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Kids Story: कंजूस भेड़िया और शिकारी (The Hunter And The Miser Wolf)

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Kids Story: कंजूस भेड़िया और शिकारी (The Hunter And The Miser Wolf)
एक जंगल में एक बेहद ही कंजूस भेड़िया रहता था. वो इतना ज़्यादा कंजूस था कि अपने खाने में भी कंजूसी करता था. वो जो भी शिकार करता, उसका मांस कई दिनों तक बचाकर रखता, ताकि बाद में खा सके, जैसे- एक बार उसने हिरण का शिकार किया, तो पहले दिन स़िर्फ उसके कान खाए, अगले दिन कोई दूसरा अंग... इस तरह वो हमेशा ही कंजूसी करता. इसकी वजह से वो बहुत ही कमज़ोर हो गया था. उसकी मरियल हालत देखकर जंगल के अन्य पशु भी उसका मज़ाक बनाते, पर उस पर कोई असर न होता. कई बार तो उसके शिकार का मांस कई दिन तक पड़े रहने के कारण सड़ जाता, जिससे वो उसे खा ही नहीं पाता था. पर फिर भी कंजूसी की आदत वो छोड़ नहीं रहा था. एक बार जंगल में एक शिकारी आया. उसने एक जंगली सुअर का शिकार करने के लिए तीर मारा, जैसे ही तीर सुअर को लगा, क्रोधित सुअर ने तेज़ी से दौड़ते हुए अपने नुकीले दांत शिकारी के पेट में गड़ा दिए, जिससे सुअर व शिकारी दोनों की ही मौत हो गई. कंजूस भेड़िया यह सब देख रहा था. उसे बड़ी ख़ुशी हुई कि उसके कई दिनों के खाने का बंदोबस्त हो गया. उसने सोचा इस मांस को तो मैं कम से कम दो महीने तक चलाऊंगा. इसी बीच उसकी नज़र पास पड़े धनुष पर गई. उसने देखा कि धनुष के कोनों पर चमड़े की पट्टी लगी है. उसने सोचा कि क्यों न आज इस पट्टी को खाकर ही काम चला लूं, ताकि मांस बच जाए. कंजूस भेड़िए ने पट्टी को एक तरफ़ से काटा, उसके काटते ही धनुष सीधा हो गया और सीधे उसकी गर्दन को चीरता हुआ बाहर हुआ. वो भेड़िया वहीं मर गया. सीख: ज़रूरत से ज़्यादा कंजूसी और लालच हमेशा नुकसान ही देती है. किफायती होना अलग होता है, पर कंजूसी होना फ़ायदेमंद नहीं. यह भी पढ़ें: Kids Story: जलपरी और दो चोर (Kids Story: Jalpari And Two Thieves)

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Kids Story: राजा और लेखक (Kids Story: Raja Aur Lekhak)

Raja Aur Lekhak
Kids Story: राजा और लेखक (Kids Story: Raja Aur Lekhak)
एक नगर में एक राजा था. एक दिन वो यूं ही टहलने निकला. घूमते-घूमते उसे किताबों का एक बड़ा-सा संग्रहालय नज़र आया. राजा उसमें गया, तो वहां ढेर सारी किताबें देखकर ख़ुश हो गया. राजा को लगा एक ही जगह पर इतनी सारी ज्ञानवर्द्धक किताबें तो बेहद फ़ायदेमंद है. राजा को उन किताबों में से एक किताब बहुत पसंद आई. वो उस किताब को लेकर घर चला आया. किताब पढ़कर राजा उस लेखक से बहुत प्रभावित हुआ, क्योंकि उसमें लेखक ने लिखा था कि किस तरह से उसने अपना सारा जीवन अकेले ही बिता दिया. उस लेखक ने अपने बीवी-बच्चों पर ज़रा भी ध्यान नहीं दिया और संपूर्ण जीवन समाज में भ्रमण करके बिता दिया. राजा ने सोचा वो भी अपना पूरा जीवन समाज में भ्रमण करके ही बिताएगा. राजा ने सोचा कि पहले मैं उस लेखक से भी मिल लेता हूं, जिसने ये किताब लिखी है. राजा उस लेखक के गांव जाकर उसके घर गया. वहां जाकर राजा ने देखा कि वो लेखक तो मज़े से अपने बीवी-बच्चों के साथ रह राह है. राजा को बहुत दुख भी हुआ और गुस्सा भी आया कि इसकी किताब पढ़कर मैं समाज भ्रमण के लिए निकल रहा था, पर ये तो मज़े से यहां रह रहा है और किताब में गलत बात लिखी है. यह भी पढ़ें: Kids Story: जलपरी और दो चोर (Kids Story: Jalpari And Two Thieves) राजा ने उस किताब को दिखाते हुए लेखक से गुस्से में पूछा कि उसने यह झूठ क्यों लिखा? लेखक ने राजा से कहा कि यह किताब उसने समाज में भटके हुए लोगों को सही राह दिखाने के इरादे से लिखी है. लेखक ने कहा कि मेरा काम है समाज के लोगों का मार्गदर्शन करना, ताकि लोग अपना जीवन सुधार सकें. लेखक ने राजा से अपने साथ बाहर चलने को कहा. वो राजा को एक भाला बनाने वाले के पास ले गया और उसे एक अच्छा सा भाला दिखाने को कहा. भाला लेकर लेखक ने राजा से कहा कि यह देखिए इस भाले को. राजा ने कहा मैं क्या करूं इसका. लेखक ने कहा कि यह भाला यह दुकान वाला बनाता है, फिर उसने दुकान वाले से कहा कि तुम भाला इतना अच्छा बनाते हो, तो क्या तुम युद्ध में नहीं जा सकते? भाला बनाने वाले ने हंसते हुए कहा कि यह मेरा काम नहीं है. युद्ध में तो बड़े-बड़े वीर योद्धा जाते हैं, तो मैं कैसे जा सकता हूं, क्योंकि मेरा काम उनके लिए अच्छे से अच्छा भाला बनाने का है, युद्ध लड़ना उनका काम है. उसकी बात सुनकर लेखक ने राजा से कहा कि इसी तरह मेरा काम दूसरों को अपने लेखन के ज़रिए जीने की कला सिखाना है, इसका यह मतलब नहीं कि वह जीवन या वह कला मैं ख़ुद जानता हूं. लेखक के तर्क से राजा समझ गए कि दरअसल उस किताब में लिखी बातों का क्या अर्थ है. राजा ख़ुश हुआ, लेखक और भाला बनाने वाले को ईनाम देकर वह वापस अपने महल लौट आया, ताकि एक शासक की तरह अपनी जनता का ख़्याल रख सके. यह भी पढ़ें: Fairy Tales: ब्यूटी एंड द बीस्ट… (Beauty And The Beast)

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अपने ग़ुस्से पर कितना काबू कर पाती हैं आप? (Anger Management: 10 Easy Tips To Control Your Anger)

काम है तो प्रेशर है, प्रेशर है तो तनाव है और तनाव में ग़ुस्सा आना लाज़मी है, लेकिन ग़ुस्सा ज़हिर करने के तरी़के सभी के अलग-अलग होते हैं. क्या ग़ुस्सा आपकी पर्सनल या प्रोफेशनल लाइफ़ को भी प्रभावित कर रहा है? आप अपने ग़ुस्से पर किनता काबू कर पाती हैं? ये क्विज़ हल कीजिए और ख़ुद जान जाइए. Tips To Control Anger 1) आपके बच्चे को स्कूल जाने के लिए पहले से ही देर हो रही है, उस पर उसने नाश्ता करते समय यूनिफॉर्म इतनी ख़राब कर दी कि उसे पहन कर स्कूल नहीं जाया जा सकता. ऐसे में आप- ए) तुरंत यूनिफॉर्म बदलकर उसे स्कूल बस के बजाय ऑटो रिक्शा या अपनी गाड़ी में स्कूल छोड़ देंगी. बी) बच्चे पर बहुत ग़ुस्सा होंगी और गंदी यूनिफ़ॉर्म में ही उसे स्कूल छोड़ देंगी. सी) गुस्से में बच्चे को थप्पड़ जड़ देंगी हैं और स्कूल भी नहीं भेजेंगी. 2) आप ऑफ़िस में एक ज़रूरी प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं, तभी कंप्यूटर ख़राब हो गया और आप फाइल सेव भी नहीं कर पाईं. ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगी? ए) एक कप कॉफ़ी पीएंगी और रिलैक्स होकर दोबारा काम शुरू कर देंगी. बी) रोने लग जाएंगी. सी) गुस्से में वहां से चली जाएंगी. 3) आपने अपने एक सहकर्मी के साथ मिलकर बड़ी मेहनत से कोई प्रोजेक्ट पूरा किया, लेकिन उसका पूरा श्रेय स़िर्फ आपके सहकर्मी को ही मिला. ऐसे में आप... ए) आपके प्रेज़ेंटेशन में कहां कभी रह गई, इस पर विचार करेंगी और अपनी कमियों को सुधारने की कोशिश करेंगी. बी) सहकर्मी को भला-बुरा कहकर मन की भड़ास निकालेंगी. सी) पूरे ऑफ़िस में उसकी चुगली करती फिरेंगी. 4) ऑफ़िस की एक ज़रूरी मीटिंग में आपको व़क़्त पर पहुंचना है, लेकिन ट्रैफिक के कारण आप देर से पहुंचती हैं, ऐसे में आप... ए) देरी के लिए सॉरी कहकर आगे ऐसा न होने का भरोसा दिलाएंगी. बी) मीटिंग में पहुंचते ही सिस्टम को कोसने लगेंगी. सी) फोन करके मीटिंग अटेंड करने से मना कर देंगी.
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  5) ग़ुस्से में आपका पक्ष जाने बिना ही आपके पति यदि आपको भला-बुरा कहने लग जाएं तो? ए) उस व़क़्त तो चुप रहेंगी, लेकिन जब पति शांत हो जाएंगे, तब अपना पक्ष रखकर उन्हें सही स्थिति से अवगत कराएंगी. बी) रोने लग जाएंगी. सी) आप भी ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लग जाएंगी. 6) आपने बड़े जतन से ख़ास मेहमानों के लिए डिनर पार्टी अरेंज की है, पर उसी व़क़्त थोड़े मेहमान और आ गए. ऐसे में आप क्या करेंगी? ए) तुरंत और खाने के बंदोबस्त में जुट जाएंगी. बी) समझ नहीं पाएंगी कि क्या करूं? सी) बिन बुलाए मेहमानों को मन ही मन कोसेंगी. 7) ऑफ़िस में आपको इतना काम दे दिया गया है जो डेडलाइन पर पूरा नहीं हो सकता. ऐसे में आप क्या करेंगी? ए) ऑफ़िस टाइम के बाद रुककर काम पूरा करेंगी. बी) सहकर्मियों से मदद के लिए कहेंगी. सी) काम करने से मना कर देंगी. 8) यदि आपकी बेस्ट फ्रेंड आपको अपनी बर्थडे पार्टी में बुलाना भूल जाए तो? ए) आप ख़ुद ही फोन करके उसे याद दिला देंगी. बी) फोन करके फ्रेंड पर ख़ूब चिल्लाएंगी. सी) उससे दोस्ती तोड़ देंगी.
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  9) इन दिनों काम की अधिकता के कारण आपको लगभग रोज़ ही ऑफ़िस से घर लौटने में देर हो रही है, जो कि सासू मां को बिल्कुल पसंद नहीं. ऐसे में आप... ए) उन्हें ऑफिस की स्थिति समझाने की कोशिश करेंगी. बी) उनकी बातों को अनसुना कर देंगी. सी) उनके साथ झगड़ा करने लग जाएंगी. 10) आपके पति रोज़ देर रात तक इंटरनेट पर सर्फिंग करते रहते हैं, जिससे आप ठीक से सो नहीं पातीं. ऐसे में आप... ए) पति को समझाएंगी हैं कि इससे आप दोनों की नींद व सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. बी) पति से बात करना बंद कर देंगी. सी) उनसे रोज़ इस बात पर झगड़ने लग जाएंगी.
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  क्या कहता है स्कोर? यदि आपके अधिकतर जवाब (ए) हैं तो: आपका स्कोर बेस्ट है. आप ग़ुस्से पर काबू रखना बख़ूबी जानती हैं, जिससे आप ज़िंदगी के छोटे-छोटे तनावों को आसानी से हैंडल कर लेती हैं. आप मुश्किल से मुश्किल स्थिति में भी रास्ता तलाशना और उसे अपने फ़ायदे में बदलाना बख़ूबी जानती हैं. आपके परिवार, सहकर्मी बेशक आप के व्यवहार से संतुष्ट रहते होंगे. यदि आपके अधिकतर जवाब (बी) हैं तो: आप ग़ुस्से को ख़ुद पर हावी तो नहीं होने देतीं, लेकिन उसे हैंडल भी नहीं कर पाती हैं. कई बार आप समस्या से भागने का विकल्प भी चुन लेती हैं. ऐसा करना ठीक नहीं, क्योंकि ये समस्या का समाधान नहीं है. आपको अपने ग़ुस्से पर काबू पाने और समस्या को हैंडल करने के लिए थोड़ी कोशिश और करनी होगी. यदि आपके अधिकतर जवाब (सी) हैं तो: छोटी-छोटी बातों पर ग़ुस्सा करना, बेवजह तनावग्रस्त हो जाना आपकी आदत में शामिल हो गया है. आपको अपनी आदतों पर कंट्रोल करना होगा, वरना आगे चलकर आपका ग़ुस्सा आपकी सेहत को भी प्रभावित कर सकता है.
दूरियों को नज़दीकियों में बदलने के लिए अपनाएं ये गुड लक टिप्स: देखें वीडियो:
https://youtu.be/898NKSMrl6s  

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Kids Story: जलपरी और दो चोर (Kids Story: Jalpari And Two Thieves)

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Kids Story: जलपरी और दो चोर (Kids Story: Jalpari And Two Thieves)
दूर किसी जगह पर एक नीली झील थी, जहां एक जलपरी रहती थी. उस जलपरी का नियम था कि वो रोज़ शाम को कुछ समय के लिए बाहरी दुनिया में आती थी. कुछ समय बिताती और फिर नियमित समय पर लौट जाती. एक बार वहां से दो चोर जा रहे थे और उन्होंने जलपरी को देख लिया. उसे देखकर दोनों ने एक योजना बनाई कि क्यों न इसे पकड़कर हम शहर में बेच आएं, जिससे हमें अच्छे ख़ासे पैसे मिलेंगे. दोनों ने मछली पकड़नेवाला जाल ख़रीदा और अगले दिन झील के किनारे इंतज़ार करने लगे. तभी उनकी नज़र एक लड़के पर पड़ी. वो भी वहां मछलियां पकड़ने आया था. दोनों चोरों ने उस लड़के से कहा कि यहां से भाग जाए, क्योंकि यह उनका इलाका है. उस लड़के ने कहा कि इस झील का किनारा काफ़ी दूर तक फैला है और यह बहुत बड़ी झील है, तो आप लोग यहां मछलियां पकड़ो, मैं थोड़ी दूर पर जाकर मछलियां पकड़ता हूं.   यह भी पढ़ें: Fairy Tales: ब्यूटी एंड द बीस्ट… (Beauty And The Beast) उसकी बात सुनकर दोनों चोरों को बहुत ग़ुस्सा आया. उन्होंने उस लड़के से कहा कि वो यहां से तुरंत चला जाए, वरना उसकी पिटाई होगी. वो लड़का उन दोनों के इरादों से अंजान था, उसे हैरानी हुई, इसलिए वो थोड़ी दूर जाकर पेड़ के पीछे छिप गया. Mermaid थोड़ी देर बाद वो जलपरी बाहर आई, उसे देखकर लड़का भी हैरान हो गया. वो जलपरी बेहद ख़ूबसूरत थी. दोनों चोरों ने जलपरी पर जाल फेंक दिया. यह देखकर वो लड़का वहां आ गया. एक चोर ने अपने साथी से कहा कि तुम जलपरी को देखो, मैं इस लड़के को ठिकाने लगाता हूं. लड़के के पास एक बड़ा सा डंडा था, जिससे उसने चोर की ख़ूब पिटाई की. अपने साथी को पिटता देख, दूसरा चोर भी मदद के लिए आ गया. मौक़ा देखकर जलपरी जाल से छूट गई और झील में चली गई. दोनों चोर मिलकर उस लड़के को पीटने लगे कि तभी वहां एक बड़ा-सा मगरमच्छा आ गया और दोनों चोरों पर हमला कर दिया. किसी तरह मगर से बचकर दोनों चोर भाग खड़े हुए. दरअसल, उस मगर को जलपरी ने ही लड़के की मदद के लिए भेजा था. इस तरह वो लड़का रोज़ वहां आने लगा और जलपरी भी रोज़ उससे मिलने लगी. दोनों में बहुत ही गहरी दोस्ती हो गई. सीख: हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. किसी को मुसीबत में देखकर भागना नहीं चाहिए, बल्कि ग़लत लोगों के इरादे भांपकर सही निर्णय लेना चाहिए. यह भी पढ़ें: अकबर-बीरबल की कहानी: तेली और कसाई (Akbar-Birbal Tale: The Oil Man And The Butcher)

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मन की बात- एक छोटा बच्चा (Motivational Story- Ek Chhota Bachcha)

मैं उसे कभी बड़ा होने नहीं दूंगी, क्योंकि वह बच्चा मुझे ख़ुश रहना सिखाता है. मुझे ज़िंदा रखता है. मुझमें आशा का संचार करता है. मुझे हमेशा उत्साहित रखता है. मुझे बहुत छोटी-छोटी बातों पर ख़ुश होना सिखाता है.  Motivational Story एक छोटा बच्चा है, जो बहुत ख़ुश रहना चाहता है, हर दर्द, हर दुख-तकलीफ़ से दूर जीवन के हर पल का आनंद उठाना चाहता है और जानता भी है. इन बारिशों के दिनों में उसका मन करता है, सुबह-सुबह उठकर हर काम छोड़कर बारिश में ख़ूब भीगे, खेले, सोसायटी के गार्डन में लगे झूले पर बारिश में भीगते हुए ख़ूब झूले. न मिट्टी से उलझन हो, न भीगे कपड़ों से. वह बच्चा कैलोरीज़ की चिंता किए बिना मनपसंद तली-भुनी चीज़ें खाना चाहता है, इसलिए कभी-कभी बिना मन मारे खा भी लेता है. उसका मन करता है, अपने प्रिय गाने पर उठकर सबके सामने ही ताल से ताल मिला ले, पर सबके सामने न सही अकेले में ख़ुश होकर मनपसंद संगीत पर थिरक ही उठता है. कभी-कभी अपने जैसे किसी दोस्त के साथ साफ़-सफ़ाई को दरकिनार रख सड़क किनारे खड़े हुए गोलगप्पे, कुल्फी के ठेलों पर अंदर की ख़ुशी को दबाता हुआ मुस्कुराते हुए खड़ा होकर आनंद उठा ही लेता है. अमित जब ऑफिस के लिए निकलते हैं, वह बच्चा उन्हें तब तक देखता है, जब तक वे आंखों से ओझल नहीं हो जाते और अगर अमित मोबाइल फोन पर बात करते हुए अपनी धुन में निकल जाएं, पीछे मुड़कर हाथ हिलाकर बाय न करें, तो वह देर तक उदास रहता है. सोचता है, क्या मेरे लिए उनके पास इतना भी समय नहीं कि जो यह छोटी-सी बात उस बच्चे को अच्छी लगती हो, वही बात अमित भूल जाएं. फिर वह दिनभर मन ही मन ईश्‍वर से अमित की सलामती की प्रार्थना करता रहता है. सौरभ और सुरभि को देखकर तो वह बच्चा खिलखिला उठता है. उनके उठने से लेकर रात के सोने तक वह बच्चा उनके आसपास मंडराता रहता है, उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताने की चाह में. सौरभ-सुरभि जब उसे उसका मनचाहा समय न देकर अपने फोन, टीवी या लैपटॉप में लगे रहते हैं, वह बच्चा मन ही मन बहुत उदास होता है, लेकिन वह अपने चेहरे से यह ज़ाहिर नहीं होने देता. फिर वह भी चुपचाप अपने किसी काम में लग जाता है. यह भी पढ़ें: ख़ुशहाल ज़िंदगी जीने के 5 आसान तरीके (5 Simple Ways To Live Life For Yourself) उस बच्चे को कुछ नहीं चाहिए, न महंगे कपड़े, न शानदार गिफ्ट्स, वह तो बस अमित, सौरभ-सुरभि के साथ कुछ पल बिताकर ही ख़ुश हो जाता है. वह कितना भी उदास हो, अपने पास इन तीनों की उपस्थिति से ही खिल उठता है. वह छोटा बच्चा कहीं और नहीं, मेरे मन में छुपा है, मुझमें जीता है, जो पति के साथ, बच्चों के साथ बैठकर कुछ समय बिताकर, जी भरकर हंस-बोलकर अपना जीवन बिताना चाहता है. बच्चे ही तो कई बार कहते हैं, “मॉम, ऐसा लगता है मन से आप बिल्कुल बच्ची हैं.” मैं कहती हूं, “हां, तुम दोनों ने सही अंदाज़ा लगाया है.” अमित के मुंह से भी कई बार सुना है, “सिया, इस घर में दो नहीं, तीन बच्चे हैं.” हां, सच ही तो है, अब तो मैं रात-दिन यह बात महसूस करती हूं और स्वीकार भी कि हां, एक छोटा बच्चा छुपा है मेरे अंदर, जिसे मैं चाहती भी नहीं कि वह कभी बड़ा हो. मैं उसे कभी बड़ा होने भी नहीं दूंगी, क्योंकि वह बच्चा मुझे ख़ुश रहना सिखाता है. मुझे ज़िंदा रखता है. मुझमें आशा का संचार करता है. मुझे हमेशा उत्साहित रखता है. मुझे बहुत छोटी-छोटी बातों पर ख़ुश होना सिखाता है. कभी-कभी मुझे लगता है हम सबमें छुपा है एक बच्चा, जो व़क्त के थपेड़े खाकर कहीं गुम होता चला जाता है. उसे गुम न होने दें. उसे अंदर ही अंदर प्यार से सहलाते रहें. जानती हूं मैं वह कहीं खो गया, तो मैं भी खो जाऊंगी इस दुनिया की आपाधापी में, जीवन की भागदौड़ में.जगजीत सिंह की वह ग़ज़ल है न- ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो, मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन, वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी... यह लिखनेवाले के दिल में भी यक़ीनन एक छोटा बच्चा था.  

- हिना अहमद

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अकबर-बीरबल की कहानी: तेली और कसाई (Akbar-Birbal Tale: The Oil Man And The Butcher)

Akbar Birbal Ki Kahani
अकबर-बीरबल की कहानी: तेली और कसाई (Akbar-Birbal Tale: The Oil Man And The Butcher)
बादशाह अकबर (Akbar) का दरबार लगा हुआ था. तभी दरबान ने सूचना दी कि दो व्यक्ति अपने झगड़े का निपटारा करवाने के लिए आना चाहते हैं. बादशाह ने दोनों को बुलवा लिया. दोनों दरबार में आ गए और बादशाह के सामने सिर झुकाकर खड़े हो गए. बादशाह ने पूछा कि कहो क्या समस्या है? मेरा नाम काशी है, मैं तेल बेचने का काम करता हूं और हुजूर यह कसाई है. इसने मेरी से तेल खरीदा और साथ में मेरी पैसों की भरी थैली भी ले गया. जब मैंने इसे पकड़ा और अपनी थैली मांगी तो यह उसे अपनी बताने लगा, अब आप ही न्याय करें. बादशाह ने दूसरे व्यक्ति से पूछा कि अब तुम कहो तुम्हें क्या कहना है? कसाई से कहा- मेरा नाम रमजान है. जब मैंने अपनी दुकान पर आज मांस की बिक्री के पैसे गिनकर थैली जैसे ही उठाई, यह तेली आ गया और मुझसे यह थैली छीन ली. अब उस पर अपना हक जमा रहा है. आप ही न्याय करें. राजा को समझ में नहीं आ रहा था कि दोनों में से कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ. दोनों की बातें सुनकर बादशाह सोच में पड़ गए और उन्होंने बीरबल से फैसला करने को कहा. बीरबल ने वो पैसों की थैली ले ली और दोनों को कुछ देर के लिए बाहर भेज दिया. बीरबल ने सेवक से एक कटोरे में पानी मंगवाया और उस थैली में से कुछ सिक्के निकालकर पानी में डाले और पानी को गौर से देखा. फिर बादशाह से कहा- ये सिक्के रमजान कसाई के हैं. बादशाह ने हैरान होकर पूछा कि भला बीरबल को कैसे पता चला? बीरबल ने बादशाह को समझाया कि काशी एक तेली है, लेकिन इस पानी में सिक्के डालने से तेल का ज़रा-सा भी अंश पानी में नहीं उभर रहा है. अगर यह सिक्के तेली के होते तो उन पर तेल लगा होता और वह तेल पानी में भी दिखाई देता. बादशाह ने भी पानी को गौर से देखा और फिर बीरबल की बात से सहमत हो गए. बीरबल ने उन दोनों को दरबार में बुलाया और कहा- मुझे पता चल गया है कि यह थैली किसकी है. यह थैली रमजान कसाई की है. काशी, तुम झूठ बोल रहे हो. बीरबल ने सिक्के डले पानी वाला कटोरा उसे दिखाते हुए कहा- यदि यह थैली तुम्हारी है तो इन सिक्कों पर कुछ-न-कुछ तेल अवश्य होना चाहिए, पर तुम भी देख लो तेल तो अंश मात्र भी नज़र नहीं आ रहा है. काशी चुप हो गया और अपनी ग़लती उसने मान ली. बीरबल ने रमजान कसाई को उसकी थैली दे दी और काशी को कारागार में डलवा दिया. यह भी पढ़ें: Fairy Tales: ब्यूटी एंड द बीस्ट… (Beauty And The Beast)

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Fairy Tales: ब्यूटी एंड द बीस्ट… (Beauty And The Beast)

Beauty And The Beast Story in Hindi
Fairy Tales: ब्यूटी एंड द बीस्ट... (Beauty And The Beast)
एक शहर में एक व्यापारी अपनी तीन बेटियों के साथ रहता था. तीनों बेटियां बेहद सुंदर थीं, पर सबसे छोटी बेटी ब्यूटी सबसे ख़ूबसूरत और समझदार थी. इसी वजह से उसकी दोनों बहनें उससे ईर्ष्या रखती थीं. दोनों बड़ी बहनें बेहद स्वार्थी थीं और अपने पिता की दौलत उड़ाने में ही उनकी दिलचस्पी थी. ब्यूटी हमेशा अपने पिता का ख़्याल रखती और हर रात वो एक सुंदर से राजकुमार का सपना देखती. उसे यकीन था कि एक दिन उसे वो राजकुमार अपने साथ महल में ले जाएगा. दिन गुज़र रहे थे कि एक दिन की बात है व्यापारी को ख़बर मिलती है कि उनके सारे जहाज़ समुद्री तूफ़ान में डूब गए और वो तबाह हो गए. इस मुश्किल घड़ी में ब्यूटी ने पिता को संभाला, जबकि बाकी बहनें दिनभर रोना रोती रहतीं. एक दिन व्यापारी को ख़बर मिली कि उनका एक जहाज़ मिल गया है. वो बेहद ख़ुश हुए और बंदरगाह जाने से पहले अपनी बेटियों से पूछने लगे कि उन्हें क्या उपहार चाहिए. दोनों बड़ी बहनों से कपड़े और गहने मांगे, जबकि ब्यूटी ने कहा कि आप सही सलामत वापस आ जाओ, इसके अलावा कुछ नहीं चाहती मैं. पर पिता ने ज़ोर दिया, तो उसने कहा कि मेरे लिए एक गुलाब का फूल लेते आना. पिता बंदरगाह चल दिए, पर वहां जाकर देखा कि जहाज़ पूरी तरह अस्त-व्यस्त था, सारा माल गायब था. वो फिर निराश हो गए. वापसी में रास्ते में बर्फीले तूफ़ान से उनका सामना हुआ. उनका घोड़ा आगे चल नहीं पा रहा था. ऐसे में कुछ देर रुक जाना ही उन्हें सही लगा. अपने घोड़े को एक पेड़ के नीचे खड़ाकर उन्होंने देखा कि कुछ दूरी पर रोशनी-सी चमक रही थी. वो उस तरफ़ चल पड़े. वहां जाकर देखा कि एक आलीशान महल था और वहां तूफ़ान का भी कोई असर नहीं था. बड़े से सोने के दरवाज़े से वो अंदर गए. वहां जाकर आवाज़ लगाई, पर वहां कोई नहीं था. अंदर जाकर उन्होंने देखा, खाने की मेज़ सजी हुई थी. उन्होंने इंतज़ार किया, पर जब कोई नहीं आया, तो भूख से व्याकुल उन्होंने खाना खा लिया. फिर ऊपर के कमरे की ओर जाकर देखा कि आरामदायक बिस्तर लगा हुआ था. वो आराम से सो गए. Beauty Aur Beast Kahani सुबह नींद खुली तो अपने कमरे में नए कपड़े देखे, उन्होंने नहाने के बाद कपड़े पहने और नीचे आ गए. नीचे नाश्ते का टेबल सजा हुआ था. लज़ीज़ नाश्ता करके उन्होंने ज़ोर से कहा कि आप जो कोई भी हैं, बड़े दयालू हैं. आपकी मेज़बानी के लिए धन्यवाद, अब मैं जा रहा हूं. जैसे ही वो बाहर गया, तो सामने गुलाबों का बगीचा था, जिसमें ख़ूबसूरत बैंगनी रंग के गुलाब लगे हुए थे. व्यापारी ने सोचा वो ब्यूटी की इच्छा तो पूरी कर ही सकता है, इसलिए उसने एक गुलाब तोड़ लिया. पर जैसे ही उसने गुलाब तोड़ा, अचानक धरती हिलने लगी और किसी के तेज़ गुर्राने की आवाज़ आने लगी. व्यापारी कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उन्होंने देखा कि सामने से एक भीमकाय, दानवी आकृति चली आ रही है. उसके दांत और पंजे चाकू से भी तेज़ थे. वो जीता-जागता दानव था. उसने व्यापारी से कहा कि तुमको मेरे बगीचे से गुलाब तोड़ने की इजाज़त किसने दी. मैंने तुम्हारा इतना सत्कार किया और तुमने इस तरह से मेरा आभार प्रकट किया. इसकी सज़ा तुम्हें मिलनी चाहिए. यह भी पढ़ें: तेनालीराम: महामूर्ख की उपाधि (Tenali Rama: The Fool Of The Year)   Beauty And The Beast यह सुनकर व्यापारी डर गया. उसने कहा कि आप इतनी दयालू हैं, इसलिए मुझे लगा कि एक गुलाब तोड़ने पर आप नाराज़ नहीं होंगे. ये गुलाब भी मैंने अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए तोड़ा था. यह सुनकर दानव की आंखें चमकने लगीं, वो बोला, तुम्हारी बेटी है? तो मेरे पास तुम्हारे लिए एक प्रस्ताव है, जिससे तुम्हारी जान बच सकती है. व्यापारी ने कहा, मुझे क्षमा कर दें और अपना प्रस्ताव बताएं, क्योंकि मेरी तीन बेटियां मेरा इंतज़ार कर रही हैं. दानव और ख़ुश हो गया. तुम्हारी तीन बेटियां हैं, तब तो बहुत अच्छा है. उनमें से किसी एक से कहो कि वो यहां आकर रहे. मैं उसे अपने पास इस महल में रखूंगा, इसके बदले तुम्हें आज़ादी मिलेगी. व्यापारी ने कहा कि ठीक है, मैं घर जाकर अपनी बेटियों को बताता हूं, मुझे यकीन है कि उनमें से कोई न कोई ज़रूर तैयार हो जाएगी. मैं वापसी का वादा करता हूं. बीस्ट ने कहा कि मैं तुम्हें अपना सबसे तेज़ घोड़ा देता हूं और एक महीने का समय, लेकिन तुम्हारी बेटी को यहां अपनी मर्ज़ी से आना होगा, ज़ोर-ज़बर्दस्ती से नहीं. अगर तुम एक महीने में नहीं आए, तो मैं ख़ुद तुम्हें ढूंढ़ने आऊंगा. व्यापारी ने भले ही यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था, पर उसे यही लग रहा था कि उसकी कोई भी बेटी तैयार नहीं होगी और उसकी मौत निश्‍चित है. घर जाकर सारी बातें बताईं. दोनों बहनें ब्यूटी पर क्रोधित हो उठीं कि ये सब तुम्हारे गुलाब की वजह से हुआ. ब्यूटी ने कहा कि मैं पिताजी का वादा निभाने के लिए उनके साथ जाऊंगी. व्यापारी बेहद दुखी था कि उसके कारण यह दुर्भाग्य आया है. ब्यूटी ने समझाया और पिता का हौसला बढ़ाया. व्यापारी यही कहता रहा कि ब्यूटी अपनी ज़िंदगी जीओ, उसे यूं मुझ बूढ़े के लिए ख़राब मत करो. Beauty And The Beast in Hindi ब्यूटी ने कहा कि मैं इसका सामना कर सकती हूं. मुझमें हिम्मत है. आप घबराएं नहीं. दोनों जल्द ही आलिशान महल में पहुंच गए. वहां बढ़िया खाना मेज़ पर सजा हुआ था. दोनों ने खाना खाना शुरू किया. कुछ ही देर में बीस्ट वहां आ पहुंचा, जिसे देखकर ब्यूटी बेहद घबरा गई. बीस्ट ने ब्यूटी से पूछा कि क्या वो अपनी मर्ज़ी से यहां आई है, तो ब्यूटी ने सहमति जताई. बीस्ट ने कहा कि क्या तुम अपने पिताजी के बगैर मेरे साथ यहां रहने के लिए तैयार हो, तो ब्यूटी ने हां कहा. बीस्ट ने व्यापारी से कहा कि आप अपने घोड़े के पास जाएं, वहां सोने से भरे ट्रंक हैं, जो आपकी दोनों बेटियों के लिए है. व्यापारी ने भारी मन से ब्यूटी से विदा ली. बीस्ट ने ब्यूटी को भी ऊपर जाकर आराम करने की सलाह दी. ब्यूटी ने ऊपर जाकर देखा कि बेहद ख़ूबसूरत कमरा उसके लिए तैयार था. वो सो गई. सुबह उठी तो उसकी ज़रूरत व शृंगार का हर सामान तैयार था. वो तैयार होकर नीचे आई, तो लज़ीज़ खाना मिला. खाना खाकर वो आराम ही कर रही थी कि बीस्ट ने उसके पास आकर पूछा कि क्या वो बदसूरत और डरावना है, तो ब्यूटी ने हां में गर्दन हिला दी. फिर बीस्ट ने पूछा क्या वो उससे शादी करेगी, बिना डरे उसे जवाब दे, तो ब्यूटी ने मना कर दिया. जवाब सुनकर बीस्ट चला गया. ब्यूटी हैरान थी कि इंकार करने पर भी बीस्ट नाराज़ नहीं हुआ, न ही ज़बर्दस्ती की. Beauty And The Beast Hindi Story बीस्ट हर रात को खाने के बाद ब्यूटी से शादी की बात कहता और ब्यूटी जब मना कर देती, तो वो बेहद उदास व दुखी होकर लौट जाता. धीरे-धीरे दिन गुज़रते गए. अब ब्यूटी को बीस्ट से डर नहीं लगता था. वो उसके नेक दिल का सम्मान करती थी. बीस्ट उसके लिए पियानो भी बजाता और लंबी-लंबी बातें करता. आलिशान महल में रहना ब्यूटी को अच्छा तो लग रहा था, लेकिन अब उसे अपने पिता की याद सताने लगी थी. ब्यूटी को उदास देखकर बीस्ट ने पूछा, तो ब्यूटी ने एक हफ़्ते के लिए घर जाने की इच्छा जताई. बीस्ट ने कहा कि वो ब्यूटी की इच्छा को पूरा करेगा, लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि ब्यूटी अपनी नफ़रत के कारण उससे दूर जाना चाह रही हो. ब्यूटी ने कहा कि वो बीस्ट से नफ़रत नहीं करती और उसे अकेला छोड़कर जाने का उसे भी अफ़सोस है. बीस्ट ने कहा कि तुम जा सकती हो, पर यदि समय पर वापस नहीं आई, तो मेरी मौत निश्‍चित है. ब्यूटी ने कहा वो ऐसा नहीं होने देगी. बीस्ट ने उसे एक अंगूठी देकर कहा कि इसे पहनकर सो जाओ और जब तुम उठोगी, तो अपने पिता के घर पर होगी. जब तुम्हारी वापस आने की इच्छा हो, तो यह अंगूठी उतार देना, तुम फिर इस महल में आ जाओगी. ब्यूटी बेहद ख़ुश थी. अगली सुबह उसने ख़ुद को अपने घर पर अपने बिस्तर पर पाया. पिता से मिलकर वो भावुक हो गई. पिता भी बेहद ख़ुश थे. एक हफ़्ता गुज़र गया, पर ब्यूटी महल में वापस जाने की बात भूल गई थी. Beauty Aur Beast Kahani एक रात उसे सपना आया कि बीस्ट ज़मीन पर गिरा हुआ है और बस मौत के क़रीब है. वो बेहद डर गई और उसने वापस जाने का निर्णय लिया. सबसे अलविदा कहकर उसने अंगूठी उतारी और अगली सुबह वो महल में पहुंच गई. वो फ़ौरन उस बगीचे में गई, जहां सपने में उसने बीस्ट को मरते हुए देखा था. वो चौंक गई, क्योंकि बीस्ट सचमुच में बेहोशी की हालत में था. ब्यूटी ने पानी के छींटें मारे, तो बीस्ट को होश आया. उसे होश में आया देख ब्यूटी ख़ुशी से झूम उठी और उसे यह एहसास हुआ कि बीस्ट उसके दिल में जगह बना चुका था. ब्यूटी ने कहा कि मैं बुरी तरह डर गई थी, अगर आपको कुछ हो जाता, तो मैं ख़ुद को कभी माफ़ नहीं करती. मैं आपसे बेहद प्यार करती हूं. यह सुनकर बीस्ट ने कहा कि क्या तुम मुझ जैसे बदसूरत व अजीब से दिखनेवाले प्राणी से प्यार कर सकती हो? ब्यूटी ने कहा क्यों नहीं, आपका दिल इतना सुंदर है कि कोई भी आपसे प्यार कर सकता है. मुझे जीवन में और कुछ नहीं चाहिए. बीस्ट ने पूछा, क्या तुम मुझसे शादी करोगी? ब्यूटी ने कहा कि हां, करूंगी. यह सुनते ही बीस्ट के चारों तरफ़ रौशनी का साया मंडराने लगा और वो एक ख़ूबसूरत नौजवान में बदल गया. ये देख ब्यूटी हैरान थी, क्योंकि ये वही नौजवान था, जिसके सपने वो देखती थी. उसने राजकुमार को बताया कि वो अक्सर उसके सपनों में आता था. राजकुमार ने बताया कि तुम्हारी वजह से मुझे एक भयंकर शाप से मुक्ति मिली. एक चुडैल को मैंने लड़ाई में हराया था, जब वो मर रही थी, तो उसने मुझे शाप दिया था कि मैं इतना कुरूप हो जाऊंगा कि कोई मुझसे प्यार नहीं करेगा. उसके शाप से मैं भयंकर दरिंदे में बदल गया था, पर तुम्हारे सच्चे प्यार ने मुझे फिर से जीवन दे दिया. Beauty And The Beast Hindi Kahani राजकुमार ब्यूटी को उसके घर ले गया, जहां उसके पिता से उसका हाथ मांगा. दोनों ने शादी की और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे. सीख: सुंदरता स़िर्फ तन की नहीं होती, उससे कहीं बड़ी सुंदरता मन की होती है, जिससे सारा जग जीता जा सकता है. चेहरा समय के साथ बदल जाता है, पर मन की ख़ूबसूरती हमेशा बरक़रार रहती है. इसलिए बाहरी सुंदरता से आकर्षित होने की बजाय मन की सुंदरता का सम्मान करना सीखें. यह भी पढ़ें: पंचतंत्र की कहानी: दो दोस्त और बोलनेवाला पेड़ (Panchtantra Story: Two Friends And A Talking Tree)

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अकबर-बीरबल की कहानी: जोरू का गुलाम (Akbar-Birbal Tale: Joru Ka Ghulam)

  Akbar Aur Birbal
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बादशाह अकबर और बीरबल आपस मे