में दर्द होने लगा. फिर पूरब कोहली को सर्दी हो गई. इस तरह उनका पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित हो गया.
एक्टर पूरब कोहली और उनका पूरा परिवार कोरोना से कैसे संक्रमित हुआ, इसके बारे में पूरब कोहली ने इंस्टाग्राम पर शेयर की ये पोस्ट
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पूरब कोहली और उनके परिवार का कोरोना संक्रमण अब ठीक हो गया है
पूरब कोहली ने बताया कि अब वो और उनका परिवार पूरी तरह से ठीक हो गया है. उनका क्वारनटीन पीरियड भी अब ख़त्म हो गया है. पूरब कोहली ने ये भी बताया कि इलाज के अलावा उन्होंने तथा उनके परिवार ने घरेलू नुस्खे, जैसे- अदरक, हल्की, शहद, गरम पानी का भी प्रयोग किया. पूरब कोहली ने सबसे घर पर रहने और अपने शरीर का ध्यान रखने को कहा है.
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ज्योतिष के अनुसार, यदि आप अपने जीवन में इन बातों और नियमों को शामिल कर लेंगे, तो कोरोना वायरस के प्रकोप से बच सकते हैं. कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर भारी पड़ रहा है. कोरोना वायरस के प्रकोप से अब तक हज़ारों जानें जा चुकी हैं. कोरोना वायरस के प्रकोप पर ज्योतिष क्या कहता है. ज्योतिष के अनुसार भारत और पूरा विश्व कोरोना वायरस के प्रकोप से कब मुक्ति पा सकेगा, ये जानने के लिए हमने बात की ज्योतिष शिरोमणि पंडित राजेंद्र जी से. पंडित राजेंद्र जी के अनुसार, कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ बदलाव करने होंगे. उन्होंने हमें भारत और पूरे विश्व के कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के संभावित समय के बारे में भी बताया. आप भी जानिए, कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के उपाय.
26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण का असर
जैसा कि आपको पता ही होगा, 26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण था, जहां पर गुरु की राशि प्रभावित हुई थी. गुरु ग्रह भी निर्बल हो गये थे. आपने देखा होगा कि इसके बाद से देश में क्या-क्या परेशानियां आईं. 26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण के बाद से देश में मार-पीट, दंगे- फसाद होते रहे, मौसम में अचानक बदलाव होते रहे. और अब पूरे विश्व की तरह भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप छाया हुआ है.
प्रकृति ने हमें सुधरने का एक और मौक़ा दिया है
हम मानें या ना मानें, जब भी हम प्रकृति के साथ अति करते हैं, तो प्रकृति भी हमें सबक सिखा देती है, क्योंकि प्रकृति अपना संतुलन खुद बनाना जानती है. प्रकृति ने हमें कई इशारे दिए, ताकि हम संभल जाएं, सुधर जाएं. ग्लोबल वॉर्मिंग, पानी की कमी, सुनामी, भूकंप… प्रकृति के हर इशारे को नज़रअंदाज़ करते हुए हम गलतियां करते चले गए. रोज़ बाहर जाना, रोज़ बाहर खाना, हर रोज़ मनोरंजन, पब, बार, मॉल्स, सिनेमा हॉल्स… ज़िंदगी के लिए हमें यही चीज़ें ज़रूरी लगने लगी थीं, जिसके चलते हम अपने शरीर को चौबीस घंटे चलने वाली मशीन और अपने पेट को कचरे का डिब्बा बना दिया था. अपने घर को तो जैसे हमने धर्मशाला मान लिया था, जहां सिर्फ कुछ समय विश्राम करके हम ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाने फिर बाहर निकल जाते थे. इस सुंदर धरती को हमने कंक्रीट का जंगल और केमिकल का अंबार बना दिया था. अब प्रकृति ने हमें सुधरने का एक और मौक़ा दिया है. आज हमारे पास खुद को बचाने का सिर्फ यही विकल्प है कि हम अपने घर में रहें, सफाई का ध्यान रखें, घर का सादा खाना खाएं, प्रकृति के इशारे को समझें, प्रकृति से एकाकार ही जाएं, योग, ध्यान और प्रार्थना करें. प्रकृति ने हमें एक बार फिर अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर दिया है. यदि हमने ये अवसर गंवा दिया, तो फिर हमें कोई नहीं बचा सकता, इसलिए समय के अनुसार खुद को बदलें और ज़िंदगी को खूबसूरत बनाएं.
26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण के लिए पंडित राजेंद्र जी ने क्या भविष्यवाणी की थी और इस सूर्यग्रहण का आपकी राशि पर क्या असर होगा, जानने के लिए देखें ये वीडियो:
ये 3 महीने हैं मुश्किल भरे
30 मार्च 2020 को गुरु ग्रह अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश कर रहे हैं, जहां पर पहले से ही शनि देव और मंगल 22 मार्च को आए हुए हैं. शनि-मंगल की युति बनी हुई है, जिसे शुभ नहीं कह सकते. गुरु ग्रह को धर्म-अध्यात्म, विद्या, धन का बड़ा कारक ग्रह माना गया है और इस समय गुरु जैसा बड़ा ग्रह नीच राशि में जा रहा है, उस पर शनि-मंगल की युति चल रही है, ऐसे में इस समय को शुभ नहीं कह सकते हैं. इसके साथ ही बुध ग्रह भी अपनी नीच राशि में जा रहे हैं यानी 7 अप्रैल 2020 को मीन में जा रहे हैं. ये तीन महीने आर्थिक हानि से भरे होंगे, कई लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं. शेआर मार्केट पर भी इसका असर देखने को मिलेगा, व्यापारी वर्ग को शांति बनाए रखनी होगी और समझदारी दिखनी होगी, क्योंकि ये तीन महीने उनके लिए चिंताजनक हो सकते हैं. देश-विदेश में आर्थिक लेनदेन में कमी देखने को मिलेगी. ग्रहों की स्थिति को देखते हुए 9 मई तक का समय इतना शुभ नहीं कह सकते हैं. इसके बाद समय कुछ हद तक सुधरेगा और लोग राहत की सांस ले सकेंगे.
यह भी पढ़ें: कोरोनावायरस से बचने के लिए करें ये घरेलू उपाय (10 Home Remedies To Avoid Coronavirus)
ज्योतिष के अनुसार ये करेंगे तो बच सकते हैं कोरोना वायरस के प्रकोप से
ग्रह साफ़ इशारा कर रहे हैं कि आनेवाले समय में आपको शांति, समझदारी और धैर्य से काम लेना होगा, वरना आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं. प्रकृति भी इशारा कर रही है कि आप कहीं न कहीं सबकुछ भूलकर माया की चपेट में आ गये हैं, उस माया की चपेट से निकालने के लिए समाज के लिए यह एक सीख भी है कि हमें अपने समाज और प्रकृति पर ध्यान देना होगा. इसीलिए आप अगर देखें तो आज ज़िंदगी की रफ़्तार जैसे थम-सी गई है. प्रकृति ने हमें ये एक अच्छा समय दिया है, जहां हम कुछ पल ठहरकर ख़ुद से मिलें, ख़ुद को जानें, बाहर की दुनिया में न जाकर अपने भीतर की दुनिया में प्रवेश कर सकें. इस समय का लाभ उठाइए और अपने भीतर की शक्ति को जगाइए. अपने लिए, अपने परिवार के लिए और पूरे विश्व के लिए प्रार्थना कीजिए. नवरात्रि भी आ रही है, यह एक साधक के लिए अच्छा समय है, इस समय का लाभ उठाइए. आर्थिक मंदी के इस दौर में आप पूजा, ध्यान, साधना, हवन करके आध्यात्मिक रूप से धनवान ज़रूर बन सकते हैं.
कोरोना के प्रकोप से डरने की बजाय ख़ुद को सशक्त बनाइए, प्रकृति की शरण में जाइए और योग-ध्यान-प्रार्थना से जीवन को सार्थक बनाइए. यकीन मानिए, इस ठहराव के बाद एक बेहतरीन इंसान के रूप में जैसे आपका पुनर्जन्म हो जाएगा.
– कमला बडोनी
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जैसे-जैसे कोरोना वायरस इंफेक्शन या कोविड-19 को लेकर लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे थोड़ा भी बीमार पड़़ने पर घबड़ाने की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं. यही ध्यान रखकर हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिससे आप ऐसी गलती न करें.
- कोरोना वायरस है या सामान्य फ्लू
. दोनों ही केसेज़ में खांसी, बुखार और थकान महसूस होती है. कुछ केसेज़ में डायरिया और उल्टी भी होती है.
. यह हल्का या गंभीर दोनों हो सकता है. कुछ केसेज़ में जानलेवा भी.
. इससे निमोनिया भी पनप सकता है.
ट्रांसमिशन
. दोनों ही संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने के दौरान निकले छीटों से फैलता है.
. फ्लू संक्रमित व्यक्ति द्वारा इसके लक्षण दिखने के कई दिनों पहले से ही फैलाया जा सकता है, कोरोनावायरस के केस में भी ऐसा ही होता है, पर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
इलाज
. दोनों के वायरस को एंटीबायोटिक्स से ठीक नहीं किया जा सकता. एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टिरियल इंफेक्शन में काम करते हैं.
. दोनों ही बीमारियों में उनके लक्षण जैसे बुखार आदि का इलाज करके उसे ठीक किया जा सकता है. कुछ गंभीर केसेज़ में अस्पताल में भर्ती करने या वेंटिलेशन पर रखने की ज़रूरत पड़ सकती है.
बचाव
. दोनों की केसेज़ में अच्छी तरह से हाथ धोने, बीमार होने पर घर में रहने और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाकर इन बीमारियों से बचाव संभव है.
दोनों के बीच का अंतर
फ्लूः यह विभिन्न प्रकार के इंफ्लूएंज़ा वायरस के कारण फैलता है.
कोविड-19: यह एक प्रकार के वायरस, नोवल 2019 कोरोनावायरस से फैलता है. जिसे अब सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 या SARS-Cov-2 कहा जाता है.
वैक्सीन
फ्लूः इसका वैक्सीन उपलब्ध है, जो ज़्यादातर गंभीर केसेज़ को रोक सकता है.
कोरोना वायरसः अभी तक विकसित नहीं किया गया है.
इंफेक्शन
फ्लू: दुनियाभर में अनुमानित 7 अरब से ज़्यादा केसेज़
कोरोना वायरस– दुनियाभर में अनुमानित 97,000 केसेज़
एक बात ध्यान देने योग्य है कि किसी व्यक्ति को अगर खांसी, बुखार या सर्दी है, वो कोरोनावायरस से पीड़ित नहीं है. यह इंफेक्शन उन लोगों को होने का खतरा ज़्यादा है जो उन देशों की यात्रा पर गए हों, जहां यह बीमारी फैली है. जैसे-इटली या चीन या वे व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति से नज़दीकी संपर्क में आते हैं.
अगर आपको कोरोना वायरस से संबंधित जांच करानी हो तो क्या करें
. केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 01123978046 पर कॉल करें या [email protected] पर मेल करें.
. डिस्ट्रिक सर्विजिलेंस ऑफिसर आपके घर आएगा या इंफेक्शन के चांसेज़ होने पर आपको हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा.
. सरकार ने संदिग्घ केसेज़ की जांच के लिए अलग एंबूलेंस की व्यवस्था की है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए.
. सैंपल लेने के बाद डॉक्टर्स जांच करके यह फैसला करेंगे कि मरीज को अस्पताल में रखना है या घर में ही किसी एकांत जगह पर.
. अगर टेस्ट पॉज़िटिव आता है, तो रिकवरी तक मरीज को एकांत जगह पर रहना पड़ता है.
हाथ धोने का सही तरीका
. साफ पानी (ठंडा या गर्म) से हाथ गीले करें और साबुन लगाएं.
. साबुन को हथेलियों के अगले-पिछले, उंगलियों के बीच में और नाखून के अंदर भी लगाएं.
. हथेलियों को कम से कम 20 सेकेंड तक रगड़ें.
. पानी से हाथ धोएं.
. साफ तौलिये से हाथ सुखाएं.
बचने का सबसे सुरक्षित तरीक़ा
बार-बार हाथ धोने से बीमारी फैलानेवाले बैक्टिरिया और जर्म्स मर जाते हैं.
वैश्विक सलाह
WHO: कोरोना वायरस से बचने के लिए हाथों को साफ रखना सबसे जरूरी है.
CDC: सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, अमेरिका के अनुसार, साबुन और पानी से हाथ धोना कोरोना वायरस से बचने का सबसे सुरक्षित तरीक़ा है.
साबुन पानी या सैनिटाइज़र?
. साबुन और पानी सैनिटाइज़र से बेहतर होते हैं, क्योंकि सैनिटाइज़र हर प्रकार के जर्म्स को नहीं मारता.
. इसके अलावा बहुत से लोग सैनिटाइज़र का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते. वे या तो बहुत कम सैनिटाइजर लगाते हैं या लिक्विड के सूखने से पहले ही हाथ पोछ लेते हैं.
. गंदे और तैलीय हाथों में सैनिटाइजर उतना प्रभावकारी नहीं होता. . अगर साबुन उपलब्ध न हो तो एल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना चाहिए.