बॉस थक जाते हैं, कहते है, “यार ये कुछ समझाता क्यों नहीं."और मुझे लगता है, बॉस कुछ समझते क्यों नहीं?यह…
यह नज़र लगना बड़ी भारी चीज़ है. अब आपसे क्या बताएं, हम तो जिस दिन डॉक्टर के कहने से सेब…
“अंकल, अपना बैग हटा लीजिए, मुझे बैठना है.”जनाब अंकल शब्द के महात्म से परिचित नहीं थे, अतः अपने से बड़ी…
सूजी और पथराई आंखें, उपले सा चेहरा, एक्स्प्रेशन का अभाव… ये पहचान है अवसादग्रस्त इंसान की. उसे दूसरे लोगों का…
ज़रा सोचिए, जिस इंसान को यह पता चलेगा कि उसने उस डॉक्टर से पेस मेकर लगवाया है जो डुप्लीकेट पेस…
पिछले तीन साल भुगत चुका हूं. अब मैं किसी को नए साल के लिए हैप्पी न्यू ईयर का अभिशाप नहीं…
‘‘दादाजी, आप गुज़रे ज़माने की चीज़ हैं. पहले घर में एक आदमी कमाता था और बाकी बैठकर खाते थे, लेकिन…
सब पत्र-पत्रिकाओं को देख छांटना कोई छोटी-मोटी बात नहीं, सो सुविधा से काम करने का सोच ही रहा था कि…
जैसे-जैसे समय बीत रहा था लाइव जुड़नेवालों की संख्या बढ़ रही थी. इसे देखकर घर में बैठे नए युग के…
विदेशी मेहमान द नींबूजी की तारीफ़ करते ना थक रहे थे. मैंगोस्टीन ने बताया, "द नींबूजी, विश्व सुंदरी ऐश्वर्या रॉय…
घर में वक़्त पर फफूंद लगी रोटी हो या न हो, लेकिन आज के जमाने में फोन तो होना चाहिए.…
हिजाब की मथानी से मक्खन कम मट्ठा ज़्यादा निकल रहा है. जनता नौकरी, रोज़गार, शिक्षा और सुकून चाहती है, लेकिन…