कुछ महीने पहले फ़िल्म वीरे दी वेडिंग में स्वरा भास्कर और फिल्म लस्ट स्टोरीज़ में कियारा आडवाणी के किरदारों के ज़रिए बॉलीवुड ने सेक्सुअल संतुष्टि (Sexual Satisfaction) के लिए हस्तमैथुन (Masturbation) तरी़के को चर्चा में ला दिया है. हालांकि हमारे देश में लोग इस विषय पर खुलकर बात करने से कतराते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि तक़रीबन 95 फ़ीसदी पुरुष और यहां तक कि महिलाएं भी सेक्सुअल संतुष्टि के लिए इसका सहारा लेती हैं. आइए जानते हैं हस्तमैथुन करने के 5 सेहतमंद कारण.
1. तनाव कम होता है
न्यूयॉर्क की गायनाकोलॉजिस्ट और किताब द कम्प्लीट ए टू ज़ी फ़ॉर योर वी की लेखिका एलेशिया ड्वेक के अनुसार, जब आप शारीरिक या मानसिक तनाव का अनुभव कर रहे हों, तब हस्तमैथुन करने से तनाव कम होता है. इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि हस्तमैथुन से कई सारे न्यूरोट्रान्समीटर्स रिलीज़ होते हैं, जैसे-सेरोटॉनिन, एन्डॉ़िर्फन और ऑक्सिटोसिन. जहां सेरोटॉनिन आपको शांत करता है, वहीं एन्डॉ़िर्फन दर्द कम करने में मददगार है, जबकि ऑक्सिटोसिन को लव हार्मोन कहा जाता है. यह आपको रिलैक्स महसूस कराता है.
2. रक्त संचार बढ़ता है
तनाव घटने से आपके दिल की सेहत बेहतर होती है. इसके अलावा हस्तमैथुन करते समय हमारे जननांगों में रक्त का संचार बढ़ता है. इससे वहां की टीशूज़ सेहतमंद बनती हैं. जननांगों के आसपास रक्त का संचार बढ़ना उन महिलाओं के लिए अच्छा होता है, जो मेनोपॉज़ की उम्र के क़रीब पहुंच रही हैं. दरअसल, ऐसी महिलाएं वेजाइनल ड्राइनेस और इंटरकोर्स के दौरान काफ़ी दर्द होने जैसी समस्याओं का सामना कर रही होती हैं. जब उनके जननांगों के पास ब्लड सप्लाई बढ़ती है तो उन्हें मेनोपॉज़ के इन लक्षणों से काफ़ी हद तक राहत मिलती है. कुछ रिसर्च में यह पाया गया है कि हस्तमैथुन से पीरियड्स के दौरान होनेवाले दर्द में भी कमी आती है. हालांकि अभी इस पर और शोध होना बाक़ी है.
यदि आप ख़ुद को संतुष्ट करने के इस तरी़के को अपनाते हैं और इसका सही फ़ायदा लेना जानते हैं तो इसका सकारात्मक व सेहतमंद असर पार्टनर के साथ सेक्स संबंध बनाने के दौरान भी दिखाई देता है. हस्तमैथुन करनेवाले लोग पार्टनर के साथ संबंध बनाने के दौरान तनावमुक्त होकर सेक्स का आनंद उठा सकते हैं, क्योंकि वे उस संबंध में संतुष्टि को लेकर अव्यवहारिक उम्मीद नहीं रखते. जब उम्मीदों का बोझ नहीं होता तो वे सेक्स का भरपूर आनंद उठाते हैं. वे जानते हैं कि उन्हें अच्छा महसूस कराने की पूरी ज़िम्मेदारी पार्टनर की नहीं है. उन्हें क्या चाहिए वे ख़ुद भी जानते हैं. इस तरह कह सकते हैं कि हस्तमैथुन आपके सेक्सुअल रिश्तों के लिहाज़ से भी सेहतमंद है.
4. सेक्स ड्राइव बढ़ता है
यह पुरानी धारणा है कि जब आप ज़्यादा हस्तमैथुन करते हैं तो पार्टनर के साथ उतने सेक्सुअली उत्तेजित महसूस नहीं करते. जबकि सच्चाई इसके विपरीत है. आप ख़ुद को जितना ज़्यादा संतुष्ट करते हैं, आपका शरीर इसकी मांग उतना ज़्यादा करता है. आपके शरीर को पता होता है कि सेक्सुअल प्लेज़र कैसे महसूस करना है. ये सारी बातें इस ओर इशारा कर रही हैं कि हस्तमैथुन का आपकी सेक्स ड्राइव पर सकारात्मक असर पड़ता है. यहां चिंता की बात तब होती है, जब आप संतुष्टि की इस अकेली यात्रा के आदी हो जाएं और पार्टनर की अहमियत को भूल जाएं. वैसे भी यह तो हम सभी जानते हैं कि हर चीज़ की अति वर्जित है.
5. अच्छी नींद आती है
यह तो हम सभी जानते हैं कि ऑर्गैज़्म के बाद कितनी अच्छी नींद आती है. दरअसल, सेक्स आपका मानसिक तनाव कम करता है और शरीर को थका देता है, जिससे नींद जल्दी आती है. इससे कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आपने ऑर्गैज़्म का अनुभव पार्टनर के साथ सेक्स करने के दौरान किया हो या हस्तमैथुन से. आप रिलैक्स्ड महसूस करते हैं, जिससे अच्छी नींद आती है. कई शोधों में कहा गया है कि जिस तरह कुछ लोग किताब पढ़कर अच्छी नींद पाते हैं, हमारे मन पर हस्तमैथुन का भी लगभग वैसा ही असर होता है.
कितनी बार हस्तमैथुन सही?
इसका कोई कट पॉइंट्स नहीं है. यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है, लेकिन औसत देखा जाए तो हफ़्ते में तीन बार ठीक है.
हस्तमैथुन स्वाभाविक है
यह पूरी तरह से नैचुरल प्रक्रिया है. इससे प्रजनन क्षमता पर किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. सेक्सुअल कमज़ोरी और कामुकता में कमी की बात भी पूरी तरह से अफवाह है. यहां तक कि जानवरों में बिल्ली, कुत्ते और बंदर भी हस्तमैथुन करते हैं.
मेरी शादी को आठ साल हो चुके हैं और शुरुआत के दो सालों को छोड़ दें, तो उसके बाद मेरे पति (Husband) को सेक्स (Sex) में दिलचस्पी ही नहीं रही. वो महीनों तक मेरे क़रीब नहीं आते और अगर आते भी हैं, तो बस खानापूर्ति के लिए. मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं, उन्हें सेक्स में दिलचस्पी नहीं है या मुझमें.
– रचना मिस्त्री, पुणे.
अधिकांश शादियां शुरुआती दौर में तकलीफ़ों से गुज़रती हैं, लेकिन असली रिश्ते की शुरुआत तभी होती है, जब भावनात्मक लगाव होता है. आपके पति की सेक्स में दिलचस्पी कम नहीं हुई होगी, लेकिन आप दोनों को बातचीत करके अपने रिश्ते व सेक्स लाइफ को दिलचस्प व संतुष्ट करने के तरी़के ढूंढ़ने होंगे.
हमारी शादी को 14 साल हो गए और हमारी सेक्स लाइफ भी काफ़ी अच्छी है. मेरे पड़ोस में एक सहेली है, वो मुझसे कहती है कि हमें पोर्न मूवीज़ देखकर कुछ नया ट्राई करना चाहिए. उसका कहना है कि वो और उसके पति भी पोर्न मूवीज़ देखकर उनके एक्शन्स कॉपी करने की कोशिश करते हैं. क्या मुझे भी अपने पति से इस विषय में बात करनी चाहिए?
– अमृता शाह, गुजरात.
आपने ख़ुद कहा कि आपकी सेक्स लाइफ काफ़ी अच्छी है. जो आपके पास है, दूसरे लोग उसकी तमन्ना रखते हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि अपने विवेक से काम लें, न कि दूसरों की सलाहों को आधार बनाएं.
सेक्स (Sex) एक कला (Art) है और ज़रूरी नहीं की हर कोई इस कला में पारंगत हो, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इसमें महारत हासिल कर सकते हैं. सेक्सुअल एक्ट (Sexual Act) में परफेक्शन हासिल करके आप कैसे बन सकते हैं पऱफेक्ट सेक्स पार्टनर (Sex Partner)? आइए, जानते हैं.
आमतौर पर कपल्स एक-दूसरे की पसंद-नापंसद और ज़िंदगी की अन्य ज़रूरतों का तो पूरा ख़्याल रखते हैं. मगर जब बात सेक्स की आती है, तो वे कुछ छोटी-छोटी, मगर अहम् बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और यही बातें उनके अंतरंग पलों का मज़ा किरकिरा करके रिश्ते में तनाव ला देती हैं. अगर आप ऐसी स्थिति से बचकर अपनी सेक्स लाइफ़ को पूरी तरह एन्जॉय करना चाहते हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें.
1. रखें हाइजीन का ख़्याल
अंतरंग पलों का भरपूर आनंद उठाने के लिए अपने शरीर की साफ़-सफ़ाई का ख़ास ध्यान रखें. स्किन को अच्छा बनाए रखने के लिए समय-समय पर मसाज कराते रहें, क्योंकि आपकी साफ-सुथरी त्वचा का स्पर्श पार्टनर को कामोत्तेजित करके सेक्स का मज़ा दुगुना कर देगा. इसके अलावा बेड पर जाने से पहले ये भी सुनिश्चित कर लें कि आपके तन से पसीने आदि की दुर्गंध न आए. बेहतर होगा कि नहाकर अच्छी
क्वॉलिटी का कोई बॉडी स्प्रे या परफ़्यूम लगाएं. फिर देखिए आपके शरीर की ख़ुशबू पार्टनर को कैसे मदहोश कर देती है.
एक्सपर्ट स्पीक
सेक्सुअल एक्ट के दौरान हर कोई अपने पार्टनर को नीट, क्लीन और फ्रेश देखना पसंद करता है, क्योंकि इससे काम क्रिया का आनंद दुगुना हो जाता है. अतः बेड पर जाने से पहले आप भी थकान और तनाव दूर रखकर फ्रेश दिखने की कोशिश करें.
2. ओरल सेक्स है ज़रूरी
सेक्स का पूरा मज़ा लेने के लिए ज़रूरी है कि आप बिना किसी शर्त के हर एक्ट में पार्टनर का पूरा सहयोग करें. याद रखिए, एक अच्छा सेक्स पार्टनर वही होता है, जो अपने साथी की इच्छाओं का पूरा ख़्याल रखे. अगर आपके पार्टनर को ओरल सेक्स में आनंद आता है, तो बेझिझक आप इसमें उनका साथ दें. अगर आपकी पत्नी को ओरल सेक्स करने में झिझक हो रही हो तो पहले उसकी झिझक दूर करने की कोशिश करें. अपने मूड व कंफर्ट के हिसाब से आप ओरल सेक्स एन्जॉय कर सकते हैं. लीक से हटकर प्यार का ये नया अंदाज़ निश्चय ही आपकी सेक्स लाइफ में नया जोश भर देगा.
एक्सपर्ट स्पीक
हर बार पार्टनर से ही पहल की उम्मीद न रखें. कभी-कभार उनका मूड भांप कर ख़ुद ही आगे बढ़ें. सेक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक ओरल सेक्स सुरक्षित है, इसलिए इससे घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. हाइजीन का ख़्याल रखकर इंटरकोर्स की तरह ही ओरल सेक्स से भी चरमानंद की प्राप्ति की जा सकती है.
3. बनें एडवेंचरसलवर
सेक्स को अगर आप किसी काम की तरह करते हैं यानी सेक्सुअल एक्टिविटी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते या फिर काम क्रिया के दौरान आपका रवैया बोरिंग बना रहता है, तो पार्टनर के मूड के साथ ही सेक्स का सारा मज़ा किरकिरा हो जाता है और आप सुखद सेक्स लाइफ़ का अनुभव नहीं कर पाते. अच्छा सेक्स पार्टनर बनने के लिए अपने साथी की सेक्स की भूख को बढ़ाने की कोशिश करें व उसे कामोत्तेजित करें. इसके लिए पार्टनर से सेक्सी बातें करें, एक साथ नहाएं, लव गेम्स खेलें व कामुक किताबों आदि का सहारा लें. पार्टनर के साथ थोड़ी-सी शरारत करके तो देखें, आपकी ज़िंदगी के साथ ही सेक्स लाइफ़ भी रोमांचक बन जाएगी.
एक्सपर्ट स्पीक
पूरे हफ़्ते काम की थकान के बाद शायद आपका मस्ती का मूड न करें. साथ ही अगर रोज़ाना एक ही चीज़ की जाए, तो वो नीरस लगने लगती है. इसलिए छुट्टी के दिन का भरपूर फ़ायदा उठाएं और सेक्स लाइफ़ को रोमांचक बनाने के लिए नई-नई चीज़ें ट्राई करें.
यह टिप आपकी पत्नी के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है, क्योंकि आमतौर पर महिलाएं सेक्स के लिए पहल करने से झिझकती हैं. साथ ही कुछ नया ट्राई करने में भी ख़ास दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं, जिससे वे सेक्स को पूरी तरह एन्जॉय नहीं कर पातीं. अगर आप अपनी बोरिंग सेक्स लाइफ़ में प्यार के नए रंग भरना चाहते हैं, तो पत्नी को सेक्स के लिए पहल करना सिखाएं. यक़ीन मानिए आपका ये नया रूप पार्टनर को ज़रूर पसंद आएगा. सेक्स में हमेशा नई-नई चीज़ें ट्राई करने की भी कोशिश करें, जैसे-सेक्स टॉयज़ का इस्तेमाल, क्लाइमेक्स का नया तरीक़ा. कामोत्तेजित करने और फोरप्ले के तरी़के में बदलाव करके आप सेक्स को और भी सेक्सी बना सकते हैं.
एक्सपर्ट स्पीक
सेक्स में नए एक्सपेरिमेंट के बारे में स़िर्फ सोचें ही नहीं, बल्कि उस पर अमल भी करें. आपकी पॉज़िटीव अप्रोच पार्टनर को भी सेक्स के लिए उत्तेजित करेगी.
5. शेयर करें फैन्टसी
अच्छा सेक्स पार्टनर वही है जो अपने साथी से अन्य बातों के साथ ही सेक्सुअल फैन्टसी (सेक्स संबंधी काल्पनिक बातें) को भी शेयर करता है. अपने सेक्स की चाहत और फैन्टसी को पार्टनर से शेयर करके आप सेक्स लाइफ़ का भरपूर आनंद उठा सकते हैं. सेक्सुअल फैन्टसी यानी सेक्स की कल्पनाओं को हक़ीकत बनाकर काम क्रिया को दिलचस्प बनाया जा सकता है. एक बात हमेशा ध्यान रखें कि सफ़ल सेक्स लाइफ के लिए कपल्स के बीच बातचीत बहुत ज़रूरी है. पार्टनर की इच्छा को जाने बिना आप उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकते. इसी तरह जब तक आप अपने दिल की बात उनसे नहीं कहेंगे वो भी आपको संतुष्ट नहीं कर पाएगी, इसलिए संवाद के पुल को हमेशा मज़बूत बनाए रखें.
एक्सपर्ट स्पीक
अगर आप अपनी सेक्सुअल फैन्टसी को पार्टनर के साथ डिस्कस नहीं कर सकते, तो उसे किसी काग़ज़ पर लिख लें या फिर टेप कर लें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ये चीज़ें पार्टनर तक सही समय पर पहुंच जानी चाहिए, यानी बिस्तर पर जाने से पहले.
मुझमें व मेरे पति में अच्छी ट्यूनिंग है. हम दोनों एक-दूसरे की इच्छा-अनिच्छा का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं. पिछले कुछ समय से हम नॉर्मल तरी़के से सेक्स (Sex) न करते हुए मास्टरबेशन (Masturbation) (हस्तमैथुन) कर रहे हैं. क्या ऐसा करना सही है? इससे कोई समस्या तो नहीं हो सकती?
– मानसी दत्त, नासिक.
यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है कि वे सेक्स को किस तरह से एंजॉय करना चाहते हैं. यदि आप पति-पत्नी को मास्टरबेशन से सेक्स में ख़ुशी और संतुष्टि मिलती है, तो ऐसा करने में कोई नुक़सान नहीं है. वैसे भी सेक्स में नए-नए एक्सपेरिमेंट्स करना एक सुखी व संतुष्ट सेक्सुअल लाइफ के लिए बहुत ज़रूरी है. और नए-नए प्रयोग तो हर किसी को अच्छे लगते हैं. पर इसमें पति-पत्नी दोनों को कंफर्टेबल महसूस करना भी ज़रूरी है. यदि आप दोनों को यह बदलाव अच्छा लग रहा है और आप दोनों ही एंजॉय कर रहे हैं, तो कोई हर्ज़ नहीं.
मैं 26 साल की हूं और एक हॉस्पिटल में काम करती हूं. मैं आज तक किसी के साथ सेक्सुअली इन्वॉल्व नहीं हुई. इसे लेकर मेरे फ्रेंड्स अक्सर ताने मारते रहते हैं और मुझे पुराने विचारोंवाली कहते हैं. उनका मानना है कि किसी के साथ भी सेक्सुअली जुड़ जाना आजकल बहुत आम बात हो गई है. जबकि मैं इससे सहमत नहीं और पति के साथ ही संबंध रखना चाहती हूं. क्या मेरी सोच ग़लत है?
– सुलोचना टंडन, गुरदासपुर.
माना बड़े शहरों की लाइफस्टाइल कुछ अलग होती है, पर किसी भी बात के लिए किसी को बाध्य करना ठीक नहीं है. सेक्स को लेकर ऐसी सोच मात्र आधुनिकता का अंधानुकरण है और कुछ नहीं. समाज के हर हिस्से में पहनावे, व्यवहार, फैशन, सार्वजनिक रूप से किस तरह से व्यवहार करना है आदि को लेकर अलग-अलग मापदंड हैं. अब हर कोई ख़ुद ही निर्णय ले कि उसके लिए क्या बेहतर है. रही बात आपके केस कि तो जैसा आप सोच रही हैं कि आप केवल अपने पति के साथ ही सेक्सुअल रिलेशन रखना चाहती हैं, तो आप सही हैं. दूसरे इसके बारे में क्या सोचते हैं, उसे तवज्जो न दें.
वेजाइनल लुब्रिकेंट्स के बारे में कितना जानती हैं आप? (How Much You Know About Vaginal Lubricants?)
पहले के मुकाबले अब लोग सेक्स और सेक्स से जुड़ी बातों पर खुलकर अपने विचार रखने लगे हैं. चाहे बात सेक्सुअल प्रॉब्लम्स की हो या फिर प्राइवेट पार्ट्स की क्लीनिंग और हाइजीन. और यह अच्छा भी है, क्योंकि पहले इन सब बातों को छुपाने के कारण ही महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से गुज़रना पड़ता था. ऐसे में अब सेक्सुअल हाइजीन और सेक्स लाइफ को और बेहतर बनाने को लेकर महिलाएं जागरूक हो रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए हम वेजाइनल लुब्रिकेंट्स के बारे में आपको बता रहे हैं, क्योंकि आज भी बहुत-सी महिलाएं वेजाइनल ड्राइनेस की समस्या से जूझती हैं, पर इस बारे में अधिक जानकारी के अभाव में कुछ ख़ास नहीं कर पातीं.
वेजाइनल हेल्थ
हालांकि महिलाओं को वेजाइनल हेल्थ के बहुत ज़्यादा एफर्ट नहीं लेने पड़ते, क्योंकि इसका सेल्फ क्लीनिंग सिस्टम इसे हेल्दी बनाए रखता है. इसके अलावा यह अपना पीएच बैलेंस भी स्वयं बनाए रखती है, पर बात जब लुब्रिकेशन की आती है, तो इसे आपकी मदद की ज़रूरत पड़ती है.
वेजाइनल लुब्रिकेंट्स की ज़रूरत किसे पड़ती है?
वेजाइनल ड्राईनेस की समस्या हर उम्र की महिला को परेशान करती है. इसके कई कारण हैं, जैसे-
– कामोत्तेजना की कमी
– केमिकलयुक्त प्रोडक्ट्स, जैसे- हार्श सोप आदि का अधिक इस्तेमाल
– दवाइयों का साइड इफेक्ट
– नियमित टैम्पोन का इस्तेमाल
– हिस्टेरेक्टॉमी
– कीमोथेरेपी
– मेनोपॉज़
– वेजाइना के जिस अंदरूनी भाग से उसका प्रोडक्शन होता है, वहां ड्राइनेस आ जाना.
वेजाइना का नेचुरल लुब्रिकेशन किस तरह काम करता है?
महिलाओं के शरीर से दो तरह के लुब्रिकेशन निकलते हैं-
1. रेग्युलर वेजाइनल मेंटेनेंस के लिए
2. कामोत्तेजना के दौरान सेक्सुअल एक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए
लुब्रिकेंट्स के प्रकार
लुब्रिकेंट्स तीन तरह के होते हैं-
1. वॉटर बेस्ड
2. ऑयल बेस्ड
3. सिलिकॉन बेस्ड
अगर आपको किसी एक लुब्रिकेशन से एलर्जी की शिकायत हो, तो आप दूसरा ऑप्शन ट्राई कर सकती हैं या फिर डॉक्टर की सलाह लें.
आपकी राशि (Zodiac) आपका स्वभाव, पर्सनैलिटी, करियर और भविष्य ही नहीं बताती, बल्कि यह आपकी सेक्स लाइफ (Sex Life) के बारे में भी बहुत कुछ बताती है. जी हां, यकीन नहीं होता, तो अपनी राशि के बारे में पढ़कर देख लें, अपने आप यकीन हो जाएगा.
मेष (20 मार्च-19 अप्रैल)
– मेष राशिवाले स्वभाव से ऐडवेंचरस होते हैं और यह ऐडवेंचर इन्हें अपनी सेक्स लाइफ में भी पसंद है.
– किसी का हो जाने की बजाय किसी को अपना बनाने में इन्हें ज़्यादा मज़ा आता है.
– आमतौर पर सभी मेष राशिवाले थोड़े एग्रेसिव भी होते हैं, इसलिए इन्हें बहुत ज़्यादा ड्रामा और इमोशनल होना पसंद नहीं. सेक्स में भी ये यही पसंद करते हैं.
– ये बहुत ही पैशनेट लवर्स होते हैं और एक बार जिसके साथ कमिटमेंट कर लेते हैं, तो पूरी ज़िंदगी के लिए उसके हो जाते हैं.
– अपने पार्टनर को सेक्सी फील कराना इनके बाएं हाथ का काम है.
आइडियल पार्टनर: मेष, सिंह, कुंभ, तुला, मिथुन और धनु राशिवाले.
वृष (20 अप्रैल-20 मई)
– सभी राशियों में से वृष राशिवाले सबसे सेंसुअल माने जाते हैं.
– कमरे में मनमोहक ख़ुशबू हो, मदहोश कर देनेवाला संगीत और प्यार से छूकर दिल में उतर जानेवाला पार्टनर- ये इस राशिवालों का ड्रीम होता है.
– स्वभाव से आलसी होने के कारण ये प्यार को पाने के लिए बहुत ज़्यादा मेहनत करने में विश्वास नहीं करते, बल्कि इन्हें यक़ीन होता है कि जब सही व़क्त आएगा, तो इनका पार्टनर इन्हें ख़ुद मिल जाएगा.
– हालांकि रिश्तों को लेकर इनकी सोच काफ़ी प्रैक्टिकल होती है, पर अपने पार्टनर के लिए बहुत ज़्यादा पज़ेसिव होते हैं.
– सेंसुअल होने के कारण इनकी लव लाइफ काफ़ी रोमांटिक होती है.
आइडियल पार्टनर: वृष, कन्या, मकर, कर्क, वृश्चिक और मीन राशिवाले.
मिथुन (21 मई-21 जून)
– मिथुन राशिवाले काफ़ी क्रिएटिव और ज़िंदादिल होते हैं, जो उनकी सेक्स लाइफ में भी साफ़ नज़र आता है.
– ये अपनी सेक्स लाइफ को कभी बोरिंग नहीं होने देते. रूटीन से हटकर कुछ अलग करते रहना इन्हें बेहद प्रिय है.
– सेक्सुअल लाइफ में एक्सपेरिमेंट करना इनका पैशन है.
– सेक्सुअल रिलेशन के दौरान शरारतें और शरारती बातें इनकी पहचान है. यूं कहें तो इन्हें सेक्स के दौरान फनमेकिंग बहुत पसंद है.
– वैसे तो ये स्वभाव से ही फ्लर्ट होते हैं, पर अपने पार्टनर को लेकर पज़ेसिव होते हैं.
– सेक्स के दौरान इन्हें एनर्जी से भरपूर लवमेकिंग पसंद है. अपने पार्टनर से भी उसी उत्साह और उमंग की चाह रखते हैं.
आइडियल पार्टनर: मिथुन, तुला, कुंभ, मेष, सिंह और धनु राशिवाले.
कर्क (22 जून-22 जुलाई)
– स्वभाव से इमोशनल होने के कारण कर्क राशिवाले सेक्स लाइफ में भी इमोशंस पसंद करते हैं.
– इनके लिए सेक्स एक प्राइवेट, इमोशनल और पैशनेट अफेयर है, जो दो लोगों को दिल से जोड़ता है और जहां दिखावे की कोई ज़रूरत नहीं.
– ये काफ़ी सेंसुअल और क्रिएटिव लवर्स माने जाते हैं.
– रंग-बिरंगे फ्लावर्स, एक ख़ूबसूरत-सा गिफ्ट या फिर प्यार से बनाया हुआ खाना इनके मूड को सेट करने के लिए परफेक्ट चॉइस है, क्योंकि जब ये रोमांटिक मूड में होते हैं, तो अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हैं.
– अपनी सेक्स लाइफ में भी कंफर्ट और सेफ्टी को ये बहुत महत्व देते हैं. जिसके साथ ये सेफ महसूस करते हैं, उसी के साथ अपने सेक्सुअल रिलेशनशिप को आगे बढ़ाते हैं.
आइडियल पार्टनर: कर्क, वृश्चिक, मीन, वृष, कन्या और मकर राशिवाले.
सिंह (23 जुलाई-22 अगस्त)
– सिंह राशिवाले अपने चार्म से किसी को भी अपना दीवाना बना सकते हैं. इनकी पर्सनैलिटी में वो चुंबकीय आकर्षण होता है, जिससे बिरले ही बच पाते हैं.
– इनकी सेक्स ड्राइव काफ़ी स्ट्रॉन्ग होती है. बस, इन्हें पार्टनर में रोमांटिक केमिस्ट्री नज़र आनी चाहिए, फिर देखिए इनका कमाल.
– अपने पार्टनर को रिझाना-सताना, फोरप्ले इन्हें बेहद पसंद होता है. उन पर अपना जादू चलाने के लिए ये उन्हें हर तरह से उत्तेजित करते हैं.
– बेड में इन्हें फनमेकिंग और शरारतें पसंद हैं.
– इन्हें सेक्सुअल फैंटसीज़ को जीना अच्छा लगता है, इसीलिए इनकी सेक्स लाइफ काफ़ी फिल्मी होती है.
आइडियल पार्टनर: सिंह, मेष, धनु, तुला और कुंभ राशिवाले.
कन्या (23 अगस्त-22 सितंबर)
– कन्या राशिवालों का एनर्जी लेवल काफ़ी हाई होता है. यही वजह है कि इनकी सेक्स लाइफ हमेशा हॉट और स्पाइसी बनी रहती है.
– इन्हें रिश्ते में ईमानदारी बेहद पसंद है, इसलिए पार्टनर से उम्मीद करते हैं कि वो सेक्स लाइफ में धोखा बिल्कुल न करे.
– इस राशिवालों की ख़ासियत है कि ये सामने से भोले-भाले दिखाई देते हैं, पर बेड में ऐसे बिल्कुल नहीं हैं. इनकी सेक्स लाइफ काफ़ी रोमांचक होती है.
– स्वभाव से परफेक्शनिस्ट होने के कारण सेक्स लाइफ में भी इन्हें परफेक्शन पसंद है. सेक्सुअल रिलेशन से पहले शावर लेना, साफ़-सुथरा माहौल और हाइजीन का ये बेहद ध्यान रखते हैं.
आइडियल पार्टनर: वृष, कन्या, मकर, कर्क, वृश्चिक और मीन राशिवाले.
– तुला राशिवालों को हर ख़ूबसूरत चीज़ पसंद आती है और यह इनकी रोमांटिक सेक्स लाइफ में भी नज़र आता है.
– ख़ूबसूरत और सेक्सी इनरवेयर, रोमांटिक म्यूज़िक और चॉकलेट्स इन्हें उत्तेजित करने के लिए परफेक्ट चॉइस हैं.
– सेक्स लाइफ में रोमांस इनकी प्राथमिकता है. नॉटी बातें, छेड़छाड़ और फोरप्ले इनकी सेक्स लाइफ को बूस्ट करते हैं.
– सेक्सुअल रिलेशन में ये अपने पार्टनर की इच्छाओं का पूरा ध्यान रखते हैं. पार्टनर को ख़ुश करने के लिए कुछ नया और क्रिएटिव भी करते रहते हैं.
– इनकी सेक्स ड्राइव इतनी स्ट्रॉन्ग होती है कि एक दिन में ये तीन बार भी रिलेशन बना सकते हैं.
आइडियल पार्टनर: मिथुन, तुला, कुंभ, मेष, सिंह और धनु राशिवाले.
वृश्चिक (23 अक्टूबर-21 नवंबर)
– सभी राशियों में वृश्चिक राशिवाले सबसे सेक्सी माने जाते हैं. इतना ही नहीं, इस राशि की महिलाओं को ‘सेक्स गॉडेस’ भी कहा जाता है.
– ये उम्मीद करते हैं कि सेक्सुअल रिलेशन के दौरान इन्हें संतुष्ट करने के लिए इनका पार्टनर सब कुछ ट्राई करे.
– अपने स्वभाव के कारण बेड में भी ये काफ़ी डॉमिनेटिंग होते हैं.
– अगर आपका पार्टनर वृश्चिक राशिवाला है, तो आप नकली ऑर्गैज़्म से उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकते, क्योंकि इस मामले में ये काफ़ी स्मार्ट होते हैं.
– इनके लिए शारीरिक संबंध से पहले स्ट्रॉन्ग इमोशनल कनेक्शन बेहद ज़रूरी है.
आइडियल पार्टनर: कर्क, वृश्चिक, मीन, वृष, कन्या और मकर राशिवाले.
धनु (22 नवंबर-21 दिसंबर)
– इस राशिवालों के लिए रोमांस का मतलब अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताना है. इस टाइम को ये मस्ती से भरपूर बनाने की पूरी कोशिश करते हैं.
– इमोशनल रिलेशन की बजाय ये क्वालिटी टाइम में विश्वास रखते हैं, इसलिए इनकी सेक्स लाइफ काफ़ी प्रैक्टिकल होती है.
– सेक्सुअल लाइफ में इन्हें फ्रीडम और ऐडवेंचर बेहद पसंद है. घर की चार दीवारों के अलावा पब्लिक प्लेसेस पर रोमांस करना इनका शग़ल है.
– ये फनलविंग होते हैं, इसलिए सेक्सुअल रिलेशन को काफ़ी मज़ेदार बनाते हैं.
– अगर आपका पार्टनर इस राशि का है, तो आपकी सक्सेसफुल सेक्स लाइफ का एक ही मंत्र होगा कि आप पज़ेसिव होने से बचें.
आइडियल पार्टनर: मेष, सिंह, धनु, मिथुन, तुला और कुंभ राशिवाले.
मकर (22 दिसंबर-19 जनवरी)
– वृश्चिक राशिवालों की ही तरह मकर राशिवाले भी काफ़ी सेंसुअल और रोमांटिक माने जाते हैं.
– इनके मुताबिक़ पैर और घुटने इनके शरीर के सबसे कामोत्तेजक अंग हैं और इन्हें उत्तेजित करना काफ़ी आसान है.
– सभी को लगता है कि इस राशिवाले शर्मीले होते हैं, पर ऐसा है नहीं. एक बार अपने पार्टनर से दिल से जुड़ जाएं, फिर देखिए इनका कमाल.
– ये काफ़ी प्रोटेक्टिव स्वभाव के होते हैं, इसलिए पब्लिक प्लेस की बजाय बेडरूम में रोमांस फरमाना पसंद करते हैं.
– इनका सेक्सुअल स्टैमिना बेहतरीन होता है, तभी तो अपने साथ-साथ अपने पार्टनर को भी संतुष्ट करना अच्छी तरह जानते हैं.
आइडियल पार्टनर: वृष, कन्या, मकर, कर्क, वृश्चिक और मीन राशिवाले.
कुंभ (20 जनवरी-18 फरवरी)
– कुंभ राशिवाले बुद्धिमान और आदर्शवादी माने जाते हैं और बात जब सेक्स लाइफ की हो, तो यहां भी वफ़ादारी के मामले में ये सभी राशियों से बाज़ी मार ले जाते हैं.
– लव लाइफ में इनकी कल्पनाशक्ति कमाल की होती है. इनके पार्टनर इनकी इमैजिनेशन की दाद देते हैं.
– सेक्स लाइफ में कुछ नया और एक्साइटिंग करना इन्हें अच्छा लगता है, इसलिए अगर आपका पार्टनर इस राशि का है, तो आप भी कई सरप्राइज़ेस के लिए तैयार रहें.
– इनकी सेक्स लाइफ काफ़ी रोमांचक होती है, क्योंकि ये बेड में कुछ न कुछ नया ट्राई करना पसंद करते हैं.
आइडियल पार्टनर: मिथुन, तुला, कुंभ, मेष, सिंह और धनु राशिवाले.
मीन (19 फरवरी-19 मार्च)
– इस राशिवालों के लिए सेक्स का मतलब प्यार है, तभी तो इनकी सेक्स लाइफ रोमांस से भरपूर होती है.
– ये काफ़ी पैशनेट लवर्स माने जाते हैं और अपनी ख़ुशी से ज़्यादा अपने पार्टनर की ख़ुशी का ख़्याल रहते हैं.
– मीन राशिवालों में एक ग़ज़ब का चुंबकीय आकर्षण होता है, जिसके कारण बहुत से लोग इनकी मनमोहक छवि के आकर्षण में बंध जाते हैं.
– इनके लिए किसिंग और हगिंग सेक्सुअल रिलेशन से भी ज़्यादा मायने रखती है.
– पार्टनर की सेक्सुअल फैंटसीज़ को पूरा करने के लिए कुछ न कुछ नया करते हैं.
आइडियल पार्टनर: कर्क, वृश्चिक, मीन, वृष, कन्या और मकर राशिवाले.
यदि हमसफ़र जीवन के सफ़र में कभी बेवफ़ाई कर जाए, तब क्या करें? दरअसल, रिश्ते (Relationships) मुक़म्मल जीवन जीने का आधार होते हैं और प्यार व विश्वास ही इन्हें मज़बूत व टिकाऊ बनाते हैं. लेकिन साथी की बेवफ़ाई से ज़िंदगी रुक तो नहीं जाती! समझदारी इसी में है कि सकारात्मक नज़रिए के साथ बिगड़े रिश्ते को सुधारने की कोशिश की जाए.
जो दिल के थे बेहद क़रीब, आज अजनबी-से लगते हैं… थी साथ की जिनसे उम्मीद, बीच राह वे मुड़कर चले गए… अक्सर रिश्ते में धोखा खाने व विश्वासघात होने पर पीड़ित व्यक्ति बिखर जाता है, टूट जाता है. जीवनसाथी की बेवफ़ाई के बाद किस तरह अपने रिश्ते को रिवाइव करें और सुधारें, इन्हीं बातों को जानने की कोशिश करते हैं.
– सबसे पहले स्वयं का आत्मविश्लेषण करें कि आख़िर ग़लती किससे और कहां हुई?
– कोई यूं ही भटक नहीं जाता. पर्याप्त अटेंशन व केयर न मिलने पर अक्सर पार्टनर उसकी कमी दूसरों की नज़रों में ख़ास बनकर पूरी करने की कोशिश करने लगते हैं. यदि ऐसा हुआ हो, तो उन ग़लतियों से सबक लें और आगे बढ़ें.
– यदि आपको लगता है कि जाने-अनजाने में आपने अपने पार्टनर की अनदेखी की है, तो इसे नए सिरे से दुरुस्त करने की कोशिश करें.
– यदि आप अब भी किसी परस्त्री या परपुरुष से जुड़े हैं, तो पहले स्वयं को उससे आज़ाद करें, क्योंकि किसी तीसरे के रहते आप अपने जीवनसाथी से सहज व सच्चाई के साथ दोबारा नहीं जुड़ सकते और न ही अपने दांपत्य जीवन को मज़बूती प्रदान कर सकते हैंे.
– माफ़ी मांगने से न चूकें. कहते हैं, पछतावे के साथ दिल से मांगी हुई माफ़ी पत्थर दिल को भी पिघला देती है. इसलिए जिस पार्टनर ने बेवफ़ाई की है, उसे सच्चाई और पूरी ईमानदारी के साथ अपनी ग़लती को समझते व महसूस करते हुए अपने पार्टनर से माफ़ी मांगनी चाहिए.
– बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि ले… को अपनाकर हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश करते रहना ही जीवन का मूलमंत्र है. माफ़ी के इंतज़ार के बिना अपने रिश्ते को सुधारने की पहल करें.
– पति-पत्नी दोनों को ही अपने टूटते रिश्तों को जोड़ने व जीवनसाथी को दिए गए दर्द-ज़ख़्म से उबरने में उनकी मदद करनी चाहिए.
– ऐसे में प्यार से बढ़कर कोई दवा नहीं. आपका धैर्य और प्यार रिश्तों को सुधारने और ख़ुशगवार बनाने में मदद करेगा.
– कई बार दिल में कोई नाराज़गी, बात या गांठ-सी रह जाती है, जिसे आपसी बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है. इसलिए पार्टनर्स हर पहलू पर एक-दूसरे से खुलकर बात करें.
– रिश्तों में विश्वास बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीक़ा है कि जो बात आपको परेशान कर रही है, उसे छुपाएं नहीं, कह डालें.
– एक-दूसरे के साथ अधिक से अधिक व़क्त बिताएं. इसमें हंसी-मज़ाक और रूठने-मनाने, हल्की-फुल्की खट्टी-मीठी तक़रार को भी शामिल करें. इससे एक-दूसरे के साथ की आदत-सी बनती जाएगी. साथ ही आपसी समझदारी भी बढ़ेगी.
– हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक़ पति-पत्नी के बीच बेवफ़ाई व धोखे का प्रतिशत दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह आपसी संवादहीनता और एक-दूसरे को अधिक व़क्त न दे पाना माना गया है.
– बीता हुआ कल वापस नहीं आ सकता, पर आनेवाले कल को ख़ुशहाल तो बनाया ही जा सकता है. इसमें क्षमा करने के साथ प्यार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ध्यान रहे, बेवफ़ाई के बाद घायल हुए रिश्तों को हेल्दी व मज़बूत बनाने के लिए प्यार की नींव रखना बहुत ज़रूरी है.
– मनोवैज्ञानिक कल्याणीजी के अनुसार रिश्ते हमें जीना सिखाते हैं, क्योंकि हमारे वर्तमान और भविष्य का ढांचा रिश्तों की बुनियाद पर ही खड़ा रह सकता है. आप कैसे हैं और कैसे बनेंगे- यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपमें रिश्ते निभाने का कितना जज़्बा है.
– उन कारणों का पता लगाने की कोशिश करें, जिसने पार्टनर को बेवफ़ाई करने के लिए मजबूर या फिर प्रेरित किया. कारणों का पता लगने पर उन्हें सुधारने की कोशिश की ही जा सकती है.
– खोए हुए विश्वास को दोबारा हासिल करने के लिए जीवनसाथी के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना रखें. इससे जहां साथी का दर्द-तनाव दूर होगा, वहीं आपके रिश्तों को दोबारा प्यार की पटरी पर लाने में सहायक होगा.
– पुरानी ग़लतियों से सबक लें और उन्हें दोहराने की ग़लती न करें.
– यदि ग़लतियों को सुधारने का मौक़ा दिया जाए, तो वही शख़्स आनेवाले कल में आपका सबसे बड़ा वफ़ादार साथी बनता है. इसलिए संकीर्ण विचार न रखते हुए खुले दिल से जीवनसाथी की ग़लती को भुलाकर उसे सुधरने का मौक़ा दें.
– कहते हैं, हर हादसा/घटना एक नया अनुभव दे जाती है, ठीक ऐसे ही बेवफ़ाई के बाद आपको स्वयं को और अपने पार्टनर को समझने में अधिक मदद मिलती है.
– समाजशास्त्री अशोक शुक्ला कहते हैं कि हर रिश्ता एक-दूसरे का समय मांगता है, साथ मांगता है… पति-पत्नी हर रोज़ आधा घंटा, महीने में दो दिन और साल में कम से कम एक हफ़्ते नितांत अकेले में बिताएं.
– अपनी अच्छी यादों को एक-दूसरे के साथ बांटें. कुछ रचनात्मक करने के लिए एक-दूसरे को प्रोत्साहित करें.
– एक-दूसरे की अच्छी बातों, आदतों को डेवलप करने की कोशिश करें. फिर देखिए बेवफ़ाई की बात सपना बन जाएगी और रिश्ते ताउम्र ख़ुशगवार बने रहेंगे.
– साथ गुज़ारा व़क्त आपके रिश्तों में वो एनर्जी भर देगा, जो ज़िंदगीभर मीठी यादें बनकर आपके साथ रहेंगी.
– मैरिज काउंसलर डॉ. राजीवजी के अनुसार, शादी के रिश्ते की हर सालगिरह कहती है कि उस सपने के बारे में सोचो, जो आप दोनों ने साथ मिलकर देखा हैे. उसे पूरा करना है, तो बंधन में बंधे रहना भी ज़रूरी है. इस बात के मर्म को समझने की कोशिश करें.
– एक पुरानी कहावत है कि दुनिया में सैकड़ों आदमी मिलकर कोई भी मकान बना सकते हैं, पर उसे घर बनाने के लिए एक नारी की ही ज़रूरत होती है. अतः नारी का सम्मान करें.
– ध्यान रहे, रिश्तों में रिस्पेक्ट ज़रूरी हैे, पर आपस में अहंकार न आने दें.
– यदि आप अपने साथी की भावनात्मक ज़रूरतों को सही मौ़के पर पूरा करते हैं, तो आपके रिश्तों में आकर्षण हमेशा बना रहेगा.
संतुलित सेक्स लाइफ ज़रूरी है
वैवाहिक रिश्तों को बचाए और बनाए रखने के लिए बैलेंस सेक्स लाइफ ज़रूरी है. आप अपने साथी को लेकर क्या सोचते हैं, कैसा व्यवहार करते हैं, उसके प्रति कितने ईमानदार हैं, कब उसकी मानते हैं और कब अपनी मनमर्ज़ी थोपते हैं? इन सबका सीधा असर रिश्तों पर पड़ता है. आंकड़े बताते हैं कि 10 में से 4 रिश्ते सेक्सुअल रिलेशन में कड़वाहट के कारण बिगड़ते हैं. यदि आप ऐसा नहीं चाहते, तो संयमित रहें, ईमानदार बनें और अपने जीवनसाथी के तन को कम मन को ज़्यादा तवज्जो दें.
बेवफ़ाई निश्चित रूप से दूसरे जीवनसाथी के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति होती है. लेकिन समस्या है, तो उसका समाधान भी ज़रूर होता है. माना बेवफ़ाई जैसी चोट से उबरने में व़क्त लगता है, पर ईमानदारी से की गई कोशिश जल्द ही इससे उबरने में मदद करती है. इंसान ग़लतियों का पुतला है, जीवनसाथी की इस पहली ग़लती को आख़िरी ग़लती मानकर क्षमा कर दें और एक नई शुरुआत करें.
ये विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है, जो पुरुषों में स्पर्म काउंट को बढ़ाता है. साथ ही यह हार्ट और आर्टरीज़ में रक्त संचार को सुचारू बनाए रखता है. स्ट्रॉबेरीज़ को डार्क चॉकलेट में डुबोकर खाएं, यह कामोत्तेजना को बढ़ाता है.
बादाम
ज़िंक, सेलेनियम और विटामिन ई के गुणों से भरपूर बादाम सेक्स बूस्टर का काम करता है. सेलेनियम जहां इंफर्टिलिटी की समस्या को दूर रखता है, वहीं ज़िंक सेक्स हार्मोन की बढ़ोत्तरी करता है और विटामिन ई हार्ट को हेल्दी रखता है.
रोज़ाना बादाम का सेवन याद्दाश्त बढ़ाने के साथ-साथ सेक्सुअल लाइफ को भी हेल्दी बनाता है.
तरबूज़
इसमें कामोत्तेजना बढ़ानेवाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन सेक्स ड्राइव को बूस्ट करने में मदद करता है.
शकरकंद
पोटैशियम से भरपूर शकरकंद हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफ़ी मददगार होता है, जिससे पुरुष इरेक्टाइल डायस्फंक्शन के ख़तरे से बचे रहते हैं. बीटा कैरोटीन और विटामिन ए इंफर्टिलिटी को दूर रखते हैं.
सफेद तिल
ज़िंक से भरपूर तिल बेहतरीन सेक्स बूस्टर फूड है. यह टेस्टोस्टेरॉन और स्पर्म प्रोडक्शन की बढ़ोत्तरी में मदद करता है.
सेक्स किलर फूड्स
चीज़, डायट सोडा, सोया, आर्टिफीशियल स्वीटनर्स, फ्राई व फैटी फूड्स, कैन्ड फूड आदि अवॉइड करें.
मेरी शादी को 6 साल हो चुके हैं, लेकिन मुझे सेक्स (Sex) में ऑर्गैज़्म (Orgasm) बहुत ही कम मिलता है, पता नहीं क्यों? जबकि हम हफ़्ते में 3 बार सेक्स करते हैं, पर मैं चरम सुख तक नहीं पहुंच पाती. क्या इसका संबंध शादी से पहले के मेरे रिलेशनशिप्स (Relationship) से हो सकता है?
– पूर्वी भट्ट, गुजरात.
शादी का मतलब स़िर्फ जिस्मों का मिलन नहीं होता, यह दो आत्माओं का और ख़ासतौर से भावनाओं का मिलन है. आपके केस में यह अच्छी बात है कि आप लोग फ्रीक्वेंटली सेक्स करते हैं, आपको स़िर्फ अपने मस्तिष्क को गाइड करना है और ट्रेनिंग देनी है कि वो बीती बातों में खोने की बजाय वर्तमान में अपने पार्टनर के साथ हर लम्हे को पूरी तरह एंजॉय करे. ऐसा करने पर आपको भी क्लाइमेक्स मिलेगा और आप सेक्स को बेहतर तरी़के से एंजॉय कर पाएंगी.
मेरे पति को सेक्स में काफ़ी दिलचस्पी है और वो सेक्स में हमेशा कुछ नयापन चाहते हैं. कभी नया पोश्चर ट्राई करना चाहते हैं, तो कभी नया एंगल. लेकिन मैं सेक्स में सॉफ्टनेस चाहती हूं, जिसमें शेयरिंग और केयरिंग ज़्यादा हो. क्या मेरी सेक्स लाइफ बदल सकती है?
– ज्योति मिश्रा, गोरखपुर.
शादी जैसे रिश्ते में सेक्स बहुत महत्वपूर्ण है और उतना ही महत्वपूर्ण है, दोनों पार्टनर्स का संतुष्ट होना. इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि आपस में बात की जाए और एक-दूसरे की ज़रूरतों और शंकाओं को समझा जाए. हालांकि अधिकांश पुरुष इसे मशीनी क्रिया मानते हैं, लेकिन यदि उन्हें समझाया जाए, तो वो यही चाहेंगे कि अपनी पत्नी को बेहतरीन तरी़के से संतुष्ट कर पाएं. सेक्स में आप दोनों की ही संतुष्टि ज़रूरी है, इसलिए आप उनसे बात करें और मिलकर किसी नतीजे पर पहुंचे. वो ज़रूर समझेंगे.
यह सच है कि सेक्स और सेक्स से जुड़े विषयों पर हमारा समाज थोड़ा-बहुत खुलकर बात करने लगा है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि सेक्स को लेकर आज भी लोगों के मन में भ्रांतियां और ग़लतफ़हमियां हैं, क्योंकि सेक्स को लेकर कुछ खुलापन भले ही आ गया हो, लेकिन परिपक्वता अब भी नहीं आई है. ऐसे में यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या हम सेक्सुअली फिट हैं?
– एक सामान्य इंसान को सेक्स की ज़रूरत और चाहत होती है.
– यह चाहत व ज़रूरत अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकती है. किसी को कम, किसी को ज़्यादा.
– इसी तरह आकर्षण होना भी स्वाभाविक है.
– फैंटसीज़ यानी कल्पना करना, जैसे- किसी ख़ास व्यक्ति की ओर यदि हम आकर्षित होते हैं, तो उसके बारे में सोचना और कल्पना में उसके साथ सेक्स करना भी स्वाभाविक व सामान्य है.
– सेक्स की चाह होने पर मास्टरबेट करना भी हेल्दी माना जाता है.
– यदि आप में ऊपर बताए तमाम लक्षण मौजूद हैं, तो आप सेक्सुअली फिट हैं और यदि आप में सेक्स ड्राइव यानी सेक्स की चाह कम है या कम हो रही है, तो आपकी सेक्सुअल फिटनेस कम है.
– अगर आप शादीशुदा हैं, तो आपकी सेक्स लाइफ कितनी अच्छी है?
– क्या सेक्स से आपको और आपके पार्टनर को पहले जैसी संतुष्टि नहीं मिलती?
– क्या सेक्स से आपको ऊब और बोरियत होने लगी है?
– क्या यह महज़ शारीरिक क्रिया बन गया है आपके लिए या अब भी भावनात्मक रूप से आप इसे आनंददायक क्रिया मानते हैं?
– ये तमाम सवाल ख़ुद से और अपने पार्टनर से करें, तो आप ख़ुद जान जाएंगे कि आप सेक्सुअली कितने फिट हैं.
व्यस्त ज़िंदगी में भी अगर सेक्स आपकी प्राथमिकताओं में से बाहर हो गया है, तो सचेत हो जाइए. शोधों में भी यह बात कई बार साबित हो चुकी है कि शादीशुदा लोग कुंवारे लोगों की अपेक्षा अधिक हेल्दी और लंबी ज़िंदगी जीते हैं. ऐसे में सेक्स के महत्व और सेक्सुअल फिटनेस को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. सेक्सुअल फिटनेस को आप इस तरह से बांटकर देख सकते हैं-
भावनात्मक पहलू:अगर आपका अपने पार्टनर से भावनात्मक लगाव है, तो ज़ाहिर है सेक्स लाइफ बेहतर बनेगी, लेकिन अगर आप दोनों ही मशीनी ज़िंदगी जीने के आदी हो चले हैं, तो सेक्स की चाह भी कम होती चली जाएगी यानी आपकी सेक्सुअल फिटनेस कम होती जाएगी.
स्पेशल टिप: ऐसे में ज़रूरी है पार्टनर के साथ समय बिताएं. प्यार भरी बातें करें, एक-दूसरे को सहयोग करें, जिसका सीधा प्रभाव आपकी सेक्स लाइफ पर पड़ेगा.
मानसिक स्थिति: मानसिक तनाव, काम का बोझ और घरेलू ज़िम्मेदारियां भी आपको सेक्स के प्रति उदासीन बना देती हैं. बेहतर होगा कि अपने काम का तनाव बेडरूम में न ले जाएं. आप मिल-जुलकर हर समस्या का समाधान निकाल सकते हैं, इसलिए अपने रिश्ते और सेक्स लाइफ पर इन रोज़मर्रा की बातों का असर न पड़ने दें.
स्पेशल टिप: पुरुषों की 90% सेक्स समस्या, जैसे- शीघ्रपतन आदि मानसिक अवस्था से ज़्यादा जुड़ी होती है, बजाय शारीरिक समस्या के. ठीक इसी तरह महिलाओं में योनि में सूखापन, दर्दयुक्त सेक्स आदि भी सेक्स के प्रति उदासीनता की वजह से हो सकता है.
शारीरिक पहलू: सेक्सुअल फिटनेस बहुत हद तक आपकी शारीरिक फिटनेस से भी जुड़ी होती है. अगर आपको कोई सेक्सुअल या शारीरिक समस्या है, तो काउंसलर या एक्सपर्ट की मदद लेने से परहेज़ न करें.
स्पेशल टिप: योग व एक्सरसाइज़ को भी अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं. साथ में जॉगिंग या योगा क्लासेस जॉइन करें, इससे आप दोनों में नज़दीकियां बढ़ेंगी, जिसका सकारात्मक असर आपकी सेक्सुअल फिटनेस पर पड़ेगा.
नकारात्मक सोच से बचें
मन में बैठी भ्रांतियों व ग़लतफ़हमियों के कारण अपनी सेक्सुअल फिटनेस कम न होने दें- अधिकतर लोगों को लगता है कि फैंटसाइज़ करना, मास्टरबेट करना या किसी की तरफ़ आकर्षण महसूस करना ग़लत है. जबकि ये तमाम चीज़ें आपकी सेक्सुअल फिटनेस का अहम् हिस्सा हैं और आपकी फिटनेस को दर्शाती हैं.
सामाजिक व पारिवारिक पहलू
जहां तक महिलाओं की बात है, तो बचपन से ही पालन-पोषण अलग ढंग से होने के कारण या अन्य कारणों से भी वो सेक्स को लेकर उतनी उत्साहित नहीं रहतीं. उन्हें लगता है कि सेक्स के बारे में बात करना ग़लत है या चाहत होने पर भी सेक्स के लिए पहल न करना ही सही है, क्योंकि स्त्रियों को शर्मीला होना चाहिए और यही शर्मीलापन उनके संस्कार व चरित्र की सही व्याख्या करेगा. तमाम ऐसी बातें महिलाओं को सेक्सुअली अनफिट बनाती हैं और वो अपने पार्टनर को ठीक से सहयोग नहीं करतीं. इसके अलावा वो अपनी बॉडी को लेकर भी काफ़ी कॉन्शियस रहती हैं, उन्हें लगता है कि उनका फिगर या उनकी शारीरिक ख़ूबसूरती उनके पार्टनर को आकर्षित करने के लिए नाकाफ़ी है.
स्पेशल टिप: इस तरह की नकारात्मक सोच न रखें. फिज़िकल फिटनेस पर ध्यान ज़रूर दें, लेकिन मानसिक रूप से भी पॉज़ीटिव बनी रहें. आपका सहयोग और आपका प्यार आपकी शारीरिक ख़ूबसूरती से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है रिश्ते व सेक्स लाइफ को हेल्दी बनाए रखने के लिए.
क्या करें?
– फोरप्ले ज़रूर करें. अच्छे सेक्स के लिए अच्छा फोरप्ले बहुत ज़रूरी है.
– इसी तरह से अच्छे सेक्स के लिए रोमांस होना भी बहुत ज़रूरी है, इसलिए व्यस्त दिनचर्या से रोमांटिक पलों को ज़रूर चुराएं.
– खान-पान हेल्दी हो. फिज़िकल फिटनेस आपको सेक्सुअली भी फिट रखेगी.
– सेक्स बूस्टर फूड को अपने डायट का हिस्सा बनाएं, जैसे- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, फ्लैक्स सीड(अलसी), सोयाबींस, सनफ्लावर सीड्स, सी फूड, नट्स, ताज़ा फल, ख़ासकर विटामिन सी युक्त आदि. साथ ही एक्सरसाइज़ भी करें.
– जंक फूड, अल्कोहल का सेवन कम करें.
– तनाव से दूर रहें.
– अगर कोई समस्या हो, तो काउंसलर व एक्सपर्ट से सलाह लें.
मेरी उम्र 31 वर्ष है और शादी को डेढ़ साल हो गए. मेरे पति (Husband) काफ़ी हैंडसम और केयरिंग हैं, लेकिन मैं सेक्स (Sex) के दौरान क्लाइमैक्स पर नहीं पहुंच पाती, क्योंकि मेरा ध्यान मेरे पहले बॉयफ्रेंड (Boyfriend) की तरफ़ चला जाता है. जब भी पति मेरे क़रीब आते हैं, मैं अपने बॉयफ्रेंड की यादों में खो जाती हूं. क्या करूं?
– प्रज्ञा तांबे, महाराष्ट्र.
आप अभी अपने पति के साथ हैं, यही आपकी रियल लाइफ है, जहां आपकी सेक्स लाइफ वाकई एक्टिव है. आप क्यों बीती यादों में खोई रहना चाहती हैं. बेहतर यही होगा कि आप बीती बातों से ख़ुद को बाहर निकालें और अपने पति के साथ अपनी शादीशुदा ज़िंदगी और सेक्स लाइफ को बेहतर बनाएं.
मेरे पति को पोर्न की लत लग गई है. वो रोज़ाना पोर्न मूवीज़ देखते हैं और मुझे भी साथ में देखने को कहते हैं. इसके अलावा वो चाहते हैं कि मैं भी उसी तरह से सेक्स करूं, जैसा उन मूवीज़ में दिखाया जाता है. मैं बहुत ही डिस्टर्ब हो जाती हूं और अपनी सेक्स लाइफ ज़रा भी एंजॉय नहीं कर पाती. क्या मैं अपने पति की सोच को बदल सकती हूं?
– साई आचार्य, बुलढाणा.
पोर्न की लत बहुत-से पुरुषों को होती है, लेकिन अधिकांश पति यह समझ नहीं पाते कि इससे वो अपनी ही सेक्स लाइफ ख़राब कर रहे हैं. बेहतर होगा आप पति के साथ बैठकर बात करें, उन्हें प्यार से समझाएं, ताकि सेक्स के प्रति उनका नज़रिया बदले और आप दोनों ही एंजॉय कर पाएं.
भागदौड़ और व्यस्तता भरी ज़िंदगी में वैवाहिक दंपतियों की सेक्स लाइफ (Sex Life) में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है. ऐसे में कई बार पति-पत्नी के अंतरंग रिश्तों में रोमांस की जगह बोरियत पैदा हो जाती है. अगर पति या पत्नी में से कोई एक दिमाग़ी तौर पर तनावग्रस्त होता है तो उसका सीधा असर उनके बेडरूम में दिखाई देता है, जहां पति-पत्नी के मन में सेक्स के लिए पैशन व प्लेज़र की जगह बोरियत और नीरसता के भाव जागने लगते हैं. अधिकांश लोगों ने यह अनुभव भी किया होगा कि जब वो टेंशन फ्री होते हैं तब सेक्स को ज़्यादा एन्जॉय करते हैं, लेकिन जब वो किसी तरह की मानसिक परेशानी में होते हैं तो इसका दुष्प्रभाव उनकी सेक्स लाइफ पर भी दिखाई देता है. आख़िर मानसिक स्वास्थ्य और सेक्स लाइफ के बीच क्या कनेक्शन है? चलिए जानते हैं.
दिमाग़ का सेक्स से कनेक्शन
सेक्स का दिमाग़ से सीधा कनेक्शन है, क्योंकि जब हम सेक्स के बारे में सोचते हैं तब हमारा दिमाग़ मूड बनाने वाले हार्मोन सेरोटोनिन का स्राव करता है. इस हार्मोन के स्राव से हमारे यौन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, लेकिन जब कोई मानसिक तौर पर अस्वस्थ या परेशान होता है या फिर दवाइयों का सेवन कर रहा है तो इसका सीधा असर उसकी सेक्स लाइफ पर दिखाई देता है. ऐसे में व्यक्ति को सेक्सुअल डिसफंक्शन या कामेच्छा में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए स़िर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रहना बेहद आवश्यक है.
1- पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
कई अध्ययनों में यह ख़ुलासा किया गया है कि जो महिला या पुरुष पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के शिकार होते हैं उनकी सेक्स लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होती है. इससे पीड़ित लोगों को अपने अंतरंग रिश्तों में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि यह ट्रॉमा बीते समय में हुए यौन हिंसा या किसी गंभीर दुर्घटना के कारण भी हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पीड़ित व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान उत्तेजना की कमी महसूस करता है और सेक्स में उसकी सक्रियता नहीं रहती है.
2- डिप्रेशन
डिप्रेशन यानी अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर शारीरिक ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं, जिसके कारण सेक्स में उनकी रुचि कम होने लगती है या फिर उनकी कामेच्छा में कमी आ जाती है. ऐसे लोग सेक्सुअल डिसफंक्शन के शिकार हो जाते हैं, जिसके चलते उनमें इरेक्शन या ऑर्गेज्म की कमी जैसी समस्याएं हो जाती हैं. कई मामलों में एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों के सेवन से भी सेक्स लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता दिखाई देता है.
3- एंज़ायटी
कई अध्ययनों से यह पता चला है कि एंज़ायटी से पीड़ित क़रीब 75 फ़ीसदी लोगों में यौन समस्याएं होती हैं. इससे पीड़ित पुरुषों में जहां इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या देखी जाती है, वहीं महिलाओं में सेक्सुअल अवर्शन डिसऑर्डर हो सकता है, जिसमें सेक्स से डर और उससे बचने जैसी चीज़ें शामिल हैं. यह समस्या उन लोगों को भी हो सकती है जिनके साथ यौन शोषण हुआ हो, इसके अलावा सोशल एंज़ायटी से पीड़ित लोगों की कामेच्छा में भी कमी आ सकती है.
4- ईटिंग डिसऑर्डर
जब कोई व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में या बहुत कम मात्रा में खाना शुरू कर देता है तो इसे ईटिंग डिसऑर्डर कहा जाता है. यह एक तरह की मानसिक बीमारी है. इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों में सेक्सुअल एंज़ायटी, सेक्स से बचना, सेक्स के प्रति उदासीनता और सेक्सुअल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एक रिसर्च के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार है तो इससे उसके शरीर में कामोत्तेजना बढ़ाने वाले हार्मोन्स का उत्पादन सीधे तौर पर प्रभावित हो सकता है.
5- बाइपोलर डिसऑर्डर
बाइपोलर डिसऑर्डर एक ऐसा मानसिक विकार है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का मूड बार-बार बदलता है. कभी उसका आत्मविश्वास चरम पर होता है तो कभी उसका आत्मविश्वास एकदम निचले स्तर पर चला जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति एक पल ख़ुश तो अगले ही पल दुखी और अवसादग्रस्त हो जाता है, जिसके चलते उसकी सेक्सुअल लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में उनका बार-बार बदलता मूड और व्यवहार अंतरंग रिश्तों के लिए घातक बन जाता है.
6- बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
अनुचित या अत्यधिक भावनात्मक प्रतिक्रियाएं देना, अत्यधिक आवेगपूर्ण व्यवहार करना और अस्थिर संबंधों का इतिहास इत्यादि बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं. इससे पीड़ित लोग न तो नौकरी में स्थिर रह पाते हैं और न ही अपने निजी रिश्तों में. यही वजह है कि इनकी सेक्सुअल लाइफ बदतर होती है, क्योंकि इससे पीड़ित व्यक्ति या तो सेक्स से बचने की कोशिश करता है या फिर वो सेक्स के दौरान अत्यधिक आवेग में आ जाता है.
7- स्किज़ोफ्रेनिया
आंकड़ों के मुताबिक़, भारत में विभिन्न डिग्री के स्किज़ोफ्रेनिया से लगभग 40 लाख लोग पीड़ित हैं. यह बीमारी एक हज़ार वयस्कों में से क़रीब 10 लोगों को अपना शिकार बनाती है और यह सबसे ज़्यादा 16 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को प्रभावित करती है. रोग की गंभीरता के आधार पर इससे पीड़ित व्यक्ति की सेक्स क्षमता कम या सीमित हो सकती है, जिसके चलते इरेक्शन सही तरी़के से नहीं हो पाता है और ऑर्गेज्म पाने की क्रिया बिगड़ सकती है.
8- ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसऑर्डर (ओसीडी)
ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति एक ही चीज़ को बार-बार करता है, जैसे- बार-बार हाथ धोना, दरवाज़े का लॉक चेक करना, साफ़-सफ़ाई पर ज़्यादा ध्यान देना इत्यादि. ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसऑर्डर का असर पीड़ित व्यक्ति की सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है. इससे पीड़ित व्यक्ति अति कामुक, यौन कल्पना यानी सेक्सुअल फेंटसी और मास्टरबेशन का आदी हो सकता है. हालांकि इसके लक्षणों को कम करने के लिए उपचार और दवाइयों की मदद ली जा सकती है.
अगर किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कारण आपकी सेक्स लाइफ बाधित हो रही है तो इलाज के अलावा आपको कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.
दवाइयों में बदलाव- आप जिस मनोरोग विशेषज्ञ से अपना इलाज करा रहे हैं उससे अपनी सेक्स लाइफ पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में खुलकर बात करें और उससे दवाइयों में कुछ बदलाव करने की अपील करें, ताकि आपकी सेक्स लाइफ पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव कुछ हद तक कम हो सकें.
पार्टनर से कुछ न छुपाएं-अगर आप किसी मानसिक परेशानी से गुज़र रहे हैं तो इस बारे में अपने पार्टनर से खुलकर बात करें. उससे अपनी मानसिक स्थिति और सेक्स लाइफ में आ रही परेशानियों के बारे में बात करें. इससे पार्टनर आपकी मन:स्थिति को अच्छी तरह से समझेगा और आपके रिश्ते में मज़बूती बनी रहेगी.
थेरेपिस्ट की मदद लें-हो सकता है कि इलाज के दौरान थेरेपिस्ट या विशेषज्ञ आपकी सेक्स लाइफ के बारे में न पूछें, ऐसे में आपकी मानसिक स्थिति के कारण आपकी सेक्स लाइफ किस तरह से बाधित हो रही है इसके बारे में उन्हें आपको ख़ुद बताना होगा. इसलिए अपनी हिम्मत बढ़ाएं और थेरेपिस्ट के साथ-साथ अपने पार्टनर को भी इस समस्या के बारे में बताएं.
ये चीज़ें भी हैं ज़रूरी- मानसिक बीमारी के कारण सेक्स लाइफ पर पड़ रहे दुष्प्रभाव के बारे में हरदम सोचने की बजाय अपने पार्टनर से खुलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीखें, पार्टनर के साथ हंसी-मज़ाक करें, अपनी जीवनशैली में शामिल अन्य अच्छी चीज़ों पर भी ध्यान दें. इससे पार्टनर के साथ आपका भावनात्मक रिश्ता मज़बूत होगा और आपके अंतरंग रिश्तों में भी सुधार आने लगेगा.