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pap smear test
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मैं 53 वर्षीया महिला हूं. तीन साल पहले मेरा मेनोपॉज़ (Menopause) हो चुका है. इन दिनों अचानक मुझे हल्की वेजाइनल ब्लीडिंग (Vaginal Bleeding) शुरू हो गई है. क्या यह कोई गंभीर समस्या है? क्या मुझे चेकअप करवाना चाहिए?
– सुमति राव, मैंगलोर.
एक बार जब मासिकधर्म एक साल के लिए बंद हो जाए तो यह स्थिर हो जाता है. इसके बाद कभी आपको वेजाइनल ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए, यहां तक कि दाग़-धब्बे भी नहीं दिखनेे चाहिए. आपको तुरंत गायनाकोलॉजिस्ट से चेकअप करवाना चाहिए, जो इंटरनल एक्ज़ामिनेशन या पीएपी स्मीअर जांच से सर्विक्स के कैंसर का पता लगा सकते हैं. यूट्रीन लाइन पर सूजन है या नहीं, इसकी जांच के लिए आप सोनोग्राफ़ी भी करवा लें. यूट्रीन लाइन पर सूजन एंडोमेट्रियल हाइपरप्लेसिया, कैंसर या ओवरी ट्यूमर का संकेत है. वेजाइनल ब्लीडिंग का कारण इनमें से कोई भी हो सकता है, इसलिए सही जांच ज़रूरी है.
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मैं 40 वर्षीया महिला हूं. मैंने अपनी सहेलियों से सुना है कि उन्होंने पीएपी स्मीअर करवाया है. यह क्या है और इस उम्र में क्या यह सभी को करवाना
पड़ता है?
– रजनी शर्मा, दिल्ली.
40 वर्ष की उम्र ऐसी उम्र है, जहां किसी भी तरह के कैंसर या ट्यूमर की संभावना से पहले ही नियमित चेकअप करवाते रहना चाहिए. पीएपी स्मीअर एक साधारण-सा टेस्ट है, जिसमें कॉटन या ब्रश को सर्विक्स से छूकर स्लाइड तैयार की जाती है और इस स्लाइड की जांच द्वारा कैंसर या अन्य किसी बीमारी का पता लगाया जा सकता है. यह जांच किसी भी डॉक्टर के क्लिनिक में दो मिनट में की जा सकती है. यह जांच हर साल करवानी चाहिए और इसकी शुरुआत तभी कर देनी चाहिए, जब महिला सेक्सुअली एक्टिव हो. इसके अलावा 40 की उम्र में पेल्विक सोनोग्राफ़ी करवानी चाहिए, जिससे गर्भाशय और ओवरी के कैंसर का पता चलता है. साथ ही मैमोग्राफ़ी भी करवा लेनी चाहिए, जिससे स्तन कैंसर का पता चलता है. किसी भी महिला को कैंसर की जांच के लिए ये सामान्य से टेस्ट अवश्य करवाने चाहिए.
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डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
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मैं 32 वर्षीया कामकाजी महिला हूं. मैं इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के बारे में जानना चाहती हूं. क्या ये आम गर्भनिरोधकों की तरह है या इसके कुछ साइडइफेक्ट्स हैं?
– कुसुम मेहता, मुंबई.
इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स का इस्तेमाल असुरक्षित यौन संबंध के बाद इमरजेंसी में किया जाता है. इसे कभी भी रेग्युलर कॉन्ट्रासेप्टिव्स की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स दो तरह के हैं, एक प्रोजेस्टेरॉनयुक्त टैबलेट और दूसरा कॉपर टी. प्रेग्नेंसी टालने के लिए असुरक्षित यौन संबंध के 72 घंटों के भीतर टैबलेट का इस्तेमाल करना चाहिए, जबकि कॉपर टी के लिए 5 दिनों का समय होता है. इसके साइडइफेक्ट्स इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप कौन-सा मेथड इस्तेमाल कर रहे हैं. अनियमित माहवारी और उल्टी आना जैसे साइडइफेक्ट्स दोनों ही मेथड में हो सकते हैं, जबकि कॉपर टी में इंफेक्शन का भी डर रहता है. कभी-कभी मेथड फेल भी हो जाता है.
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मैं 27 वर्षीया शादीशुदा महिला हूं और डॉक्टर ने मुझे रूटीन हेल्थ चेकअप में पैप स्मियर टेस्ट करने की सलाह दी है. क्या मुझे यह टेस्ट कराना चाहिए?
– कुमकुम अग्रवाल, देहरादून.
पैप स्मियर एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिसके ज़रिए सर्विक्स में होनेवाले कैंसर व प्रीकैंसर सेल्स की जांच की जाती है. वैसे तो 21 वर्ष पार कर चुकी सभी महिलाओं को हर साल यह टेस्ट कराना चाहिए, ताकि शुरू में ही किसी समस्या का पता चल सके. अगर लगातार तीन सालों तक स्मियर टेस्ट निगेटिव आता है, तो यह टेस्ट हर तीन साल में 65 साल की उम्र तक कराना चाहिए. इसमें एक स्पेशल ब्रश के ज़रिए सर्विक्स के सेल्स को इकट्ठा कर टेस्ट के लिए लैब भेजा जाता है, ताकि पता चल सके कि कैंसर है या नहीं.
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डॉ. राजश्री कुमार
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मैं 33 वर्षीया कामकाजी महिला हूं और मेरी 7 महीने की एक बच्ची है. कुछ दिनों पहले ही मुझे पता चला कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर मां को थायरॉइड हो, तो वो बच्चे को भी हो सकता है. हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान दवाई लेने के कारण मेरा थायरॉइड नॉर्मल था, पर क्या इसकी संभावना है? कृपया, मेरा मार्गदर्शन करें.
– सरोजनी भारद्वाज, पटना.
सबसे पहले तो आपको डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि प्रेग्नेंसी में थायरॉइड की शिकायत होना कोई बड़ी बात नहीं. यह किसी तरह का इंफेक्शन नहीं है, जो मां से बच्चे को हो जाएगा. थायरॉइड डिसफंक्शन प्रेग्नेंसी के दौरान भी हो सकता है, पर ज़्यादातर मामलों में डिलीवरी के 6 हफ़्तों के भीतर ही इसका समाधान कर दिया जाता है. इसलिए ज़रूरी है कि आप डिलीवरी के बाद थायरॉइड का लेवल चेक करते रहें. अगर मां को थायरॉइड डिसफंक्शन है, तो इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं कि भविष्य में यह बच्चे को हो सकता है. आमतौर पर डिलीवरी के बाद नियोनैटोलॉजिस्ट बच्चे के थायरॉइड हार्मोंस लेवल चेक करते हैं, ताकि किसी भी तरह की असामान्यता को तुरंत ठीक किया जा सके.
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मैं 26 वर्षीया शादीशुदा महिला हूं. हाल ही में मैंने पैप स्मियर टेस्ट के बारे में सुना. यह क्या है और क्यों किया जाता है?
– वृंदा नलावडे, नागपुर.
पैप स्मियर एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जो सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती जांच के लिए किया जाता है. वैसे हर शादीशुदा महिला को यह टेस्ट साल में एक बार और लगातार तीन सालों तक ज़रूर कराना चाहिए. अगर तीनों सालों की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो फिर हर तीन साल में एक बार यह टेस्ट कराना चाहिए. इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य सर्विक्स के सेल्स में होनेवाले बदलावों को देखकर कैंसर की संभावना को तुरंत ख़त्म करना है. दरअसल, शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर अचानक से नहीं हो जाता, बल्कि सालों पहले उसके लक्षण दिखाई देते हैं, इसलिए रेग्युलर चेकअप से कैंसर की किसी भी आशंका को दूर किया जा सकता है.
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डॉ. राजश्री कुमार
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मैं 40 वर्षीया कामकाजी महिला हूं. मैं यह जानना चाहती हूं कि मेरे लिए इस उम्र में कौन-से टेस्ट्स करवाने ज़रूरी हैं?
– पल्लवी राणा, इंदौर.
किसी भी हेल्थ प्रोफेशनल से आप अपना जनरल चेकअप करवा सकती हैं, जिसमें ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, चेस्ट व हार्ट की जांच के अलावा सिर से पैर तक की जांच की जाती है. इसके साथ ही पैप स्मियर टेस्ट व पेल्विक की जांच भी ज़रूर करवाएं. अगर कुछ डिटेक्ट हुआ, तो आपको सोनोग्राफी भी करानी पड़ सकती है. इसके अलावा साल में एक बार बेसिक एक्ज़ामिनेशन, जैसे ब्लड टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल, लिवर और किडनी प्रोफाइल, चेस्ट एक्स-रे और ईसीजी ज़रूर करवाएं. अगर आप फिट और हेल्दी हैं, फिर भी हर साल आंख और दांत की जांच ज़रूर करवाएं.
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मैं 24 वर्षीया महिला हूं और पहली बार कंसीव किया है. मुझे डेढ़ महीने का गर्भ है. सब कहते हैं कि पहले तीन महीने उल्टियां होती ही हैं. पर मुझे बहुत ज़्यादा उल्टियां हो रही हैं. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं? कृपया, उचित सलाह दें.
– रश्मि सिंह, झांसी.
अगर आपको बहुत ज़्यादा उल्टियां हो रही हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. डॉक्टर यूरिन टेस्ट के ज़रिए जांच करेंगे कि यूरिन में कीटोन्स तो नहीं. अगर ऐसा हुआ, तो आपको एडमिट करके आईवी फ्लूइड दिया जाएगा. इसके साथ ही वो आपको कुछ दवाइयां भी दे सकते हैं. वैसे 3 महीने के बाद यह समस्या अपने आप कम हो जाती है, पर फिर भी ऐसी स्थिति में आपको हर दो-तीन घंटों में कुछ खाना चाहिए. सुबह-सुबह चाय-कॉफी या चॉकलेट से बचें. इसकी बजाय आप ठंडा दूध पीएं.
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प्रेग्नेंसी में उल्टी के लिए होम रेमेडीज़
- सुबह सोकर उठने पर सबसे पहले घूंट-घूंट कर थोड़ा पानी पीएं.
- अदरक की चाय बनाकर पीएं या अदरक का एक टुकड़ा मुँह में रखें.
- उल्टी में नींबू काफ़ी फायेदमंद साबित होता है. नींबू पानी में शहद मिलाकर पीएं. आप चाहें तो नींबू के तेल की कुछ बूंदें रुमाल में छिड़कें और जब भी उल्टी जैसा लगे तो उसे सूंघती रहें.
- सौंफ भी इसमें काफ़ी कारगर सिद्ध होती है. आप चाहें तो सौंफ को यूँ ही फांकें या फिर १ कप पानी में उबालकर उसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर पीएं.
यह भी पढ़ें: क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गर्भनिरोधक की ज़रूरत नहीं पड़ती?
डॉ. राजश्री कुमार
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