sex and romance

पैसों, गाड़ी या अच्छी जॉब से ही ख़ुशियां मिलें, ये ज़रूरी नहीं. सोशल मीडिया या फिल्मों में भले ही दिखाया जाए कि सपनों की दुनिया में जीनेवाले कपल, ख़ूब पैसे कमाने वाले या रोज़ाना घूमने, रेस्टॉरेंट में खाना खाने और हर पल को भरपूर एंजॉय करनेवाले कपल ही सबसे हैप्पी कपल्स होते हैं, लेकिन ये सच नहीं है. इसके अलावा स़िर्फ उन्हीं कपल्स को हैप्पी कपल्स नहीं कहा जा सकता जो झगड़े नहीं करते, बल्कि हैप्पी और परफेक्ट कपल वो होते हैं, जो हालात को बेहतर ढंग से हैंडल करते हैं, जो इमोशनली इंटेलिजेंट होते हैं और जो लाइफ से जुड़े अहम फैसले सिर्फ इमोशनल होकर नहीं, बल्कि इंटेलिजेंट बनकर लेते हैं. इमोशनल इंटेलिजेंस का मतलब ही है इमोशन को इंटेलिजेंटली हैंडल करना. तो आइए जानते हैं कि इंटेलिजेंट कपल्स कौन होते हैं और आपको ऐसा कपल बनने के लिए क्या करना होगा.

एक दूसरे के प्रति रखते हैं पॉज़िटिव सोच


कपल्स जब कुछ समय एक साथ गुज़ार लेते हैं तो एक-दूसरे को लेकर उनके मन में कुछ पूर्वाग्रह आ जाते हैं. अगर ये पूर्वाग्रह नेगेटिव हों तो पार्टनर्स इसे नेगेटिव तरीके से ही लेते हैं और एक-दूसरे की नेगेटिव बातों पर ही फोकस करते हैं, जबकि इमोशनली इंटेलिजेंट पार्टनर्स एक-दूसरे की सिर्फ पॉज़िटिव बातों पर फोकस करते हैं. नेगेटिव बातों पर फोकस करना उन्हें समय की बर्बादी लगती है, इसलिए वो स़िर्फ पार्टनर की अच्छी बातों के साथ आगे बढ़ते हैं और हमेशा ख़ुश रहते हैं.

झगड़ों और स्ट्रेस को बुद्धिमानी से हैंडल करते हैं


इमोशनली इंटेलिजेंट पार्टनर्स स्ट्रेस वाली स्थिति में या झगड़ा होने पर बुरी तरह रिएक्ट नहीं करते, ना ही ऐसी कोई बात करते हैं जिससे हालात और बिगड़ें या पार्टनर हर्ट हों. वो ऐसे हालात को भी हेल्दी तरीके से और पूरी संवेदनशीलता के साथ हैंडल करते हैं और किसी भी हाल में ओवर रिएक्शन से बचते हैं. इससे हालात और बिगड़ने नहीं पाते और प्रॉब्लम्स का सोल्यूशन भी आसानी से मिल जाता है.

ग़लत होने पर ग़लतियां स्वीकार लेते है


हर पति-पत्नी में तू तू मैं मैं और मन-मुटाव होते ही हैं. लेकिन इमोशनली इंटेलिजेंट पार्टनर हर झगड़े का ठीकरा दूसरे पार्टनर पर नहीं फोड़ते, हर झगड़े के लिए अपने पार्टनर को ज़िम्मेदार नहीं ठहराते. अगर उनकी ग़लती हुई तो आगे बढ़कर ख़ुद अपनी ग़लती स्वीकार करते हैं, न कि हमेशा अपने पार्टनर को गलत साबित करने की कोशिश करते हैं. वो अपने पार्टनर के पक्ष को भी समझते हैं और दोनों की फीलिंग समझते हुए रिएक्ट करते हैं. साथ ही वो झगड़ा होने पर मुंह फुलाकर नहीं बैठते, बल्कि जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी सारे मनमुटाव दूर करके झगड़ों की हैप्पी एंडिंग में यकीन करते हैं.

थोड़ी दूरियां भी हैं ज़रूरी


हालांकि ये सच है कि पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने से बॉन्डिंग मज़बूत होती है और ऐसा करनेवाले कपल्स ज़्यादा हैप्पी रहते हैं, लेकिन कई बार रिश्तों में ख़ुशियों के लिए थोड़ी दूरियां भी ज़रूरी होती हैं. इमोशनली इंटेलिजेंट कपल्स ये बात समझते हैं, इसीलिए वो हर समय पार्टनर के साथ नहीं बने रहते. चिपकू पार्टनर बनने की बजाय वो अपने पार्टनर को स्पेस देते हैं. वो समझते हैं कि अगर किसी स्पोर्ट या एक्टिविटी में उनकी दिलचस्पी नहीं है, तो इसका ये मतलब ये नहीं कि वो अपने साथी को भी उसे स्पोर्ट या एक्टिविटी को एंजॉय करने से रोकें.

इमोशन्स को हेल्दी तरीके से हैंडल करते हैं


एक्सपर्ट्स के अनुसार, इमोशनली इंटेलिजेंट कपल्स अपने इमोशन को बेहतर ढंग से समझते हैं और पार्टनर के इमोशन्स को भी अच्छे से हैंडल करना जानते हैं. साथ ही वो अपना इमोशल पार्टनर पर थोपे बगैर खुलकर बातचीत करते हैं. ज़रूरी होने पर इमोशल को हेल्दी तरीके से व्यक्त भी करते हैं. कुल मिलाकर वो अपना इमोशनल प्रेशर पार्टनर पर नहीं डालते, जिससे उनके रिश्ते में कभी स्ट्रेस नहीं आता.

गहरी सहानुभूति रखते हैं


जो कपल्स इमोशनली इंटेलिजेंट होते हैं, उनके बीच सहानुभूति की भावना भी ज़्यादा होती है. ऐसे कपल्स एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझते हैं और बिना कहे ही अपने पार्टनर के मूड और भावनाओं को समझ जाते हैं. इससे उनके बीच कम्युनिकेशन आसान हो जाता है और ये उनके रिश्ते में तनाव भी नहीं आने देता.

ये झगड़ों से दूर रहते हैं


हर पति-पत्नी में झगड़े तो होते ही हैं, लेकिन इन झगड़ों के दौरान अगर अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया जाए, एक-दूसरे पर गंदे आरोप लगाए जाएं, तो ये झगड़े बहुत ही गंदी शक्ल ले लेते हैं. लेकिन इमोशनली इंटेलिजेंट कपल्स कभी इस तरह के गंदे झगड़ों में इन्वॉल्व नहीं होते, बल्कि इन झगड़ों को भी प्यार और बुद्धिमानी से हैंडल करते हैं.

हर पुरुष की दिली ख़्वाहिश होती है कि उसकी पत्नी बेहद ख़ूबसूरत हो, मगर ख़ूबसूरती के साथ ही पुरुष पत्नी में कुछ ख़ूबियां भी चाहते हैं. ख़ूबसूरती के दीवाने पुरुष अपनी पत्नी की किन ख़ूबियों पर फ़ख्र महसूस करते हैं? आइए, हम बताते हैं.

इस बात को सिरे से नकारा नहीं जा सकता कि पति के लिए पत्नी की ख़ूबसूरती कोई मायने नहीं रखती, लेकिन ख़ूबसूरत होना ही काफ़ी नहीं. ख़ूबसूरती से कहीं बढ़कर पुरुषों को ऐसी महिलाएं पसंद आती हैं, जिनमें ये ख़ूबियां हों-

देश-दुनिया की ख़बर रखती हो

गली-मोहल्ले की जानकारी के साथ ही पति ये भी ख़्वाहिश रखते हैं कि उनकी पत्नी को देश-दुनिया की भी पूरी ख़बर हो ताकि वो हर मुद्दे पर पत्नी से बात कर सकें. इसके साथ ही पुरुष ये भी चाहते हैं कि पत्नी बच्चों को भी देश-दुनिया की जानकारी दे.

मन से ख़ूबसूरत हो

पहली नज़र में तन की ख़ूबसूरती को महत्व देने वाले पुरुष पत्नी के मन की ख़ूबसूरती को उससे कई गुना अधिक महत्व देते हैं. इसीलिए वो चाहते हैं कि उनकी पत्नी का मन ख़ूबसूरत हो. वो अपनी सादगी और अच्छे व्यवहार से पूरे परिवार का मन मोह ले. वो झूठी-बनावटी बातों से कोसों दूर हो.

परिवार को दिल से अपनाए

पुरुष चाहते हैं कि उनकी तरह ही पत्नी भी उनके माता-पिता को दिल से अपनाए. इसी तरह घर के हर एक सदस्य फिर चाहे वो पति का छोटा/बड़ा भाई/बहन हो, से प्रेम करे और उनसे सलीके से पेश आए. एक अच्छी होम मेकर की तरह परिवार को जोड़े रखे और घर के बड़े-बुज़ुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी उसे प्यार करें.

पूरे परिवार का ख़्याल रखे

हो सकता है, पति के कहीं जाने पर जब आप उन्हें अपना ख़्याल रखने को कहें, तो मैं बच्चा नहीं हूं कहकर वो आपकी बात टाल दें, परंतु एक सच ये भी है कि वो दिल से चाहते हैं कि आप न स़िर्फ उनका, बल्कि उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य का ख़्याल रखें. उनकी ज़रूरतों को समझें और उन्हें पूरा करें.

समझदार हो

आमतौर पर कहा जाता है कि पुरुषों को ख़ूबसूरत पत्नी पसंद आती है, समझदार नहीं, जो उनके इशारों पर काम करे, लेकिन ये सच नहीं है. पुरुष ऐसी समझदार महिला को पसंद करते हैं जो उनकी ग़ैर मौजदूगी में किसी भी मसले को हल कर सके. उसे किसी के सहारे की ज़रूरत न हो.

सलाहकार हो


वो दिन गए जब घर के बाहर के काम पतियों के ज़िम्मे होते थे और घर के अंदर की सभी ज़िम्मेदारियां पत्नी संभालती थी. आज दोनों के कंधों पर समान ज़िम्मेदारियां हैं इसीलिए पुरुष चाहते हैं कि पत्नी उनके हर काम में साथ दे, उनकी अच्छी सलाहकार बने और हर ़फैसले में अपनी राय दे.

मुश्किल घड़ी में साथ दे


सुख और दुख जीवन के दो पहलू हैं. जो पत्नी दुख में भी ख़ुश रहना और हर मुश्किल घड़ी में पति और परिवार का साथ देना जानती है, पुरुष की नज़र में वही दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत महिला होती है. न कि वो जो ख़ूबसूरत तो होती है, पर मुश्किल घड़ी में पति और परिवार का साथ छोड़कर कन्नी काट लेती है.

अच्छी कुक हो

किसी ने सच ही कहा है, पति के दिल का रास्ता पेट से होकर गुज़रता है. यही वजह है कि ख़ूबसूरत महिलाओं से पहले अच्छा खाना बनाने वाली पत्नी पति के दिल में घर बनाती है. अगर पत्नी अच्छी कुक हो, तो खाने के शौक़ीन पुरुष रिश्तेदारों और दोस्तों के सामने भी फ़ख्र महसूस करते हैं.

अंतरंग पलों में साथ दे

इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की सेक्स में रुचि अधिक होती है. इसीलिए वो अंतरंग पलों के लिए हामी भरने वाली और सेक्स में पूरा साथ देने वाली पत्नी चाहते हैं. पुरुषों को अच्छे फिगर से कहीं ज़्यादा सेक्स में साथ देने वाली महिला पसंद आती है.

आइडियल मॉम हो

अच्छी पत्नी और बहू के साथ ही पति की अपेक्षा होती है कि उनकी पत्नी आइडियल मां की भूमिका भी बख़ूबी निभाए. बच्चों की तबीयत से लेकर उनकी पढ़ाई-लिखाई का भी पूरा ख़्याल रखे. बच्चों को संस्कारी और समझदार बनाए.

ताक़त बने कमज़ोरी नहीं
परेशानियों से मुंह मोड़ने की बजाय हिम्मत और मज़ूबती से उनका सामना करने वाली पत्नी पति के दिल पर राज करती है, क्योंकि पति उसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताक़त बनते देखना पसंद करते हैं. पत्नी अगर मज़बूत हो, तो पति के हौसले भी बुलंद हो जाते हैं.

जो संस्कारी हो
पुरुष ख़ूबसूरत महिला से कहीं बढ़कर संस्कारी महिला को पसंद करते हैं. वो चाहते हैं कि उनकी पत्नी संस्कारी हो. उसे न स़िर्फ घर के रीति-रिवाज़ों की जानकारी हो, बल्कि घर के बड़े-बुर्ज़ुगों का सम्मान करना भी वो बख़ूबी जानती हो. पत्नी का ऊंची आवाज़ में बात करना, बड़ों का अपमान करना पुरुषों को कतई पसंद नहीं आता. पत्नी के ऐसा करने पर पति शर्मिंदगी महसूस करते हैं.

शायद ही कोई दिल हो जिसमें मोहब्बत के फूल न खिले हों. प्यार का मौसम सभी को मोहब्बत की बरसात में भिगो देता है. मौक़ा भी है, दस्तूर भी…
तो क्यों न दिल की बात करें और जानें दिल की दिलचस्प बातें.

प्यार का केमिकल कनेक्शन


दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार क्या कीजे आ गया जो किसी पे प्यार, क्या कीजे.
जी हां, दिल पर ज़ोर नहीं चलता. कब कोई अनजाना अपना बन जाता है, पता ही नहीं चलता… पर होशो-हवास उड़ाने वाला ये प्यार यूं ही नहीं हो जाता, इसके पीछे भी एक साइंस है. जी हां, प्यार में भी होता है केमिकल लोचा.

क्यों होता है प्यार
प्यार के वैज्ञानिक और व्यावहारिक पहलू


प्यार एक विज्ञान है जिसे हम व्यावहारिक रूप में अपने जीवन में उतारते हैं. क्यों, कब और कैसे होता है प्यार? आइए, जानते हैं प्यार के इस रहस्यमयी पहलू के बारे में.

जींस तय करते हैं पार्टनर का चुनाव
विज्ञान कहता हैः साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हम किस तरह के पार्टनर का चुनाव करेंगे, यह हमारे जींस तय करते हैं. अक्सर हम ऐसे साथी का चुनाव करते हैं, जिसका जीनोटाइप असमान हो.

विज्ञान को व्यवहार में लाएंः यदि आपके पार्टनर का जीनोटाइप आपसे अलग है, तो इसका एक फ़ायदा यह होता है कि आने वाली पीढ़ी के बच्चों का इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है. अतः अपने जीन्स के फैसले को स्वीकारें और अपनी आने वाली पीढ़ी को हेल्दी बनाएं.

जादू की झप्पी है कमाल की
विज्ञान कहता हैः नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स कहते हैं कि आलिंगन करने से ब्लड प्रेशर कम होता है और शरीर में ऑक्सिटॉसिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो कि ऑर्गे़ज़्म प्राप्त करने में मुख्य भूमिका निभाता है. शोधकर्ताओं ने कुछ कपल्स पर यह शोध करते हुए उन्हें एक-दूसरे के पास दस मिनट तक बैठाया और 10 मिनट तक बात करने के लिए कहा. उसके बाद एक-दूसरे को काफ़ी देर तक आलिंगन करने को कहा. इसके बाद उन्हें पॉज़िटिव रिज़ल्ट मिला. उनके ब्लड प्रेशर व आक्सिटॉसिन स्तर में थोड़ा बदलाव पाया गया, लेकिन जब यह फ़ॉर्मूला रोज़ आज़माया गया तो बदलाव ज़्यादा देखने में आया.

विज्ञान को व्यवहार में लाएंः प्यार जताने के लिए जादू की झप्पी से अच्छा तरीका और क्या हो सकता है? अब रोज़ अपने पार्टनर को जादू की झप्पी दें और ब्लड प्रेशर को बाय-बाय कहें.

हेल्दी रखता है सेक्स
विज्ञान कहता हैः शोध करने पर पाया गया कि जो कपल्स ह़फ़्ते में एक या दो बार सेक्स करते हैं, उनमें इम्यीनोग्लोसिन की मात्रा ़ज़्यादा होती है, जो एक एंटीबॉडी है और बीमारियों व इंफेक्शन से लड़ने में मददगार साबित होता है. शोध में यह भी पाया गया कि जो लोग ह़फ़्ते में एक बार भी सेक्स नहीं करते, उनमें इम्यूग्लोबिन सेक्स करने वालों की अपेक्षा कम पाया गया.

विज्ञान को व्यवहार में लाएंः अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को जवां बनाए रखने के लिए सेक्स लाइफ को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें. सेक्स का खुलकर लुत्फ़ उठाएं और हेल्दी बने रहें.

दिल की बातें
विज्ञान कहता हैः शोध से सिद्ध हुआ है कि जो पत्नियां अपने पति के दिल की हर बात ध्यान से सुनती हैं, उनकी ख़ुशियां शेयर करती हैं, उनका हौसला बढ़ाती हैं, उनके रिश्ते ़ज़्यादा मज़बूत होते हैं. अन्य कपल्स की तुलना में वे ज़्यादा संतुष्ट रहते हैं.
विज्ञान को व्यवहार में लाएंः पति की हर बात ध्यान से सुनने और उनसे अपने दिल की हर बात कहने से दोनों का मन हल्का हो जाएगा. दोनों और क़रीब आ जाएंगे और आपके रिश्ते में प्यार की कभी कमी नहीं आएगी.

एक बोसा प्यार का
विज्ञान कहता हैः स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के जॉर्ज गैलप कहते हैं कि जब भी एक पार्टनर दूसरे पार्टनर को पहली बार किस करता है तो उससे उसे पता चलता है कि वह कितना आकर्षक है और उनके रिश्ते की उम्र कितनी लंबी है. गैलप कहते हैं, किस करते समय मस्तिष्क में सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है, जिससे जिनेटिक इनकॉम्पेटिबिलिटी की संभावना बनती है.
विज्ञान को व्यवहार में लाएंः पार्टनर जब पहली बार आपको किस करे, तो उसे दिल से महसूस करें. प्यार के इस हसीन पल को यादगार बना दें.

ये केमिकल का मामला है


क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कोई अजनबी इतना अच्छा लगने लगता है कि हम जीवनभर उसके साथ रहने के लिए तैयार हो जाते हैं? दरअसल, ये दिल का नहीं, केमिकल का मामला है. प्यार एक तरह का केमिकल एडिक्शन है. जब किसी से प्यार होता है तो ब्रेन का प्लेज़र सेंटर ऐक्टिवेट हो जाता है और केमिकल डोपामाइन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है. इसी के कारण प्यार करने पर दिल में ख़ुशी का एहसास होता है.

अध्ययन बताते हैं

  • जिन लोगों का दांपत्य जीवन ख़ुशहाल होता है उनकी मेंटल हेल्थ अच्छी होती है और उनमें डिप्रेशन भी कम होता है.
  • हैप्पी मैरिड कपल्स की सेक्स लाइफ अच्छी होती है और वे करियर में भी सफलता पाते हैं.
  • पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के अध्ययन से यह बात सामने आई है कि जो महिलाएं शादीशुदा होती हैं, उनमें दिल की बीमारी का ख़तरा कम होता है.
  • शादीशुदा कपल्स अविवाहितों की तुलना में लंबी उम्र तक जीते हैं और उनमें कैंसर की संभावना भी कम होती है.
  • शादीशुदा लोगों में शराब-सिगरेट की लत कम होती है.
  • महिला पार्टनर में यह क्षमता होती है कि वह उस पुरुष को सूंघ सकती हैं, जो उसके लिए मिस्टर राइट साबित हो.
  • हैंडसम पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी ज़्यादा अच्छी होती है. शोध में हेल्दी स्पर्म उन लोगों में पाए गए,
    जो चेहरे से आकर्षक थे और महिलाओं के फेवरेट भी.
  • अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं की आवाज़ मधुर होती है वो ख़ूबसूरत होती हैं.

फेंगशुई से पाएं हैप्पी लव लाइफ


फेंगशुई के ख़ास टिप्स अपनाकर आप अपनी लव लाइफ को हमेशा जवां बनाए रख सकती हैं. कैसे?

  • पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध स्थापित करने के लिए बेडरूम के
    दक्षिण-पश्‍चिम दिशा में स्फटिक के दो गोले लटकाएं या टांग दें. इससे आप दोनों को एक-दूसरे से कोई अलग नहीं कर पाएगा.
  • बेडरूम के दक्षिण-पश्‍चिम दिशा वाले कोने में अपनी और पार्टनर की, जिसमें आप दोनों साथ हों, तस्वीर लगाएं. इससे आप दोनों के बीच प्यार बढ़ेगा.
  • कपल्स के बीच प्रेम संबंध को मज़बूती देने के लिए बेडरूम के दक्षिण-पश्‍चिम दिशा में मैडरिन बत्तख की प्रतिमा रखें. मैडरिन बत्तख प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इसकी मौजूदगी से पति-पत्नी के बीच प्रेम में बढ़ोतरी होती है.
  • बेडरूम में डबल बेड पर सिंगल गद्दा बिछाकर एक साथ सोएं. डबल बेड पर दो अलग-अलग गद्दे न बिछाएं, वरना आप दोनों के बीच भी अलगाव हो सकता है.
  • बेडरूम में पानी या पानी वाली कोई वस्तु, जैसे- फिश टैंक, पानी से भरा बाउल, पानी की तस्वीर आदि न रखें. इससे कपल्स के बीच झगड़े होते हैं.
  • बेडरूम में आईना न लगवाएं. इससे पति-पत्नी के बीच बार-बार तकरार होती है. आईने से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा कपल्स के बीच तलाक का कारण भी बन सकती है. अगर आईना हटा नहीं सकतीं तो रात में सोने से पहले इसे ढंक दें.

बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते काम के दबाव के चलते ज़्यादातर वर्किंग कपल्स के बीच तनाव बढ़ने लगा है. घर-बाहर दोनों की जगह की तमाम ज़िम्मेदारियां निभाते-निभाते कपल्स कब स्ट्रेस, डिप्रेशन आदि के शिकार हो जाते हैं, उन्हें ख़ुद पता नहीं चल पाता. धीरे-धीरे इसका असर उनकी सेक्स लाइफ पर भी पड़ने लगता है और पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं. व्यस्त दिनचर्या में भी सेक्स लाइफ को रिचार्ज करना ज़रूरी है, वरना सेहत और रिश्ते दोनों कमज़ोर हो सकते हैं.

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तनाव का सेक्स लाइफ पर असर
तनाव का असर न सिर्फ हमारे शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि ये हमारी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है. तनाव किस तरह काम जीवन को प्रभावित करता है? आइए,जानते हैं.

एनर्जी लेवल
ज़्यादा स्ट्रेस लेने से एनर्जी लेवल कम हो जाता है, जिससे सेक्स की इच्छा नहीं होती. ऐसे में पति-पत्नी दोनों वर्किंग हों, तो उनके पास सेक्स के लिए न ज़्यादा समय होता है और न ही एनर्जी, जिसके कारण उनके बीच दूरियां बढ़ती चली जाती हैं.

नशे की लत
कुछ लोगों को लगता है कि सिगरेट या शराब पीने से तनाव कम हो जाता है या तनाव सहने की शक्ति मिलती है, जो कि बिल्कुल ग़लत है. सिगरेट, शराब या अन्य किसी भी प्रकार का नशा आपको शारीरिक रूप से कमज़ोर बनाने के साथ ही आपकी सेक्सुअल लाइफ को भी प्रभावित करता है.

पति-पत्नी के बीच दूरी
पति या पत्नी किसी एक का भी तनाव में, रहना लेकिन व्यक्त ना करना दूसरे के मन में शक़ पैदा कर सकता है, जिसके कारण कई बार दोनों के बीच शारीरिक दूरियां बढ़ जाती हैं और कामोत्तेजना कम होने लगती है.

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इंफर्टिलिटी की समस्या
तनाव के दुष्परिणामों में इंफर्टिलिटी भी शामिल है. इंफर्टिलिटी की शिक़ायत स्त्री या पुरुष दोनों में से किसी को भी हो सकती है. शारीरिक दोषों के अलावा सेक्स में असंतुष्टि इसका मुख्य कारण है.

बेडौल शरीर
तनाव से मोटापा बढ़ता है और शरीर बेडौल हो जाता है, जिससे आत्मविश्‍वास कम होने लगता है. हमें लगने लगता है कि पार्टनर अब हमें पहले की तरह प्यार नहीं करता, जिससे चलते रिश्ते में दूरियां आने लगती हैं.

यह भी पढ़ें: सेक्स लाइफ से जुड़े 10 सवाल-जवाब हर कपल को मालूम होने चाहिए (10 Sex Questions All Happy Couples Know The Answers To)

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क्या हैं तनाव का कारण?
शरीर में हार्मोन्स का असंतुलित होना, पीरियड के दौरान टेंशन, शारीरिक बीमारी, कॉम्पटीशन, बच्चों की पढ़ाई आदि के तनाव से भी सेक्स लाइफ प्रभावित होती है.

तनाव को कैसे करें छूमंतर?
तनाव को अपने बेडरूम से दूर रखने के लिए एक-दूसरे को पर्याप्त समय दें और इन बातों का ध्यान रखें:

टाइम मैनेजमेंट
अक्सर देर रात तक ऑफिस में काम करने के कारण वर्किंग कपल्स थकान और तनाव महसूस करते हैं, जिससे उनमें सेक्स की इच्छा कम होने लगती है. एक-दूसरे को पर्याप्त समय न दे पाने के कारण उनका तनाव बढ़ता चला जाता है. यदि आपकी स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, तो अपनी सेक्स लाइफ को बिल्कुल नज़रअंदाज़ न करें और पार्टनर के साथ कुछ वक़्त बिताने की कोशिश ज़रूर करें. रात में यदि समय नहीं मिलता, तो आप सुबह सेक्स का लुत्फ़ उठा सकते हैं या वीकेंड में फ्रेश मूड के साथ अपनी सेक्स लाइफ को रोमांचक बना सकते हैं.

आपसी समझदारी
अपनी यौन इच्छा पूरी करने के लिए पार्टनर पर दबाव न डालें. अगर वे तनावग्रस्त हैं, तो उनके तनाव की वजह जानने की कोशिश करें. यदि इसमें आप उनकी मदद कर सकती हैं, तो ज़रूर करें. इसके साथ ही बेडरूम में सेक्स का माहौल बनाएं. पार्टनर के साथ प्यार भरी बातें करें और फोरप्ले के ज़रिए उन्हें सेक्स के लिए तैयार करें.

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पसंद-नापसंद का ध्यान रखें
सेक्स क्रिया में आपका परफॉर्मेंस पाटर्नर को उत्तेजित करेगा या नहीं? इस बारे में सोचकर पार्टनर के साथ उन ख़ास पलों को ज़ाया न होने दें. पार्टनर को सेक्सुअल संतुष्टि देने के लिए अपने परफॉर्मेंस पर नहीं, बल्कि पार्टनर की पसंद-नापसंद पर ध्यान दें.

तनाव भी बांटें
सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. अरविंद भावे के अनुसार, “पार्टनर के साथ अपनी ख़ुशी ही नहीं, तनाव भी बांटें. ऐसा करने से आपसी समझ और प्यार बढ़ता है. यदि पार्टनर को आपकी परेशानी के बारे में मालूम ही नहीं होगा, तो वो आपको कैसे समझ पाएंगे? ऐसा में आपके तनाव का असर आपकी सेक्स लाइफ पर पड़ेगा ही. अतः पार्टनर के साथ तनाव बांटकर उसे दूर करने की कोशिश करें.”

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सेक्सी टिप्स
दिनभर तनाव में रहने के बाद शाम को उदास रहने की बजाय पार्टनर के साथ उन ख़ास पलों को एंजॉय करने की कोशिश करें. मूड को सेक्सी बनाने के लिए ट्राई कीजिए ये रिफ्रेशिंग टिप्स.

  • शाम को पति जब घर आने वाले हों तब उनकी पसंद का रोमांटिक म्यूज़िक लगाएं. यह उनके तनाव को दूर करने के साथ ही उन्हें आपके क़रीब ले आएगा.
  • पार्टनर के साथ रोमांटिक फिल्म देखें.
  • दिनभर घर के काम में व्यस्त रहने के कारण यदि पत्नी तनावग्रस्त है, तो उसे सरप्राइज़ रोमांटिक डिनर पर ले जाएं.
  • सेक्स के दौरान पार्टनर को मानसिक और शारीरिक रूप से रिलैक्स करने के लिए फोरप्ले का मज़ा लें.
  • योगा, मेडीटेशन और व्यायाम की मदद से मूड को फ्रेश बनाने की कोशिश करें.
  • पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मनमोहक ख़ुशबू वाले परफ्यूम का इस्तेमाल करें.
  • रोमांटिक और सेक्सी मैसेज भेजकर पार्टनर के मूड को तनावरहित बनाने की कोशिश करें.
  • सेक्सी ड्रेसेस, लॉन्जरीज़ आदि पहनकर पार्टनर को आकर्षित करने के साथ ही सेक्स को रोमांचक बनाएं.
  • सेक्स में असंतुष्टि तनाव बढ़ा सकती है इसलिए पार्टनर की सुविधा को ध्यान में रखकर अंतरंग पलों को एंजॉय करें.

हेल्दी डायट
डायट का हमारी सेहत और सेक्स लाइफ पर भी असर पड़ता है इसलिए पौष्टिक और संतुलित आहार लें.

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क्या खाएं?

  • कार्बोहाइड्रेेट युक्त आहार, जैसे- चावल, आलू, ब्रेड आदि को डायट में शामिल करें.
  • शरीर के ताप को सामान्य रखने के लिए अपनी डायट में विटामिन बी युक्त आहार शामिल करें.
  • पीले और नारंगी रंग के फल और सब्ज़ियां (सिट्रस फूड), जैसे- मोसंबी, संतरा, नींबू, पपीता, कद्दू आदि तनाव कम करने में सहायक होते हैं.
  • हरी पत्तेदार सब्ज़ियां भी तनाव कम करती हैं.
  • फाइबरयुक्त फल, सब्ज़ियां और साबूत अनाज सोचने-समझने की क्षमता बढ़ाने के साथ ही तनाव कम करते हैं.

क्या न खाएं?

  • कॉफी, ब्लैक टी आदि का सेवन करने से बचें, क्योंकि कैफीन युक्त चीज़ें स्ट्रेस हार्मोन के स्तर को बढ़ाती हैं.
  • तले-भुने, मसालेदार भोजन से परहेज करें.
  • शुगर की ज़्यादा मात्रा भी तनाव बढ़ाती है, इससे भी बचने की कोशिश करें.
  • सिगरेट-शराब से भी दूर रहें.

सेक्स लाइफ से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें हैं, जिनसे आज भी ज़्यादातर महिलाएं अनभिज्ञ हैं. सेक्स लाइफ से जुड़ा ऐसा एक पहलू है ऑर्गैज़्म. ऑर्गैज़्म क्या है, क्यों सभी को महसूस नहीं होता और क्या हैं इसके हेल्थ बेनीफिट्स आइए

जानते हैं क्या है ऑर्गैज़्म?

सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान मिलनेवाली ख़ुशी को ऑर्गैज़्म या चरमसुख कहते हैं. वहीं कुछ लोग इसे क्लाइमेक्स भी कहते हैं. इसके नाम कई हैं, पर अर्थ सबका एक ही है. सेक्स के दौरान शरीर की मसल्स टाइट हो जाती हैं, जबकि ऑर्गैज़्म की फीलिंग आते ही वो सभी रिलैक्स हो जाती हैं, जिसके कारण महिला व पुरुष दोनों को ही एक आंतरिक ख़ुशी का अनुभव होता है.

क्या होता है ऑर्गैज़्म के दौरान?

Amazing Facts About Orgasm

ऑर्गैज़्म के दौरान आमतौर पर शरीर के प्राइवेट पार्ट्स में रक्तसंचार बढ़ जाता है, जिसके कारण वो सेंसिटिव हो जाते हैं. साथ ही दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं और सांस की प्रक्रिया भी बदल जाती है. इन सब के कारण महिलाओं को एक अलग ही प्रकार की ख़ुशी मिलती है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती.

क्यों ज़्यादातर महिलाएं रह जाती हैं इससे वंचित ?

स्टडीज़ में यह पता चला है कि ज़्यादातर महिलाएं ऑर्गैज़्म के लिए मास्टरबेशन का सहारा लेती हैं, क्योंकि 50% महिलाएं को सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गैज़्म का अनुभव मिलता ही नहीं. स्टडी में यह भी पता चला है कि ऐसी भी बहुत सी महिलाएं हैं, जिन्हें कभी ऑर्गैज़्म मिला ही नहीं. आइए जानते हैं क्या हैं इसके कारण?

– सेक्सुअल रिलेशन के दौरान होनेवाला दर्द इसका एक बड़ा कारण है, जो महिलाओं को ऑर्गैज़्म से वंचित रखता है.

– कामोत्तेजना या सेक्सुअल डिज़ायर की कमी भी अहम कारण है.

– हार्मोंस के असुंतलन के कारण भी महिलाओं में कामोत्तेजना की भावना नहीं आती, जिसके कारण उसे ऑर्गैज़्म नहीं मिल पाता.

– आमतौर पर लुब्रिकेशन की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है.

– इसके अलावा कुछ ऐसी महिलाओं भी है, जिन्हें सेक्स के दौरान उत्तेजना महसूस ही नहीं होती.

– शादीशुदा ज़िंदगी में चल रही उथल-पुथल भी ऑर्गैज़्म को प्रभावित करती है.

– इसके अलावा स्ट्रेस और एंज़ायटी भी इससे वंचित रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.

– जो महिलाएं नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करती हैं, उनकी कामोत्तेजना भी प्रभावित होती है.

– वर्किंग महिलाओं के लिए समय की कमी एक बहुत बड़े फैक्टर के रूप में निकलकर सामने आ रहा है.

– जो महिलाएं अपने शरीर की बनावट को लेकर असमंजस में रहती हैं, वो भी इससे वंचित रह जाती हैं.

किन स्थितियों में ऑर्गैज़्म जल्दी मिलता है?

वैसे तो ऑर्गैज़्म पाने का कोई शॉर्ट कट नहीं है, फिर भी ऑर्गैज़्म पाने में कुछ बातें आपकी मदद कर सकती हैं. इन बातों को अपनाकर आप भी अपनी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बना सकती हैं.

– सेक्सुअल रिलेशन से पहले फोरप्ले सेक्स को और बेहतर बना देता है. ख़ासतौर से महिलाओं को फोरप्ले पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि महिलाओं को उत्तेजित महसूस करने में ये मदद करते हैं.

– सेक्सुअल रिलेशन जितना लॉन्ग लास्टिंग होगा, ऑर्गैज़्म मिलने की संभावना ज़्यादा होती है.

– बेहतर सेक्सुअल एक्सपीरियंस के लिए पति-पत्नी का रिश्ता बहुत मायने रखता है, इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप दोनों की केमिस्ट्री बहुत अच्छी हो.

– जिन महिलाओं की सेक्सुअल फैंटेसी बेड में पूरी होती है, उन्हें ऑर्गैज़्म का अनुभव जल्दी होता है.

– सेक्स के दौरान भी प्यारभरी, सेक्सी और नॉटी बातों से महिलाओं की उत्तेजना बढ़ती है, जिसके कारण उन्हें ऑर्गैज़्म जल्द मिलता है.

– जिन महिलाओं को पारंपरिक मिशनरी पोज़िशन में ऑर्गैज़्म नहीं मिलता, उन्हें टॉप पोज़िशन ट्राई करना चाहिए.

– पति पत्नी को सिर्फ़ बेड पर ही नहीं, बल्कि दिनभर लव मैसेजेस और रोमांटिक और नॉटी मैसेजेस भेजने चाहिए, इससे दोनों में ही ख़ुशी और एक्साइटमेंट बना रहता है.

समझें ऑर्गैज़्म से जुड़ी इन भ्रांतियों को

Facts About Orgasm


आज सेक्स और ऑर्गैज़्म को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं. हमारे देश में ऐसी बहुत-सी महिलाएं हैं, जो आज भी सेक्स और ऑर्गैज़्म से जुड़ी कई ग़लतफ़हमियों को सच मानती हैं. यही वजह से अपनी की भ्रांतियों में उलझी रहने के कारण ये महिलाएं ऑर्गैज़्म का अनुभव नहीं कर पातीं. आइए जानें क्या हैं वो ग़लतफ़हमियां.

1. ऑर्गैज़्म महसूस करने के लिए प्यार में होना ज़रूरी है.

ऑर्गैज़्म एक बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल एक्सपीरियंस है, इसलिए ऑर्गैज़्म महसूस करने के लिए जहां कुछ महिलाओं का प्यार में होना ज़रूरी है, तो वहीं कुछ के लिए यह ज़रूरी नहीं. हर महिला की सेक्सुअल डिज़ायर अलग-अलग होती है, इसलिए यह बिल्कुल सच नहीं है कि ऑर्गैज़्म के लिए उस व्यक्ति से प्यार में होना ज़रूरी है.

2. महिलाओं को वेजाइनल ऑर्गैज़्म नहीं हो सकता.

यह तो सभी जानते हैं कि वेजाइनल ऑर्गैज़्म के मुकाबले क्लीटोरल ऑर्गैज़्म जल्दी मिलता है, पर ऐसा नहीं है कि वेजाइनल ऑर्गैज़्म मिलता ही नहीं. बहुत-सी महिलाएं वेजाइनल ऑर्गैज़्म महसूस करती हैं, पर हर किसी का अनुभव अलग होता है.



3 . जिन महिलाओं को साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स होती हैं, उन्हें ऑर्गैज़्म नहीं मिलता.

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि ऑर्गैज़्म एक फिज़िकल और साइकोलॉजिकल प्रतिक्रिया है. जहां हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ साथ साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स भी आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करती हैं. अगर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं, तो भी उनका प्रभाव उनके ऑर्गैज़्म पर पड़ता है, इसलिए यह महज़ एक ग़लतफ़हमी है कि जिन महिलाओं को साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स हैं उन्हें ऑर्गैज़्म नहीं मिलता.



4. वेजाइनल ऑर्गैज़्म सबसे हेल्दी होता है.

अभी तक ऐसी कोई स्टडी नहीं आई है, जिसमें इस बात की पुष्टि की गई हो. ऑर्गैज़्म के अपने हेल्थ बेनीफिट्स होते हैं, चाहे वो किसी भी तरह हो. महिलाओं में चार तरह के ऑर्गैज़्म होते हैं- फैंटेसी ऑर्गैज़्म, क्लीटोरल ऑर्गैज़्म, जी स्पॉट ऑर्गैज़्म और वेजाइनल ऑर्गैज़्म.

5. ऑर्गैज़्म के हैं कई हेल्थ बेनीफिट्स

– ऑर्गैज़्म के कारण महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स में रक्तसंचार बेहतर होता है, जिससे पीरियड्स नियमित रहते हैं. जो महिलाएं हफ़्ते में एक बार सेक्स करती हैं उनके पीरियड्स अनियमित
नहीं होते.

– इससे महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ती है. दरअसल यह हाइपोथैलमस ग्लैंड को उत्तेजित करता है, जिससे शरीर में रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स का संचार बेहतर होता है और यह ओव्यूलेशन और सर्वाइकल फ्लूइड में मदद करता है.

– शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है, जिससे महिलाओं में ऑस्टिओपोरोसिस और हृदय रोग का ख़तरा कम हो जाता है.

– यह शरीर से स्ट्रेस हार्मोंस को निकालकर हैप्पी हार्मोंस को बढ़ाता है.

– स्टडी में यह साबित हुआ है कि ऑर्गैज़्म महसूस करनेवाली महिलाएं 10 साल यंग दिखती हैं यानी यह एक एंटी एजिंग की भी तरह काम करता है.

– यह शरीर में इंफेक्शन से लड़नेवाले सेल्स की संख्या को 20% तक बढ़ा देता है, जिससे महिलाओं को सर्दी-ज़ुकाम की समस्या काम होती है.

-यह माइग्रेन के अलावा कई और तरह के दर्द में भी राहत दिलाता है.


अक्सर हमारे देश में अपने प्राइवेट पार्ट की हेल्थ और हाइजीन की ज़रूरत का महत्व लोग नहीं समझते. शायद इस तरफ़ उनका ध्यान ही नहीं जाता, क्योंकि ये बातें बचपन से घर पर भी नहीं सिखाई जातीं. लेकिन अब व़क्त बदल रहा है, ऐसे में सेक्सुअल हाइजीन के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है.

क्या करें?

Sexual Hygiene


– हमेशा क्लीन और ड्राय अंडरगार्मेंट्स पहनें.

– वर्कआउट या जॉगिंग के बाद अक्सर पसीने से अंडरगार्मेंट्स भी भीग जाते हैं, जिससे उनमें बैक्टीरिया पनपने का ख़तरा बढ़ जाता है. बेहतर होगा उन्हें घर लौटते ही बदल दें.

– अंडरगार्मेंट्स को हर 3 महीने में बदल दें. हमारे यहां हालांकि ये ट्रेंड है ही नहीं और लोग अंडरगार्मेंट्स तब तक नहीं बदलते जब तक कि वो फट न जाएं और उसकी इलास्टिक खराब न हो जाए, पर ये सेक्सुअल हाइजीन के हिसाब से बहुत ही अनहेल्दी है.

– बहुत ज़्यादा टाइट अंडरवेयर पहनने से बचें. लूज़ कंफरटेबल अंडरगार्मेंट्स पहनें.

– इसी तरह से सिंथेटिक की बजाय कॉटन के अंडरवेयर बेहतर होते हैं.

– नहाते समय पुरुष अपने प्राइवेट पार्ट को गुनगुने पानी से क्लीन करें. वरना वहां डेड स्किन जमा हो जाती है, जो अपने आपमें तो हानिकारक नहीं होती, लेकिन उसकी वजह से इंफेक्शन्स, जलन व खुजली जैसी समस्या हो सकती है.

– महिलाओं को भी प्राइवेट पार्ट की सफ़ाई पर बहुत ध्यान देना चाहिए. वेजाइना को गुनगुने पानी से क्लीन करें. ख़ासतौर से पीरियड्स के समय तो और भी सतर्क रहना चाहिए.

– वेजाइनल वॉश का इस्तेमाल करें, ये आपके प्राइवेट पार्ट की बेहतर केअर करेगा.

– नियमित रूप से पैड्स या टैंपून्स चेंज करें.

Sexual Hygiene



– वेजाइनल क्लीनिंग के समय भी ध्यान रखें कि बहुत ही माइल्ड तरी़के से क्लीन करें. पानी की तेज़ धार से पीएच बैलेंस पर गड़बड़ा जाता है और वेजाइनल इंफेक्शन्स का ख़तरा भी कई गुना बढ़ जाता है.

– वेजाइनल पीएच बैलेंस को प्रोटेक्ट करना बहुत ज़रूरी है. यदि सही पीएच बैलेंस बना रहे, तो वो हेल्दी बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाता है.

– पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल के समय खासतौर पर सतर्क रहें, क्योंकि अक्सर कई तरह के इंफेक्शन्स हमें यहीं से मिलते हैं.

– यदि किसी तरह का कोई इंफेक्शन हो जाए, तो समय पर सही इलाज व सही केयर करें, ताकि वह बढ़े नहीं और भविष्य में इंफेक्शन न हो. हर हाल में सतर्कता बरतें.

सेक्सुअल हेल्थ भी है ज़रूरी

– हाइजीन के साथ-साथ सेक्सुअल हेल्थ का भी ध्यान रखें. इसके लिए सही-संतुलित डायट बेहद ज़रूरी है, क्योंकि डायट भी आपको इंफेक्शन्स से बचा सकती है. दही और क्रैनबेरी जूस आपका यीस्ट इंफेक्शन से बचाव करते हैं.

– यदि आप वेजाइनल ड्रायनेस महसूस कर रही हैं, तो सोया प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल करें, क्योंकि इनमें एस्ट्रोजन का एक प्रकार पाया जाता है, जो नेचुरल लूब्रिकेशन को बढ़ाता है.

– स़िर्फ डायट ही नहीं, सही एक्सरसाइज़ भी सेक्सुअल हेल्थ के लिए ज़रूरी है.

– पेल्विक एक्सरसाइज़ व कई तरह के योग से आप अपनी सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं.


रिश्ता भी हो सकता है प्रभावित

जी हां, सेक्सुअल हाइजीन व हेल्थ को नज़रअंदाज़ करने पर आपके रिश्ते व सेक्स लाइफ पर बुरा असर हो सकता है. आप में उनकी दिलचस्पी भी कम होने लगती है और रिश्तों में दरार आ सकती है.

– यही नहीं, हो सकता है आपकी नासमझी आपको और आपके पार्टनर को कोई गंभीर इंफेक्शन या सेक्स डिसीज़ दे दे, जो बेहद ख़तरनाक हो सकती है.

– दोनों पार्टनर सेक्स से पहले व बाद में भी हाथों और नाख़ूनों को अच्छी तरह क्लीन कर लें, ताकि प्राइवेट पार्ट में किसी भी तरह के बैक्टीरिया या जर्म्स न पहुंच पाएं.

– नियमित रूप से बालों को भी शेव करें, ताकि सफ़ाई रखने में आसानी हो.

– बेहतर होगा सतर्क हो जाएं और सेक्सुअल हाइजीन के महत्व को समझकर इसे अपने जीवन में अपनाएं. इससे आपकी लाइफ और भी हेल्दी व हैप्पी बनेगी.




पहली बार सेक्स करने की अनुभूति बेहद अलग होती है. हर किसी ने अपने कल्पना में फ़िल्मी सीन की तरह अपना पहला सेक्स अनुभव संजोया होता है लेकिन जब वैसा कुछ नहीं होता तो निराशा हाथ लगती है और सेक्स खूबसूरत अनुभव की जगह तकलीफ़देह लगने लगता है और कई कुंठाओं को जन्म देता है. लेकिन अगर आप कुछ बातों का ख्याल रखें तो सेक्स आपके लिए बेहद खूबसूरत क्रिया होगी.

  • क्या आप मानसिक रूप से तैयार हैं सेक्स के लिए? जी हां सेक्स कोई शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा सम्बंध होता है. इसके लिए आपको मानसिक रूप से तैयार होने की ज़रूरत अधिक होती है. मन तैयार होगा तो शरीर बेहतर साथ देगा.
  • फ़ोरप्ले को कितना महत्वपूर्ण समझते हैं? कुछ लोग इसे बेहद तकनीकी क्रिया की तरह से महज़ शरीर की ज़रूरत मानकर करते हैं लेकिन ये मशीनी क्रिया नहीं है. अगर आप फ़ोरप्ले करेंगे तो और अधिक क़रीब आएँगे और ज़्यादा संतुष्ट भी होंगे. सेक्स के दौरान दर्द नहीं होगा और चरम पर पहुँचना आसान होगा.
  • सेक्स से पहले एक दूसरे के साथ रोमांस करें. किस करें. बातें करें. एक दूसरे को हल्के हल्के स्पर्श करें.
  • कमरे का माहौल रोमांटिक रखें. साफ़ सुथरा कमरा, महकता माहौल, बेड भी सुविधाजनक हो. हल्की रोशनी रखें.
  • पर्सनल हाइजीन का ख़याल भी रखें ख़याल. यह बेहद ज़रूरी है लेकिन लोग इसे नज़रअंदाज़ करते हैं. प्राइवेट पार्ट्स से लेकर ओरल हाइजीन का ध्यान रखें.
First Time Sex Tips
  • दिमाग़ से यह फ़ितूर निकाल दें कि आपका पहला सेक्स किसी फ़िल्मी सीन की तरह होगा. मन में पूर्वाग्रहों को ना पलने दें, वर्ना निराशा हाथ लगेगी. फ़िल्में काल्पनिक होती हैं. हक़ीक़त इससे अलग होती है. पहली बार में कुछ भी परफेक्ट नहीं होता. सेक्स सिर्फ़ प्रैक्टिस से ही दिन ब दिन बेहतर होता है क्योंकि आपको पहली बार में एक दूसरे की पसंद और सेक्स पॉइंट्स के बारे में ज़्यादा नहीं पता होता. मन में झिझक भी होती है. इसलिए खुले दिमाग़ से पहले अनुभव को स्वीकारें.
  • यह भी ज़रूरी नहीं कि पहली बार में दर्द हो या खून निकले. अगर आप दोनों मानसिक रूप से बेहतर तैयार हो तो ना दर्द होगा और ना खून निकलेगा.
  • फ़ीमेल पार्टनर भी बेझिझक होकर सेक्स में पहल करे. इसको चरित्र से जोड़कर ना देखें। दोनों को ही सहयोग ज़रूरी है ताकि अनुभव बेहतर हो.
  • प्राईवेसी का ख़याल ज़रूर रखें. कोई डिसटर्ब ना करे और मन में किसी बात का डर ना हो.
  • पहली बार में ज़्यादा एक्सपेरिमेंट करने आस बचें.
  • पोर्न को अपना आदर्श ना मानें, वर्ना बात बिगड़ सकती है क्योंकि पोर्न फ़िल्में महज़ पैसा कमाने के लिए आपको उत्तेजित करने के इरादे से बनाई जाती हैं जिसमें वैज्ञानिक तथ्य नहीं होते.
  • मन में शंका हो तो सही जगह से जानकारी व मदद लें और अपनी सेक्स की पहली अनुभूति को यादगार बनाएँ.

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भारतीय समाज में शादी के बाद तो क्या शादी के पहले भी मास्टरबेशन को सहज नहीं माना जाता. यहां मानसिकता यही है कि मास्टरबेट करना किसी पाप या घिनौने काम से कम नहीं. जबकि विशेषज्ञ कहते हैं कि हस्तमैथुन एक हेल्दी प्रक्रिया है बशर्ते उसकी अति ना हो.

ऐसे बहुत से लोग हैं जो शादी के बाद भी हस्तमैथुन करते हैं लेकिन वो खुलकर किसी को यह बात कहते नहीं हैं, क्योंकि उन्हें खुद भी यही लगता है कि वो कुछ ग़लत कर रहे हैं या अपने पार्टनर के साथ ग़लत कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि शादी के बाद मास्टरबेट करना कितना सही है और कितना ग़लत.

मास्टरबेशन को लेकर अमेरिकन फिल्ममेकर वूडी एलन के कुछ कोट्स और बातें मशहूर हैं. उन्होंने मास्टरबेशन को सेल्फ लव से जोड़ा है. वो कहते हैं कि मास्टरबेशन क्यों छोड़ें? सेक्स उसी के साथ किया जाता है जिसे आप प्यार करते हैं तो ऐसे में क्या शादी के बाद आप खुद से प्यार नहीं करते या प्यार करना बंद कर देते हैं? अगर नहीं तो मास्टरबेशन क्यों छोड़ना.
मास्टरबेशन आपको अपने शरीर और सेकसुअल ज़रूरतों को बेहतर तरीक़े से समझने में मदद करता है.

शादी के बाद मास्टरबेशन करने का यह बिल्कुल अर्थ नहीं है कि आपकी सेक्स लाइफ सही नहीं और ना ही शादी के बाद मास्टरबेशन से आपकी सेक्स लाइफ पर बुरा असर होता है.
बल्कि यह इस बात का संकेत है कि आपकी सेक्स लाइफ ज़्यादा एक्टिव और हेल्दी है. यह दर्शता है कि आप सेकसुअली हेल्दी हैं.

महिलायें शुरू शुरू में सेक्स में सहज नहीं हो पातीं और ना ही वो ऑर्गैज़्म प्राप्त कर पाती हैं, ऐसे में मास्टरबेशन उन्हें तनाव से छुटकारा दिलाकर रिलैक्स फील कराता है.

Masturbation And Marriage

मास्टरबेशन से आप अपने शरीर और प्लेज़र पॉइंट्स को बेहतर तरीक़े से समझ पाते हैं जिससे आप सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को यह बता सकते हैं कि आपको क्या ज़्यादा एक्साइटिंग लगता है, कौन से पार्ट को छूने से ज़्यादा उत्तेजित महसूस करते हैं.

अगर पार्टनर से दूर हैं तो मास्टरबेशन से खुद को संतुष्ट करना बेहतरीन होता है ताकि आप ग़लत रिश्तों में या अवैध सम्बंधों की गिरफ़्त में ना आ जाएँ.

बहुत से कपल तो सीधे सेक्स ना करके एक दूसरे को मास्टरबेशन से ही संतुष्ट करने में ज़्यादा आनंद महसूस करते हैं.

कुछ देश तो ऐसे हैं जो युवाओं को नियमित रूप से मास्टरबेशन के लिए एजुकेट करते हैं ताकि युवा ग़लत रास्तों पर ना भटकें.

दरअसल मास्टरबेशन से आप अकेले में खुद को प्यार करके संतुष्ट कर सकते हैं जिससे आपके सेक्स की तीव्र इच्छा भी पूरी होती है और एक संतुष्टी का आभास भी होता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स मास्टरबेशन को और शादी के बाद भी मास्टरबेशन को ग़लत नहीं बल्कि हेल्दी ही मानते हैं.

Masturbation And Marriage

मास्टरबेशन आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाता है क्योंकि आपको अपने शरीर व उसकी ज़रूरतों की अब बेहतर जानकारी होती है और यही जानकारी आपको बेहतर सेक्स के अनुभव की दिशा में काम आती है.
यह अलग बात है कि हमारे समाज में अब भी यह सोच विकसित नहीं हुई और ख़ासतौर से लड़कियों के मास्टरबेशन को लेकर तो संकुचित सोच बरक़रार है. लेकिन पार्टनर्स को चाहिए कि इन बातों से ऊपर उठें और सहज चीज़ों को स्वभाविक व सहज ही मानें.

एक्सपर्ट्स की माने तो सेक्स और मास्टरबेशन दोनों ही अलग अलग चीज़ें हैं. बेहतर होगा कि पति-पत्नी इस विषय पर आपस में खुलकर बात करें, रोमांस और सेक्स व शरीर की ज़रूरतों के बीच के अंतर को पहचाने और बेहतर सेक्स लाइफ को एंजॉय करें.

यह भी पढ़ें: अपनी सेक्स लाइफ को किस तरह बेहतर बना सकते हैं पुरुष? (How Men Can Make Their Sex Life Better?)

ज़िंदगी का फलसफ़ा अभी सुलझा भी न था कि रिश्तों की कश्मकश ने उलझा दिया. चंद पलों की देरी हुई और एक मुहब्बत को उसने पलभर में अजनबी बना दिया… ऐसा आपके साथ न हो, आपकी मुहब्बत व रिश्ता न स़िर्फ बरक़रार, बल्कि ताउम्र तरोताज़ा भी रहे, इसके लिए हम लाए हैं यह सेक्स गाइड (Sex Guide), जो आपकी मदद करेगी अपने सबसे ख़ास रिश्ते को सहज और हमेशा ख़ुशगवार बनाए रखने में.

Sex Guide For Women

डबल इन्कम, नो किड्स’ के बाद अब ‘डबल इन्कम, नो सेक्स’ का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. व़क़्त की कमी, आर्थिक ज़रूरत और शोहरत की ख़्वाहिश ने सबसे ज़्यादा असर आपसी रिश्तों पर डाला है. दहलीज़ लांघकर महिलाओं ने अपनी पहचान बनाने की दिशा में क़दम तो बढ़ा दिए, मगर बदले में उनके अपने रिश्ते ही दांव पर लग रहे हैं. चूंकि रिश्तों को सहेजने का ज़िम्मा भी समाज में महिलाओं को ही दिया गया है, ऐसे में उनकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है.

सेक्स की अहमियत

शादीशुदा जीवन में प्यार और विश्‍वास के साथ सेक्स की भी उतनी ही अहमियत होती है. शोधों से साबित हुआ है कि शादियां टूटने का एक बड़ा कारण होता है सेक्स लाइफ़ में प्रॉब्लम. ऐसे में सेक्स की अहमियत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. महिलाओं के बाहर काम करने से सबसे ़ज़्यादा उनकी सेक्स लाइफ़ ही प्रभावित हो रही है. ऐसे में अपनी सेक्स लाइफ़ को हमेशा तरोताज़ा बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, ताकि आपकी शादीशुदा ज़िंदगी पर कोई आंच न आए. इन चंद बातों को ध्यान में रखेंगे तो आपकी सेक्स लाइफ़ हमेशा आनंददायक बनी रहेगी.

डिप्रेशन को हावी न होने दें

लॉस एंजल्स के सिडार्स सिनाए मेडिकल सेंटर के एमडी एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और मेडिसिन विभाग-अध्यक्ष ग्लेन डी. ब्राउन्स्टेन के अनुसार, महिलाओं की सेक्सड्राइव मल्टीडायमेंशनल होती है. सेक्स भले ही एक शारीरिक क्रिया है, लेकिन महिलाओं के लिए वो भावनात्मक पहलू से जुड़ी होती है. कोई भी मुद्दा उनकी सेक्स लाइफ़ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. इसलिए यदि कामकाजी महिलाओं को ऑफ़िस से संबंधित कोई समस्या हो, तो उन्हें इसका असर अपनी निजी जीवन पर नहीं होने देना चाहिए. आप द़फ़्तर और वहां की समस्याओं को घर में न लेकर आएं. कोई स्ट्रेस हो भी, तो उसे अपने पति के साथ बांट लें.

फ़िटनेस बेहद ज़रूरी

भावनात्मक संतुलन के लिए फिज़िकल फ़िटनेस भी ज़रूरी है. न स़िर्फ करियर, बल्कि निजी जीवन में भी फ़िटनेस का अहम् रोल है. विशेषज्ञों की राय है कि यदि आप शारीरिक रूप से फ़िट नहीं हैं, तो सेक्स में आपकी रुचि कम होती जाती है. ख़ासतौर से महिलाएं सेक्स के व़क़्त भी अपने शरीर और लुक्स को लेकर काफ़ी कॉन्शियस रहती हैं. ऐेसे में ये ज़रूरी है कि काम के साथ-साथ आप अपनी फ़िटनेस बरक़रार रखें. जिम जाने का व़क़्त न हो, तो सुबह हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ या योगासन करें. इससे चुस्ती-फुर्ती बनी रहेगी और आप डिप्रेशन व स्ट्रेस से भी दूर रह सकेंगी. पॉज़िटिव एनर्जी आपकी सेक्स लाइफ़ को बेहतर बनाएगी.

क्या खाएं, क्या ना खाएं

खाने-पीने का सेक्स से क्या संबंध? अगर आप भी ऐसा सोचती हैं, तो ग़लत है. कहते हैं कि ‘जैसा हो अन्न, वैसा हो मन.’ कामकाजी महिलाओं को अपनी डायट प्लान करके रखनी चाहिए. कामकाजी महिलाओं का खान-पान अक्सर अनियमित हो जाता है या जब जो मिला, खा लिया वाली हालत रहती है. इसका सीधा असर उनकी हेल्थ पर पड़ता है, ख़ासतौर से पाचन क्रिया पर. ये छोटी-छोटी चीज़ें उनकी सेक्स लाइफ़ को प्रभावित करती हैं, क्योंकि हेल्दी डायट का संबंध शारीरिक ऊर्जा व ताक़त से है, जो सेक्स लाइफ़ में अहम् रोल अदा करती हैं. हमेशा हल्का, सुपाच्य भोजन लें. फ्रूट्स ़ज़्यादा खाएं, ख़ूब पानी पीएं.

पार्टनर से कम्युनिकेट करें

बिज़ी शेड्यूल में न आपके पास इतना व़क़्त होता है, न आपके पति के पास कि एक-दूसरे को पर्याप्त समय दे सकें. लेकिन फ़ोन के जरिए, प्यार भरे मैसेजेस के जरिए बीच-बीच में कॉन्टैक्ट करती रहें. इससे रिश्ते में ताज़गी बनी रहेगी, जो आप दोनों को और क़रीब लाएगी. साथ ही एक-दूसरे को कॉम्प्लिमेंट दें, तऱक़्क़ी होने पर बधाई दें, ग़िफ़्ट्स देने के लिए किसी ख़ास दिन का इंतज़ार न करें, बल्कि किसी भी दिन ग़िफ़्ट देकर उन्हें सरप्राइज़ दें.

हर वीकेंड हो हनीमून

पूरे ह़फ़्ते आप दोनों बिज़ी रहते हैं, लेकिन वीकेंड पर ऐसा कुछ स्पेशल करें कि ह़फ़्ते भर का स्ट्रेस भी दूर हो जाए और आप दोनों कुछ हसीन पल भी तन्हाई में गुज़ार सकें. रिसर्च में साबित हुआ है कि एक हनीमून की बजाय छोटे-छोटे कई हनीमून आपके रिलेशनशिप के लिए बेहतर हैं. वीकेंड में या तो आस-पास ही कहीं घूमने निकल जाएं, फ़िल्म और कैंडल लाइट डिनर का प्रोग्राम बना लें. या फिर द़फ़्तर से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर आप दोनों बाहर जाने का प्रोग्राम भी बना सकती हैं.

पति का सहयोग ज़रूरी

आपके पार्टनर को भी ये एहसास होना चाहिए कि भावनात्मक स्तर पर महिलाओं को दिनभर की छोटी-छोटी बातें काफ़ी प्रभावित करती हैं, जिसका असर सेक्स लाइफ़ पर पड़ता है. ऐसे में पुरुषों को भी चाहिए कि यदि उनकी पत्नी कामकाजी है तो वो उसे सहयोग करें. पति का यह सपोर्ट आप दोनों के रिश्तों को और मज़बूती देगा.

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Sex Guide For Women

कुछ टिप्स पुरुषों के लिए

पुरुष अपनी सोच के आधार पर प्यार में महिलाओं की चाहत का अंदाज़ा लगा लेते हैं, जो अक्सर ग़लत साबित होते हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि पुरुष अपने इन भ्रमों को दूर कर लें-

मुझे पता है कि वो क्या चाहती है?

अधिकांश पुरुष इसी भ्रम में जीते हैं कि उन्हें अपनी पत्नी की ज़रूरतें पता हैं. बेहतर होगा कि ख़ुद समझने की बजाय आप बात करके जानें कि आपकी पत्नी की क्या अपेक्षाएं हैं.

उसकी सभी ज़रूरतों को मैं पूरा कर सकता हूं.

यानी आपके पास वो सब कुछ है, जो आपकी पत्नी को चाहिए. पर हो सकता है कि आपसे वो कुछ और चाहती हो, आपकी आदतों में कुछ बदलाव की उम्मीद करती हो.

सेक्स से जुड़ी भावनाएं स्त्री-पुरुष दोनों के लिए समान हैं.

हक़ीक़त यह है कि पुरुषों के लिए सेक्स एक शारीरिक क्रिया होती है, जबकि महिलाओं के लिए भावनात्मक.

सेक्स के समय शांत रहना फ़ायदेमंद रहता है.

सेक्स से पहले और सेक्स के दौरान बातें करें, तभी पता चल पाएगा कि आपकी पत्नी क्या महसूस करती है.

– उर्मिला

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शादीशुदा ज़िंदगी में सेक्स टॉनिक की तरह काम करता है, पर आज भी बहुत-सी महिलाएं सेक्स को अपने पार्टनर के प्रति दायित्व मात्र समझकर उनकी ख़ुशी के लिए करती हैं, जबकि सेक्स या संभोग का अर्थ होता है, दोनों का समान रूप से भोग करना. इससे आपको स्पष्ट हो गया होगा कि सम्भोग में आपकी ख़ुशी कितनी मनाये रखती है. इसलिए अब से सेक्स को सिर्फ़ पत्नी का कर्तव्य समझकर न निभाएं, बल्कि इससे मिलनेवाले सुख से अपने दांपत्य जीवन को और ख़ुशहाल बनाएं. आपको शायद पता न हो कि महिलाओं को होनेवाला ऑर्गैज़्म दरअसल चार तरह का होता है. इसमें से आपको कौन-सा ऑर्गैज़्म होता है, आइए देखें.

Kinds Of Female Orgasm

  1. क्लिटोरल ऑर्गैज़्म

महिलाओं के लिए यह बेस्ट ऑर्गैज़्म माना जाता है. महिलाओं की क्लिटोरिस काफ़ी सेंसिटिव होती है, क्योंकि शरीर की बहुत-सी मांसपेशियां इससे जुड़ी होती हैं. इसमें ज़रा-सी भी उत्तेजना महिलाओं को असीम सुख की प्रप्ति कराती है. उंगलियों से या फिर जीभ से अगर इसे थोड़ी देर रगड़ें, तो महिलाओं को क्लिटोरल ऑर्गैज़्म का अनुभव होता है.

  1. जी-स्पॉट ऑर्गैज़्म

बहुत-से लोगों के लिए यह आज भी बहस का विषय है कि जी स्पॉट होता है या नहीं. इसका समर्थन करनेवालों के अनुसार, जिन्होंने इसका अनुभव किया है, वो इसके अस्तित्व को कभी नकार नहीं सकते. ऐसा माना जाता है कि क्लिटोरिस के नीचे के हिस्से में जी-स्पॉट होता है, जिसके स्टिमुलेट होने पर महिलाओं को ऑर्गैज़्म का अनुभव होता है. यह ऑर्गैज़्म क्लिटोरल ऑर्गैज़्म से ज़्यादा संतोषजनक और ख़ुशी प्रदान करनेवाला होता है.

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Female Orgasm

  1. ब्लेंडेड ऑर्गैज़्म

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, यह दो ऑर्गैज़्म का मिश्रण है यानी इसमें क्लिटोरियल ऑर्गैज़्म और जी-स्पॉट ऑर्गैज़्म दोनों का अनुभव एक साथ होता है. इसके लिए आपको वेजाइना के भीतरी और बाहरी दोनों हिस्सों को एक साथ स्टिमुलेट करना होता है. हालांकि यह इतना आसान नहीं, पर यक़ीनन इससे मिलनेवाला दोगुना आपको एक बार इसके लिए प्रयत्न करने के लिए ज़रूर प्रोत्साहित करेगा.

  1. मल्टीपल ऑर्गैज़्म

जी हां, प्रकृति ने महिलाओं को वरदान में मल्टीपल ऑर्गैज़्म का सुख दिया है, जो पुरुषों के पास नहीं. हालांकि इसका अनुभव बहुत कम महिलाएं कर पाती हैं, क्योंकि यह आपके पार्टनर की क्षमता पर निर्भर करता है. पहले ऑर्गैज़्म के बाद अगर आप दोनों दोबारा क्लाइमेक्स तक जाने की कोशिश करते हैं, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है. अपनी पार्टनर की ख़ुशी के लिए पुरुषों को इसे ज़रूर ट्राई करना चाहिए. किसी ख़ास मौ़के पर भी आप अपनी पार्टनर को एक्स्ट्रा ख़ुशी देने के लिए ऐसा कर सकते हैं.

 

– अनीता सिंह

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रात के खाने में अक्सर लोग कुछ ऐसी चीज़ें खा लेते हैं, जिससे उनका पेट गड़बड़ हो जाता है और वो सेक्स एंजॉय नहीं कर पाते. अगर आप नहीं चाहते कि आपके और आपके पार्टनर के बीच पेटदर्द या गैस जैसी समस्याएं आएं, तो सेक्स के पहले ये चीज़ें भूलकर भी न खाएं. कौन-सी हैं, वो मूड ख़राब करनेवाली चीज़ें आइए देखते हैं.

Foods You Should Never Eat Before Sex

कॉफी

कॉफी में मौजूद कैफीन की अधिक मात्रा आपके शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन के लेवल को बढ़ाती है. यह आपको रिलैक्स नहीं होने देता और आपकी कामोत्तेजना को भी कम करता है. इसलिए खाने के बाद अगर आपको कॉफी पीने की आदत है, तो उसे बदल डालें, वरना आपकी सेक्स लाइफ बोरिंग हो जाएगी.

फ्रेंच फ्राइज़/पॉपकॉर्न

खाने की वो सभी चीज़ें जिनमें नमक की मात्रा अत्यधिक होती है, जसे- फ्रेंच फ्राइज़ या पॉफकॉर्न आपकी सेक्स लाइफ के लिए ठीक नहीं है. नमक की अधिक मात्रा शरीर में वॉटर रिटेंशन बढ़ाती है, जिससे आपको उबकाई और मितली आ सकती है. ऑर्गैज़्म के लिए ज़रूरी है कि शरीर में रक्तसंचार बेहतर हो, पर नमक इसमें बाधा बन सकता है.

फ्रूट्स

बहुत-से लोग रात के खाने के बाद भी फल खाते हैं, लेकिन आपको बता दें कि फल बहुत तेज़ी से पचते हैं, जिससे बहुत जल्दी आपको गैस और मरोड़ की समस्या हो सकती है, इसलिए रात के या दोपहर के खाने के बाद कभी फल न खाएं.

अल्कोहल

सेक्स से पहले बीयर या वाइन कभी नहीं पीनी चाहिए. आपने कई फिल्मों में भी देखा होगा कि जब कोई कपल ड्रिंक करता है, तो उनमें से एक को नींद आ जाती है. दरअसल, बीयर या वाइन शरीर में मेलाटॉनिन को बढ़ाता है, जो स्लीप हार्मोन है. ऐसे में अगर आपको लगता है कि वाइन पीने के बाद आपका पार्टनर और रोमांटिक हो जाएगा, तो यह ज़रूरी नहीं, क्योंकि वो सो भी सकता है.

सोया

पुरुष व महिलाओं दोनों के लिए सेक्स के समय शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बेहतर होना बहुत ज़रूरी है. सोया एक ऐसा प्रोडक्ट है, जो आपके शरीर में हार्मोंस को असंतुलित कर सकता है. अगर पुरुष एक दिन में 120 मिलीग्राम से ज़्यादा सोया का सेवन करते हैं, तो उनके टेस्टोस्टेरॉन लेवल में कमी आ जाती है. इसलिए एक्सपर्ट सेक्स से पहले इसे न खाने की सलाह देते हैं.

सब्ज़ियां

ब्रोकोली, फूलगोभी और स्प्राउट्स मिथेन प्रोड्यूसिंग वेजीटेबल्स हैं, जिनके कारण आपको गैस की समस्या हो सकती है. अगर आप इन्हें खा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि अच्छी तरह पकाएं, ताकि उनसे गैस न हो.

– अनीता सिंह 

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धर्म, अर्थ, काम (सेक्स) और मोक्ष- ये चार पुरुषार्थ कहे गए हैं. इन्ही चारों की प्राप्ति के लिए हर मनुष्य प्रयत्नशील रहता है. यह तभी संभव है, जब शरीर और मन पूर्ण रूप सें स्वस्थ (Health) हों, क्योंकि शरीर के स्वास्थ्य से ही अर्थ, काम (सेक्स) जैसे लौकिक कार्यों का संपादन होता है. अस्वस्थ तन-मन से न तो धनोपार्जन किया जा सकता है और न ही यौन सुख प्राप्त किया जा सकता है. शरीर की पुष्टी, अंगों की दृढ़ता, मन और इंद्रियों की प्रसन्नता, शरीर की आरोग्यता आदि योग और यौगिक क्रियाओं से ही संभव है. योग (Yoga) मन और शरीर को स्वस्थ करने के साथ-साथ उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ाता है. योग से ही मानसिक शक्ति का विकास होता है. मन ही काम (सेक्स) का नियंत्रक और संचालक है. स्वस्थ मन और स्वस्थ शरीर से ही सही मायने में यौन-आनंद प्राप्त किया जा सकता है.

Yogasan For Healthy Sex Life
यौनांगों को विकारमुक्त रखता है योग

– शरीर का मध्य  भाग काम-ऊर्जा से संबंधित है. यदि शरीर का यह भाग पूर्णतया विकसित न हो अथवा विकारग्रस्त हो तो सेक्स क्रिया का संपादन संभव नहीं है. शरीर स्वस्थ भी हो और पूर्णतया विकसित भी हो, ये योग से ही संभव है. योग में प्राय: अधिकांश आसन ऐसे हैं, जो शरीर के मध्य भाग पर किसी न किसी रूप में सीधा प्रभाव डालते हैं, चाहे वह सूर्य नमस्कार हो, उत्तानपादासन हो, भुजंगासन हो अथवा पवनमुक्तासन- ऐसे अनेक यौगिक आसन शरीर के मध्य भाग को स्वस्थ और सशक्त बनाकर सेक्स शक्ति
बढ़ाते हैं.

– वैज्ञानिक शोधों से भी पता चला है कि यौगिक आसनों से यौन विकारों का शमन तथा प्रजनन अंगों की पुष्टी होती है. यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास की सायकोलॉजिस्ट सिंडी मेस्टन के अनुसार, योगासन करने से महिलाओं के दिल की धड़कन और रक्त प्रवाह में जो तेज़ी आती है, उसका सीधा प्रभाव योनि पर भी पड़ता है, जिसके कारण योनि की मांसपेशियों में रक्तसंचार बढ़ जाता है. इसलिए योग करने वाली स्त्रियों की सेक्स क्षमता आम स्त्रियों से  बेहतर होती है.

– कुछ लोग मन की दुर्बलता के कारण नपुंसकता महसूस करते हैं, उनके लिए योगासन किसी वरदान से कम नहीं, क्योंकि योगासन से मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं और वह शक्तिशाली बनता है. हाल ही में हुए अध्ययनों से पता चला है कि जो पुरुष नियमित रूप से योगासन करते हैं, उनके नपुंसक होने की आशंका तीन गुना कम हो जाती है. यह अध्ययन अमेरिका के मेसाच्यूसेट्स के एक शोध संस्थान में किया गया.

कामग्रंथियों पर योगासनों का प्रभाव

– योग हमारे सेक्स जीवन पर किस प्रकार प्रभाव डालता है, ये जानने के लिए शरीर स्थित ग्लैंड्युलर सिस्टम (ग्रंथियों की कार्य प्रणाली) को जान लेना ज़रूरी है, क्योंकि ये ग्रंथियां ही यौनशक्ति और सेहत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इन्हें ङ्गएन्डोक्राइन ग्लैंड्सफ कहते हैं.

– ये ग्रंथियां ऐसे हार्मोंस का स्राव करती हैं, जिनसे शरीर की अधिकांश क्रियाएं नियंत्रित होती हैं. इन्हीं में से कुछ काम ग्रंथियां हैं (स्त्रियों मे डिंब ग्रंथि और पुरुषों में वृषण ग्रंथि), जिनसे सेक्स हार्मोंस का स्राव होता है. इन्हीं ग्रंथियों पर हमारा सेक्सुअल हेल्थ निर्भर है. यह तभी संभव है, जब ये ग्रंथियां स्वस्थ और विकार रहित हों.

– ग्रंथियों को विकारहित और स्वस्थ रखने में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हलासन, सेतुबंध, सर्वांगासन, शीर्षासन ऐसे आसन हैं, जिनके अभ्यास से ग्रंथियों की कार्यप्रणाली दुरुस्त बनी रहती है, जिससे हार्मोंस का स्राव सुचारु रूप से होता है – न कम और न अधिक. यही कारण है कि यौगिक आसनों के अभ्यास से जहां अतिकामुकता पर नियंत्रण होता है, वहीं कामशीतलता की स्थिति में कामेच्छा भी जागृत होती है.

– सामान्यत: जहां यौगिक आसन हमारे शरीर में प्राणशक्ति एवं लचीलापन बढ़ाकर हमें यौन दृष्टी से स्वस्थ रखते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ विशेष यौगिक मुद्राएं एवं बंध हैं, जो हमारी खोई हुई यौनशक्ति को पुन: प्राप्त करने में हमारी सहायता करते हैं, जैसे – महामुद्रा, उद्दीय मुद्रा, अश्‍विनी मुद्रा, मूलबंध, जालंधर बंध आदि. ये मुद्राएं कामेच्छा को बढ़ाकर शरीर में यौन ग्रंथियों एवं प्रजनन अंगों को दृढ़ता तथा उत्तेजना प्रदान करती हैंै. पेल्विक और स्पाइन को भी गतिशीलता एवं लचीलापन प्रदान करने के साथ-साथ ये मुद्राएं शीघ्रपतन, मासिक रक्तस्राव एवं मेनोपॉज़ में आने वाली कठिनाइयों, प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना, स्त्रियों में कामशीतलता तथा पुरुषों में नपुंसकता आदि विकारों को रोकने में भी सहायक होती हैं.

सेक्सुअल हेल्थ में कुछ उपयोगी आसन

काम की उत्तेजना के लिए कोई विशेष आसन नहीं है. यौगिक आसनों का काम यही है कि वे यौन संस्थानों को स्वस्थ और शरीर के अंग-प्रत्यंगों को शक्तिवान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इससे जहां कामशक्ति व्यवस्थित होती है, वहीं यौन रोगों से मुक्ति मिलती है. ऐसे ही कुछ आसन यहां दिए जा रहे हैं, जो हमारे सेक्सुअल हेल्थ को बढ़ाते हैं.

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Yogasan For Healthy Sex

चक्रासन

–     पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें. एड़ियां नितंबों के समीप लगी हुई हों.

–     दोनों हाथों को उल्टा करके कंधों के पीछे थोड़े अंतर पर रखें. इससे संतुलन बना रहता है.

–     सांस अंदर भरकर कमर एवं छाती को ऊपर उठाएं.

–     धीरे-धीरे हाथ एवं पैरों को समीप लाने का प्रयत्न करें, जिससे शरीर की चक्र जैसी आकृति बन जाए.

–     आसन छोड़ते समय शरीर को ढीला करते हुए कमर ज़मीन पर टिका दें. यह क्रिया 3-4 बार करें.

यह आसन करने से कामशक्ति बढ़ती है. थायरॉइड, थायमस तथा काम ग्रंथियां उत्प्रेरित होती हैं, जिससे हार्मोंस का स्त्राव संतुलित ढंग से होता है. महिलाओं के डिंबाशय और गर्भाशय को अत्याधिक प्रभावित कर यह आसन उनके समस्त रोगों को दूर करता है. बच्चियों और किशोरियों को यह आसन अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इससे उनके जननांगों एवं स्तनों का उचित विकास होता है.

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जानुशिरासन

–   दण्डासन में बैठकर दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाएं जंघा के मूल में लगाएं और एड़ी को सिवनी (उपस्थ व गुदाभाग के बीच का भाग) से सटाकर रखें.

–    दोनों हाथों से बाएं पैर के पंजे को पकड़कर सांस बाहर निकालकर सिर को घुटने से लगाएं. थोड़ी देर रुकने के पश्‍चात् सांस लेते हुए ऊपर उठ जाएं और दूसरे पैर से भी इसी प्रकार दोहराएं.

सेक्स के प्रति उदासीन स्त्रियों में इस आसन से कामवासना जागृत होती है. स्त्री-पुरुष दोनों के यौनांग बलवान होते हैं.

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सुप्त वज्रासन

–     वज्रासन में बैठकर हाथों को पीछे की तरफ़ रखकर उनकी सहायता से शरीर को पीछे झुकाते हुए ज़मीन पर सिर को टिका दें. घुटने मिले हुए तथा ज़मीन पर टिके हुए हों.

–     धीरे-धीरे कंधे, गले और पीठ को भी ज़मीन पर टिकाने की कोशिश करें. हाथों को जंघाओं पर सीधा रखें.

–    आसन को छोड़ते समय कोहनियों और हाथों का सहारा लेते हुए वज्रासन में बैठ जाएं.

इससे स्त्रियों का योनि प्रदेश मज़बूत होता है तथा उन्हें प्रसव के समय अधिक पीड़ा नहीं होती. स्त्री-पुरुष दोनों की जांघें मज़बूत होती हैं. सेक्स संबंध में यह आसन बहुत उपयोगी है.

इनके अतिरिक्त और भी अनेक आसन और मुद्राएं हैं, जो यौनांगों के विकारों को दूर कर उन्हें सबल और क्रियाशील बनाते हैं. ये आसन कामशक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ उसे संतुलित और नियंत्रित भी करते हैं. लेकिन इन आसनों का अभ्यास किसी योग विशेषज्ञ गुरु के निर्देशन में करने से ही समुचित लाभ उठाया जा सकता है.

– आलोक शुक्ल

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