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Nameplate
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आज नेमप्लेट न स़िर्फ एक स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है. बल्कि इससे व्यक्ति की पर्सनैलिटी, एटिट्यूड, पसंद और शौक़ का भी पता चलता है. इसलिए नेमप्लेट ऐसा होना चाहिए, जिसे देखकर घर आनेवाले मेहमान व रिश्तेदार प्रभावित हुए बिना न रह सकें.
घर पर आनेवाले मित्रों, रिश्तेदारों व मेहमानों पर फर्स्ट इंप्रेशन नेमप्लेट का ही पड़ता है. इसलिए नेमप्लेट का चुनाव करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है.
* हमेशा अच्छी क्वालिटी के नेमप्लेट का चुनाव करना चाहिए.
* दरवाज़ा चाहे घर का हो या ऑफिस का, दिनभर में कई बार खुलता और बंद होता है. इसलिए नेमप्लेट मज़बूत और लाइट वेटवाला होना चाहिए, नहीं तो हल्का-सा झटका लगने से नेमप्लेट गिरकर टूट सकता है.
* दरवाज़े के डिज़ाइन के अनुसार ही नेमप्लेट का सिलेक्शन करें.
* आजकल मार्केट में नेमप्लेट्स की बहुत सारी वेराइटीज़ इपलब्ध हैं, जैसे- एक्रेलिक, स्टील प्लेट, वुड, एल्युमिनियम, ब्रास, सिरेमिक, ग्रेनाइट आदि. यदि आप अपने घर को टे्रडिशनल लुक देना चाहते हैं, तो वुडन या स्लेट नेमप्लेट का चुनाव कर सकते हैं.
* कमर्शियल और ऑफिस नेमप्लेट के लिए ग्लास, टाइल्स और टेराकोटा से बने नेमप्लेट का चुनाव नहीं करना चाहिए. इनके टूटने का ख़तरा अधिक होता है.
सही नेमप्लेट का चुनाव
* नेमप्लेट ऐसा होना चाहिए, जो देखने में आर्कषक और स्टाइलिश हो.
* विभिन्न जगहों पर प्रयोग किए जानेवाले तरह-तरह के नेमप्लेट्स के फॉन्ट्स भी अलग-अलग होते हैं. इसलिए नेमप्लेट्स पर यूज़ किए जानेवाले फॉन्ट्स ऐसे होने चाहिए, जिसे सब लोग आसानी से पढ़ सकें.
* सही नेमप्लेट का चुनाव करते समय सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दरवाज़े का रंग और नेमप्लेट का बैकग्राइंड कलर कॉन्ट्रास्ट में हो.
* इसके अलावा नेमप्लेट बैकग्राइंड और फॉन्ट कलर भी कॉन्ट्रास्ट में होने चाहिए.
* उदाहरण के लिए यदि आपका दरवाज़ा सिंपल और प्लेन वुडन पॉलिशवाला है, तो इसके लिए कोकोनट शेल्स, नेचुरल टिवग्स, घुंघरू और घंटियों से बने एथेनिक नेमप्लेट्स का चुनाव करें.
नेमप्लेट का आकार
* डोर नेमप्लेट आकार में ज़्यादा लंबे नहीं होने चाहिए और इनकी ऊंचाई भी कम होनी चाहिए.
* इनका औसतन साइज़ 12ु4 इंच होना चाहिए.
* परिवार के सदस्यों के नाम की संख्या (नंबर ऑफ नेम), फॉन्ट और अल्फाबेट्स के अनुसार बड़े नेमप्लेट (यानी नेमप्लेट के आकार) का चुनाव करें. क्योंकि कुछ लोग अपने नाम के साथ-साथ बच्चों के नाम भी नेमप्लेट पर लिखवाते हैं.
* बड़े आकारवाले नेमप्लेट के लिए छोटे साइज़ के फॉन्ट का सिलेक्शन करके नेमप्लेट को आकर्षक बनवा सकते हैं
* छोटे आकारवाले दरवाज़ोें के लिए बड़े आकार वाले नेमप्लेट का चुनाव न करें.
* बड़ी वॉल या बड़े दरवाज़े के लिए नेमप्लेट चुनते समय फॉन्ट बोल्ड रखें. इस प्रकार का नेमप्लेट डोर नेमप्लेट की शोभा बढ़ाता है.
* दरवाज़े के डिज़ाइन के अनुसार नेमप्लेट की शेप, जैसे- रैक्टेंगल, ओवल और ब्रिज शेप सिलेक्ट करें. नेमप्लेट की प्राइज़ रेंज
* डोर नेमप्लेट की क़ीमत नेमप्लेट के साइज़, मटेरियल के प्रकार और अक्षरों की संख्या पर निर्भर करती है.
* इसलिए नेमप्लेट के डिज़ाइन और अपने बजट के अनुसार नेमप्लेट का चुनाव करें.
* नेमप्लेट की क़ीमत के साथ कोई समझौता करने की बजाय अपनी पसंद और डिज़ाइन के अनुसार नेमप्लेट चुनें.
ट्रेंडी व स्टाइलिश नेमप्लेट
आजकल बाज़ार में स्लीपर वुड, टीक वुड और एमडीएफ वुड से बने हुए युनीक, स्टाइलिश और ट्रेंडी नेमप्लेट्स मिलते हैं, जिन्हें ब्रास एक्सेसरीज़, बैंबू, कोकोनट शेल्स, घंटियों और घुंघरुओं से डेकोरेट करके कैलीग्राफी स्टाइल में नाम लिखवा सकते हैं.
क्या कहता है आपका नेमप्लेट?
नेमप्लेट, जिसमें स़िर्फ दंपति का नाम लिखा होता है: कुछ दंपति नेमप्लेट पर केवल अपना नाम लिखवाते हैं, जैसे- विभा एंड राम. रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह की नेमप्लेट लगानेवाले दंपति मैच्योर होते हैं, जो अपने दांपत्य जीवन की समस्याओं को सुलझाने में माहिर होते हैं. इस तरह की नेमप्लेट इनके रिश्ते की मज़बूती को दर्शाती है.
इसके अलावा कुछ दंपति ऐसे भी होते हैं, जो अपने बच्चे और इनके बच्चों के नाम भी ङ्गफन स्टाइलफ में नेमप्लेट पर लिखवाते हैं. आमतौर पर जॉइंट फैमिली में रहनेवाले लोग इस तरह की नेमप्लेट अपने घर के दरवाज़े पर लगाते हैं. इस तरह की नेमप्लेट दर्शाती है कि इस घर में रहनेवाले लोग एक-दूसरे के साथ भावनात्मक तौर पर बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं.
सरनेम प्लेट्स: इस तरह की नेमप्लेट पर कुछ दंपति केवल अपना सरनेम ही लिखवाते हैं, जैसे- कोठारी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि केवल सरनेम से नेमप्लेट लगानेवाले व्यक्ति चाहते हैं कि लोग इन्हें इनके ङ्गसरनेमम या ङ्गलास्टनेमम से जानें. इस तरह की नेमप्लेट लगानेवाले व्यक्ति ङ्गहमम में विश्वास रखते हैं, ङ्गमैंफ में नहीं.
हेड ऑफ दी फैमिली नेमप्लेट: कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो परिवार के मुखिया के नाम पर नेमप्लेट लगाते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह के नेमप्लेट्स लगानेवाले परिवारों में पुरुष या स्त्रीप्रधान सत्ता होती है.
पोस्टमैन नेमप्लेट: कुछ लोग नेमप्लेट बनवाते समय इसमें अपना पूरा नाम और घर का नंबर लिखवाते हैं, जैसे- डॉ. राम कपूर, 303. पोस्टमैन नेमप्लेट लगानेवाले दंपति जीवन में छोटी-छोटी चीज़ों के प्रति अधिक भावुक होते हैं. इन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता है कि लोग इनके बारे में क्या सोचते हैं.
– देवांश शर्मा

वास्तु के अनुसार नेमप्लेट का विशेष महत्व होता है. ये मुख्य द्वार की शोभा बढ़ाने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को भी अपनी ओर आकर्षित करती है. वास्तु के अनुसार नेमप्लेट का चुनाव कैसे करें? चलिए, हम बताते हैं.
1. नेमप्लेट मुख्य प्रवेश द्वार की बायीं ओर होनी चाहिए या फिर सुविधानुसार भी लगा सकते हैं.
2. नेमप्लेट मुख्य प्रवेश द्वार की आधी ऊंचाई के ऊपर होनी चाहिए.
3. नेमप्लेट वृत्ताकार, त्रिकोण एवं विषम आकृति में होनी चाहिए.
4. नेमप्लेट हिलनी नहीं चाहिए.
5. नेमप्लेट लिफ़्ट के सामने नहीं होनी चाहिए.
6. नेमप्लेट के सामने सफ़ाई संबंधी उपकरण नहीं रहने चाहिए.
7. नेमप्लेट टूटी-फूटी और कटी हुई नहीं होनी चाहिए.
8. नेमप्लेट पर अधिकतम दो लाइन में अपना नाम आदि लिखना चाहिए.
9. नेमप्लेट पर पशु-पक्षियों की सजावट नहीं करनी चाहिए.
10. नेमप्लेट का रंग घर के स्वामी की राशि के अनुरूप होना चाहिए.
11. नेमप्लेट के अक्षरों का अंकों के अनुसार मूल्यांकन करके उचित समीकरण बैठाना चाहिए.
12. नेमप्लेट में किसी भी तरह का छेद नहीं होना चाहिए.
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13. नेमप्लेट पर धूल, गंदगी, मकड़ी के जाले वगैरह नहीं होने चाहिए.
14. नेमप्लेट की लिखावट व प्रकाश व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए, ताकि पढ़ने में परेशानी न हो.
15. नेमप्लेट बनानेवाले को तय मजदूरी से अतिरिक्त उपहार राशि देनी चाहिए.
16. दो नेमप्लेट एक साथ नहीं होनी चाहिए. यदि दो नेमप्लेट आवश्यक हों, तो ऊपर वाली नेमप्लेट नीचे वाली से छोटी होनी चाहिए.
17. नेमप्लेट के पीछे जीव-जंतु, छिपकली आदि अपना बसेरा न बनाने पाएं, ऐसी सावधानी बरतनी चाहिए.
18. नेमप्लेट पर काली चींटियों का घूमना मंगलकारी होता है.
19. नेमप्लेट के निर्माण में सम संख्या में धातु व लकड़ी की क़िस्मों का उपयोग करना चाहिए. विषम संख्या में नहीं.
20. नेमप्लेट पर मुद्रित अक्षर व अंकों का अपने स्थान से खिसकना, टूटना या गिरना अशुभ संकेत है.
21. नेमप्लेट की स्थापना के बाद किसी सुहागन का कर-स्पर्श समृद्धि लाता है.
22. विशेष अवसर एवं तीज-त्योहारों पर नेमप्लेट को दूर्वा से नौ बार स्पर्श कराकर दूर्वा को बहते पानी या बहती हवा में छोड़ देना चाहिए.