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Siddhant Chaturvedi
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नेपोटिज़्म से दूर बॉलीवुड में अपने दम पर खास मुकाम हासिल करनेवाले बहुमुखी अभिनेताओं की कमी नहीं है, पर इनकी विशेषता है कि इनके पिता कोई बड़ी हस्ती नहीं है. ये लोग ऐसे परिवार से संबंध रखते हैं, जो बहुत ही सदा जीवन जीते हैं. बॉलीवुड की चकाचौंध से इन एक्टर्स के फादर्स को कोई मतलब नहीं हैं. अपने बच्चों की तरक्की से बहुत खुश होने के बाद आम आदमी की ज़िंदगी जीते हैं. आइये एक आज डालते हैं, इन अभिनेताओं और उनके पिता पर.
- मनोज वाजपेयी
आज मनोज वाजपेयी बॉलीवुड का जाना पहचाना नाम है, जिन्होंने अपने करियर में फिल्म “गैंग्स ऑफ़ वासेपुर” और वेब सीरीज़ “द फैमिली मैन” में दमदार प्रदर्शन किया है. वह भी बिना किसी नेपोटिज़्म सपोर्ट वाले एक्टर हैं. इंडस्ट्री के टैलेंटड एक्टर्स में से एक मनोज नए कलाकारों के लिए प्रेरणा स्त्रोत माने जाते हैं. उनके पिता का नाम राधाकांत बाजपेयी है. सुपरस्टार बन जाने के बाद भी उनके पिता गांव में मूलभूत सुविधाओं के साथ सामान्य जीवन बिता रहे हैं.
2. पंकज त्रिपाठी
मिर्ज़ापुर और सेक्रेड गेम्स जैसी वेब सीरीज़ में अपनी जबर्दस्त परफॉर्मन्स से फैंस का दिल जीतनेवाले पंकज त्रिपाठी लाखों दिलों पर राज करते हैं. वेब सीरीज़ में आने से पहले उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया है. पंकज की परफॉर्मन्स को पहली बार फिल्म गैंग ऑफ़ वासेपुर में नोटिस किया गया था. इस फिल्म में उन्होंने सुल्तान नाम के आदमी का किरदार निभाया था. क्या आपको पता है कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी पंकज बिहार के एक छोटे से गांव से है. उनके पिता का नाम पंडित बनारस त्रिपाठी हैं और वे अपने बेटे की तरक्की से बहुत खुश हैं. पर पंकज के माता-पिता उनके साथ मुंबई में नहीं रहते हैं, बल्कि बिहार के गोपालगंज के बेलसंद गांव में रहते हैं. उनके पिता पेशे से किसान हैं और भी वही सीधी सादी ज़िंदगी जीते हैं, जो बेटे के एक्टर बनने से पहले जीते थे.
3. सिद्धांत चतर्वेदी
फिल्म गली बॉय से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले सिद्धांत चतर्वेदी ने इस फिल्म में एमसी शेर का किरदार निभाया था, जिसे दर्शकों ने बेहद सराहा. सिद्धांत के पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनकी मां गृहिणी हैं. अपने दम पर बॉलीवुड में जगह बनाने वाले सिद्धांत चतर्वेदी की मुंबई में ही रहती है, मुंबई में रहते हुए ही उनकी फैमिली बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर सादा जीवन जी रही है
4. आयुष्मान खुराना
बॉलीवुड की हिट मशीन कहे जाने वाले आयुष्मान खुराना स्वभाव से बहुत शांत और बेहद टैलेंटेड एक्टर है. फैंस उनकी रेयलिस्टक एक्टिंग को बहुत पसंद करते हैं.हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले आयुष्मान ने टीवी सीरियल्स और रियलिटी शो किए हैं. एक इंटरव्यू में अपने बारे में बताते हुए कहा, “फिल्म विकी डोनर साइन करने से पहले 5 फिल्में रिजेक्ट की थी, क्योंकि वह ऐसी फिल्म में काम करना चाहते थे, जिससे वे बॉलीवुड में अपनी पहचान बना सकें.” आयुष्मान अक्सर सामाजिक मुद्दों पर आधारित फ़िल्में करते हैं. अपने पिता पी खुराना के बारे में बात करते हुए आयुष्मान बताते हैं कि उन पर अपने पिता का बहुत प्रभाव है. वे ज्योतिषी हैं। अपने पिता के कहने पर उन्होंने नाम में एक्स्ट्रा एन एड किया था. उनके पिता अभी भी चंडीगढ़ के उसी गाँव में रहते हैं जहां पर आयुष्मान का जन्म हुआ था.
5. कार्तिक आर्यन
नेपोटिज़्म से दूर उभरते हुए टैलेंटेड एक्टर कार्तिक आर्यन का बॉलीवुड में कोई गॉड फादर नहीं है.अपनी मेहनत के दम पर कार्तिक ने बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स में अपनी जगह बनाई है. वो में नज़र आए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार्तिक का असली नाम कार्तिक तिवारी है और उनका किसी फ़िल्मी घराने से कोई रिश्ता नहीं है. कार्तिक के पिता मनीष तिवारी एक pediatrician हैं और मां एक गायनो कार्तिक ने फिल्म प्यार का पंचनामा में एक छोटा-सा किरदार निभाकर बॉलीवुड में डेब्यू किया और फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी, लव आज कल और पति-पत्नी औरकोलॉजिस्ट हैं। यहाँ तक कि उनकी बहन भी डॉक्टर है. फिल्मों में आने से इंजीनियरिंग कर रहे थे, लेकिन एक्टिंग का शौक होने के कारण पढाई बीच में छोड़ कर एक्टर बन गए. सुपरस्टार बनने के बाद भी उनके पैरेंट्स में कोई घमंड नहीं है. उनकी पैरेंट्स मध्य प्रदेश में रहते हैं और बहुत साधारण-सा जीवन हैं जी रहे.
6. सिद्धार्थ मल्होत्रा
स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से बॉलीवुड में आने एंट्री करने वाले सिद्धार्थ मल्होत्रा के पिता मर्चेंट नेवी में ऑफिसर हैं और सुर्ख़ियों से दूर रहते हैं.
7. रणदीप हुड्डा
वर्सेटाइल एक्टर रणदीप हुड्डा नॉन फिल्मी बैक राउंड से हैं. उनके पिता सर्जन हैं. वे अपने पिता के इतने करीब हैं कि हर छोटी से छोटी बात पर उनसे सलाह जरूर लेते हैं.
8. अनुष्का शर्मा
अनुष्का शर्मा ने यश राज बैनर की फिल्म रब ने बना दी जोड़ी से अपने करियर की शुरुआत की थी और उनकी पहली फिल्म ही सुपर रही. उसके बाद अनुष्का ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज उनका नाम इंडस्ट्री की सफल एक्ट्रेस में आता है. पर क्या आप जानते है है कि अनुष्का के पिता अजय कुमार शर्मा इंडियन आर्मी में अफसर थे, हालांकि अब वे रिटायर हो गए हैं. रिटायरमेंट के बाद अब वे घर पर रहते हैं और अपनी पत्नी के साथ बहुत साधारण ज़िंदगी जी रहे हैं.
9. आर माधवन
साउथ और हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखरनेवाले आर माधवन के पिता रंगनाथन टाटा स्टील कंपनी में मैनेजमेंट एक्सक्यूटिव हैं. अनपे पिता की तरह माधवन भी काफी टैलेंटेड हैं.
10. रणबीर सिंह
सिंबा, पद्मावत, बैंड बाजा और बारात सहित अनेक हिट फिल्में देने वाले रणबीर सिंह ने इंडस्ट्री में अपने दम पर खास मुकाम बनाया है. उनका भी कोई फिल्मी बैक राउंड नहीं है. लेकिन उनके पिता फल बिज़नेसमैन हैं, जिन्हें बॉलीवुड की लाइमलाइट से कोई सरोकार नहीं है. बेटे रणबीर के सुपरस्टार बनने के बाद भी वह सिंपल लाइफस्टाइल जीते हैं.

अपने फेवरेट स्टार के बारे में वैसे तो हम कुछ जानते हैं कि वो क्या खाते हैं, क्या पहनते हैं, कैसे रहते हैं, उनकी फैमिली-रिलेशनशिप की बातें… सब कुछ, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं इन फ़िल्म स्टार्स के उन सुपर डैड के बारे में, जो बॉलीवुड से ताल्लुक नहीं रखते, लेकिन अपने फील्ड में मास्टर हैं और बेहद सक्सेसफुल भी.
आयुष्मान के पापा पी खुराना हैं ज्योतिषी
आयुष्मान खुराना बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता हैं जो न सिर्फ बेहतरीन एक्टर हैं बल्कि लाजवाब गायक और लेखक भी हैं. पर शायद आप नहीं जानते होंगे कि आयुष्मान के फादर पी खुराना मशहूर ज्योतिषी और अंकशास्त्री हैं और उनके क्लाइंट लिस्ट में काफी बड़े लोग शामिल हैं. पापा के कहने पर ही आयुष्मान ने अपने नाम की स्पेलिंग में बदलाव किए और आज कामयाब भी हैं. उनके नाम में जितने भी शब्द (Alphabets) एक्स्ट्रा हैं वो उनके पिता ने जोड़े हैं. इतना ही नहीं, करियर की शुरुआत से ही आयुष्मान पापा की ज्योतिष सलाह मानते आ रहे हैं, एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ”मेरा जर्नलिज्म का एग्जाम चल रहा था और मेरा दिल्ली शिफ्ट होने का प्लान था. लेकिन मैंने सोचा था एक साल बाद जाऊंगा, लेकिन पापा ने कहा कि एक साल बाद जाओगे तो काम नहीं मिलेगा अभी जाओ. मैं एग्जाम खत्म होने के दूसरे दिन ही दिल्ली चला गया. यहां दो साल तक था रेडियो जॉकी का काम किया. वहां सब अच्छा चल रहा था, तो पापा का एक दिन कॉल आया कि मुम्बई चला जा, वहां सक्सेस तेरा इंतज़ार कर रही है और मैं मुम्बई चला आया.” हालांकि आयुष्मान ने कहा कि वो ज्योतिष में विश्वास नहीं करते, लेकिन अपने पिता की बात मानते हैं.
कार्तिक आर्यन के फादर है बच्चों के डॉक्टर
कार्तिक आर्यन का असली नाम कार्तिक तिवारी है. एक नॉर्मल मिडल क्लास फैमिली से आने वाले आर्यन का नाता बॉलीवुड से दूर-दूर तक नाता नहीं था. उनकी फैमिली में ज़्यादातर लोग डॉक्टर हैं, लेकिन कार्तिक को एक्टिंग में इंटरेस्ट था, तो वो इंजीनियरिंग छोड़कर यहां आ गए और अपने एक्टिंग के दम पर और किसी से भी मदद लिए बिना, आज एक कामयाब कलाकार बन गए हैं.
पर शायद बहुत कम लोगों को पता है कि उनके पिता मनीष तिवारी डॉक्टर हैं. वो बच्चों के डॉक्टर यानी बाल रोग विशेषज्ञ हैं. इतना ही नहीं कार्तिक की मां माला तिवारी भी गायनाकोलोजिस्ट यानी स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. इसके अलावा कार्तिक की एक छोटी बहन भी है, जिसका नाम किट्टू है ओर वो भी एक डॉक्टर है.
सिद्धार्थ मल्होत्रा के फादर हैं मर्चेंट नेवी में ऑफिसर
ज़्यादातर लोगों को लगता है कि सिद्धार्थ मल्होत्रा स्टार किड हैं. पर ये बिल्कुल सच नहीं है. ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ फ़िल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले सिद्धार्थ के पिता का नाम सुनील मल्होत्रा है और वो मर्चेंट नेवी के फॉर्मर कैप्टेन रह चुके है जबकि मां रीमा मल्होत्रा एक डॉक्टर हैं. पर सिद्धार्थ ने 18 साल की उम्र से ही मॉडलिंग करनी शुरू कर दी थी. बाद में फिल्ममेकर करण जौहर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘माय नेम इज खान’ में सह-निर्देशक के तौर पर काम करने का मौका दिया और करण ने ही उन्हें ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ में ब्रेक दिया. आज वो इंडस्ट्री में अपनी अच्छी खासी पहचान बना चुके हैं और उनकी ज़बरदस्त फीमेल फैन फॉलोइंग है.
रणदीप हुडा के पापा हैं जाने माने सर्जन
रणदीप ने हालांकि गिनती की फिल्में की हैं, लेकिन कम फिल्मों में ही अपनी दमदार एक्टिंग से उन्होंने दर्शकों के दिल पर एक गहरी छाप छोड़ी है. रणदीप की अपने पापा के साथ एक खास तरह की केमिस्ट्री है और अपने पापा के साथ फोटोज वो अक्सर सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. बहुत कम लोगों को पता होगा कि उनके पापा रणबीर हुडा पेशे से सर्जन हैं. रणदीप भी बॉलीवुड के उन चंद एक्टर्स में से हैं, जो हाइली एडुकेटेड हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मॉर्केटिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बिजनेस मैनेजमेंट और ह्यूमन रिर्सोस मैनेजमेंट में स्नाकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है, लेकिन उन्हें करियर एक्टिंग में ही बनाना था और आखिरकार काफी स्ट्रगल के बाद उन्हें मीरा नायर की चर्चित फिल्म ‘मॉनसून वेडिंग’ से बॉलीवुड में ब्रेक मिल ही गया.
आर माधवन के पापा रंगनाथन हैं टाटा स्टील में मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव
बॉलीवुड और टॉलीवुड दोनों जगह फिल्मों में कई बेहतरीन कैरेक्टर निभानेवाले आर माधवन एक उच्च शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पापा रंगनाथन टाटा स्टील में मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां सरोजा बैंक ऑफ़ इंडिया में मैनेजर हैं. उनकी छोटी बहन यूके में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. माधवन भी हमेशा से पढ़ाई में बेहद अव्वल थे. उन्हें साल 1988 में अपने स्कूल को बतौर कल्चरल एम्बैसडर के तौर पर कनाडा में रिप्रेजेंट करने का अवसर भी मिला था. माधवन की कभी भी एक्टर बनने की ख्वाइश नहीं थी. वह एक आर्मी ऑफिसर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत उन्हें यहां ले आई और उन्होंने बतौर एक्टर खुद को साबित भी किया.
सनी सिंह के फादर जय सिंह निज्जर हैं स्टंट कोऑर्डिनेटर
प्यार का पंचनामा, सोनू के टीटू की स्वीटी’ और ‘उचड़ा चमन’ जैसी फ़िल्मों में एक्टिंग कर चुके सन्नी सिंह को हर कोई पहचानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके पापा जय सिंह निज्जर बॉलीवुड में बतौर स्टंट डाइरेक्टर कई फिल्मों में काम कर चुके हैं. उनकी कुछ चुनिंदा फिल्मों में शिवाय, हिम्मतवाला, चेन्नई एक्सप्रेस, सिंघम सीरीज की फिल्में प्रमुख हैं.
सिद्धांत चतुर्वेदी के पापा हैं चार्टर्ड अकाउंटेंट
पिछले साल फ़िल्म ‘गली बॉय’ में एमसी शेर का किरदार निभाकर चर्चा में आनेवाले सिद्धांत चतुर्वेदी की इस फ़िल्म में एक्टिंग की खूब तारीफें हुईं. बिना कोई फिल्मी बैकग्राउंड के बावजूद सिद्धांत ने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है. आपको बता दें कि उनके पापा चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और
सिद्धांत भी अपने पिता की तरह चार्टर्ड अकाउंटेट बनना चाहते थे, लेकिन 2012 में मुंबई टाइम्स का नेशनल टैलेंट हंट जीतना उनके लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. इसके बाद उन्होंने एक्टिंग पर ही फोकस करना शुरू कर दिया.

गली बॉय में एमसी शेर का किरदार निभानेवाले टैलेंटेड एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी देश के युवाओं में काफ़ी पॉप्युलर हैं. इस फ़िल्म के बाद सिद्धांत रातोंरात स्टार बन गए. हालांकि बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए सिद्धांत ने काफ़ी स्ट्रगल किया है और वह उनकी अदाकारी में साफ़ झलकता भी है. सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद देश में एक बार फिर नेपोटिज़्म यानी बॉलीवुड में चल रहे भाई-भतीजावाद पर बहस छिड़ गई है. नेपोटिज़्म के मुद्दे पर एक टॉक शो में सिद्धांत चतुर्वेदी ने अनन्या पांडेय की बात पर करारा जवाब दिया था, जिसके बाद सिद्धांत का जवाब काफ़ी वायरल हुआ था. बेबाक सिद्धांत से जुड़ी ऐसी ही कुछ बातों के बारे में आइए जानते हैं.
सिद्धांत चतुर्वेदी का जन्म 29 अप्रैल 1993 को बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ था. महज़ 5 साल की उम्र में ही सिद्धांत बलिया से मुंबई आ गए थे.
उनके पिता एक चार्टेड अकाउंटेंट हैं, जबकि मां होममेकर हैं. सिद्धांत बड़े होकर चार्टेड अकाउंटेंट ही बनना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से पढ़ाई की. पर उन्हें एक्टिंग का भी शौक था, इसलिए कॉलेज के प्ले में शौकिया ऐक्टिंग भी किया करते थे.
सीए की आर्टिकलशिप के दौरान सिद्धांत ने कुछ अलग करने के इरादे से 2013 में टाइम्स ऑफ इंडिया के फ्रेश फेस कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और कॉन्टेस्ट जीतकर 2013 के फ्रेश फेस बने. 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर के बाद सिद्धांत ने फ्रेश फेस वाली फ़ोटो सोशल मीडिया पर शेयर की, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत मौजूद हैं. दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत उस कॉन्टेस्ट के जज थे. सिद्धांत ने लिखा कि यह फोटो मेरे लिए बहुत ख़ास है. सोचा था अगली बार जब मिलेंगे, तब आपको यह फोटो दिखाकर पूछूंगा कि आपको याद है, मैं वही लड़का हूं. यहीं से मेरा सफ़र शुरू हुआ था और आप उसमें हमेशा रहेंगे भाई.
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अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत सिद्धांत ने 2016 में वेब शो ‘लाइफ सही है’ से की थी. 4 रूममेट्स की कहानी पर बने इस शो में सिद्धांत ने साहिल हुड्डा का किरदार निभाया था.
साल 2017-2019 तक वेब सिरीज़ ‘इनसाइड एज’ में उन्होंने प्रशांत कनौजिया का किरदार निभाया, जिसे लोगों ने काफ़ी पसंद किया. यह शो आईपीएल से प्रेरित था.
सिद्धांत की बॉलीवुड एंट्री की कहानी भी काफ़ी मज़ेदार है. दरअसल गली बॉय फ़िल्म की डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ज़ोया अख्तर ने सिद्धांत को इनसाइड एज की सक्सेस पार्टी में डांस करते देखा और उनसे बात की.
एक इंटरव्यू में सिद्धांत ने बताया था कि पार्टी में ज़ोया मेरे पास आईं और मेरा नाम पूछा. उन्होंने बताया कि वो एक फ़िल्म बना रही हैं गली बॉय. ज़ोया ने सिद्धांत से पूछा कि क्या वो इस फ़िल्म के लिए ऑडिशन दे चुके हैं, तो उन्होंने ना में जवाब दिया. ज़ोया ने उन्हें ऑडिशन के लिए बुलाया और कोई रैप सॉन्ग याद करने के लिए कहा.
सिद्धांत बताते हैं कि उस रात वो सोए नहीं. मुम्बई के फेमस रैपर्स डिवाइन और नाज़ी के रैप सॉन्ग्स देखकर वो हैरान रह गए. उनके टैलेंट को देखकर सिद्धांत बेहद एक्साइटेड हो गए थे, पर उन्हें यह भी समझ में आया कि उनका स्ट्रगल और इन रैपर्स के स्ट्रगल में ज़्यादा अंतर नहीं है. सिद्धांत ने रातभर जागकर किसी और गाना याद करने की बजाय ख़ुद का गाना बनाया और ऑडिशन दिया.
अगले दिन ज़ोया अख्तर का फ़ोन आता है कि उन्हें ऑडिशन बहुत पसंद आया और वो फ़िल्म की स्क्रिप्ट उन्हें भेज रही हैं. अगर स्क्रिप्ट अच्छी लगे, तो वो उनके साथ फ़िल्म करना चाहती हैं. सिद्धांत को एमसी शेर का किरदार मिला, जिसने उन्हें घर-घर में पहचान दिल दी.
एक टॉक शो पर सिद्धांत चतुर्वेदी समेत कई यंगस्टर्स को बुलाया गया था, जहां अनन्या पांडे ने नेपोटिज़्म के सवाल पर अपना पक्ष रखा था. अनन्या पांडेय ने कहा था कि मेरे पापा ऐक्टर हैं, इसका यह मतलब नहीं कि मैं एक्टर न बनूं. मैं बचपन से ही एक्टर बनना चाहती थी. मेरे पापा ने कभी कोई धर्मा प्रोडक्शन की फ़िल्म नहीं की और न ही वो कभी कॉफी विद करण पर गए हैं, तो हर किसी का अपना स्ट्रगल होता है, अपनी कहानी होती है. इस पर सिद्धांत चतुर्वेदी ने करारा जवाब देते हुए कहा था कि बस फ़र्क इतना है कि जहां से इनका स्ट्रगल शुरू होता है, वहीं हमारे सपने पूरे हो जाते हैं. सिद्धांत का यह जवाब इंटरनेट पर काफ़ी वायरल हुआ था. और अनन्या पांडेय को लोगों ने काफ़ी ट्रोल भी किया था.
फ़िल्म गली बॉय के लिए सिद्धांत को फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड भी मिला. फिलहाल सिद्धांत अपनी आनेवाली फ़िल्म बंटी और बबली 2 की तैयारियों में लगे हैं. साथ ही उनके पास एक और प्रोजेक्ट है, जिसमें वो दीपिका पादुकोण के साथ नज़र आएंगे.
सिद्धांत की राइटिंग स्किल भी बहुत अच्छी है. हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया से अपना पहला म्यूज़िक वीडियो ‘धूप’ रिलीज़ किया. इस वीडियो की सबसे दिलचस्प बात है कि इसे सिद्धांत ने पापा ने शूट किया है, जो पेशे से सीए हैं. धूप की पंक्तियां भी बेहद ख़ूबसूरत हैं.
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सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से ही बॉलीवुड में नेपोटिज्म की चर्चा फिर शुरू हो गई है. कंगना रनौत का वीडियो, शेखर कपूर के ट्वीट और अभिनव भट्ट द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट से लोगों के बीच बॉलीवुड में नेपोटिज्म वाले मुद्दे को फिर हवा दे दी है. बॉलीवुड में नेपोटिज्म एक्सिस्ट करता है, ये मानते तो सभी हैं. बस फर्क इतना है कोई इसे सही मानता है तो कई गलत. आइए देखते हैं नेपोटिज्म पर किस स्टार की क्या सोच है.
इमरान हाशमी
नेपोटिज्म ना होता तो मैं एक्टर बन ही नहीं पाता.
इमरान हाशमी कहते हैं कि वो नेपोटिज्म का ही नतीजा हैं. एक कम टैलेंटेड एक्टर को उनके अंकल महेश भट्ट ने 2003 में फुटपाथ जैसी फ़िल्म से लॉन्च कर दिया. ”यानी इंडस्ट्री में नेपोटिज्म न होता तो मैं एक्टर बन ही नहीं पाता, मुझे ब्रेक ही नहीं मिल पाता. अगर मेरे अंकल महेश भट्ट, जो कि प्रोड्यूसर-डायरेक्टर हैं, न होते तो मैं भी एक एक्टर के तौर पर इंडस्ट्री में न होता.”
आयुष्मान खुराना
अगर नेपोटिज्म न होता तो 22 साल की उम्र में ही डेब्यू कर लिया होता
आयुष्मान खुराना, जिन्हें बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा और टैलेंट होने के बावजूद जिन्हें खुद को साबित करने के लिए सालों लग गए, ने कहा कि अगर नेपोटिज्म न होता तो उन्होंने 22 साल की उम्र में ही डेब्यू कर लिया होता. ”मेरी डेब्यू फिल्म ‘विकी डोनर’ मुझे 27 साल की उम्र में मिली. अगर मैं स्टार किड होता, तो ये फ़िल्म मुझे 22 साल की उम्र में ही मिल जाती. हालांकि मेरे मामले में ये 5 साल की देरी से मुझे कोई खास फर्क नहीं पड़ा. उल्टे मुझे लगता है 27 साल की उम्र में मैं ज़्यादा मैच्योर एक्टर बन पाया.”
राजकुमार राव
नेपोटिज्म की वजह से मैं कई नॉन टैलेंटेड लोगों को फिल्मों में एक्टिंग करते देखता हूँ.
राजकुमार राव ने हालांकि अपनी एक्टिंग और जो किरदार उन्होंने निभाये, उससे बॉलीवुड में अपनी एक अलग जगह बना ली, लेकिन उन्होंने भी माना कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म एक्सिस्ट करता है और इस वजह से उन्हें भी स्ट्रगल करना पड़ा और इस वजह से जिनके पास कोई टैलेंट नहीं है, उन्हें भी बड़ी फिल्में मिल जाती हैं.
”फेवरिटीज़म सब जगह है, हर फील्ड में है और रहेगा. चलो कोई बात नहीं. पर मुझे तब बुरा लगता है जब फेवरिटीज़म की वजह से नॉन टैलेंटेड लोगों को बड़ी फिल्मों में देखता हूँ. मैं स्क्रीन पर टैलेंटेड लोगों को देखना चाहता हूँ. मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो किस फैमिली का हिस्सा हैं, बस उनमें टैलेंट हो. इंडस्ट्री में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जैसे स्टार किड काम कर रहे हैं, लेकिन वो सही मायने में टैलेंटेड हैं.”
कंगना रनौत
स्टार किड तो शुरुआत ही वहीं से करते हैं, जहां उनके लिए सब कुछ, स्टारडम तक रेडी रहता है.
नेपोटिज्म पर अक्सर बोलने वाली कंगना ने ही दरअसल इस विषय पर बोलने की शुरुआत की थी जब करण जौहर के शो पर उन्होंने करण के मुंह पर ही कह दिया था कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म के लीडर करण ही हैं, तब से नेपोटिज्म पर विवाद थमा ही नहीं. नेपोटिज्म पर बोलते हुए एक इंटरव्यू में कंगना ने कहा था, ”क्या इन स्टार किड्स को पता भी है कि किसी भी एक्टर को ऑडियंस और क्रिटिक्स बनाने के लिए 10 साल से ज़्यादा लग जाते हैं. स्टार किड तो शुरुआत ही वहीं से करते हैं, जहां उनके लिए सब कुछ, स्टारडम तक रेडी रहता है. इसलिए वो कभी नहीं समझ पाएंगे कि आउटसाइडर को बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए कई बार पूरी ज़िंदगी लगा देनी पड़ती है.” सुशांत सिंह सुसाइड केस के बाद भी कंगना खुलकर नेपोटिज्म के खिलाफ बोल रही हैं.
करीना कपूर
अगर यहां रणबीर कपूर है तो यहां रणवीर सिंह भी है, जो किसी बॉलीवुड परिवार से वास्ता नहीं रखता.
नेपोटिज्म पर करीना कपूर का कहना है, ‘नेपोटिज्म कहाँ नहीं है? लेकिन कोई इसके बारे में बात नहीं करता. बिजनेस परिवारों में बेटे बिजनेस को आगे बढ़ाते हैं. राजनीतिक परिवारों में बेटे उनकी जगह लेते हैं. इस सब को नेपोटिज्म की श्रेणी में नहीं रखा जाता, बल्कि इसे अच्छा माना जाता है. बस बॉलीवुड को टारगेट किया जाता है. आप ये क्यों नहीं देखते कि कई स्टार किड्स भी उस मुकाम पर नहीं पहुंच पाए, जहां उनके माता-पिता पहुंचे. दरअसल में इंडस्ट्री में सिर्फ टैलेंट ही काम आता है और यहां वही टिक पाते हैं जिनमें टैलेंट हो, वरना यहां कई स्टार किड्स नंबर 1 की पोजीशन पर होते.’ करीना ने कहा, ‘अगर यहां रणबीर कपूर है तो यहां रणवीर सिंह भी है, यहां आलिया भट्ट है तो यहां कंगना रनोट भी है, जो किसी बॉलीवुड परिवार से वास्ता नहीं रखता. इसलिए मुझे लगता है कि ‘नेपोटिज्म’ की बहस बेमानी है.’
शाहरुख खान
मेरे भी बच्चे जो बनना चाहते हैं, बनेंगे और जाहिर है कि फादर होने के नाते मैं उनके साथ रहूंगा.
शाहरुख कहते हैं कि नेपोटिज्म पर इतनी कॉन्ट्रोवर्सी क्यों की जा रही है, “मुझे यह कॉन्सेप्ट बिल्कुल समझ नहीं आता. मेरे भी बच्चे हैं, वे जो बनना चाहते हैं, बनेंगे और जाहिर है कि मैं इसमें उनके साथ हूं और रहूंगा. सच बताऊं.. मुझे नेपोटिज्म शब्द समझ नहीं आता और यह भी कि इस पर बेवजह का बवाल क्यों मचा है? मैं दिल्ली का लौंडा हूं. वहां से मुंबई गया, लोगों का प्यार मिला और कुछ बना. मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे भी खुद अपने बूते पर नाम कमाएं. उनका फादर होने के नाते मुझसे जो भी बन पड़ेगा मैं करूँगा और ये मेरी ज़िम्मेदारी भी है.”
सोनू सूद
जब आप बाहर से होते हैं, तो कोई भी आप से नहीं मिलना चाहता.
सोनू सूद भी मानते हैं कि अगर आप फिल्मी बैकग्राउंड से न हों, तो सब कुछ मुश्किल हो जाता है. ”जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया, तो निश्चित रूप से मुझे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जब आप बाहर से होते हैं, मतलब नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से तो कोई भी आप से नहीं मिलना चाहता, कोई भी आपकी बात नहीं सुनना चाहता और आपका काम नहीं देखना चाहता. मुझे लगता है कि इस मुश्किल हालात से हर नए स्टार को गुजरना पड़ता है.”
रणवीर शौरी
इंडस्ट्री का जो पावर है, वो चार छह लोगों के ही कंट्रोल में है.
मैं ये नहीं कहूंगा कि पूरी इंडस्ट्री पर नेपोटिज्म हावी है, क्योंकि इंडस्ट्री तो बहुत बड़ी है. यहां बहुत सारी छोटी फिल्में भी बनती हैं. हां ये ज़रूर कहूंगा कि इस इंडस्ट्री का जो पावर है, वो चार- छह लोगों के ही कंट्रोल में है. मेरी भी अनदेखी हुई है मेनस्ट्रीम के बड़े नामों से. साल दो साल मैं भी घर पर बिना काम के बैठा हूं. किसी तरह मैं इंडिपेंडेंट फिल्मों और सीरीज की तरह खुद को यहां बरकार रख पाया हूं. जिनके ड्रीम्स बड़े होंगे, उनको ये सब अनदेखी झेलने के लिए बहुत स्ट्रेंथ चाहिए. यही वजह है कि मैंने अपनी महत्वकांक्षाएं कम कर ली थीं. मैं समझ गया था कि मुझे कभी भी मेनस्ट्रीम फिल्मों में लीड भूमिकाएं नहीं मिलेंगी, चाहे मेरी एक्टिंग कितनी अच्छी क्यों न हो.शुरुआत में इस लालच में मेनस्ट्रीम में छोटे मोटे रोल कर लेता था कि शायद नोटिस होने से अच्छा काम मिलेगा. फिर समझ आया कि वो आपको नोटिस ही नहीं करना चाहते हैं. फिर दीवार पर सर मारने से क्या होगा.”
अनन्या पांडे
‘आप स्टार किड हों तो पहली फ़िल्म मिलना एकदम आसान होता है.’
स्टूडेंड ऑफ द ईयर 2 से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली अनन्या पांडे मानती हैं कि अगर आप स्टार किड हो तो आपको लॉन्चिंग फ़िल्म आसानी से मिल जाती है. ”मेरा मतलब है आपको पहली फ़िल्म आसानी से मिल जाती है, लेकिन फिर अपनी पहचान बनाना, खुद को एक एक्टर के तौर पर प्रूव करना आपकी ज़िम्मेदारी होती है…. फाइनली टैलेंट ही सक्सेस की gaurantee होता है.”
कृति सेनन
एक स्टार किड की वजह से मुझे फ़िल्म से आउट करके उसे लिया गया
जब आप स्टार किड होते हैं या फिल्मी फैमिली से होते हैं, तो आपकी पहली फ़िल्म की रिलीज से पहले ही आपको फिल्में मिल जाती हैं, लेकिन जब आप फिल्म फैमिली से ताल्लुक नहीं रखते तो आपको दूसरी फिल्म पहली फिल्म की रिलीज से पहले नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि किस तरह एक स्टार किड की वजह से उन्हें फ़िल्म में रिप्लेस कर दिया गया, “मैं नहीं जानती कि उन्होंने उसे फोन किया था या नहीं? लेकिन कोई था, जो फिल्म फैमिली से था या उसकी चर्चा कुछ ज्यादा थी, उससे मुझे रिप्लेस कर दिया गया था. हां, मेरे साथ यह हुआ है, लेकिन मुझे इसका कारण पता नहीं. हो सकता है कि डायरेक्टर को वाकई उसकी जरूरत हो? ऐसा एक बार नहीं, कई बार हुआ है.”
तापसी पन्नू
तापसी को बिना कोई वजह बताए एक फ़िल्म से किक आउट कर दिया गया
तापसी पन्नू जो सिर्फ सेलेक्टिव रोल्स करने के लिए जानी जाती हैं, ने एक इंटरव्यू में बताया था कि किस तरह उन्हें बिना कोई वजह बताए सिर्फ इसलिए एक फ़िल्म से आउट कर दिया गया क्योंकि वो किसी फिल्मी फैमिली से नहीं हैं. ”और मुझे इस बात से कोई शॉक भी नहीं लगा कि मेरे हाथ से कोई फ़िल्म निकल गई. और मुझे फ़िल्म से आउट करने की वजह ये नहीं थी कि मैं वो रोल डिज़र्व नहीं करती थी, बल्कि वजह थी कि मैं किसी स्टार या प्रोड्यूसर-डायरेक्टर की बेटी या बहन नहीं हूँ या किसी स्टार को डेट नहीं कर रही हूँ. लेकिन मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. हां अगर कोई फ़िल्म मेरे हाथ से इसलिए चली जाती क्योंकि वो रोल करने का टैलेंट मुझमें नहीं होता, तो बेशक मुझे फर्क पड़ता.”
सिद्धांत चतुर्वेदी
स्टार किड के लिए सब कुछ आसान होता है और हम जैसे सेल्फ मेड एक्टर्स के लिए बहुत मुश्किल
फ़िल्म ‘गली बॉय’ में एमसी शेर का किरदार निभाकर पॉपुलर हुए सिद्धांत चतुर्वेदी कहते हैं, ”हम जैसे सेल्फ मेड लोगों के लिए इंडस्ट्री में खड़े रहना मुश्किल होता है, जबकि अगर आप किसी स्टार के बच्चे हो तो नाम शोहरत सब आसानी से मिल जाता है. जहां हमारे सपने पूरे होते हैं, वहां इनका स्ट्रगल शुरू होता है.”