सेल्फी (Selfie) लेना जब तक शौक है तब तक तो ठीक है, लेकिन सेल्फी लेना जब आपकी लत (Addiction) बन जाए, तो ये चिंता का विषय है. क्या आप भी किसी रेस्टॉरेंट में खाना चखने से पहले उस डिश के साथ सेल्फी लेती हैं, कहीं घूमने जाने पर उस जगह की सैर का लुत्फ़ उठाने के बजाय हर व़क्त स़िर्फ सेल्फी लेती रहती हैं, सोशल मीडिया पर एक सेल्फी पोस्ट करने के लिए क्या आप 10-20 सेल्फी लेती हैं और जो बेस्ट है उसे पोस्ट करती हैं, सेल्फी लेने के लिए क्या आप बार-बार मेकअप करती हैं, नए-नए कपड़े ख़रीदती हैं, जबकि आपको इतने कपड़ों की ज़रूरत नहीं है…? सेल्फी का भूत यदि आप पर भी इसी तरह सवार है, तो समझ लीजिए सेल्फी की लत आपको भी बीमार कर सकती है.
सेल्फी एडिक्शन से बचने के लिए क्या करें? एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर व़क्त सेल्फी लेना एक तरह का मनोरोग बनता जा रहा है. सेल्फी का एडिक्शन लोगों को सोशल मीडिया पर अपना स्टेटस चमकाने के लिए उकसाता है. ऐसे लोगों को यदि उनकी सेल्फी के लिए लाइक्स या कमेंट्स नहीं मिलते तो, वो स्ट्रेस में आ जाते हैं. ऐसे लोग अपने आसपास के करीबी लोगों पर ध्यान नहीं देते, उनके साथ समय नहीं बिताते, लेकिन सोशल मीडिया के अजनबी लोगों के सामने अपनी इमेज चमकाने के लिए बेस्ट से बेस्ट सेल्फी लेने की कोशिश में लगे रहते हैं. सेल्फी लेते हुए कई लोगों ने अपनी जान तक गवां दी है. अत: सेल्फी के एडिक्शन से बचना बेहद ज़रूरी है. सेल्फी एडिक्शन के साइड इफेक्टस से बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं, बता रही हैं काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ. माधवी सेठ.
सेल्फी लेना तो हर किसी का शौक़ होता है, पर कहीं यह शौक़ आपको शॉक न दिला दे. चौंकिए नहीं, क्योंकि बार-बार सेल्फी लेना और सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट करते रहना एक मेंटल डिस्ऑर्डर यानी मानसिक विकार है. सेल्फी के इस मानसिक विकार की क्या है कहानी और आपके लिए कितना ख़तरनाक हो सकता है यह? आइए जानते हैं.
क्या है सेल्फीटिस?
बार–बार सेल्फी लेना और सोशल मीडिया पर पोस्ट करना एक गंभीर मानसिक अवस्था है, जिसे सायकोलॉजिस्ट्स ने ‘सेल्फीटिस’ का नाम दिया है. पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल 2014 में किया गया, जब अमेरिकन सायकैट्रिक एसोसिएशन इसे डिस्ऑर्डर घोषित करने पर विचार कर रही थी. इसके बाद नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और थियागराजर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने अमेरिकन रिसर्च में कितनी सच्चाई है, उसका पता लगाने के लिए आगे स्टडी की. अपनी स्टडी में इन्होंने पाया कि वाक़ई ‘सेल्फीटिस’ एक मानसिक विकार है. इसके बाद रिसर्चर्स ने एक बिहेवियर स्केल बनाया, ताकि इस बात की जांच की जा सके कि सेल्फीटिस किस लेवल पर है.
सेल्फीटिस के लेवल्स
बॉर्डरलाइन: दिनभर में कम से कम 3 बार सेल्फी लेना, पर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट न करना. अगर आप भी सुबह, दोपहर, शाम सेल्फी लेते हैं, तो समझ जाइए कि आप बॉर्डरलाइन पर हैं.
अक्यूट: दिनभर में कम से कम 3 बार सेल्फी लेना और हर बार सोशल मीडिया पर पोस्ट करना गंभीर अवस्था है. अगर आप ऐसा कुछ करते हैं, तो इसे अवॉइड करना शुरू करें.
क्रॉनिक:दिनभर सेल्फी लेने से ख़ुद को रोक न पाना. बार–बार सेल्फी लेते रहना और सोशल मीडिया पर 6 बार से ज़्यादा पोस्ट करना क्रॉनिक लेवल है. इन पर सेल्फी लेने का जुनून हर व़क्त सवार रहता है.
इंटरनेशनल जरनल ऑफ मेंटल हेल्थ में छपी स्टडी में इस बात की पुष्टि की गई है कि सेल्फीटिस एक मेंटल या सायकोलॉजिकल डिस्ऑर्डर है. हालांकि अभी भी कुछ लोग हैं, जो इसका विरोध कर रहे हैं. उनके मुताबिक किसी भी रवैये को नाम देने भर से वह विकार में परिवर्तित नहीं हो जाता.
ख़ुद को 1-5 तक की रैंकिंग दें, जहां 5 का मतलब है आप उस बात से पूरी तरह सहमत हैं, वहीं 1 का मतलब है कि आप उससे बिल्कुल सहमत नहीं. आपका स्कोर जितना ज़्यादा होगा, सेल्फीटिस की संभावना उतनी ज़्यादा होगी.
–सेल्फी लेने से मेरा मूड अच्छा हो जाता है.
–फोटो एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल करती हूं, ताकि दूसरों से बेहतर दिख सकूं.
–इससे मैं कॉन्फिडेंट महसूस करती हूं.
–अलग–अलग पोज़ेज़ में सेल्फी शेयर करने पर मेरा सोशल स्टेटस बढ़ जाता है.
–सेल्फी पोस्ट करते रहने से मैं ख़ुद को पॉप्युलर महसूस करती हूं.
–इससे मेरा तनाव दूर होता है.
–ज़्यादा सेल्फी पोस्ट करती हूं, ताकि ज़्यादा लाइक्स और कमेंट्स मिलें.
–सोशल मीडिया पर दोस्तों की तारीफ़ सुनने के लिए सेल्फी पोस्ट करती हूं.
–ख़ूब सेल्फी लेती हूं, फिर अकेले में देखती हूं, इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है.
–अगर सेल्फी नहीं लेती हूं, तो अपने पीयर ग्रुप से अलग–थलग महसूस करती हूं.
सेल्फी न बन जाए ‘किलफी’
हाल ही में हुए एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पूरी दुनिया में सेल्फी लेने के चक्कर में सबसे ज़्यादा लोगों की मौत भारत में ही होती है, जिसे ‘किलफी’ कहते हैं. इस बात की गंभीरता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया में होनेवाली सभी सेल्फी डेथ्स के 50% मामले भारत में होते हैं.
– 2014-2016 के बीच सेल्फी के कारण 127 मौतें हुईं, जिनमें से 76 इंडिया में हुईं.
–ज़्यादातर सेल्फी डेथ का कारण समंदर या नदी में सेल्फी लेते हुए या टू व्हीलर पर स्टंट करते हुए या फिर बिल्डिंग से गिरने से हुई.
क्या है सोल्यूशन?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, क्योंकि यह एक एडिक्शन या लत है, इसलिए इसे छुड़ाने के लिए सायकोलॉजिस्ट्स वही तरीक़ा अपनाते हैं, जो व्यसन मुक्ति के लिए किया जाता है.
–सेल्फी लें, पर कोशिश करें कि सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें.
– ख़ुद को कैमरे के लेंस से देखना बंद करें. आप जैसे हैं, वैसे ख़ुद को स्वीकारें.
–अगर आप ख़ुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी मनोचिकित्सक से मिलें.
बीच सड़क पर फैन के साथ सेल्फी लेना महंगा पड़ा ऐक्टर वरुण धवन (Varun Dhawan) को. ट्रैफिक में फंसे वरुण धवन ने बीच सड़क पर अपनी फैन के साथ जब, सेल्फी ली तो मुंबई पुलिस ने भेज दिया उन्हें ई चालान. मुंबई पुलिस ने वरुण धवन को यह भी कहा कि अगर दोबारा उन्होंने ऐसा किया तो उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाई की जाएगी.
टि्वटर पर मुंबई पुलिस ने वरुण की पिक्चर शेयर करते हुए लिखा, “इस तरह के एेडवेंचरस काम सिल्वर स्क्रीन पर काम करते हों, लेकिन मुंबई की सड़कों पर यह नहीं चलेगा. आपने अपनी, अपने चाहने वाले की और कुछ अन्य लोगों की जान जोखिम में डाली. हम आप जैसे ज़िम्मेदार मुंबईकर और यूथ आईकॉन से और अच्छे की उम्मीद करते हैं. ई चालान आपके घर पहुंच ही रहा होगा. अगली बार हम और भी सख़्त होंगे.”
.@Varun_dvn These adventures surely work on D silver screen but certainly not on the roads of Mumbai! U have risked ur life,ur admirer’s & few others. V expect better from a responsible Mumbaikar & youth icon like U! An E-Challan is on d way 2 ur home. Next time, V will B harsher pic.twitter.com/YmdytxspGY
मुंबई पुलिस के इस ट्वीट के बाद वरुण धवन ने इस बात के लिए माफ़ी मांगी. वरुण ने टि्वटर पर लिखा, “मैं माफ़ी मांगता हूं. हमारी कार ट्रैफिक जाम में खड़ी थी. मैं अपने फैन का दिल नहीं तोड़ना चाहता था, लेकिन आगे से सुरक्षा का पूरा ध्यान रखूंगा और इस तरह की हरकत को बढ़ावा नहीं दूंगा.”
My apologies ? Our cars weren’t moving since we were at a traffic signal and I didn’t want to hurt the sentiment of a fan but next time I’ll keep safety in mind and won’t encourage this. https://t.co/MEJk56EksG
चल बेटा सेल्फी ले ले रे… जी हां, ज़माना सेल्फी का है. हम ख़ुद को कैमरे में कैद करने का एक मौक़ा भी नहीं चूकते. हमारी पूरी कोशिश होती है कि हर तस्वीर में हम अच्छे दिखें. तो चलिए, हम भी आपसे सेल्फी लेने के लिए कहते हैं, पर यह सेल्फी होगी आपके व्यवहार की. कितना अच्छा होता अगर कोई ऐसा कैमरा भी होता, जो हमारी सेल्फी में हमारी अंदरूनी ख़ूबसूरती दिखाता या हमारी गलतियां भी दिखाता. आप शायद समझ ही गए होंगे कि यहां बात हो रही है आत्मविश्लेषण की.
क्यों ज़रूरी है समझदारी की सेल्फी?
अमूमन हमारे जितने मन-मुटाव होते हैं, अधिकतर में हम दूसरों पर सारा दोष मढ़ कर बड़ी आसानी से आगे बढ़ जाते हैं. लेकिन आगे बढ़ते समय हम यह भूल जाते हैं कि कई सारे रिश्ते पीछे ही छूट गए. हमें ऐसा लगता है कि हमें इन रिश्तों की, सगे-संबंधियों की कोई ज़रूरत ही नहीं, पर क्या आप जानते हैं कि आपकी यही सोच आपकी सबसे बड़ी ग़लती है. और ना स़िर्फ ग़लती है, बल्कि समाज के लिए यह सोच बहुत बड़ा ख़तरा भी है, क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है.
रिश्तों से अपने आपको अलग कर लेना या उनसे दूर जाना हमारे सामाजिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. तो यह तो तय है कि रिश्तों को सहेजना बहुत ही आवश्यक है, तो क्यों ना रिश्तों की इस तस्वीर को सुंदर बनाएं.
आजकल किताबी ज्ञान की हम में कोई कमी नहीं, पर याद रखिए किताबें समझदारी नहीं बांटतीं, इसके लिए हमारे अंतर्मन का जागृत होना ज़रूरी है. लेकिन इसे जागृत किया कैसे जाए, यह बहुत आसान नहीं, पर हां मुश्किल भी नहीं. इसके लिए आपको किसी और को नहीं, बल्कि ख़ुद को पहचानने की ज़रूरत है. साथ ही यह कोई एक दिवसीय कार्यक्रम ना होकर निरंतर प्रक्रिया है. आपको बस, करना इतना है कि रोज़ अपनी एक सेल्फी
खींचनी है और यह सेल्फी आप कैसे और कौन-से कैमरे से खीचेंगे, यह हम आपको बताएंगे.
कैसे खींचें समझदारी से सेल्फी?
सच्चाई की फ्लैश लाइट चमकाएं
सच्चाई बहुत ज़रूरी है, क्योंकि झूठ आपको कमज़ोर बनाता है. झूठा अहंकार आपको बार-बार झूठ बोलने पर मजबूर करेगा. इसलिए जब भी किसी से बात करें, तो अपना सच के फ्लैशवाला कैमरा साथ ले जाना ना भूलें. सच बोलना आपको ताक़त देगा. जब कभी आप झूठ का सहारा लेने की कोशिश करें, तो अपने आपको रोक लें. यह स़िर्फ आप कर सकते हैं, क्योंकि केवल आप ही जानते हैं कि आप कब झूठ का सहारा ले रहे हैं. इसके लिए आप ख़ुद को एक छोटी-सी चुनौती भी दे सकते हैं. सोने से पहले किसी काग़ज़ पर दिनभर में आपके द्वारा बोले छोटे से छोटे झूठ की ़फेहरिस्त बनाएं और अगले दिन पिछले दिन से कम झूठ बोलने की कोशिश करें.
अपनी तस्वीर में लाएं अच्छाई की ब्राइटनेस
बेवजह की जलन, दूसरों की नाकामयाबी में ख़ुश होना… ये सभी चीज़ें आपकी अच्छाई को ख़त्म करती है. इस तरह की भावनाएं आपके समझदारी के आईने को धूमिल कर सकती हैं. ये सभी भावनाएं ना स़िर्फ आपके रिश्ते को प्रभावित करती हैं, बल्कि आपके
सोचने-समझने की क्षमता को कमज़ोर करती हैं. जब आपकी अच्छाई चमकेगी, तो आपके अंतर्मन की तस्वीर भी उजली-उजली होगी.
इसके लिए भी एक काम किया जा सकता है. रोज़ कम से कम एक अच्छा काम करें, जैसे- बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद.
दूर करें शिकायतों की उदासी
अपनी सेल्फी में यह ज़रूर ध्यान से देखें कि कहीं आप हमेशा जीवन से शिकायतें तो नहीं करते रहते. जिसे अपने जीवन से हमेशा स़िर्फ शिकायतें ही होती हैं, उसका ख़ुश रहना असंभव है. शिकायतों पर ध्यान केंद्रित करने से अच्छा है कि आप उन उपायों पर ध्यान दें, जिनसे शिकायतों को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा यह ध्यान में रखें कि कुछ भी परफेक्ट नहीं होता. अपने जीवन को कुछ कमियों के साथ स्वीकार करें.
जब समझदारी के कैमरे से सेल्फी लेनी है, तो कोशिश करें कि आपकी तस्वीर हाई डेफिनेशन हो यानी छोटी-छोटी बातों में ना फंसें. यही छोटी बातें हमें छोटा बना देती हैं. अपने जीने के स्तर को ऊंचा उठाएं. झगड़े या छोटी-मोटी नोंक-झोंक, मान-अपमान इन चीज़ों से ऊपर उठकर सोचें. अगर यह छोटी बातें तस्वीर से चली जाएं, तो ख़ुशियों के रंग निखरकर आएंगे.
कहीं तस्वीर में शिकन ना आ जाए
अगर आप जल्दी किसी को माफ़ नहीं कर सकते हैं या किसी बुरी घटना को जल्दी भूल नहीं सकते, तो संभल जाएं, आपकी सेल्फी की ख़ूबसूरती ख़तरे में है. तो करना बस इतना है कि जल्दी से अपनी समझदारी के कैमरे को चार्ज करिए और अपने चेहरे पर आई इस शिकन को मिटा दीजिए. दरअसल, दूसरों को माफ़ करना और कुछ क़िस्से-कहानियों को भूल जाना किसी और के लिए नहीं, बल्कि आपके अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है. अंग्रेज़ी में कहते हैं ना ‘फॉरगेट एंड फॉरगिव’ ये चीज़ें ना स़िर्फ आपको ऊपर उठाती हैं, बल्कि कई सारे रिश्तों को फिर से संवारने का एक और मौक़ा भी देती हैं.
माफ़ी मांग लें
जिस तरह माफ़ करके आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है, उसी तरह अपनी ग़लती होने पर या कभी-कभी स़िर्फ परिस्थितियों को संभालने के लिए माफ़ी मांगना ज़रूरी है. माफी मांगने को अपने अहम् के साथ ना जोड़ें यानी माफ़ी मांगने से आप छोटे नहीं होते.
संवार लें बिगड़ी हुई तस्वीर
अगर इतनी जद्दोज़ेहद के बाद भी सेल्फी बिगड़ ही जाए, तो उसे वैसा ही मत छोड़ें, बल्कि अपनी समझदारी से उसे ठीक कर लें. कई बार ऐसा होता है कि लाख संभालने के बावजूद कुछ रिश्ते हाथ से फिसलने लगते हैं. ना चाहते हुए भी हममें वह चीज़ें आ जाती हैं, जो हमारे व्यक्तित्व को ख़राब करती हैं. अगर ऐसा होता भी है, तो वहीं पर रुककर पहले आत्मविश्लेषण करें. अपने स्वभाव की बुरी आदतों को दूर करने की कोशिश करें और फिर आगे बढ़ें. इस सेल्फी में आपको ख़ूबसूरत तो दिखना है, पर बाहरी मेकअप से नहीं, बल्कि प्राकृतिक निखार से. याद रखिए कि आपको तस्वीर में सुंदर कैमरा या तस्वीर खींचनेवाला नहीं बनाता, बल्कि आप ख़ुुद बनाते हैं. कहने का तात्पर्य यह है कि जब आप अपने जीवन में ख़ुश ना हों, तो किसी और पर दोष मढ़ने से पहले एक बार ख़ुद को परख लें.
आखिरकार शाहरुख खान और आमिर खान की दोस्ती हो ही गई. जब से सलमान और शाहरुख की दोस्ती यारी हुई है, तब से ही लोगों को इंतज़ार था आमिर-शाहरुख की दोस्ती का. दोनों कई बार एक-दूसरे के सामने भी आए, लेकिन न ज़्यादा बात हुई और न ही दोस्ती. लेकिन अब 25 सालों बाद दोनों के बीच की दूरियां ख़त्म हो ही गईं. दोनों 25 साल से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं, लेकिन कभी दोनों ने साथ में कोई पिक्चर नहीं क्लिक करवाई थी. ये पहला मौक़ा था जब शाहरुख और आमिर ने साथ में सेल्फी ली. दुबई में बिज़नेसमैन अजय बिजली की बर्थडे पार्टी में दोनों ने साथ सेल्फी ली और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. शाहरुख ने ये पिक्चर शेयर करते हुए लिखा, ”25 साल से एक-दूसरे को जानने के बाद ये हमारी पहली फोटो है.”
सेल्फी शाहरुख खान की, लेकिन उस सेल्फी से स्टार बन गया कोई और. जी हां, शायद शाहरुख के साथ भी ऐसा पहली बार हुआ होगा कि उनकी सेल्फी से ज़्यादा उस सेल्फी में मौजूद किसी और के दिवाने हो जाएंगे उनके फैंस.
शाहरुख खान अपनी फिल्म रईस के प्रमोशन के लिए पुणे के सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी पहुंचे थे. जहां उन्होंने वहां मौजूद अपने फैन्स के साथ सेल्फी ली थी. जब शाहरुख ने वो पिक्चर सोशल मीडिया पर शेयर की, तब सेल्फी में मौजूद एक लड़की बन गई इंटरनेट पर स्टार. शाहरुख के फेसबुक वॉल पर जो कमेंट्स आए, वो शाहरुख को लेकर नहीं, बल्कि पिक्चर में मौजूद एक लड़की के लिए थे, जिसने शाहरुख के फैंस को अपना दिवाना बना दिया. लोग इस लड़की को शादी के प्रपोज़ल्स तक भेजने लगे.
कौन है ये मिस्ट्री गर्ल?
शाहरुख की सेल्फी में मौजूद ये मिस्ट्री गर्ल है 21 साल की साइमा हुसैन, जो श्रीनगर से हैं और पुणे के सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी में डिजाइनिंग स्टूडेंट है.
साइमा को ये तक पता नहीं था कि वो इंटरनेट पर इतनी फेमस हो गई हैं. साइमा को उनकी बेस्ट फ्रेंड ने ये ख़बर दी. पहले साइमा को यक़ीन नहीं हुआ, लेकिन बाद में जब उन्हें कॉल्स और मैसेज आने लगे, तब साइमा को समझ नहीं आया कि कैसे वो इस सिचुवेशन के साथ डील करें.
फेस्ट के सभी हेड्स को फ्रंट रो में जाने दिया गया था, इसलिए साइमा शाहरुख की सेल्फी में आ पाई थीं. शाहरुख खान की सेल्फी ने एक आम लड़की को बना दिया स्टार.
करण जौहर नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं. इस बार भी करण ने कुछ ऐसा ही किया है. कॉफी विद करण सीज़न 5 के काउच तक इस बार करण ले आए रणवीर सिंह और रणबीर कपूर को.ये देखकर आपको अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है. कभी किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है. रणवीर और रणबीर दोनों का ही कनेक्शन दीपिका से रह चुका है, ऐसे में दोनों में कभी बनती नहीं थी, दोनों ही एक-दूसरे पर कभी कोई कमेंट करना भी ज़रूरी नहीं समझते थे. लेकिन अब जब इस बार बेशर्म और बेफिक्रे साथ होंगे और करण के नॉटी सवालों का सामना करेंगे, तब यक़ीनन काफ़ी इंट्रेस्टिंग सवालों के जवाब मिलेंगे. फिलहाल आप देखें इस शो के कुछ पिक्चर्स, जिसमें करण की सेल्फी में पाउट करते नज़र आ रहे हैं तीनों.
शाहरुख खान भी सुपरमून (Supermoon) को देखे बिना रह नहीं पाए. शाहरुख ने न सिर्फ़ सुपरमून को देखा, बल्कि उसके साथ सेल्फी लेकर उसे टि्वटर पर शेयर भी कर दिया.
शाहरुख ने लिखा, ”सुपरमून आज बड़ा और चमकीला दिखाई दे रहा है….जो हमेशा अपने अंधकार वाले साइड को छुपा कर रखता है…”