सारा अली खान की फिटनेस, स्टाइल और लुक्स के लाखों दीवाने हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को ये बात मालूम है कि सारा अली खान पहले बहुत मोटी थी, इतनी मोटी कि आज कोई उनकी पुरानी फोटोज़ देख ले, तो उसे यकीन नहीं होगा कि ये वाकई सारा अली खान ही हैं. आज अगर सारा अली खान इतनी फिट और खूबसूरत नज़र आती हैं, तो इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत है. सारा अली खान के खुद को फैट से फिट (Transformation Of Sara Ali Khan) बनाने के लिए बहुत मेहनत की है. सारा अली खान ने अपनी डायट पर बहुत कंट्रोल करके और जिम में पसीना बहाकर ऐसी बॉडी पाई है. आज भी सारा अली खान अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देती हैं. केदारनाथ फिल्म के लिए डेब्यू करने से पहले सारा अली खान ने फिट बॉडी पाने के लिए बहुत मेहनत की है.
दरअसल, सारा अली खान को पीसीओएस की समस्या थी जिसके कारण उनका वज़न लगातार बढ़ता जा रहा था. साथ ही सारा अली खान को खाने का भी बहुत शौक था. एक समय ऐसा था जब सारा अली खान को पिज़्ज़ा इतना पसंद था कि वो ब्रेकफास्ट में भी पिज़्ज़ा खा लेती थी. लेकिन अब सारा ऐसा बिल्कुल भी नहीं करती. अब वो अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देती हैं. किसी ने सोचा भी नहीं था कि इतनी मोटी सारा अली खान कभी इतनी खूबसूरत सारा अली खान बन जाएंगी. सारा अली खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां अमृता सिंह के साथ अपनी पुरानी फोटो शेयर करते हुए लिखा ये कैप्शन- Throw🔙 to when I couldn’t be thrown🔙☠️🙌🏻🎃🐷🦍🍔🍕🍩🥤↩️ #beautyinblack
बहुत जल्द सारा अली खान इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘आज कल’ में कार्तिक आर्यन के साथ नज़र आने वाली हैं. इसके अलावा डेविड धवन की फिल्म ‘कुली नं. 1’ में सारा अली खान को आप वरुण धवन के साथ देख सकेंगे.
साजिद कुरेशी और पीवीआर पिक्चर्स के बैनर तले बनी फ्राईडे फुल टाइमपास मूवी है. अभिषेक डोगरा का कमाल का निर्देशन है. गोविंदा की कमबैक के तौर पर ले सकते हैं. उनकी ग़ज़ब की कॉमेडी है और वरुण शर्मा ने भी उनका अच्छा साथ दिया है. अन्य कलाकारों में बृजेंद्र काला, दिगांगना सूर्यवंशी, प्रभलीन संधू, राजेश शर्मा, संजय मिश्रा ने भी अच्छा साथ दिया है. मनु ऋषि के संवाद बढ़िया है. मीका सिंह, अंकित तिवारी, प्रियंका गोयत, नवराज हंस के गाए गाने मज़ेदार हैं. गोविंदा के फैन के लिए यह फिल्म एक बेहतरीन तोहफ़ा है.
हेलिकॉप्टर ईला
प्रदीप सरकार का बेहतरीन निर्देशन है. आनंद गांधी के गुजराती नाटक बेटा कागड़ो पर आधारित है. इसकी कहानी आनंद गांधी और मितेश शाह ने मिलकर लिखी है.
काजोल सिंगल मदर है औरवो अपने बेटे रिद्धि सेन की अच्छी परवरिश करती है और हरदम उसके ईदगिर्द प्रोटेक्शन के तौर पर रहती है. लेकिन अति तब हो जाती है, जब वो कॉलेज में हरदम उसकी निगरानी करती रहती है. दरअसल, अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वो बेटे के कॉलेज में ही एडमिशन लेती है. फिल्म वर्किंग व सिंगल मदर के संघर्ष को बख़ूबी बयां करती है. मां-बेटे की बॉन्डिंग, मां का अति सुरक्षात्मक रवैया, इससे बेटे की परेशानी, स्पेस के लिए बेचैन होना… सब कुछ बढ़िया बन पड़ा है. इमोशंस के साथ एक मैसेज भी देती है कि रिश्तों में स्पेस देना भी ज़रूरी है.
बेटे के रूप में रिद्धि सेन ने अपनी पहली फिल्म में प्रभावशाली अभिनय किया है. काजोल तो हमेशा से ही बेजोड़ अदाकारा रही हैं. हर सीन में वे ख़ूबसूरत, आकर्षक व बेहतरीन लगी हैं.
इनके साथ नेहा धूपिया, जाकिर हुसैन, टोटा राय चौधरी ने भी लाजवाब अभिनय किया है. अमित त्रिवेदी व राघव सच्चर का संगीत मधुर है. मम्मा की परछाई, यादों की आलमारी गाना अच्छा बना है. फिल्म में अमिताभ बच्चन, शान, और महेश भट्ट का कैमियो भी है.
जलेबी
मुकेश भट्ट की जलेबी वाकई में एक अर्थपूर्ण फिल्म है. पुष्पदीप भारद्वाज का तारीफ़-ए-काबिल निर्देशन है.
एक प्रेमकहानी है. जहां दो प्यार करनेवाले अलग हो जाते हैं. फिर दोनों की ट्रेन में मुलाक़ात होती है, जहां प्रेमी अपनी दूसरी पत्नी व बच्चे के साथ है. यादों का सिलसिला, आपसी जुड़ाव, ग़लती कहां हुई… आदि का सोच का दौर चलता है.
अपनी पहली ही फिल्म में वरुण मित्रा ने शानदार परफॉर्मेंस दिया है. साथ ही रिया चक्रवर्ती, दिगांगना सूर्यवंशी का अभिनय भी बेजोड़ है. यह बंगाली फिल्म प्रकटन की रीमेक है. तनिष्क बागची व जीत गांगुली का संगीत कर्णप्रिय है. गाने ख़ूबसूरत है, विशेषकर पल, तेरे नाम से… अरिजित सिंह, श्रेया घोषाल, ज़ुबिन नौटियाल, जावेद मोहसिन के गाए हर गीत मधुर हैं. कौसर मुनीर की पटकथा सशक्त है.
तुंबाड
निर्माता आनंद एल राय व सोहम शाह की तुंबाड फैंटेसी, हॉरर, पीरियड, हिस्टॉरिकल बेस फिल्म है. यह रहस्य, रोमांच व तिलिस्म से भरी सशक्त थ्रिल फिल्म है. सिनेमाटोग्राफी, कॉस्टयूम, आर्ट सब कुछ ख़ूबसूरत हैं.
साल 1920 के दौर की कहानी है, महाराष्ट्र के तुंबाड गांव में तीन पीढ़ियों से रह रहे ब्राह्मण परिवार की है. उनकी जमीदारी थी. वहीं पर वे बरसों से ख़ज़ाने की खोज करते हैं, पर सफल नहीं हो पाते.
अपनी पहली ही फिल्म में राही अनिल बर्वे ने प्रशंसनीय निर्देशन दिया है. साथ ही सभी कलाकारों- सोहम शाह, हरीश खन्ना, रोजिनी चक्रवर्ती, मोहम्मद समद, ज्योति मालशे, अनीता दाते ने प्रभावशाली अभिनय किया है. रहस्य व रोमांच से भरपूर यह फिल्म दर्शकों को बांधे रखती है. क्रिएटिव डायरेक्टर आनंद गांधी ने भी फिल्म को ख़ूबसूरत बनाने में पूरा योगदान दिया है. अजय-अतुल व जेस्पर कीड की म्यूज़िक लाजवाब है.
अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) और वरुण धवन (Varun Dhawan) अपनी फिल्म सुई धागा (Sui Dhaga) के प्रमोशन के लिए सेलिब्रिटीज़ को एक चैलेंज (Challenge) दे रहे हैं. वे एक बारीक़ सुई में धागा डालने की चुनौती सभी कलाकारों को दे रहे हैं.
अब तक अक्षय कुमार से लेकर आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, करण जौहर इस पर अपना हाथ साफ़ कर चुके हैं. लेकिन शाहरुख ने इस चैलेंज को धोखे के साथ मज़ेदार तरी़के से पूरा किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर इस चैलेंज को पूरा करते हुए सुई धागा की टीम को शुभकामनाएं दी.
जहां अक्षय कुमार सुई में धागा नहीं डाल पाए और इसे बड़ा मुश्किल काम बताया. उनके अनुसार, इससे आसान तो कूदना है. वहीं चतुर शाहरुख ने एक बड़ी-सी सुई लेकर उसमें बड़ी आसानी से सेकंडभर में धागा डाल दिया. उनकी इस हरकत से जहां एक तबका मनोरंजन कर रहा है, तो कुछ लोग उन्हें ट्रोल करने बाज नहीं आए. बकौल टोलर्स शाहरुख चीटर है. तभी तो जब-तब वे चीटिंग करते रहते हैं, इसलिए तो कुछ कुछ होता है फिल्म में उन्हें अंजलि (काजोल) अक्सर राहुल (शाहरुख) इज़ ए चीटर कहती रहती है. सचमुच वे बड़े शातीर चीटर हैं.
सुई धागा के इस चैलेंज को फिल्मी कलाकार मज़ेदार ढंग से पूरा कर रहे हैं. अक्षय, करण जहां इसमें फेल हो गए, वहीं आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर और रणबीर ने इसे आसानी से पूरा कर लिया. उन्होंने दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह को भी चैलेंज किया है. देखें, ये दोनों कब इस चैलेंज को पूरा करते हैं.
सुई धागा मूवी एक बेरोज़गार के स्व रोज़गार होने की दिलचस्प कहानी है, जिसमें उसकी पत्नी पूरा साथ देती है. इस फिल्म के ज़रिए पहली बार वरुण धवन और अनुष्का शर्मा एक साथ आ रहे हैं. दम लगा के हईशा की जोड़ी यानी निर्माता मनीष शर्मा और शरत कटारिया एक बार इस मूवी में अपना जलवा दिखाएंगे. यह फिल्म 28 सितंबर को रिलीज़ होनेवाली है.
ये तीनों ही फिल्में अपने अलग-अलग विषय के कारण ख़ास बन गई हैं.
आनंद एल. राय द्वारा निर्मित अनुराग कश्यप की मनमर्ज़ियां बिंदास-मनमौजी प्रेमी-प्रेमिका के साथ-साथ त्रिकोण प्रेम को डिफरेंट अंदाज़ में पेश किया गया है. विक्की कौशल, तापसी पन्नू और अभिषेक बच्चन का ज़बर्दस्त अभिनय व अनुराग की सशक्त निर्देशन दर्शकों को बांधे रखती है. फिल्म का ख़ास आकर्षण तापसी का मदमस्त बोल्ड अंदाज़ है. अन्य कलाकारों में पवन मल्होत्रा भी प्रभावित करते हैं.
अमित त्रिवेदी का संगीत कर्णप्रिय है. हर्षदीप कौर, जाज़िम शर्मा, एम्मी विर्क, शाहिद माल्या, सिकंदर कहलोन, मस्त अली द्वारा गाए गाने भी सुमधुर हैं.
लव सोनिया फिल्म दुनियाभर में जिस्मफरोशी का फैलता मकड़जाल और उसमें कभी मजबूरी तो कभी अनजाने में फंसती जा रही स्त्रियों की त्रासदी को बयां करता है. सोनिया के क़िरदार में मृणाल ठाकुर की यह पहली फिल्म है, लेकिन अपने सहज व बेमिसाल अभिनय से उन्होंने सभी को प्रभावित किया. तबरेज नूरानी का निर्देशन ने फिल्म में अच्छी पकड़ बनाई है, जिसके कारण फिल्म में गाने की कमी भी खलती नहीं है. उन्होंने निर्माता से आगे बढ़कर इस फिल्म के जरिए निर्देशन की दुनिया में क़दम रखा है.
रिचा चड्ढा, राजकुमार राव, मनोज बाजपेयी, रिया शिशोदिया, फ्रिडा पिंटो, सई ताम्हणकर, आदिल हुसैन के साथ-साथा हॉलीवुड स्टार डेमी मूर की उपस्थिति भी फिल्म को लाजवाब बनाती है.
आज की युवापीढ़ी की बेरोज़गारी और लड़कियों की महत्वाकांक्षाओं से जुड़ी बारीक़ियों को दर्शाती है फिल्म मित्रों. फिल्म की कहानी-पटकथा और नितिन कक्कड़ का बेहतरीन निर्देशन इसे ख़ूबसूरत व ख़ास बना देता है. टीवी स्टार कृतिका कामरा मित्रों से फिल्मी दुनिया में पर्दापण कर रही हैं. जैकी भगनानी ने अपने सहज-सरल अदाकारी से दिल जीत लिया है. उनका साथ उनके मित्र के रूप में प्रतीक गांधी, नीरज सूद, शिवम पारेख ने अच्छा दिया है. सोनू निगम, यो यो हनी सिंह, आतिफ असलम के गाए गीत बेहद मधुर है और पहले से ही हिट हो चुके हैं, ख़ासकर कमरिया वाला गाना. यो यो हनी सिंह, तनिष्क बागची, अभिषेक नैलवाल, तोषी-शारीब सबरी, समीरुद्दीन- सभी संगीतकारों ने अच्छी मेहनत की है. फिल्म में ड्रामा, इमोशन, कॉमेडी सभी का मनोरंजन से भरपूर तड़का है.
प्रेम कहानी पर जितनी भी फिल्में बनाई जाए, लोगों को पसंद आती ही है, बस कहानी और कलाकारों के अभिनय में दम होना चाहिए. निर्देशक इम्तियाज़ अली के भाई साजिद अली यही बाज़ी मार जाते हैं. इस फिल्म के ज़रिए उन्होंने निर्देशन की दुनिया में क़दम रखा है. साथ ही फिल्म में लैला-मजनूं बने अविनाश तिवारी और तृप्ति डिमरी ने भी अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की है.
प्रेमी-प्रेमिका की नोक-झोंक, दोनों का मिलना-बिछुड़ना, परिवार-ज़माने का विलेन बन जाना… यही सब है फिल्म में. लेकिन इसके बावजूद ख़ूबसूरत लोकेशन, कलाकारों का अभिनय, भावनाप्रदान दृश्य बांधे रखते हैं.
फिल्म की कहानी इम्तियाज़ अली ने लिखी है. फिल्म के कुछ संवाद और दृश्य बेहतरीन हैं.
संगीत मधुर है. गीत लैला ओ लैला… हाफिज़ हाफिज़… पहले से ही हिट हो गए हैं.
पहली ही फिल्म होने के बावजूद अविनाश व तृप्ति डिमरी ने प्रभावशाली अभिनय किया है. दोनोंं ही सहज लगे हैं. परमीत सेठी, सुमित कौल ने भी अपने अभिनय के साथ न्याय किया है. लव स्टोरी मूवी देखनेवालों को फिल्म ज़रूर पसंद आएगी.
पलटन
जे. पी. दत्ता देशभक्ति और उस पर भी ख़ासकर युद्ध पर आधारित फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं. बॉर्डर, एलओसी कारगिल… फिल्मों को दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया था. अब वे पलटन के रूप में भारत-चीन के बीच हुए युद्ध को लाए हैं. फिल्म की ख़ासयित रही है- वॉर सीन में रियल फौजियों के साथ फिल्माया जाना.
इस फिल्म के द्वारा जे.पी. दत्ता बारह साल बाद वापसी कर रहे हैं, लेकिन फिल्म में ख़ास नयापन नहीं है.
जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, सोनू सूद, गुरमीत चौधरी, सिद्धार्थ कपूर, लव सिन्हा, हर्षवर्धन राणे, ईशा गुप्ता, सोनल चौहान सभी कलाकारों ने अपने क़िरदार के साथ न्याय किया है. लेकिन फिल्म दर्शकों उस तरह का प्रभाव नहीं छोड़ पाएगी, जैसा कि दत्ता साहब की फिल्मों के साथ होता है.
अनु मलिक और संजॉय चौधरी की संगीत भी बस ठीक-ठाक है.
हिंदी फिल्मों कुछ हिट डायलॉग्स भुलाए नहीं भूलते. फिल्में भले पुरानी हों, लेकिन डायलॉग्स आज भी हिट हैं. क्या आपको याद हैं हिंदी फिल्मों के ये हिट डायलॉग्स?
* मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूं.
* अब हम किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहे.
* क्या इसी दिन के लिए तुझे पाला था?
* दूर हो जा मेरी नज़रों से!
* भगवान के लिए मुझे छोड़ दो.
* एक फूटी कौड़ी भी नहीं दूंगा.
* क़ानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं.
* कुत्ते, कमीने… मैं तेरा ख़ून पी जाऊंगा.
* अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो.
* ठहरो, ये शादी नहीं हो सकती.
* घर में दो-दो जवान बेटियां हैं.
* अपने हथियार डाल दो.
* इसे धक्के मार के निकाल दो.
* अब तुम्हारी मां हमारे कब्ज़े में है.
* मालिक मैंने आपका नमक खाया है.
* बेटा एक बार मुझे मां कह कर पुकारो.
* एक-एक को चुन-चुन के मारूंगा.
* तुम्हें पुलिस ने चारों तरफ़ से घेर लिया है.
* ये सौदा बहुत महंगा पड़ेगा.
* ख़ामोश!!!
* बेटी तो पराया धन है.
* क़ानून ज़ज़्बात नहीं सबूत मांगता है.
* जज साहब, मैंने ख़ून नहीं किया है.
* भगवान, मैंने आज तक तुमसे कुछ नहीं मांगा.
* मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती.
* अजी, सुनती हो भाग्यवान!
* इस घर के दरवाज़े हमेशा-हमेशा के लिए तुम्हारे लिए बंद हो गए हैं.
जी हां, पॉप्युलर टीवी शो ‘ग़ुलाम’ में मालदावाली का किरदार निभा रही एक्ट्रेस रिद्धिमा तिवारी अब विद्या बालन के साथ ‘बेग़म जान’ फिल्म में नज़र आने वाली हैं. अपने बॉलीवुड डेब्यू से रिद्धिमा बेहद ख़ुश हैं.
‘बेग़म जान’ फिल्म में अपने किरदार के बारे में बताते हुए रिद्धिमा तिवारी ने कहा, “मैं फिल्म ‘बेग़म जान’ में अंबा का किरदार निभा रही हूं, जो कोठे की एक मेंबर है और उसका व्यवहार एक निडर-बिंदास सांड की तरह है. अंबा का किरदार निभाने में मुझे वाकई बहुत मज़ा आया.”
बता दें कि लाइफ ओके के शो ‘गुलाम’ में अपने किरदार मालदावाली के लिए रिद्धिमा को ख़ूब तारी़फें मिल रही हैं. दर्शकों को शो में मालदावाली और रंगीला की केमिस्ट्री बहुत पसंद आ रही है.
टीवी पर तो रिद्धिमा तिवारी ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों को दिल जीत लिया है, फिल्म ‘बेग़म जान’ में उनकी एक्टिंग को कितना पसंद किया जाएगा, ये तो फिल्म रिलीज़ होने के बाद ही पता चलेगा.