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कोरोना वायरस से उन लोगों के लोगों को ज़्यादा ख़तरा रहता है, जिन्हें सर्दी-खांसी, जुकाम, अस्थमा आदि की शिकायत हो. कोरोना वायरस लॉकडाउन पीरियड में खुद को सर्दी-खांसी, जुकाम से बचाए रखने के लिए आप ये 10 घरेलू नुस्खे ट्राई कर सकते हैं. जिन लोगों को हमेशा सर्दी, खांसी, जुकाम की तकलीफ रहती है, उनके लिए सर्दी-जुकाम से बचने के ये 10 घरेलू उपाय बहुत लाभदायक हैं. कोरोना लॉकडाउन में सर्दी, खांसी, जुकाम से बचने के लिए आप भी ये 10 घरेलू उपाय ज़रूर ट्राई करें.
सर्दी, खांसी, जुकाम से बचने के लिए ट्राई करें ये 10 घरेलू नुस्ख़े
1) तुलसी के पत्ते और नमक
यदि आपको सर्दी-जुकाम की शिकायत है, तो तुलसी के पत्ते काले नमक के साथ खाएं. ऐसा नियमित रूप से करने से आपको जल्दी ही आराम मिल जाएगा.
2) हल्दी वाला दूध
जिन लोगों को हमेशा सर्दी, खांसी, जुकाम की तकलीफ रहती है, उन्हें रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना चाहिए. हल्दी वाला दूध पीने से आपकी सर्दी, खांसी, जुकाम की तकलीफ भी ठीक हो जाएगी और सेहत भी बनी रहेगी.
3) नींबू और अदरक
जिन लोगों को अक्सर सर्दी-जुकाम, खांसी की शिकायत रहती है, उन्हें नींबू का रस अदरक के साथ लेना चाहिए. नींबू-अदरक का रोज़ाना सेवन करने से सर्दी-जुकाम, खांसी की तकलीफ से छुटकारा मिल जाता है.
4) लहसुन
यदि आपको हमेशा सर्दी-जुकाम, खांसी की तकलीफ रहती है, तो लहसुन को घी में भूनकर गरम-गरम ही खा लें. ऐसा करने से सर्दी-जुकाम, खांसी से छुटकारा मिलता है और इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है.
यह भी पढ़ें: एसिडिटी व गैस से छुटकारा पाने के 5 चमत्कारी घरेलू नुस्ख़े (5 Best Home Remedies To Get Rid Of Acidity And Gas)
5) भुने हुए चने
रात को सोने से पहले भुने चने खाकर ऊपर से गरम दूध पीएं. इससे सांस की नली साफ़ होती है और सर्दी-जुकाम, खांसी की शिकायत दूर हो जाती है.
6) मसाला चाय
सर्दी-जुकाम, खांसी से राहत पाने के लिए गरम-गरम मसाला चाय पीएं. इसके लिए चाय में अदरक, तुलसी और काली मिर्च मिलाएं. मसाला चाय स्वाद में भी अच्छी होती है और सर्दी-जुकाम, खांसी से भी छुटकारा देती है.
7) काली मिर्च
सोने से पहले 2-3 काली मिर्च चबाने से सर्दी-जुकाम, लंबी खांसी की समस्या से छुटकारा मिल जाता है. काली मिर्च को तुलसी के पत्तोें में मिलाकर खाने से भी सर्दी-जुकाम दूर हो जाता है.
8) गाजर का जूस
जिन लोगों को हमेशा खांसी-जुकाम की तकलीफ रहती है, उन्हें नियमित रूप से गाजर का जूस पीना चाहिए. गाजर के जूस से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और खांसी-जुकाम की तकलीफ दूर हो जाती है.
बीमारी से बचने के वास्तु उपाय जानने के लिए देखें ये वीडियो
9) अदरक और नमक
यदि सर्दी-जुकाम से आपका गला बैठ गया है, तो अदरक को छोटे टुकड़ों में काटकर उसमें नमक मिलाकर खा लें. ऐसा करने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है और बैठा गला भी खुल जाता है.
10) गरम पानी और नमक से गरारे
खांसी-जुकाम से छुटकारा पाने के लिए गरम पानी में नमक मिलाकर गरारे करें. खांसी-जुकाम से छुटकारा पाने का ये बहुत ही आसान और कारगर घरेलू नुस्खा है.
यह भी पढ़ें: पीरियड्स प्रोब्लम्स (माहवारी की समस्या) के 5 आसान घरेलू उपाय (5 Best Home Remedies For Period Problems)

सब्ज़ी का स्वाद बढ़ानेवाली दालचीनी सेहत के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है. (Amazing Health Benefits of cinnamon)
ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है
दालचीनी के नियमित उपयोग से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. यह टाइप 2 डायबिटीज़ में बहुत उपयोगी साबित होती है.
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल
बॉडी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा कम होने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने लगता है. दालचीनी कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करती है. 2 चम्मच शहद, 3 चम्मच दालचीनी पाउडर 1/2 लीटर गरम पानी के साथ ले. इससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है.
उल्टी-दस्त में कारगर
बहुत ज़्यादा उल्टी-दस्त होने पर घरेलू उपचार में दालचीनी का उपयोग करें. इससे बहुत जल्द आराम मिलेगा. इसके लिए 1 ग्लास पानी में दालचीनी पाउडर उबालें फिर उसमें शहद मिलाएं और धीरे-धीरे पीएं. जल्द फ़ायदा मिलेगा.
अस्थमा से राहत
अस्थमा की समस्या होने पर दालचीनी पाउडर को गुड़ के साथ मिक्स करके गर्म पानी के साथ लें. इससे आराम मिलेगा.
कोल्ड-कफ में राहत
दालचीनी में एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो कोल्ड एंड कफ होने पर राहत पहुंचाते हैं. शहद के साथ दालचीनी पाउडर मिलाएं और गर्म पानी के साथ लें. जल्द आराम मिलेगा.
सिरदर्द से राहत
काम के प्रेशर से अगर सिर में अचानक से दर्द शुरू हो गया है, तो तुरंत दवाई खाने से बचें. दालचीनी पाउडर को गरम पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे माथे यानी फोरहेड पर लगाएं. 10 मिनट बाद बाद धो लें. आराम मिलेगा.
कान के दर्द से निजात
अगर कान में तेज़ दर्द हो रहा हो या कम सुनाई पड़ता हो, तो दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में लेने से बहुत फ़ायदा होता है.
गैस से राहत
गैस की समस्या हो तो दालचीनी का उपयोग फायदेमंद हैं. इसके लिए 1 चम्मच दालचीनी के पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन लाभप्रद होता है.
जॉइंट पेन से राहत
जोड़ो के दर्द को कम करने के लिए दालचीनी बहुत ही फ़ायदेमंद है. गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर और थोड़े-सा शहद मिलाकर शरीर में दर्द वाले अंग पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें. बहुत जल्द फ़ायदा होगा. एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से भी जोड़ों के दर्द से निजात मिलती है.
स्किन प्रॉब्लम से छुट्टी
त्वचा की समस्या होने पर भी दालचीनी बहुत फायदेमंद है. त्वचा में खाज और खुजली होने पर दालचीनी पाउडर तथा शहद बराबर मात्रा में लेकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को लगाने से त्वचा की यह समस्या दूर होती है. दालचीनी के पाउडर में थोड़ा सा नीबूं का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील मुंहासे दूर होते हैं.
दिल को रखे सेफ
आजकल की बिज़ी और स्ट्रेस भरी लाइफ में हमारा दिल कमज़ोर होता जा रहा है. ऐसे में इसकी हिफाज़त के लिए दालचीनी का सेवन करें. रोज़ाना शहद में दालचीनी मिलाकर खाने से फ़ायदा होगा.
क्या होता है दालचीनी में?
– विटामिन ए
– विटामिन बी6
– कैल्शियम
– आयरन
– मैग्नीशियम
– फाइबर
डायबिटीज़ से निजात पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies To Get Rid Diabetes)

पेटदर्द, सर्दी-ज़ुकाम और त्वचा संबंधी संक्रमण आदि बच्चों में होनेवाली छोटी व आम बीमारियां हैं, जिन्हें पैरेंट्स छोटी-छोटी तकली़फें समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है. आगे चलकर यही छोटी-छोटी बीमारियां उनके लिए परेशानियां बन सकती हैं.
सर्दी-ज़ुकाम: मौसम बदलने पर बच्चों में सर्दी-ज़ुकाम होना आम बात है. बड़े लोगों की तुलना में दो से पांच साल तक के बच्चों को ज़ुकाम अधिक होता है. नाक बहना, छींकना, थकान महसूस होना, कफ, गले में ख़राश, हल्का-सा बुखार आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं.
होम रेमेडीज़: लहसुन की 2 कलियां और 1 टेबलस्पून अजवायन को तवे पर भून लें. ठंडा होने पर कपड़े में बांधकर पोटली बना लें. इस पोटली को सोते समय बच्चों के सिरहाने रखें. इससे बंद नाक खुलती है और छाती में जमा कफ में भी आराम मिलता है.
♦ प्याज़ की 4-5 स्लाइस काटकर बच्चे के कमरे में रख दें, इससे बंद नाक खुलती है.
♦ 3-4 बूंद अदरक का रस और आधा टीस्पून शहद मिलाकर खिलाने से गले में खराश और कफ में आराम मिलता है.
♦ 3 टेबलस्पून राई में थोड़ा-सा पानी मिलाकर पीस लें. इस पेस्ट को बच्चे की छाती पर लगाएं. इससे छाती में जमा कफ में राहत मिलती है और बंद नाक भी खुलती है.
♦ बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद गुनगुना पानी पिलाएं. इससे बंद नाक और गले में होने वाली खराश में आराम मिलता है.
♦ नाक बंद होने पर नीलगिरी ऑयल की कुछ बूदें बच्चों के कपड़े पर लगाएं.
♦ सर्दी-जुक़ाम होने पर उनके गले, छाती और पीठ पर गुनगुने घी से हल्के हाथों से मसाज करें.
♦ नाक बंद होने पर बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है, इसलिए सोते समय उनके सिर के नीचे 2 सॉफ्ट तकिए रखें.
सावधानियां: यदि बच्चों को सर्दी-जुक़ाम है, तो उनके सामने धूम्रपान न करें.
♦ 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को सर्दी-ज़ुकाम हुए यदि 2 सप्ताह से अधिक समय हो गया है, तो घरेलू उपचार करने की बजाय तुरंत चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाएं.
पेट में दर्द, मरोड़, पेट फूलना और दस्त: बच्चे अक्सर गंदे हाथ या ज़मीन पर गिरी हुई चीज़ों को उठाकर मुंह में डाल लेते हैं, जिससे उन्हें पेट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं.
होम रेमेडीज़: साढ़े चार कप पानी में 2 टेबलस्पून जीरा मिलाकर 5 मिनट तक उबाल लें. ठंडा होने पर छानकर रख लें और बच्चे को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएं. इससेे भी दर्द में आराम मिलता है.
♦ 1 कप पानी में 1 टीस्पून सौंफ डालकर ढंककर 8-10 मिनट तक उबाल लें. छानकर रख लें. इस सौंफ टी को दिन में 3 बार पिलाएं. इससे पेट में होने वाले मरोड़ और दर्द में राहत मिलती है.
♦ बच्चों का पेट फूलने पर हींग को थोड़े-से पानी में गलाकर नाभि के आसपास लगाने से राहत मिलती है.
♦ दस्त होने पर आधा-आधा टीस्पून सौंफ और जीरे को तवे पर भूनकर पीस लें. इस पाउडर को दिन में 3-4 बार बच्चों को खिलाएं.
सावधानियां: दस्त होने पर बच्चों को दूध न दें.
♦ दस्त के साथ-साथ यदि बच्चे को तेज़ बुख़ार, पेटदर्द या उल्टी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
कब्ज़: बड़े लोगों को ही नहीं, नवजात और बड़े बच्चों में भी कब्ज़ की शिकायत होना एक आम बीमारी है. शरीर में फाइबर की कमी होने के कारण कब्ज़ की समस्या होती है.
होम रेमेडीज़: बच्चों को अधिक मात्रा में पानी पिलाएं.
♦ आधा टीस्पून पिसी हुई शक्कर में 2-3 बूंद पानी (उबले हुए पानी को ठंडा करें) मिलाकर घोल बना लें. रोज़ाना दूध पिलाने से पहले बच्चे को शक्कर का घोल पिलाएं. ऐसा दिन में 3 बार करें.
♦ कब्ज़ से परेशान बच्चे को गरम पानी से नहलाएं. नहलाने के बाद तौलिए से पोछें और हल्के हाथों से पेट पर मसाज करें. गरम पानी से पेट की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और कब्ज़ में भी राहत मिलती है.
♦ संतरे के जूस में थोड़ा-सा पानी मिलाकर बच्चे को पिलाएं.
सावधानियां: कब्ज़ की शिकायत होने पर बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट्स न दें.
♦ कब्ज़ की शिकायत होने पर बच्चों को गेहूं की रोटी, ब्रेड, चॉकलेट, मैदे से बनी हुई चीज़ें न खिलाएं.
♦ डॉक्टर से बिना पूछे नवजात शिशु और छोटे बच्चों को एनीमा न दें.
त्वचा संबंधी संक्रमण: बच्चों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है, इसलिए उन्हें त्वचा संबंधी संक्रमण भी जल्दी हो जाता है. इसके अतिरिक्त यदि शारीरिक स्वच्छता का सही तरी़के से ध्यान न रखा जाए तो भी उन्हें त्वचा संबंधी संक्रमण हो जाता है.
होम रेमेडीज़: रैशेज़ होने पर ऑलिव ऑयल लगाएं.
♦ 1 टेबलस्पून दरदरे पिसे हुए खसखस में 1-1 टीस्पून पानी और नींबू का रस मिलाकर रैशेज़वाली जगह पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है.
♦ त्वचा पर इचिंग होने पर हल्के हाथों से ब़र्फ रब करें.
♦ त्वचा पर फंगल इंफेक्शन होने पर रूई के फाहे को दही में डुबोकर संक्रमित जगह पर लगाकर 30 मिनट तक रखें. सूखने पर गुनगुने पानी से साफ़ कर लें. दिन में 2 बार ऐसा करने से फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाता है.
♦ रैशेज़ वाली जगह को कैमोमाइल टी से साफ़ करके ऑलिव ऑयल लगाएं.
♦ आधा-आधा टीस्पून टी ट्री ऑयल, आल्मंड ऑयल और ऑलिव ऑयल को मिलाकर इंफेक्शन वाली जगह पर लगाएं. इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार संक्रमित जगह पर लगाने से फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाता है.
♦ कीड़ों के काटने से यदि त्वचा पर संक्रमण हुआ है, तो संक्रमित जगह पर पुदीने का पेस्ट लगाएं.
♦ त्वचा में जलन होने पर ऐलोवीरा जेल लगाएं.
सावधानियां: बिना डॉक्टरी सलाह के कोई क्रीम या लोशन संक्रमित जगह पर न लगाएं.
♦ यदि त्वचा संबंधी संक्रमण बहुत अधिक दिन तक रहता है, तो तुरंत डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएं.
– पूनम नागेंद्र शर्मा

सर्दी-ज़ुकाम होते ही बड़ी आंतों में कब्ज़ रहने लगता है, जिससे भूख कम हो जाती है. इस बीमरी के कारण सिर व कमर में दर्द, शरीर में हल्का बुख़ार व नाक से पानी गिरने लगता है. तेज़ी से छींकें आती हैं, शरीर में थकान व सुस्ती का अनुभव होता है. इसके कारण जब कंठनलिका प्रभावित हो जाती है, तब गले में खराश होना, थूक निगलने और ठोस भोजन करने में कठिनाई होने लगती है.
घरेलू उपाय
– एक चम्मच शहद में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से ज़ुकाम ठीक हो जाता है.
– अजवायन को पीसकर उसमें प्याज़ का रस मिलाकर शरीर पर लगाने से ज़ुकाम में पसीना आता है, जिससे शरीर में स्फूर्ति आती है और ज़ुकाम में आराम मिलता है.
– सुबह-शाम अजवायन की फंकी लेने से भी फ़ायदा होता है.
– सोंठ के चूर्ण में गुड़ और थोड़ा-सा घी डालकर उसके 30-40 ग्राम के लड्डू बनाएं. यह लड्डू सुबह-शाम खाने से जुकाम दूर हो जाता है.
– कालीमिर्च का चूर्ण दही व गुड़ के साथ रोज़ सुबह-शाम खाने से पुराने से पुराना ज़ुकाम भी दूर हो जाता है.
– गर्म दूध में कालीमिर्च का चूर्ण डालकर पीने से भी ज़ुकाम व खांसी दूर हो जाती है.
– हर रोज़ थोड़ा-सा खजूर खाने के बाद चार-पांच घूंट गुनगुना पानी पीने से कफ़ पतला होकर बाहर निकलता है, फेफड़े साफ़ होते हैं और सर्दी-ज़ुकाम दूर होती है.
– हींग के घोल को नाक के पास और छाती पर मलें. इस प्रयोग से भी ज़ुकाम शांत होगा. इस घोल को पैर के तलुओं पर भी मल सकते हैं.
– सरसों को कालीमिर्च और दो-चार लौंग के साथ पीसकर लुगदी बनाकर, उसे कपड़े में बांधकर तवे पर गरम करके बार-बार उससे नासिका के संपूर्ण भाग को धीरे-धीरे गरम करें. अवश्य लाभ होगा.
– पीपल के सूखे पत्ते में थोड़ी अजवायन भरकर बीड़ी और सिगरेट की तरह उसका कश खींचने से पुराना से पुराना ज़ुकाम भी ठीक हो जाता है.
– एक बड़ा चम्मच अजवायन थोड़े-से सेंधा नमक के साथ मिलाकर गुनगुने पानी के साथ फांक लेने से ज़ुकाम से मुक्ति मिल जाती है.
– दालचीनी और जायफल दोनों को बराबर मात्रा में स्वच्छ पत्थर पर पीसकर सुबह-शाम चाटने से बार-बार होनेवाले ज़ुकाम से राहत मिलती है.
– पान के दो-चार पत्ते चबा लेने से सर्दी-ज़ुकाम में आराम होता है.
हल्दी और दूध गर्म कर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से ज़ुकाम, कफ़ व शरीर दर्द से राहत मिलती है.