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- कोरोना के चलते इस साल वैसे भी पटाखों का बाज़ार ठंडा है, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं लोग निर्देशों को अनदेखा करते हैं और स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने लगते हैं.
- पटाखों से धुआं व प्रदूषण होता है, जो सांस की बीमारी को बढ़ा सकता है और बच्चों और बुज़ुर्गों को बीमार कर सकता है.
- कोई भी त्योहार हो और ख़ासतौर से दीवाली में में हम खाने-पीने का हिसाब-किताब ही नहीं रखते और इसके चलते बहुत ज़्यादा मिठाई और तली हुई चीज़ें खा लेते हैं, जो नुकसान पहुंचाती हैं.
- दिवाली में नकली मिठाइयों का बज़ार भी काफ़ी गर्म रहता है, तो सावधान रहें. जितना संभव हो घर पर ही कुछ बनाएं.
- खोवे के मिठाइयां और सिल्वर फॉइल चढ़ी मिठाइयां न खाएं. सिल्वर फॉइल की जगह अक्सर एल्युमिनियम का प्रयोग होता है, जो शरीर और ख़ासतौर से मस्तिष्क पर बहुत बुरा असर डालता है.
- कई मिठाइयों में केमिकल प्रिज़र्वेटिव्स डाले जाते हैं और ये आपके लिवर व किडनी को डैमेज कर सकती हैं. इनसे अस्थमा अटैक और कैंसर का ख़तरा भी हो सकता है.
- बेहतर होगा कि ड्राय फ्रूट्स, फ्रेश फ्रूट्स और अन्य हेल्दी ऑप्शन्स रखें अपने दिवाली मेनू में.
- इसके अलावा आजकल शुगर फ्री मिठाइयां भी मिलती हैं, जो हेल्दी ऑप्शन है आपके लिए भी और दूसरों को गिफ्ट करने के लिए भी. इस पर ध्यान दें.
- अपने खाने पर कंट्रोल रखें, ओवरईटिंग न करें. इससे पेट की समस्या हो सकती है.
- पटाखे और फुलझड़ियां बच्चों को बहुत अट्रैक्ट करते हैं, लेकिन बच्चों को कभी भी ख़तरनाक बम-पटाखे न दें.
- ढीले-ढाले, सिंथेटिककपड़े दीये न जलाएं और न ही बुरी बांह के कपड़े ही पहनें. दीयों को ऐसी जगह रखें, जहां वे किसी को नुक़सान न पहुंचा पाएं.
- जहां इलेक्ट्रिक तार हों, गैस सिलेंडर या कोई भी आग पकड़नेवाले सामान हों, वहां दीये न रखें.
- दिवाली के दौरान पावर कंज़म्शन बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिससे हमारा ही नुक़सान होता है. बेहतर होगा ईको फ्रेंडली दिवाली मनाएं. मिट्टी के दीयों का प्रयोग करें.
- जितना संभव हो देश में बने प्रोडक्ट ही यूज़ करें साज-सज्जा के लिए. लोकल चीज़ों का प्रयोग कोरोना के चलते मुश्किल में पड़े लोगों की मदद भी करेंगे और आप भी देश की तऱक्क़ी में सहयोग करेंगे.
- दीवाली के दिन चैरिटी करके उत्सव मनाएं. ग़रीब बच्चों को या किसी आश्रम में जाकर उनके बीच ख़ुशियां बांटें और अपने बच्चों को भी साथ ले जाएं, ताकि वो भी अच्छा काम सीख सकें और प्रेरित हो सकें.
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किचन (Kitchen) घर का वह स्थान होता है, जहां पर सभी घर के सदस्यों के स्वाद और सेहत का ध्यान रखा जाता है. लेकिन अधिकतर महिलाएं इस बात से परेशान रहती है कि किचन को क्लीन व सेफ कैसे रखा जाए. उनकी इस परेशानी का हल है हमारे पास है. हम यहां पर ऐसे आसान टिप्स (Easy Tips) बता रहे हैं, जिन्हें वे कम समय में अपने किचन को न केवल क्लीन (Clean) रख सकती है, बल्कि सेफ और हेल्दी (Healthy) भी रख सकती है.
- फ्रिज को रोज़ाना अंदर से पोंछे. साथ ही जो खाने का सामान उपयोगी नहीं है, उसे निकाल दें. बचे हुए खाने को एक घंटे के बाद फ्रिज में रख दें.
- गैस का सिलेंडर खुली जगह पर रखें. यहां अन्य किसी चीज़ों का अंबार न लगाएं और गैस की पाइप को किसी चीज़ से ढंकें नहीं. अगर कहीं चीरे या कटने का निशान दिखे, तो पाइप तुरंत बदलवाएं.
- कभी भी कुकर के पास फ्रिज न रखें, वरना इससे फ्रिज की क्षमता पर फ़र्क पड़ेगा.
4. सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग डस्टबिन में डालें. डस्टबिन को भी रोज़ाना साफ़ करें, ताकि गंदगी के कारण जीवाणु न फैलें.
5. टूटनेवाले सामान, पेस्टिसाइड्स, डिटर्जेंट, माचिस, लाइटर, चाकू व कांटों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
6. खाना बनाते समय हम अक्सर गंदे हाथों से ही रैक के हैंडल को छूते हैं, इसलिए समय-समय पर उसे पानी और डिटर्जेंट से ज़रूर धोएं.
7. खाना बनाते समय फिटिंग के कपड़े व एप्रेन पहनें. लूज़ स्लीव या दुपट्टा न पहनें. इनमें आग लगने का डर ज़्यादा रहता है.
8. खाना बनाने का प्लेटफॉर्म इतनी ऊंचाई पर हो कि आपको ज़्यादा झुककर भी काम न करना पड़े और न ज़्यादा ऊंचे होकर.
9. कुकिंग रेंज इस तरह सेट करें कि गैस पर रखी चीज़ को आसानी से हिलाया जा सके.
10. इसी तरह कबर्ड भी इतनी ऊंचाई पर हों कि आप आसानी से उनमें से सामान निकाल या रख सकें. सिंक के मामले में भी यही नियम लागू होता है.
11. सिंक में गंदे बर्तनों को ज़्यादा देर तक रखने से बीमारी पनप सकती है, इसलिए गंदे बर्तन सिंक में इकट्ठा करने की बजाय तुरंत साफ़ कर लें. अगर तुरंत साफ़ नहीं करना चाहतीं, तो बर्तन को कम से कम नल के नीचे रखकर पानी डाल दें, ताकि बाद में उन्हें धोने में आसानी हो.
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12. माइक्रोवेव इस तरह रखा जाना चाहिए कि वह आपके आई लेवल पर हो, अन्यथा गर्म खाना आप पर गिर सकता है.
13. अपने किचन सिंक को गरम पानी और वॉशिंग पाउडर से धोएं. साथ ही बेकिंग सोडा का इस्तेमाल सिंक के कोने-कोने में करें, जिससे बैक्टीरिया न पनपें.
14. नमी तथा गीली जगह पर कीटाणु बहुत तेज़ी से पनपते हैं, इसलिए स्पंज व बर्तन मांजनेवाले तार को हर महीने बदल दें. साथ ही हर बार इस्तेमाल के बाद इसे पानी से अच्छी तरह धोकर निचोड़ दें और सूखने के लिए रख दें.
15. रात को सोने से पहले गैस सिलेंडर का वॉल्व बंद करें. इसी तरह घर से बाहर जाते समय चेक कर लें कि सिलेंडर का वॉल्व बंद है या नहीं. यदि गैस की गंध आए तो वॉल्व बंद कर दें. खिड़की खोल दें.
16. इलेक्ट्रिक स्विच बंद कर दें और गैस कंपनी में फोन करें.
17. रात को काम ख़त्म करने के बाद किचन की पूरी सफ़ाई करें. झाड़ने-पोंछने के कपड़े (डस्टर) को धोकर रखें. हर ह़फ़्ते इन्हें उबले हुए साबुन के पानी से धोएं और धूप में सुखाएं. हमेशा डस्टर के दो सेट रखें.