Close

इम्युनिटी बूस्टर मॉनसून सुपरफूड्स जो रखेंगे आपको फिट और हेल्दी… (Monsoon Superfoods To Boost Your Immunity)

वैसे तो बारिश का मौसम लोगों को काफी भाता है क्योंकि इस मौसम में लोगों को काफी हद तक चिलचिलाती गर्मी और धूप से राहत मिल जाती है, लेकिन यह मौसम अपने साथ कई मौसमी बीमारियां भी लेकर आता है, जैसे- खांसी, बुखार, डायरिया, फंगस आदि. इन सभी प्रकार की बीमारियों से बचने के लिए आपको अपने खान-पान में बदलाव लाने की ज़रुरत होती है, यह ना सिर्फ इन मौसमी बीमारियों से बचने में आपकी मदद करेंगे बल्कि आपके स्वास्थ को बेहतर भी करेंगे. घर में मौजूद आम खाद्य पदार्थों का सेवन करने से इंफेक्शन व मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है. तो चलिए जानते हैं क्या कहना है फिट विथ डाइट की डायरेक्टर, न्यूट्रिशियनिस्ट नम्रता सिंह का मॉनसून सुपरफूड्स के बारे में - 

इम्युनिटी बूस्टर मॉनसून सुपरफूड्स 

अदरक

मॉनसून में अदरक मौसमी बीमारियों से बचाती है और साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है. यह एंटीऑक्सीडेंट के गुण से भरपूर हैं जो सर्दी, खांसी, बुखार व सीने में जकड़न जैसी समस्या को भी दूर करती है. इसका सेवन कच्चा व खाने में पकाकर भी किया जा सकता है. इसकी चाय मूड बेहतर करने के साथ सीने में जकड़न की समस्या को भी दूर करती है और इसका काढ़ा बीमारियों में तुरंत राहत देता है.

लहसुन 

लहसुन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं और यह इम्युनिटी बूस्ट करता है. लहसुन को अपनी सुबह की दिनचर्या में शामिल करने से कई तरह की बीमारियों से दूर रहा जा सकता हैं. यह फ्लू के लक्षणों को कम करने में मददगार है और साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल, हृदय स्वास्थ्य और फेफड़ों से संबंधित अन्य समस्याओं को नियंत्रित करता है। मानसून में मौसमी बीमारियां से बचने के लिए आपको रोज़ लहसुन की कम से कम 1-2 कच्ची कली का सेवन करना चाहिए.

खट्टे फल (Citrus Fruits)

रोज़ाना खट्टे फलों का सेवन करने से भी इम्युनिटी बूस्ट होती है. खट्टे फलों को आमतौर पर सिट्रस फ्रूट्स कहा जाता है, इनमें भारी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है और यह बॉडी में सफेद रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मददगार है. खट्टे फल जैसे  संतरा, मौसंबी, किन्नू, चकोतरा अनानस, टमाटर, आदि एंटीऑक्सीडेंट यानी विटामिन-सी से भरपूर हैं और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाते हैं. संतरे में सबसे अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है जो फ्री रैडिकल से होने वाले डीएनए को कई तरह के नुकसानों से भी बचाता है.

हरी सब्जियां 

हरी सब्जियों का सेवन तो हर मौसम में किया जा सकता है क्योंकि गोभी, पालक, जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन-सी, विटामिन-ई, आयरन, बीटा कैरोटीन, की काफी मात्रा होती है. वहीं, हरी मटर, लौकी, ब्रॉकली, आदि में भी इम्युनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्त्व होते है जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं. आंवला भी विटामिन-सी का एक बेहद अच्छा स्रोत है, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल की सफाई करने में सहायक होते है. शिमला मिर्च भी गुणों से भरपूर है, विटामिन सी के साथ-साथ इसमें बीटा कैरोटीन भी पाया जाता है जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने और स्किन को हेल्दी रखने में भी समर्थ है.

प्रोबायोटिक्स फूड्स

प्रोबायोटिक्स फूड्स में मौजूद माइक्रोब्स के कारण ना केवल गट हेल्दी होता है बल्कि, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम भी मज़बूत बनता है. कई बार भोजन के साथ शरीर में हानिकारक तत्व भी शामिल हो जाते हैं. प्रोबायोटिक्स फूड्स गट में हेल्दी बैक्टेरिया की मात्रा को बढ़ाकर शरीर में प्रवेश करने वाले नुकसान दायक तत्वों से शरीर की रक्षा करते हैं. यदि आप भी मानसून में होने वाली मौसमी बीमारियों से बचना चाहते हैं तो अपनी डाइट में  प्रोबायोटिक्स फूड्स जैसे - लस्सी, छाछ, दही, योगर्ट, आदि को आवश्यक रूप से शामिल करें.

हर्बल टी 

चाय पीना तो सबको काफी पसंद होता है और यही आदत आपके लिए फायदेमंद भी साबित हो सकती है. हर्बल टी के उपयोग से ना सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है बल्कि, कई और फायदे भी मिलते हैं. यह कंजेशन रिलीफ में फायदेमंद है और कोलेस्ट्रॉल को भी मेंटेन करती हैं. हर्बल टी में इलायची, तेज पत्ता, सौंफ, आमला, तुलसी, लौंग, दालचीनी, गिलोय, अश्वगंधा, आदि होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही शरीर को काफी फायदे प्रदान करती हैं. यह  एंटीबायोटिक का काम भी करती हैं और मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करती हैं.

न्यूट्रिशियनिस्ट नम्रता सिंह, डायरेक्टर, फिट विथ डाइट

Share this article

मॉनसून में शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज़ के रोगी करें ये 5 बेस्ट और ईज़ी एक्सरसाइज़…(5 Best And Easy Indoor Exercises For People With Diabetes During Monsoon)

डायबिटीज़ (diabetes) मैनेज (management) करने के लिए बेहद ज़रूरी है हेल्दी लाइफ़स्टाइल (healthy lifestyle), जिसमें डायट (diet), ट्रीटमेंट (treatment) के साथ-साथ डेली एक्सरसाइज़ (daily exercise) भी शामिल है. अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार, वेट्स के साथ वर्कआउट करने से कई और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी मिलते हैं जैसेकि इससे हड्डियां मजबूत होती हैं, ब्‍लड प्रेशर और कोलेस्‍ट्रॉल (cholesterol) कम होता है, वजन (weight) घटता है और हृदय (heart) संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है.

डायबक्‍युरा हेल्‍थकेयर एंड धर्मा डायबिटीज एंड मेटाबॉलिक क्‍लीनिक्‍स के डायरेक्‍टर एवं कंसल्‍टेंट डायबिटोलॉजिस्‍ट, डॉ मुदित सभरवाल कहते हैं- डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को रोज़ एक्‍सरसाइज करना अक्‍सर चुनौतीपूर्ण लगता है और बारिश के मौसम में तो इसे और भी नजरअंदाज कर दिया जाता है. अपने ब्‍लड शुगर लेवल को बरकरार रखने के लिए उन्‍हें छोटे-छोटे प्रयास जरूर करने चाहिए, जैसेकि वे घर पर ही वर्कआउट का रूटीन बना सकते हैं. हेल्दी डायट se लेकर और डेली एक्‍सरसाइज़ करके, डायबिटीज़ से ग्रसित लोग अपने ब्‍लड प्रेशर एवं ब्‍लड कोलेस्‍ट्रॉल के लेवल में भी सकारात्‍मक बदलाव देख सकते हैं.

डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ब्‍लड शुगर में होने वाले बदलावों के बारे में जानना महत्‍वपूर्ण है. इससे वे स्थिति को बेहतर ढंग से मैनेज कर सकते हैं. वर्कआउट से पहले और बाद में ब्‍लड ग्‍लूकोज़ लेवल पर निगरानी रखने से उन्‍हें यह समझने में मदद मिलेगी कि रोज़ एक्‍सरसाइज़ करने के आखिर क्‍या लाभ हैं. ऐसे में अपने डॉक्‍टर से परामर्श करके इंडोर वर्कआउट रूटीन्‍स आज़माने चाहिए. खासतौर से उन एक्‍सरसाइज़ के बारे में ज़रूर जानना चाहिए जो एनर्जी बढ़ाने और ब्‍लड शुगर का उचित स्‍तर बनाए रखने में मददगार होती हैं. यहां कुछ इंडोर एक्‍सरसाइज़ दी गई हैं जिन्‍हें आसानी से किया जा सकता है :

  1. वॉल पुश अप्‍स : दीवार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं और अपनी हथेलियों को कंधे की सीध में दीवार पर रखें. अपने टॉर्सो को स्‍ट्रेट रखकर मजबूती से प्‍लैंक स्‍टैंस करें, अपने सीने को दीवार की तरफ लाने के लिए अपनी कोहनी को मोड़े. धीरे-धीरे पुश बैक करें और अपनी भुजाओं को सीधा करें.
  2. साइड रेज़ : आप अपनी साइड्स पर अपने हाथों के दम पर बैठ सकते हैं या खड़े हो सकते हैं और दोनों हाथ में वेट ले सकते हैं. धीरे-धीरे दोनों हाथों को साइड से उठाएं, कोहनी को हलका से मोड़े, जब तक कि वे ‘टी’ आकार में कंधे की उंचाई पर ना पहुंच जाए. धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे लाएं और फिर इस प्रक्रिया को दोहरायें.
  3. चेयर रेज़: एक कुर्सी पर बैठ जाएं, सुनिश्चित करें कि यह सुरक्षित हो. अपने हाथों को अपने सीने की ओर सीधा रखें और पीछे की ओर झुकें. आपके हाथ आपके सामने बिल्‍कुल सीधे होने चाहिए ताकि आप सीधे बैठ सकें और सीधे खड़े हो सकें. अपनी सिटिंग पोजीशन में वापस आएं और इस एक्‍सरसाइज को दोबारा दोहरायें.
  4. बाइसेप कर्ल्‍स : अपने हाथों को साइड में रखें और अपनी हथेलियों को अंदर की तरफ. दोनों हाथों में वेट लें. हथेली को अपनी ओर रखते हुए, एक हाथ को मोड़ें और वेट को अपने कंधे पर लेकर आएं. नीचे आने पर दूसरे हाथ से यही प्रक्रिया दोहरायें.
  5. ट्राईसेप्‍स एक्‍सटेंशंस: अपने हाथ को अपने सिर के ऊपर लाएं ताकि आपकी कोहनी छत की तरफ हो और एक हाथ में वेट पकड़ें जोकि नीचे फर्श की तरफ हो. मूवमेंट के दौरान आपकी कोहनी को चोट से बचाने के लिए, अपने दूसरे हाथ का इस्‍तेमाल करें और हाथ को एक पोजीशन में बनाए रखें. अपने सिर से ऊपर वेट उठाने के लिए, अपने हाथ को सीधा करें. एक बार और उठाएं. दोहराने के लिए दूसरे हाथ का इस्‍तेमाल करें.

यह आसान सा वर्कआउट रूटीन आपकी ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकता है और आप बेहतर ढंग से डायबिटीज़ को मैनेज कर सकते हैं. इसे आजमाने से पहले अपने डायबिटीज़ के डॉक्‍टर से परामर्श करना महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके लिए सबसे बढ़िया रूटीन कौन सा है. याद रखें कि वर्क आउट करते वक्‍त अपने ब्‍लड शुगर लेवल की निरंतर जांच करना जरूरी है, इससे एक्‍सरसाइज रूटीन में आवश्‍यक बदलाव करने और बेहतर टेक्निक्‍स को ढूंढने में मदद मिल सकती है.

Share this article

मॉनसून में कैसे रखें खुद को फिट और हेल्दी? (How To Stay Fit And Healthy During Monsoon?)

माना भीगा मौसम सुहाना लगता है लेकिन बारिश अपने साथ सिर्फ़ ठंडी फुहार ही नहीं बल्कि कई तरह के संक्रमण और बीमारियां भी साथ लाती है. इसलिए इस मौसम का पूरा लुत्फ़ उठाना हो तो बेहरत है कि मॉनसून में अपनी फिटनेस (monsoon health and fitness) बनाए रखें…

रखें डायट का ध्यान… 

  • मॉनसून में पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है, इस सीज़न में पानी के साथ-साथ भोजन से भी बैक्टिरियलइंफेक्शन्स की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए खानपान का विशेष ध्यान रखें. साफ़ व पूरी तरह से पका हुआ भोजनलें.
  • इस मौसम मेंपाचन क्रिया धीमी होने के कारण हमारा इम्यून सिस्टम भी कमज़ोर हो जाता है, जिससे ऊर्जा की कमीहोती है और साथ ही खाना भी ठीक तरी़के से पचता नहीं, जिससे एसिडिटी और गैस जैसी समस्याएं होने लगती हैं. ऐसे में आपको खानपान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए. संतुलित व हल्का भोजन लें और ओवरईटिंग से बचें.
  • सही तरी़के से खानपान का ख़्याल न रखने पर पेट में संक्रमण, दस्त, हैजा और पीलिया तक हो सकता है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया भी आम बरसाती बीमारियां हैं, इनसे बचाव भी ज़रूरी है.
  • पानी जितना ज़्यादा हो सके पिएं. हाइड्रेटेड रहें. बारिश है, तो यह न सोचें कि आपको अब ज़्यादा पानी पीने कीज़रूरत नहीं. मॉनसून में वातावरण में नमी बढ़ती है और पसीना जल्दी से सूखता नहीं, जिस वजह से शरीर की गर्मीरिलीज़ नहीं हो पाती, इसलिए पानी की कमी शरीर में न होने दें.
  • पानी हमेशा उबालकर ठंडा करके यानी प्यूरिफाई करके ही पीएं, क्योंकि इस मौसम में पानी जनित बीमारियों कीसंभावना सबसे अधिक होती है.
  • स्ट्रीट फुड और बाहर रोड साइड में मिलनेवाले में मिलनेवाला फूड इस समय जितना हो सके अवॉइड करें. सड़ककिनारे मिलनेवाला फ्रूट सलाद फूड पॉयज़निंग का सबसे बड़ा कारण होते हैं. इस मौसम में मच्छर-मक्खी व अन्यजंतुओं के अधिक पनपने का ख़तरा रहता है, जो खाने को दूषित कर सकते हैं. इसके अलावा इनमें बैक्टिरिया वगैरहभी हो सकता है, जिससे संक्रमण का डर रहता है.
  • पका हुआ खाना खाएं बजाय कच्चे सलाद वगैरह के. इसी तरह बासी भोजन से बचें.
  • फल व सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धोने के बाद ही इस्तेमाल करें. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां व फूल गोभी आदि कोउबालने के बाद ही इस्तेमाल करें, तो बेहतर होगा, ताकि कीटाणु वगैरह से आपका बचाव हो. वैसे बेहतर होगा किइस मौसम में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाने से बचें, क्योंकि बारिश में उनमें कीड़े लगने लगते हैं.
  • दूध को कंप्लीट डायट कहा जाता है, लेकिन इस मौसम में उसे अवॉइड करें.
  • डेयरी प्रोडक्ट्स इस मौसम में जितना कम खाएंगे, उतना बेहतर होगा क्योंकि उनके ज़रिए इंफेक्शन्स की संभावनाअधिक होती है.
  • ताज़ा सूप पीएं, ये काफ़ी हेल्दी होता है. भूख बढ़ाकर पाचन क्रिया को संतुलित करता है.
  • आप अदरक की चाय, ग्रीन टी या हर्बल टी भी पी सकते हैं.
  • ओट्स, जौ, ब्राउन राइस हल्के और पचने में आसान होते हैं और इस मौसम में बेस्ट रहते हैं.
  • नॉन वेज खाने से बचें, ख़ासतौर से सी फ़ूड, जैसे- फिश या प्रॉन्स, क्योंकि यह उनका ब्रीडिंग सीज़न होता है, जिससेआपको पेट में संक्रमण का ख़तरा हो सकता है. 
  • मसालेदार और तले हुए खाने से अपच, उबकाई आना, वॉटर रिटेंशन आदि की समस्या हो सकती है.
  • इस सीज़न में प्रोसेस्ड फूड अवॉइड करें.
  • इस मौसम में गाय का घी खाना काफ़ी फ़ायदेमंद होता है, क्योंकि वो पाचन क्रिया  को ठीक रखता है और इम्यूनिटीभी बढ़ाता है.
  • बदहज़मी और अपच से बचने के लिए नियमित रूप से खाने से पहले अदरक के एक छोटे से टुकड़े पर सेंधा नमकलगाकर खाएं.
  • हल्दी, धनिया, कालीमिर्च, हींग, सौंफ, लहसुन, अदरक जैसे मसाले रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, साथ हीपाचन क्रिया को भी बेहतर बनाते हैं.
  • इसी तरह नीम, हल्दी, करेला जैसी कड़वी चीज़ें और कड़वे हर्ब्स भी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और इनमेंऔषधीय गुण होते हैं, जो संक्रमण से बचाव करते हैं. 
  • अपने भोजन में लहसुन को भी ज़रूर शामिल करें, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. 
  • ड्रायफ्रूट्स को अपने डेली डायट का हिस्सा बनाएं.
  • फ्रेश फ्रूट्स में आप सेब, अनार, मोसंबी, केला खाचेरी, अनार, आलू बुखारा, लीची,  नाशपाती जैसे फल खाएं. 
  • इसी तरह गाजर, मूली और मेथी जैसी सब्ज़ियों को अपने डेली डायट का हिस्सा बनाएं.
  • रोज़ाना हल्दीवाला दूध आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ाएगा और दूषित पानी के कारण होनेवाली बीमारियों से भीबचाएगा.
  • स्किन एलर्जी की समस्या वालों को स्पाइसी और सी फूड से बचना चाहिए, क्योंकि स्पाइसी फूड सर्कुलेशन कोबढ़ाता है, जिससे स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ सकती है.
  • बर्तनों और कटिंग बोर्ड को अच्छी तरह साफ़ रखें.
  • ऐसे फल और सब्ज़ियां खाएं, जिनके छिलके निकाल सकते हैं.

फ़िज़िकल एक्टिविटी को कम न होने दें… 

  • बारिश में आपकी जॉगिंग और डेली वॉक पर रोक लग जाती है, लेकिन फिटनेस बनाए रखने के लिए बेहतर होगाकि आप घर में कुछ लाइट, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ व योगा करें. 
  • लेकिन ध्यान रखें कि इस मौसम में हेवी एक्सरसाइज़ से बचें. 
  • आप मेडिटेशन व योगा करें. 
  • जॉगिंग नहीं जा सकते तो क्या हुआ घर पर ही डान्सिंग करें. 
  • घर या ऑफ़िस में अपनी इंडोर फ़िज़िकल एक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान दें. 
  • बहुत देर तक एक ही जगह पर बैठे न रहें. 

स्किन इंफेक्शन और एलर्जी से रहें सावधान… 

  • बारिश के दौरान वातावरण में नमी बढ़ने से पैची स्किन, रैशेज़ फ़ंगल और बैक्टिरियल इंफेक्शन्स की संभावना बढ़जाती है.
  • नहाने के पानी में नीम का उबला हुआ पानी मिलाएं. 
  • अगर ये समस्या ज़्यादा हो बढ़ जाए तो डॉक्टर से संपर्क करें.
  • डायबिटीज़ के रोगी अधिक सावधानी बरतें. शू बाइट होने पर घाव के भीगने पर फ़ौरन उसे सूखा करें. नंगे पांव गीलीज़मीन पर न चलें, वरना जर्म्स और बैक्टीरिया से आपको इंफेक्शन हो सकता है. समस्या होने पर डॉक्टर से सम्पर्ककरें. 
  • एंटी बैक्टिरियल सोप्स और पाउडर्स का ही इस्तेमाल करें.
  • बारिश में भीग जाने पर जितनी जल्दी हो सके खुद को सूखा कर लें. ज़्यादा देर तक गीला रहने पर सर्दी-बुखार होसकता है और बालों व स्किन में फ़ंगल इंफेक्शन का डर बढ़ जाता है.
  • इस सीज़न में ओपन शूज़ या सैंडल्स पहनें. बंद शूज़ में पानी जमा होने पर पैर देर तक गीले रहते हैं, जिससे फंगलइंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है.
  • पैरों को भी जितना हो सके सूखा रखने की कोशिश करें. गीले होने पर पैरों को अच्छी तरह से साफ़ कर लें. उंगलियोंके बीच में ख़ासकर एंटी फंगल या एंटी बैक्टिरियल पाउडर लगाएं. 
  • जल्दी सूखनेवाले लाइट कपड़े पहनें. जींस न पहनें क्योंकि ये जल्दी सूखती नहीं, जिससे फंगल इंफेक्शन का डरबना रहता है.
  • हाईजीन का ख़याल रखें. हाथों को अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाना खाएं.
  • पर्सनल हाइजीन का भी ख़ास ख़्याल रखें. टॉयलेट के बाद और डायपर बदलने पर हैंडवॉश से हाथ ज़रूर धोएं.
  • बार-बार चेहरे व आंखों पर हाथ न लगाएं, क्योंकि इस मौसम में आंखों के इंफेक्शन की समस्या भी बढ़ जाती है. कंजंक्टिवाइटिस या ड्राई आईज़ की समस्या हो सकती है.
  • बारिश से पहले घर में पेस्ट कंट्रोल ज़रूर करवाएं.
  • घर के आसपास पानी जमा न होने दें वर्ना मच्छरों के पनपने की सम्भावना बढ़ जाती है.

ज़रूरी सावधानियां… 

  • बच्चों और बुजुर्गों व दमा व सांस के रोगियों को इस मौसम में ख़ास सावधानी बरतनी चाहिए. नमी वाली जगह परबहुत देर तक रहने से बचें. बारिश में भीगने से बचें. बाहर फिसलन बढ़ने से फिसलने का भी डर बढ़ जाता है इसलिएख़राब मौसम में बाहर जाने से बचें.
  • जब भी बाहर से आएं, तो गर्म पानी से नहाएं और पानी में एंटीसेप्टिक लिक्विड की कुछ बूंदों ज़रूर मिलाएं.
  • पैरों को गर्म रखें. बालों को बहुत देर तक गीला न रहने दें. जितना जल्दी हो सके उन्हें सुखा लें. 
  • डायट में भी ठंडी चीज़ों के सेवन से बचें. ताज़ा व गर्म भोजन ही खाएं. 
  • दिन के दौरान सोने से बचें. इससे वात, पित और कफ में असंतुलन हो जाता है. कफ़ व पित्त बढ़ सकता है. 
  • चश्मा या आई ड्रॉप्स या फिर मेकअप भी किसी के साथ शेयर न करें.
  • हेपेटाइटिस ए और बी का वैक्सीन लें, क्योंकि मॉनसून के दौरान लिवर में वायरल इंफेक्शन काफ़ी आम बात है. हेपेटाइटिस के वायरस पानी के ज़रिए तेज़ी से फैलते हैं. यह इंफेक्शन गंभीर हो सकता है, क्योंकि हेपेटाइटिस काकारण पीलिया हो जाता है.

बरसाती समस्याओं व बीमारियों से बचने के घरेलू उपाय… 

  • पेट दर्द, गैस, बदहज़मी होने पर थोड़ी-सी अजवायन को पानी में डालकर उबाल लें. इस पानी को गुनगना पीएं. 
  • सर्दी-खांसी से राहत के लिए एक कप पानी में सोंठ पाउडर उबालकर पीएं, राहत मिलेगी.
  • सर्दी, खांसी और ज़ुकाम के लिए गाजर के जूस में काला नमक मिलाकर पीएं. बहुत फ़ायदेमंद है.
  • गले में ख़राश या दर्द है, तो गुनगुने पानी में नमक और हल्दी मिलाकर गरारे करें.
  • अदरक को काटकर नींबू का रस डाल लें. भोजन के साथ इसका सेवन पाचन शक्ति को बढ़ाता है.
  • सर्दी से नाक बंद हो गई हो, तो गर्म पानी में नीलगिरी तेल की कुछ बूंदें डालकर भाप लें या फिर रुमाल में उसकीकुछ बूंदें छिड़ककर सूंघें.
  • धनिये और सौंफ के सेवन से भी पाचन तंत्र मज़बूत होता है, गैस, एसिडिटी से आराम मिलता है. कफ़ में भीफ़ायदेमंद है.
  • सर्दी-खांसी से राहत के लिए शहद में काली मिर्च पाउडर मिलाकर लें.
  • हेल्दी मसालों का मिश्रण- जीरा, अजवायन और सोंठ को समान मात्रा में मिलाकर भूनकर पाउडर कर लें और एकड्राय कंटेनर में स्टार करके रख लें. इसें फ्रिज में न रखें. अगर यह नमी से दूर रहता है, तो 2 महीने तक चल सकता है. इसके सेवन से पेट की तकली़फें दूर रहती हैं. टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं.
  • वायरल फीवर के एक कप पानी में तुलसी और अदरक मिलाकर उबाल लें. आंच से उतारकर शहद मिलाएं औरचाय की तरह पीएं. इससे सर्दी, खांसी और ज़ुकाम में भी राहत मिलती है. 
  • बुख़ार में संतरे का जूस पीने से फ़ायदा होता है. यह ऊर्जा बढ़ाता है और यूरिन के ज़रिए विषैले तत्वों को बाहर करकेबुखार कम करता है. 
  • वायरल फीवर में लहसुन और प्याज़ के कच्चे सेवन से फ़ायदा मिलेगा. आप सूप के रूप में इनका सेवन करें.
  • तुलसी व अदरक के रस को शहद में मिलाकर लेने से भी बुखार में लाभ मिलता है.

नोट: कोई भी समस्या बढ़ने पर, चाहे बुख़ार हो, पेट की समस्या, स्किन संबंधी या सांस संबंधी रोग  अगर ठीक न हो रहे होंतो ख़ुद दवा खाने की बजाय डॉक्टर को दिखाएं, वर्ना रोग के गम्भीर होने का ख़तरा बढ़ सकता है. स्टे सेफ और हैप्पी वहेल्दी मॉनसून! 

  • भोलू शर्मा 

Share this article

मॉनसून हेल्थ टिप्स: बरसात में रहना है फिट और हेल्‍दी तो कभी न करें ये गलतियां (Monsoon Health Tips: Easy Home Remedies To Avoid Getting Sick During The Monsoon Season)

बरसात का मौसम आते ही गर्मी से तो राहत मिल जाती है, लेकिन ये मौसम अपने साथ बीमारियों की सौगात भी लेकर आता है. बारिश के मौसम सें सेहत का ख़ास ख़्याल रखने के लिए अपनाएं ये हेल्दी टिप्स.

Monsoon Health Tips

1) बाहर का खाने-पीने से बचें
बरसात के ठंडे-ठंडे मौसम में गरम-गरम पकौड़े और समोसे खाने का बहुत मन होता है, लेकिन आप यदि इस मौसम में बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं तो पानी पूरी, भेल पूरी, चाट, पकौड़े और दूसरे स्ट्रीट फूड से परहेज़ करें. इतना ही नहीं ठेले पर मिलने वाले कटे हुए फल, जूस, नींबू पानी आदि से दूर रहना भी ज़रूरी है.

2) डायट में शामिल करें हरी सब्ज़ियां
अपने डेली डायट में ढेर सारी ताज़ी हरी सब्ज़ियां शामिल करें ये आपको बरसात के मौसम में भी फिट रहने में मदद करेगा, लेकिन इस्तेमाल से पहले सब्ज़ियों को अच्छी तरह धोना न भूलें, ख़ासकर फूलगोभी, पत्तागोभी, पालक आदि को. क्योंकि बारिश में इनमें गंदगी और कीड़े ज़्यादा हो जाते हैं. बेहतर होगा कि सब्ज़ियों को इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह साफ़ करके गरम पानी से धो लें, इससे बैक्टीरिया और जर्म्स मर जाते हैं.

3) भीगने के बाद तुरंत नहाएं
यदि आप कभी बारिश में भीग जाएं तो इंफेक्शन से बचने के लिए घर आने के बाद तुरंत अच्छी तरह स्नान करें. साथ ही इस हालत में एसी में न जाएं वरना वायरल फीवर और सर्दी, खांसी हो सकती है.

Monsoon Health Tips

4) फिश खाने से बचे
जहां तक संभव हो बरसात के मौसम में फिश और प्रॉन्स न खाएं. इस मौसम में मछलियों का प्रजनन तेज़ी से होता है अतः यदि आप फिश ख़रीद रहें हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वो फ्रेश हो, वरना आप स्टमक (पेट) इंफेक्शन के शिकार हो सकते हैं.

5) हाइड्रेटेड रहें
ठंडा मौसम होने के कारण बारिश में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखना ज़रूरी है अतः भरपूर पानी पीएं. इस मौसम में उबला या प्यूरीफाई किया हुआ पानी ही पीएं. वरना हैजा, दस्त जैसी बीमारियां होते देर नहीं लगेगी. बारिश में बहुत ज़्यादा कॉफी न पीएं क्योंकि ये आपके शरीर को डिहाइड्रेट कर देगा.

6) घर को साफ़ और पेस्ट फ्री रखें
घर में कॉक्रोच और कीड़े-मकोड़े नहीं होने चाहिए इसके लिए बरसात से पहले ही पेस्ट कंट्रोल करवा लें. साथ ही प्लंबर को बुलाकर सारे लीकेज और पुराने जंग लगे पाइप आदि को बदलवा लें क्योंकि इन्हीं जगहों पर जर्म्स और बैक्टीरिया पनपते हैं जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां हो सकती है.

यह भी पढ़ें: 10 बुरी आदतें बढ़ाती हैं मोटापा, क्या आप भी हैं इन बुरी आदतों के शिकार? (10 Bad Habits That Make You Fat, How to Break Them)

Monsoon Health Tips

मॉनसून में इन बातों का ख़ास ध्यान रखें
7) प्रोटीन से भरपूर बैलेंस डायट लें.
8) तले हुए स्नैक्स खाने से बचे.
9) बारिश में बुखार आना आम है, लेकिन बुखार यदि दो दिन से ज़्यादा रहे तो इसे नज़रअंदाज़ करने की ग़लती न करें, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
10) कुछ भी कच्चा और ठंडा खाने की बजाय गरम पका हुआ खाना खाएं, सूप पीना अच्छा ऑप्शन है.
11) चॉपिंग बोर्ड और खाना बनाने की जगह को साफ़ रखें.
12) हाथ को हमेशा साफ़ रखें, ख़ासकर खाना बनाते और परोसते समय.
13) खाने को हमेशा ढंककर रखें.
14) इस मौसम में सीफूड न खांए.
15) कोई भी फल खाने से पहले उसे अच्छी तरह धोना न भूलें.

यह भी पढ़ें: अपनी उम्र से 10 साल छोटे नज़र आने के लिए ऐसे टर्न करें अपना बॉडी क्लॉक (Turn Back Your Age Clock And Look 10 Years Younger)

Monsoon Health Tips

मॉनसून होम रेमेडीज़
16) बरसात में सर्दी ख़ासी होना आम है ऐसे में तुंरत डॉक्टर के पास जाने से पहले कुछ घरेलू नुस्खे ट्राई करके देखें.
17) गरम दूध में हल्दी पाउडर, सोंठ पाउडर और शहद मिलाकर पीने से सर्दी, ख़ांसी और बदन दर्द में आराम मिलता है.
18) चाय में तुलसी के पत्ते, अदरक और कालीमिर्च डालकर पकाएं. इसे पीने से सर्दी, ख़ासी में राहत मिलती है.
19) अदरक का रस और शहद एक-एक चम्मच सुबह-शाम पीने से ज़ुकाम ठीक हो जाता है.
20) रोज़ाना थोड़ा खजूर खाने के बाद चार-पांच घूंट गरम पानी पीने से कफ पतला होकर बाहर निकलता है. फेफड़े साफ़ होते हैं और सर्दी ज़ुकाम से राहत मिलती है.
21) यदि गला बैठ जाए तो एक ग्लास गरम पानी में डेढ़ चम्मच शहद डालकर गरारा करने से आराम मिलता है और आवाज़ खुल जाती है.
22) गरम पानी में नमक डालकर गरारा करना भी फ़ायदेमंद होता है.
23) अजवाइन और शक्कर उबालकर पीने से गला खुल जाता है.

Share this article

मॉनसून में ऐसे रहें फिट और हेल्दी (Ways To Stay Fit During Monsoon)

Stay Fit During Monsoon मॉनसून में होनेवाली बीमारियां 1. मलेरिया: बारिश में जगह-जगह पानी जमा होनेे के कारण एनोफलीज़ मच्छर तेज़ी से पनपते हैं, जिसकी वजह से मलेरिया फैलता है. तेज़ बुख़ार, सिरदर्द, बहुत अधिक थकान, मांसपेशियों में दर्द, पेटदर्द, उल्टी आदि इसके शुरुआती लक्षण हैं. 2. डायरिया: इसे ङ्गस्टमक फ्लूफ या ङ्गइंटेस्टाइनल फ्लूफ भी कहते हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस के कारण फैलता है. फूड पॉयज़निंग, कोलाईटिस, बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन होने के कारण डायरिया होता है. यह दो-तीन दिन तक रहता है. इसके लक्षण हैं- दस्त, उल्टी, मितली, पेट में दर्द आदि. 3. हैजा: बारिश में दूषित भोजन और गंदा पानी पीने से हैजा होता है. यह आंतों में होनेवाला गंभीर रोग है. थोड़ी-सी लापरवाही बरतने पर यह जानलेवा भी हो सकता है. शरीर में बैक्टीरिया के प्रवेश करने के दो-तीन दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं. दस्त, उल्टी होना, पेट में तेज़ दर्द, बेचैनी, बार-बार प्यास लगना इसके मुख्य लक्षण हैं. 4. टायफॉइड: यह मॉनसून में होनेवाली सबसे ख़तरनाक बीमारी है, जो संक्रमित जल और दूषित भोजन खाने से होती है. सही तरह से इलाज न कराने पर टायफॉइड दोबारा भी हो सकता है. 5. चिकनगुनिया: वायरस से फैलनेवाली यह बीमारी एडिस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर आमतौर पर दिन में काटता है. तेज़ बुख़ार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना आदि इसके सामान्य लक्षण हैं. 6. डेंगू: मलेरिया और चिकनगुनिया की तरह डेंगू भी मादा एडिस मच्छर के काटने से होनेवाला वायरल इंफेक्शन है. तेज़ बुख़ार, सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टी, चक्कर और कमज़ोरी महसूस होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं. डेंगू के मच्छर गंदे पानी में पनपने की बजाय साफ़ पानी में पनपते हैं, इसलिए घर के अंदर-बाहर, उसके आसपास, कूलर, गमलों आदि में पानी जमा न होने दें. 7. मौसमी बीमारियां: बरसात में बैक्टीरिया और जर्म्स बहुत अधिक एक्टिव हो जाते हैं. जगह-जगह पर कचरे के ढेर होने के कारण बैक्टीरिया और जर्म्स को पनपने का अवसर मिल जाता है, जिसके कारण खांसी-ज़ुकाम, बुख़ार तेज़ी से फैलता है. मॉनसून में ऐसे रहें फिट
  • बरसात का मौसम न तो बहुत गरम होता है और न ही बहुत ठंडा, लेकिन नमी बहुत अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को धीमा कर देती है, जिसके कारण अपच, एसिडिटी, पेट फूलना आदि तकली़़फें होती हैं.
Stay Fit During Monsoon
  • इस मौसम में चटपटा व मसालेदार खाना खाने का मूड होता है, किंतु बहुत ज़्यादा चटपटा, मसालेदार और तैलीय खाना खाने से पाचन संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं.
  • बारिश में भीगना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन बारिश में भीगने से बचें. भीगने के कारण बुख़ार, सर्दी-ज़ुकाम, बदनदर्द और अन्य मौसमी बीमारियां हो सकती हैं.
  • विशेष रूप से बच्चों को बारिश में भीगने न दें और न ही बारिश के गंदे पानी में उन्हें खेलने दें.
Stay Fit During Monsoon
  •  बारिश के गंदे पानी से पैरों व एड़ी पर फंगल इंफेक्शन हो सकता है.
  • गंदे हाथों से अपने चेहरे को न छुएं, क्योंकि नाक और मुंह के ज़रिए जर्म्स और वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
  • भीगने के बाद पैरों को रैशेज़ और फंगल इंफेक्शन से बचाने के लिए उन्हें क्लीन व ड्राई रखें.
  • बार-बार गीले जुराब व जूते पहनने से भी पैरों और उनके नाखूनों में संक्रमण हो सकता है.
  • बारिश में भीगने के बाद घर आकर ज़रूर नहाएं, ताकि बारिश के पानी से होनेवाले त्वचा संबंधी संक्रमण से बचा जा सके.
  • इस मौसम में त्वचा पर पसीने व नमी की परतें जमने लगती हैं. त्वचा को ड्राई रखने के लिए एंटी फंगल टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें.
  • गंदे पानी के कारण यदि त्वचा संबंधी संक्रमण होने लगे, तो टैल्कम पाउडर की जगह मेडिकेटेड पाउडर लगाएं.
और भी पढ़ें:  जानें किस वक़्त क्या खाएं? (What Are The Best Times To Eat Food?)
  • अस्थमा व डायबिटीज़ के मरीज़ गीली व नमीवाली दीवारों के आसपास न बैठें.
  • बारिश में यदि आपके बाल और कपड़े गीले हो गए हैं, तो एयर कंडीशनरवाले कमरे में न बैठें.
Stay Fit During Monsoon
  • भीगने के बाद शरीर को अच्छी तरह से पोंछें. सर्दी-ज़ुकाम और ठंड से शरीर को बचाने के लिए सूखे व गरम कपड़े पहनें.
  • बारिश में कीड़े-मकौड़ों से बचने के लिए घर पर एंटी बैक्टीरियल स्प्रेज़ का इस्तेमाल करें.
  • बारिश में भीगने पर बुख़ार, शरीर में दर्द, सर्दी-जुक़ाम, फंगल या त्वचा संबंधी संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. ज़्यादा होने पर ये संक्रमण दर्दनाक भी हो सकते हैं.
और भी पढ़ें:  मॉनसून में होनेवाली 10 बीमारियों के लक्षण व उनसे बचने के उपाय (10 Common Monsoon Diseases, Their Treatment & Prevention)

- देवांश शर्मा

Share this article

मॉनसून में फिटनेस के लिए इंडोर एक्टिविटीज़ (Fitness Special: Indoor Activities For Monsoon)

Fitness Special
मॉनसून में फिटनेस के लिए इंडोर एक्टिविटीज़ (Fitness Special: Indoor Activities For Monsoon)
ख़ुद को फिट रखना आपका पैशन है, लेकिन बारिश की वजह से आप जिम नहीं जा पा रहे हैं. कोई बात नहीं, इंडोर एक्टिविटीज़ करके भी आप फिट रह सकते हैं. ट्रेडमिल, स्किपिंग, सूर्य नमस्कार, ऐरोबिक्स आदि बहुत सारी इंडोर एक्टिविटीज़ हैं, जिनके लिए किसी इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं होती और न ही जिम जाने की. सूर्य नमस्कार यह अपने आप में कंप्लीट एक्सरसाइज़ है. सूर्य नमस्कार करने के बाद अन्य वर्कआउट करने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि इसमें इतने सारे स्टेप्स होते हैं, जिनसे पूरी बॉडी स्ट्रेच होती है और बॉडी भी शेप में रहती है. यदि आप भी मॉनसून में फिट एंड फाइन रहना चाहते हैं, तो प्रतिदिन कम से कम 20 बार सूर्य नमस्कार करें. धीरे-धीरे अपने स्टैमिना के अनुसार सूर्य नमस्कार का समय बढ़ाएं. ब्रिस्क वॉक मॉनसून में अगर वर्कआउट करने का मूड नहीं है, तो कोई बात नहीं. कान में ईयर फोन लगाकर म्यूज़िक सुनते हुए आप घर के अंदर ही 15-20 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं. स्किपिंग मॉनसून में स्किपिंग करके भी आप फिट रह सकते हैं. फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि रोज़ाना 20 मिनट स्किपिंग करने से 700 कैलोरीज़ बर्न होती है. हड्डियां व जोड़ मज़बूत होते हैं और मांसपेशियां लचीली बनती हैं. पुशअप्स एंड प्लैंक्स पुशअप और प्लैंक्स करने के लिए किसी इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं होती. इसे करने से पीठ, पेट और पैर मज़बूत होते हैं, साथ ही फिज़िकल स्टैमिना बढ़ता है. मॉनसून में अगर फिट रहना चाहते हैं, तो प्रतिदिन कम से कम 20 पुशअप एंड प्लैंक्स करें. धीरे-धीरे अपने स्टैमिना के अनुसार बढ़ाते जाएं. ट्रेडमिल मॉनसून वर्कआउट के बारे में सोचते ही सबसे पहला नाम ट्रेडमिल का आता है. ट्रेडमिल पर रोज़ाना 15 मिनट से 45 मिनट तक चल सकते हैं. इसके अलावा ट्रेडमिल पर आप ब्रिस्क वॉक और जॉगिंग भी कर सकते हैं. इंडोर साइकिलिंग पार्क जैसी खुली हवादार जगह पर साइकिलिंग करने का मज़ा ही अलग है, लेकिन बारिश में साइकिलिंग करना थोड़ा ख़तरनाक हो सकता है, पर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. टे्रडमिल की तरह इंडोर साइकिलिंग करके भी आप मॉनसून में एक्टिव रह सकते हैं. होम कार्डियो वर्कआउट जिम जाने का मूड नहीं, तो होम कार्डियो वर्कआउट करें. इस वर्कआउट की शुरुआत क्विक वॉर्मअप सेशन से करें, फिर जंपिंग जैक, डंबल्स, बाईसेप्स कर्ल, ट्राईसेप्स कर्ल, स्कवैट्स और माउंटेन क्लाइंबर भी ट्राई कर सकते हैं. इन एक्सरसाइज़ को प्रतिदिन 30 मिनट करने से बांहें और पैर मज़बूत होते हैं. डांस इंडोर मॉनसून वर्कआउट को एंजॉय करने का बेस्ट तरीक़ा है डांस. वर्कआउट के लिए ऐसे सॉन्ग का सिलेक्शन करें, जो हाई एनर्जीवाले हों. इन हाई एनर्जीवाले सॉन्ग पर आप सोलो डांस भी कर सकते हैं और पार्टनर के साथ भी. डांस करने से एक्स्ट्रा कैलोरीज़ बर्न होती है और मांसपेशियां भी स्ट्रेच होती हैं. ऐरोबिक्स ऐरोबिक्स करने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप जिम गए बिना अपना वज़न कम कर सकते हैं और अपने को फिट रख सकते हैं. इस इंडोर एक्टिविटी को करने से मसल्स टोन्ड होती हैं और आप ख़ुद को भी एक्टिव महसूस करते हैं. योगा बारिश के कारण अगर जिम नहीं जा पा रहे हैं, तो आप योगा करके ख़ुद को फिट रख सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना 45 मिनट योगा करने से 700 कैलोरीज़ बर्न होती हैं. इसे करने से बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और श्‍वसन तंत्र में होनेवाली समस्याएं दूर होती हैं, जो मॉनसून में होना आम बात है. यह भी पढ़ें: Personal Problems: पैप स्मियर टेस्ट क्यों कराया जाता है? (Why Do I Need A Pap Smear Test?) Indoor Fitness हाउसहोल्ड एक्टिविटीज़ मॉनसून में हाउसहोल्ड एक्टिविटीज़ करके आप एक्टिव रह सकते हैं. शेल्फ्स और अलमारियां साफ़ करें, मशीन की जगह हाथों से कपड़े धोएं, पोछा लगाएं आदि. इन एक्टिविटीज़ से आप फिट भी रहेंगे और धीरे-धीरे आपका घर भी क्लीन हो जाएगा. सीढ़ियां चढ़ना-उतरना बारिश के मौसम में वॉकिंग या जॉगिंग करना संभव नहीं है, तो रोज़ाना 20 मिनट तक सीढ़ियां चढ़ें और उतरें. इस मौसम में एक्स्ट्रा कैलोरीज़ बर्न करने के लिए यह बेस्ट वर्कआउट है. फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप रोज़ाना 15 मिनट भी सीढ़ियां चढ़ते-उतरते हैं, तो आपका 80% तक वर्कआउट होता है. यह ट्रेडमिल पर चलने जैसा ही वर्कआउट है. अगर आपके पास ट्रेडमिल नहीं है, तो ख़रीदने की बजाय सीढ़ियां चढ़ें-उतरें. सीढ़ियां चढ़ने व उतरने से न केवल मांसपेशियां लचीली होती हैं, बल्कि मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ता है. स्पोर्ट्स अगर आपके घर के आसपास कोई क्लब हाउस या जिम है, तो वहां जाकर इंडोर गेम्स भी खेल सकते हैं, जैसे- बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्न्वैश आदि. स्पोर्ट्स बॉडी में एकत्रित फैट्स को कम करने और ख़ुद को एनर्जेटिक रखने का बेस्ट ऑप्शन है. यह भी पढ़ें: आम रोगों की होम रेमेडीज़ (Home Remedies For Common Ailments)