- Entertainment
- Story
- Relationship & Romance
- Sex Life
- Recipes
- Health & Fitness
- Horoscope
- Beauty
- Others
- Shop
- Apps
quotes
Home » quotes

गिन लेती है दिन बग़ैर मेरे गुज़ारे हैं कितने… भला कैसे कह दूं कि मां अनपढ़ है मेरी!
परिवार और उसमें भी मां का दर्जा सबसे ऊंचा होता है, ऐसे ही मर्मस्पर्शी सुविचार परिवार और मां से संबंधित आप पढ़ें और अपनी भावनाओं को फिर उन्हीं बचपन की यादों में महसूस करें, जहां मां के सीने से लगकर ही दुनिया की हर ख़ुशी मिल जाया करती थी.
यह भी पढ़ें: सुविचार- Inspirational Quotes – Quote of the day

निदा फ़ाज़ली की उम्दा ग़ज़ल
बेसन की सोंधी रोटी पर
खट्टी चटनी जैसी मां
याद आती है चौका-बासन
चिमटा फुकनी जैसी मां
बाँस की खुर्री खाट के ऊपर
हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी
थकी दोपहरी जैसी मां
चिड़ियों के चहकार में गूंजे
राधा-मोहन अली-अली
मुर्गे की आवाज़ से खुलती
घर की कुंडी जैसी मां
बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन
थोड़ी-थोड़ी-सी सब में
दिन भर इक रस्सी के ऊपर
चलती नटनी जैसी मां
बाँट के अपना चेहरा, माथा,
आँखें जाने कहाँ गई
फटे पुराने इक अलबम में
चंचल लड़की जैसी मां…

सुविचार- Inspirational Quotes

Inspirational Quotes

Love Quotes

सुविचार – quote of the day
