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सामंथा रूथ प्रभु से लेकर यामी गौतम और सोनम कपूर तक, स्किन प्रॉब्लम्स की शिकार हो चुकी हैं ये एक्ट्रेसेस (From Samantha Ruth Prabhu to Yami Gautam and Sonam Kapoor, these actresses faced skin problems)

बॉलीवुड हो या साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री, यहां परफेक्ट दिखना हर सेलेब्रिटी की सबसे बड़ी ज़रूरत होती है. बेशक परफेक्ट दिखने के लिए ये सेलेब्स जिम में कसरत करने से लेकर डाइट फॉलो करने तक सारे जतन करते हैं. इन सबके बावजूद ग्लैमर इंडस्ट्री की कई एक्ट्रेसेस स्किन प्रॉब्लम की शिकार हो चुकी हैं. इस लिस्ट में साउथ की मशहूर एक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु से लेकर यामी गौतम और सोनम कपूर जैसी अभिनेत्रियों के नाम शामिल हैं.

सामंथा रुथ प्रभु

साउथ फिल्मों की सुपरस्टार एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु बीते कुछ समय से स्किन से जुड़ी बीमारी से जूझ रही हैं, जिसे 'पॉलीमॉर्फ्स लाइट इरप्शन' कहा जाता है. यह स्किन डिसीज़ सूरज की रोशनी में एक्सपोजर की वजह से होता है, इसलिए इन दिनों सामंथा ने काम और पब्लिक अपीरियंस से दूरी बना रखी है.

यामी गौतम

बॉलीवुड इंडस्ट्री की टैलेंटेड और खूबसूरत एक्ट्रेसेस में शुमार यामी गौतम ने स्किन रिलेटेड एंजाइटी और इनसिक्योरिटी पर खुलकर बात की है. हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें कई सालो से केराटोसिस पिलारिस है. इस स्किन डिसीज़ से पीड़ित व्यक्ति के स्किन पर खुरदरे और लाल धब्बे हो जाते हैं.

मलाइका अरोड़ा

बी-टाउन की ग्लैमरस मॉम्स में शुमार मलाइका अरोड़ा कभी भी अपने स्ट्रेच मार्क्स को दिखाने में शर्माती नहीं हैं. उनका मानना है कि ये नेचुरल है और फोटोशॉप नहीं किया जाना चाहिए. हैरत की बात तो यह है कि कई मौकों पर स्ट्रेच मार्क्स दिखाने को लेकर उन्हें ट्रोल भी किया गया, लेकिन वो इससे कभी परेशान नज़र नहीं आईं.

सोनम कपूर

बॉलीवुड की न्यू मॉम सोनम कपूर जल्द ही फिल्मों में वापसी कर सकती हैं. इंडस्ट्री की फैशनिस्टा सोनम कपूर भी स्किन प्रॉब्लम से जूझ चुकी हैं. कुछ समय पहले उन्होंने अपने डार्क सर्कल्स और अनइवेन स्किन टोन को एक विदाउट मेकअप सेल्फी में शेयर करते हुए लिखा था कि उन्हें भी कलर करेक्शन की जरूरत पड़ती है.

समीरा रेड्डी

कई फिल्मों में नज़र आ चुकीं एक्ट्रेस समीरा रेड्डी भी अपनी स्किन प्रॉब्लम पर खुलकर बोल चुकी हैं. एक्ट्रेस एक्सेप्ट कर चुकी हैं कि मुहांसे के निशान और भूरे बाल होने के बावजूद उन्होंने कई सालों तक मेकअप से इन्हें छुपाने की कोशिश की थी.

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बढ़ती उम्र में होनेवाले स्किन प्रॉब्लम्स… (The Effects Of Aging On Skin)

त्वचा उम्र के साथ बदलती है. यह पतली हो जाती है, वसा खो देती है और उतना मोटा और चिकना नहीं दिखती, जितनी पहले दिखती थी. उम्र बढ़ने पर सबसे ज़्यादा स्किन से संबंधित प्रॉब्लम्स का सामना महिलाओं को करना पड़ता है. दरअसल, उम्र बढ़ने पर खरोंच, कट्स या धक्कों को ठीक होने में अधिक समय लगता है. स्किन प्रॉब्लम्स के बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन डॉ. अजय राणा ने हमें विस्तार से बताया.
सन टैनिंग या लंबे समय तक सूरज की रोशनी में बाहर रहने के कारण झुर्रियां, सूखापन, उम्र के धब्बे हो सकते हैं.
कई वृद्ध महिलाएं अपनी त्वचा पर, अपने निचले पैरों, कोहनी और निचले हाथों पर सूखे धब्बों से पीड़ित होती हैं.

ड्राई स्किन के पैच खुरदरे लगते हैं…
ड्राई स्किन बहुत सारे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है, जैसे- मधुमेह या गुर्दे की बीमारी. बहुत अधिक साबुन, एंटीपर्सपिरेंट या परफ्यूम का उपयोग करना और गर्म पानी से स्नान करने से ड्राई स्किन ख़राब हो सकती है. स्किन डिसऑर्डर के लक्षण बहुत भिन्न होते हैं. वे अस्थायी या स्थायी हो सकते हैं और दर्दरहित या दर्दनाक हो सकते हैं.

चोटें
बूढ़े लोगों को युवाओं की तुलना में अधिक आसानी से चोटें लगती हैं. इन घावों को ठीक होने में अधिक समय लगता है. दरअसल, उम्र के साथ महिलाओं की इम्युनिटी सिस्टम काफ़ी कमज़ोर हो जाती है, जिससे इन घावों को ठीक होने में काफ़ी समय लगता है. कुछ दवाओं या बीमारियों के कारण भी चोट लग सकती है, जो और गंभीर होती है.

लीवर स्पॉट
उम्र बढ़ने पर अक्सर महिलाओं में लीवर स्पॉट कहे जानेवाले स्पाॅट होने लगते हैं. ये भूरे रंग के धब्बे होते हैं, जो अक्सर धूप में ज़्यादा समय तक रहने पर होते हैं. ये आमतौर पर चेहरे, हाथ, पीठ और पैरों जैसे क्षेत्रों पर होते हैं. ऐसे धब्बों को कम करने के लिए महिलाओं को ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग करना फ़ायदेमंद है, जो सूरज की किरणों के दोनों प्रकारों (यूवीए और यूवीबी) से बचाने में मदद करता है और अधिक उम्र के कारण होनेवाले धब्बों को
आसानी से रोक सकता है.

झुर्रियां
समय के साथ, त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. सूर्य की यूवी किरणें, त्वचा को कम लचीला बना सकती हैं. उम्र बढ़ने पर महिलाओं की स्किन में बहुत सारे परिवर्तन होते है, ख़ासकर झुर्रियां. यह एपिडर्मिस और डर्मिस के पतले होने, कोलेजन और लचीले फाइबर के विखंडन और सेल हीलिंग और डीएनए की मरम्मत में कमी के कारण होते हैं.
उम्र के साथ-साथ महिलाओं के स्किन में मेलानोसाइट्स की कमी होने लगती है और वसामय ग्लैंड के कम होने के साथ त्वचा की सहायक संरचनाओं में भी कमी होने लगती है.
उम्र बढ़ना त्वचा में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तनों के साथ जुड़ा हुआ है, जो इसे त्वचा रोग के लिए अधिक संवेदनशील बनाता है. वृद्ध त्वचा में जेरोसिस सबसे आम प्रॉब्लम है. बुज़ुर्ग मरीज़ों को भी त्वचा में संक्रमण होने का ख़तरा होता है और त्वचा की ख़राबी बढ़ जाती है, जिसके कारण महिलाओं में झुर्रियों की समस्या बहुत आम है.

इन्फेक्शन
महिलाओं को उम्र बढ़ने पर अनेक प्रकार के स्किन से संबंधित इन्फेक्शन होने का भी डर होता है. आम स्किन इन्फेक्शन में कैंडिडिआसिस, डर्माटोफाइटिस, बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन शामिल हैं. इन फंगल इन्फेक्शन के लिए जांच में माइकोलॉजी (त्वचा के टुकड़े, बाल शाफ्ट, नाख़ून के टुकड़े) के लिए प्रत्यक्ष माइक्रोस्कोपी (पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ) के नमूने शामिल होने चाहिए. इन सारे जांच से महिलाओं को स्किन से जुड़ी सभी प्रकार के इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है.

जेरोसिस/एस्टेटोटिक एक्जिमा
उम्र के साथ स्किन ड्राई होने लगती है और आसानी से झड़ने लगती है, क्योंकि उम्र के साथ स्किन में जो तेल की मात्रा होती है वह कम होने लगती है. खुजली होती है, ड्राई स्किन में खुरदरी और बारीक परत या पपड़ीदार सतह होती है. कभी-कभी ड्राई स्किन के क्षेत्रों में एस्टेटोटिक एक्जिमा होता है. जब शरीर की इम्युनिटी सिस्टम कमज़ोर होने लगती है, तब ये गोल लाल पैच के रूप में दिखाई देते हैं. महिलाओं के स्किन पर भूरे रंग के धब्बे, जो झाई की तरह दिखते हैं अक्सर देखे जाते हैं. ये फ्रेकल्स की तुलना में बड़े और अधिक अनियमित हैं. उन्हें सीनील फ्रीकल्स कहा जाता है. वे अक्सर सूर्य के प्रकाश की वजह से त्वचा को नुक़सान पहुंचाते हैं. यदि फ्रेकल्स बड़ा या मोटा हो जाता है या क्रस्ट विकसित करता है.

दवाओं के साइडइफेक्ट्स
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, तब तक हमारी बॉडी कई तरह की दवाओं और मेडिसिन से ग्रस्त हो चुकी होती है, क्यूंकि महिलाएं शारीरिक रूप से पुरुषों से कमज़ोर होती है, जिसके कारण वे दवाओं के प्रतिकूल प्रतिक्रिया विकसित करने की कम संभावनाएं रखती है. दवाओं के लिए आम प्रतिकूल प्रतिक्रिया उनकी त्वचा में देखी जाती है, जहां यह लाल, खुजली या फफोले के रूप में होते है. यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह के खुजली या फफोले को जल्दी पहचाना जाए, ताकि नुक़सानदायक दवा को बंद किया जा सके, जिससे दवा से होनेवाले नुक़सान को भी
गंभीर होने से रोका जा सके. ताकि मुख्य रूप से महिलाओं के स्किन पर इसका विपरीत प्रभाव न पड़े.

उम्र बढ़ने से महिलाओं में होनेवाली स्किन प्रॉब्लम्स को कम करने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स…
● महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्किन पर मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करना चाहिए. मॉइश्चराइज़र ड्राई स्किन सेल्स को मुलायम बनाता है.
● बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना न भूलें.
● विटामिन ई का नियमित उपयोग करे. विटामिन ई आपको सनबर्न से सुरक्षित रहने में भी मदद करता है.
● स्वस्थ भोजन की आदतें और ढेर सारा पानी आपकी त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करता है.
● स्किन पर रैशेज, एक्जिमा, ड्राईनेस और खुजली होने पर मॉइश्चराइज़र और हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का
उपयोग करें.
● हमेशा नाइट क्रीम का उपयोग ग्लाइकोलिक एसिड ओ के साथ करें.

- ऊषा गुप्ता

Skin Aging

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मॉनसून स्किन केयर (Monsoon Skin Care)

Monsoon Skin Care मॉनसून स्किन केयर (Monsoon Skin Care): बारिश के मौसम में आपके हुस्न की परवाह है हमें, इसीलिए लाए हैं मॉनसून स्किन केयर, ताकि इस मौसम में भी आप अपना ख़ास ख़्याल रख सकें. तेरी पलकों पर मैंने उस रोज़ जो सावन रखा था, आज बरसकर मुहब्बत बन गया है... तेरे हसीन लबों पर मेरे होंठों से जो गुलाब खिला था, आज बिखरकर वो तेरा यौवन बन गया है... मखमली बदन से तेरे लिपट गई थीं जो शबनम की बूंदें, वो कहकशां का नूर बन गईं, तेरी मदहोश नज़रें मेरी चाहत का सुरूर बन गईं... भीगते मौसम में तेरी सांसों की गर्मियां, जैसे कर रही हैं अजीब-सी सरग़ोशियां... महकता हुस्न तेरा, बहकता मन मेरा, मचलते अरमान तेरे, सुलगती हसरतें मेरी... ख़ामोशियों की आहट अब बस तेरे-मेरे दरमियान, आज मेरा इश्क़ छोड़ जाएगा तेरे वजूद पर अपने निशान... जनरल टिप्स -   बारिश में त्वचा चिपचिपी हो जाती है. बेहतर होगा दिन में 3 बार स्किन को क्लीन करें, ताकि अतिरिक्त तेल व गंदगी साफ़ हो सके और आपके रोमछिद्रों में वो जमा न हो सके. -    बारिश में अल्कोहल फ्री टोनर यूज़ करें, क्योंकि इस मौसम में नमी बढ़ने की वजह से त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं. -    मॉनसून में कड़ी धूप नहीं होती, तो हम में से अधिकतर लोग बारिश शुरू होते ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल बंद कर देते हैं, लेकिन मौसम चाहे जो भी हो, सनस्क्रीन लगाना बहुत ज़रूरी है. -    अक्सर लोगों को लगता है कि मॉनसून में स्किन को मॉइश्‍चराइज़ करने की ज़रूरत नहीं, लेकिन हर मौसम में स्किन का डेली रूटीन फॉलो करना बहुत ज़रूरी है. -    स्किन केयर रूटीन में सोप फ्री क्लींज़र का इस्तेमाल करें, वरना स्किन ड्राई हो जाएगी. -    नियमित रूप से स्क्रब भी करें, ताकि मृत त्वचा निकल जाए और त्वचा डल व बेजान न लगे. -    ब्लीचिंग और फेशियल्स इस मौसम में अवॉइड करें, क्योंकि इससे त्वचा रूखी हो सकती है. -    अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो बादाम या शहद का होममेड क्लींज़र यूज़ करें. 8-10 बादाम को पीसकर 2 टीस्पून शहद मिलाएं. इसे मसाज करते हुए अप्लाई करें. 5 मिनट बाद चेहरा धो लें. -   अगर स्किन ऑयली है, तो ओटमील स्क्रब या पपीते के पल्प से एक्सफोलिएट करें. -    ड्राई स्किन की टोनिंग के लिए 1 टीस्पून दूध में 5 बूंदें कैमोमॉइल की मिलाकर यूज़ करें. -    ऑयली स्किन के लिए 1 टीस्पून पानी में 5 बूंदें लैवेंडर ऑयल की मिलाएं. - ऑयली या कॉम्बीनेशन स्किन है, तो 2 टीस्पून गुलाबजल में 2-2 बूंदें स्ट्रॉबेरी ऑयल और ऑरेंज ऑयल की मिलाकर चेहरे व गर्दन पर लगाएं. 10 मिनट बाद धो लें. Monsoon Skin Care मॉनसून फेस पैक्स - 3 टीस्पून ओटमील पाउडर, 1 अंडे का स़फेद भाग, 1-1 टीस्पून शहद और दही. सबको मिला लें. चेहरा अच्छी तरह क्लीन कर लें और पैक अप्लाई करें. सूखने पर धो लें. -    3 टीस्पून ओटमील पाउडर, 1-1 टेबलस्पून गुलाबजल, शहद और दही. सबको मिलाकर पेस्ट बना लें. चेहरे पर लगाएं. सूखने पर धो लें. हफ़्ते में दो बार यह यूज़ करें. -    मुलतानी मिट्टी और गुलाबजल को मिलाकर पेस्ट बना लें. चेहरे पर लगाएं. सूखने पर धो लें. हफ़्ते में एक बार यह प्रयोग करें. चिपचिपी और ऑयली स्किन से छुटकारा मिलेगा. -   2 टेबलस्पून चंदन पाउडर को आधा कप गुलाबजल में मिलाएं. इसमें 1 टेबलस्पून हल्दी मिलाएं. इस पैक को 20-30 मिनट तक लगाकर रखें. ठंडे पानी से धो लें. यह दाग़-धब्बे दूर करके त्वचा को ग्लोइंग इफेक्ट देगा. -    2-2 टेबलस्पून जोजोबा ऑयल और दही में 1 टेबलस्पून शहद मिलाएं. चेहरे व गर्दन पर लगाएं. 10-15 मिनट बाद माइल्ड फेस वॉश से धो लें. यह पैक ड्राई स्किन के लिए बहुत अच्छा है. -    मॉनसून में फ्रूट पैक्स बहुत फ़ायदेमंद रहते हैं. पपीता, सेब और पीच को मैश करें. इसमें 2 टेबलस्पून दूध मिलाएं. चेहरे व गर्दन पर अप्लाई करें. 15-20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें. यह न स़िर्फ त्वचा को ग्लोइंग इफेक्ट देता है, बल्कि बैक्टीरिया से त्वचा का बचाव भी करता है. -   चॉकलेट पैक भी मॉनसून में अच्छा होता है. 1 टेबलस्पून कोको पाउडर में 2 टेबलस्पून दूध मिलाएं. 20 मिनट तक लगाकर रखें, फिर धो लें. -   1 टीस्पून बेसन में चुटकीभर हल्दी पाउडर मिलाएं. इसमें 2-3 बूंदें नींबू का रस और 1-2 टीस्पून गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें. चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट बाद धो लें. -    अखरोट को पीसकर पाउडर बना लें. अखरोट पाउडर, मुलतानी मिट्टी, पोस्तादाने और दही- सभी समान मात्रा में लें. अच्छी तरह मिलाकर चेहरे पर लगाएं. 10 मिनट बाद इसे स्क्रब करते हुए हटाएं और ठंडे पानी से धो लें. यह मृत त्वचा को हटाकर त्वचा को निखारता है. -    2-2 टेबलस्पून जोजोबा ऑयल और दही में 1 टेबलस्पून शहद मिलाएं. चेहरे व गर्दन पर लगाएं. 10-15 मिनट बाद माइल्ड फेस वॉश से धो लें. यह पैक ड्राई स्किन के लिए बहुत अच्छा है. -   4-5 स्ट्रॉबेरीज़ को मैश कर लें. इसमें 1 टेबलस्पून ब्रैंडी मिलाएं. 2 टेबलस्पून मुलतानी मिट्टी, गुलाबजल की कुछ बूंदें और 2 टेबलस्पून ब्रेड का चूरा मिलाकर पेस्ट बना लें. चेहरे पर अप्लाई करें. 15-20 मिनट बाद धो लें. -    2 टेबलस्पून ग्रीन टी को ब्लेंडर में ब्लेंड करके पाउडर कर लें. इसमें 1 टेबलस्पून दही मिलाएं. चाहें तो कुछ बूंदें अपने मनपसंद एसेंशियल ऑयल की भी मिला सकती हैं. इसे मसाज करते हुए चेहरे व गर्दन पर लगाएं. 10 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें. यह पैक पिंपल्स और चेहरे के दाग़-धब्बों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है. -    1 सेब को मैश कर लें. इसमें दूध और कुछ बूंदें कैमोमॉइल ऑयल की मिलाकर अच्छी तरह ब्लेंड करें. 15 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें, फिर धो लें. -    2 टीस्पून शहद में आधे नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं. सूखने पर धो लें. मॉनसून में यह आपकी स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग रखेगा. यह भी पढ़ें: खुले रोमछिद्र बंद करने के 5 आसान घरेलू उपाय Skin Care Tips मॉनसून स्किन प्रॉब्लम्स और सोल्यूशन्स -   मॉनसून में स्किन ऑयली और चिपचिपी हो जाती है, जिससे कई तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं, जैसे- पिंपल्स, ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स, आदि. गुलाबजल को ककड़ी के रस में मिलाकर अप्लाई करने से त्वचा का चिपचिपापन कम होता है. -   पिंपल्स और रैशेज़ होने पर मेडिकेटेड क्लींज़र से दिन में दो बार फेस क्लीन करें. रोज़ बेस्ड एस्ट्रिंजेंट या टोनर यूज़ करें. -    दिन में कई बार पानी से चेहरा धोएं. -    मुलतानी मिट्टी पैक का इस्तेमाल करें. इससे त्वचा का एक्स्ट्रा ऑयल निकल जाएगा. चिपचिपापन कम हो जाएगा और मुंहासों में भी लाभ होगा. -    चंदन पाउडर का पैक भी स्किन को सूदिंग इफेक्ट देगा और पिंपल्स को कंट्रोल में रखेगा. -    नीम के पत्तों का पेस्ट अप्लाई करें. -   मेथी के पत्तों को पीसकर उसका पेस्ट अप्लाई करें. 15-20 मिनट बाद धो लें. इससे पिंपल्स की समस्या काफ़ी हद तक कम हो जाएगी. -    चंदन पाउडर को गुलाबजल में मिलाकर लगाएं. 20 मिनट बाद धो लें. -    मुट्ठीभर नीम के पत्तों को 4 कप पानी में एक घंटे तक धीमी आंच पर उबालें. इसे रातभर अलग रख दें और सुबह छानकर इस पानी से चेहरा धोएं. -    बेसन में दही और हल्दी पाउडर मिलाकर स्क्रब करें. -    टमाटर के पल्प को मैश करके चेहरे पर मसाज करते हुए अप्लाई करें. कुछ देर तक स्क्रब करते रहें और हो सके तो यह उपाय रात को सोने से पहले करें. पैक को रातभर लगा रहने दें और चेहरा सुबह धोएं. -    नींबू का रस चेहरे पर अप्लाई करें. आधे नींबू के रस में चुटकीभर नमक मिलाकर 20 मिनट तक लगाकर रखें. गुनगुने पानी से धो लें. -   मूंगफली के तेल की कुछ बूंदों में 2-3 बूंद नींबू के रस की मिलाएं. ब्लैक और व्हाइट हेड्स पर लगाएं. आधे घंटे बाद धो लें. -    दालचीनी पाउडर में नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर अप्लाई करें. 20 मिनट बाद धो लें. यह पैक मृत त्वचा को हटाकर चेहरे पर निखार भी लाता है. -   नियमित रूप से स्टीम लेने से त्वचा की इन समस्याओं से निजात मिलती है. -    हेल्दी डायट लें. पानी ख़ूब पीएं. -    स्क्रबिंग भी नियमित रूप से करें. इससे डेड स्किन हट जाती है और स्किन ग्लो करती है. -    अगर पिंपल्स बहुत ज़्यादा हैं, तो स्क्रब न करें. दिन में 3-4 बार स़िर्फ पानी से चेहरा धोएं. -    रैशेज़ की समस्या है, तो गुलाबजल यूज़ करें.  

गीता शर्मा

यह भी पढ़ें: गोरी-निखरी त्वचा के 15 सुपर इफेक्टिव घरेलू उपाय  

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होली में सावधान रहें केमिकल रंगों के अटैक से… (Play Safe Holi)

होली (Holi) मस्ती का, रंगों का और प्यार का त्योहार होता है. गिले-शिकवे भुलाने का और सबको अपना बनाने का इससे बेहतर मौक़ा शायद दूसरा नहीं होता. लेकिन इस रंग में भंग भी पड़ सकता है, अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो. एक समय था, जब फूलों से या प्राकृतिक रंगों से होती खेली जाती थी. लेकिन जबसे केमिकलवाले रंगों (Chemical Colours) का चलन बढ़ा है, तब से स्किन प्राब्लम्स (Skin Problems) भी बढ़ी हैं. के. जे. सोमाया हॉस्पिटल (K J Somaya Hospital) के डर्मैटोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर और हेड डॉ. शीतल पुजारे बता रही हैं स्किन प्रॉब्लम्स से जुड़ी ज़रूरी बातें.   Play Safe Holi - आर्टिफिशियल कलर्स में काफ़ी केमिकल्स होते हैं, जैसे- ब्लैक में लेड ऑक्साइड, ग्रीन में कॉपर सल्फेट, सिल्वर में एल्युमीनियम ब्रोमाइड, ब्लू में कॉबाल्ड नाइट्रेट, ज़िंक सॉल्ट्स और रेड में मरक्यूरि सल्फेट. - इसके अतिरिक्त उनकी चमक बढ़ाने के लिए उनमें माइका डस्ट और ग्लास पार्टिकल्स भी मिलाए जाते हैं. - ये तमाम चीज़ें त्वचा पर काफ़ी बुरा प्रभाव डालती हैं. आपको खुजली, त्वचा की ऊपरी परत निकलना, त्वचा का ड्राई होना और स्किन अल्सर तक हो सकता है. - ये रंग आसानी से नहीं छूटते और स्किन पर व बालों में जम जाते हैं. - अगर आपको पहले से ही त्वचा की कोई समस्या है, तो वो भी बढ़ सकती है. पिंपल्स से लेकर एक्ज़िमा की तकलीफ़ गंभीर हो सकती है. - स्काल्प में जमा होने पर ये रंग हेयर फॉल को बढ़ा सकते हैं. - आंखों में जलन-खुलजी हो सकती है. सांस की तकलीफ़ बढ़ सकती है. यह भी पढ़ें: मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। कैसे बचें इन रंगों के प्रभाव से? - सबसे बेहतर उपाय है कि नेचुरल रंगों का प्रयोग करें. - यदि यह संभव न हो, तो होली खेलने से पहले त्वचा और बालों पर तेल लगा लें. - नाख़ूनों को छोटा रखें, ताकि रंग उनमें न जम सकें और नेल इनामिल लगाएं, जिससे रंगों से बचाव हो सके. - आई वेयर आंखों को बचाने का बेहतर तरीक़ा है, यदि आंखों में रंग चला जाए, तो फ़ौरन पानी से आंख धोएं. - कलर को छुड़ाने के लिए त्वचा को ज़ोर-ज़ोर से न रगड़ें. धीरे-धीरे रंग हल्के पड़ते जाएंगे. किन स्थितियों में लें एक्सपर्ट की मदद? - यदि आपको अत्यधिक स्किन एलर्जी, रेडनेस और खुजली बढ़ गई हो. - अगर चेहरे पर सूजन आ गई हो. - अगर सांस लेने में तकलीफ़ हो रही हो. - बाल बहुत ज़्यादा झड़ने लगें या एक्ने एकदम से बढ़ जाएं. - होंठों व नाख़ूनों का रंग नीला पड़ गया हो. यह भी पढ़ें: मुंहासों से छुटकारा दिलाते हैं 10 आसान घरेलू उपाय [amazon_link asins='B06XC45MQY,B079VRLYNK,B06XC45MR2,B079QGJ3PW,B075BSPCF6' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='140f2349-17a1-11e8-9bc9-e183f1a985db']

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