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सोरायसिस से पीड़ित हैं! यात्रा के दौरान रखें इन बातों का ख्याल (Travel Guide: Easy Tips For Traveling With Psoriasis)
हरी-भरी वादियों, बर्फ से ढंके पहाड़ों और सूरज की रोशनी से भरपूर, सुनहरे समुद्रतटों पर जाने का मजा ही कुछ और है, लेकिन यदि आपको सोरायसिस हो तो? ऐसे लोगों को यात्रा करने के दौरान असहजता हो सकती है. यदि वे मामूली से लेकर गंभीर प्रकार के सोरायसिस से ग्रस्त हैं. खासकर लंबी यात्रा में.सोरायसिस एक स्व-प्रतिरक्षित रोग है, जिसमें त्वचा की नई कोशिकाएं सामान्य की तुलना में अधिक तेजी से विकसित होती हैं.
आमतौर पर हमारा शरीर पुरानी कोशिकाओं की जगह भरने के लिये प्रत्येक 10 से 30 दिन में त्वचा की नई कोशिकाएं बनाता है. सोरायसिस में त्वचा की नई कोशिकाएं 3 से 4 दिन में ही बन जाती हैं और शरीर को पुरानी कोशिकाएं हटाने का समय नहीं मिलता है. इससे त्वचा की सतह पर परत आ जाती है और त्वचा शुष्क, खुजली वाली, पपड़ीदार दिखाई देने लगती है और उस पर लाल चकत्ते या चमकीली परत आ जाती है.
सोरायसिस से पीड़ित लोगों को यदि बिना किसी परेशानी के एक आरामदायक यात्रा का आनंद उठाना है तो उन्हें बस पहले से योजना बनाना जरूरी है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि सोरायसिस से पीड़ित लोगों के लिये यात्रा सम्बंधी कोई विशेष मनाही नहीं हैं, उनके लिए हल्की धूप वाला मौसम ठंडे और शुष्क मौसम की तुलना में बेहतर रहता है. डॉ. शेहनाज़ अरसीवाला, त्वचा रोग विशेषज्ञ, सैफी हॉस्पिटल एवं प्रिंस अली खान हॉस्पिटल और मेडिकल डायरेक्टर, रीन्यूडर्म सेंटर स्किन हेयर लेजर्स एंड एस्थेटिक्स सोरायसिस से पीड़ित लोगों के लिये यात्रा सम्बंधी कुछ उपयोगी टिप्स दे रही हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए.
- सबसे पहले योजना बनाएं : चाहे आप छोटी यात्रा पर जा रहे हों या फिर लंबे समय के लिए, आपको दो सप्ताह पहले से तैयारी आरम्भ कर देनी चाहिए. ठहरने के दौरान की गतिविधियों को निश्चित करना और यात्रा के लिये आवश्यक चीजों को रखना अच्छा होता है. इन चीजों में आपकी दवाएं भी शामिल हैं और वे आपके सामान में सरलता से शामिल होनी चाहिए. यात्रा के दौरान अपनी भोजन सम्बंधी आदतों का नियमित ध्यान रखें और शराब से बचें. इस बारे में आपके त्वचा रोग विशेषज्ञ बेहतर सलाह दे सकते हैं. तनाव से सोरियासिस की पीड़ा बढ़ जाती है, इसलिये अपने यात्राक्रम की पहले से योजना बनाकर आप अंतिम मिनट की परेशानियों से बच सकते हैं. सोरियासिस के रोगियों को यात्रा पर जाने से पहले खूब आराम करने और अपनी त्वचा को अधिक से अधिक नम रखने की सलाह भी दी जाती है.
- अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास अवश्य जाएं: छुट्टियों पर जाने से पहले यह सुनिश्चित करना अच्छा होता है कि आपकी त्वचा की स्थिति अच्छी हो, इसलिए यात्रा की योजना बनाने से पहले अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास जाना महत्वपूर्ण है. सुनिश्चित करें कि आपकी दवाओं के सभी पर्चे व्यवस्थित हों और लिखित पर्चों की प्रति भी मांगें, ताकि यात्रा के समय जरूरत पड़ने पर वे काम आ सकें. यदि आपको बायोलॉजिक्स के इंजेक्शन लगते हैं, तो इसके बारे में अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ से पूरी जानकारी प्राप्त कर लें. इस जानकारी में वह महत्वपूर्ण वर्णन भी होना चाहिये, जो आपकी यात्रा के स्थान पर वहाँ के त्वचा रोग विशेषज्ञ से मदद लेने में काम आ सके.
- पैकिंग सावधानी से करें और जरूरी सामान व्यवस्थित रखें : आपके गंतव्य के लिये उपयुक्त कपड़े, जूते और अन्य चीजें रखें. उदाहरण के लिए यदि आप गर्म, आर्द्र क्षेत्र में जा रहे हैं, तो हल्के, ढीले, पसीने को बाहर निकालने वाले कपड़े रखें. यदि आप ठंडे स्थान पर जा रहे हैं, तो टोपी, दस्ताने और स्कार्फ रखें, ताकि आपकी त्वचा सुरक्षित रहे. त्वचा रोग विशेषज्ञ द्वारा बताए गए मेडिकैटेड शैम्पू, मॉइश्चराइजर और साबुन या क्लींजर रखें और उनके द्वारा बताया गया सनस्क्रीन ले जाना कतई न भूलें. यात्रा के समय दवाएं लेना न भूलें. किसी भी तरह के दर्द से बचने के लिये अच्छी नींद लें.
- संक्रमण के जोखिम से बचें: कुछ प्रकार के संक्रमण सोरियासिस की पीड़ा बढ़ा सकते हैं. अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ के निर्देशानुसार उपचार के क्रम में रक्त की आवश्यक जांचें करवाएं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपको संक्रमण का जोखिम नहीं है. यात्रा के दौरान स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करें और वायरल संक्रमण वाले व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें. स्वच्छ रहने के लिए अपने हाथ धोएं और त्वचा रोग विशेषज्ञ द्वारा बताए गए सैनिटाइजर का उपयोग करें. शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा होना भी बहुत जरूरी है.
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बच्चों (Kids) के साथ चाहे पहली बार ट्रैवल (Travel) कर रहे हों या पांचवी बार..कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है. ताकि आप सुकून से यात्रा का आनंद भी ले सकें और बच्चे को भी किसी तरह की परेशानी न हो.
- कई बार अपने कपड़ों के साथ ही बच्चों के कपड़े भी एक ही बैग में रखने से काफी दिक्कतें होती हैं. बार-बार चेंज करने की वजह से आपको पूरी पैकिंग इधर से उधर करनी पड़ती है. तो इस बार जब भी बच्चों के साथ ट्रैवल करने जाएं तो उनके लिए अलग से बैग रखें. इससे उनकी जरूरत की चीजें एक ही जगह पर आसानी से मिल जाएंगी. साथ ही वह खुद भी अपनी चीजें बैग से निकाल सकते हैं.
- बच्चे के साथ यात्रा कर रहे हैं तो उसकी जरूरत की चीजें साथ ले जाएं. कोशिश करें खाने की चीजों की कमी न होने पाएं. बच्चे दूध पीते हैं, इसलिए यात्रा के दौरान दूध खत्म न हो इसके लिए पहले से पर्याप्त मात्रा में दूध साथ में रख लें. इसके अलावा बच्चे की खाने की दूसरी चीजें भी अपने साथ रखें. बच्चे का पेट भरा होगा तो वह आपको परेशान नहीं करेगा. इसलिए अगली बार बच्चे के साथ यात्रा करें तो इस यात्रा का पूरा मजा लें.
ये भी पढ़ेंः यात्रा के दौरान अनहोनी से बचने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय (5 Vastu Tips To Follow For Traveling ) - अपने बच्चे के फेवरिट खिलौने और किताबें रखना ना भूलें. ऐसा करने से ना सिर्फ बच्चे मशगूल रहेंगे बल्कि उन्हें चिड़चिड़ापन भी महसूस नहीं होगा. अगर ऐसा नहीं करना चाहतीं तो मोबाइल में बच्चों के गेम या किड्स फ्रेंडली ऐप डाउनलोड कर लें.
- प्लेन में हैड लगेज के लिए हमेशा बैगपैक यूज करें, ताकि बच्चे को संभालने के लिए आपके हाथ फ्री हों.
- होटल का चुनाव करते समय सावधानी बरतें. ऐसा होटल न चुनें, जो बहुत ऊंचाई पर हो या जहां ज़्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़े, क्योंकि बच्चे को साथ लेकर बार-बार चढ़ना उतरना मुश्किल हो सकता है.
- फ्लाइट बुक करते समय भी सावधानी बरतें. अगर मुमकिन हो तो रात की फ्लाइट चुनें, क्योंकि ऐसा करने पर बच्चा फ्लाइट में जाते ही अपने टाइम के अनुसार सो जाएगा और फ्लाइट में ज़्यादा तंग नहीं करेगा.
- बच्चे के साथ यात्रा करते समय ऐसी जगहों को ना चुने जहां ज्यादा भीड़ हो. ज्यादा भीड़ की वजह से बच्चे घुटन महसूस करते हैं और शोर होने की वजह से असुरक्षित महसूस करते हैं. इसलिए वे खासकर ऐसी जगहों पर रोने लगते हैं. इसलिए आप ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानों की बजाय शांत जगह को चुनें.
- ट्रैवल के दौरान और मौसम में उतार-चढ़ाव के दौरान बीमार होना आम बात हैं. बच्चे वैसे भी कमजोर होते हैं तो बच्चों की जरूरी दवाइयां साथ रखें. बच्चे को एलर्जी है तो उसकी खास तैयारी करके चलें.
- ट्रैवल पर जानें से पहले बच्चों के डॉक्टर से जरूर संपर्क करें और बच्चों का रूटीन चैकअप करवाएं ताकि ट्रैवल का मजा किरकिरा ना हो और बच्चे बीमार ना पड़े.
- ट्रैवल पर जाते समय बच्चों के बैग या पॉकेट में जरूरी कॉन्टेक्ट नंबर्स रखें. ताकि कुछ भी परेशानी हो तो बच्चा इन नंबर्स का इस्तेमाल कर सके.
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आपके सफ़र का साथी ट्रैवल इंश्योरेंस (Why Travel Insurance Is Necessary For You?)
छुट्टियों में अक्सर लोग परिवार सहित घूमने के लिए देश-विदेश की यात्रा पर निकल जाते हैं. यात्रा पर निकलने की तैयारी भी महीनों पहले शुरू हो जाती है, लेकिन इस दौरान वे ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी (Travel Insurance Policy) लेना ज़रूरी नहीं समझते हैं. नतीजतन यात्रा में होनेवाली परेशानियां सफ़र का सारा मज़ा ख़राब कर देती हैं. अगर आप भी अन्य लोगों की तरह अपने सफ़र का मज़ा किरकिरा नहीं करना चाहते हैं, तो ऐसे उठाएं ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ.
क्यों कराएं ट्रैवल इंश्योरेंस?
- विदेश यात्रा के दौरान मेडिकल ख़र्च आपकी जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में ट्रैवल इंश्योरेंस आपके लिए बहुत मददगार साबित होता है.
- अगर आप अपनी विदेश यात्रा के दौरान होनेवाली परेशानियों, जैसे- ट्रिप रद्द होना, सामान खोना, विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना आदि से बचना चाहते हैं, तो ऐसे में ट्रैवल इंश्योरेंस बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है.
- विदेश यात्रा के दौरान अगर आपका पासपोर्ट खो जाता है, तो इस स्थिति में ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी की सहायता से आप उस देश के दूतावास से डुप्लीकेट पासपोर्ट हासिल कर सकते हैं.
किससे कराएं ट्रैवल इंश्योरेंस?
सफ़र के लिए अगर ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीद रहे हैं, तो जिस एयरलाइंस से आप टिकट बुक कर रहे हैं, उसी एयरलाइंस से यात्री ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं. इसके अलावा ट्रैवल एजेंट से भी यह इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि ट्रैवल एजेंट ऑथोराइज़्ड होना चाहिए.
ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदने से पहले रखें कुछ बातों का ध्यान
- ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी कई तरह की होती हैं, जैसे- सोलो ट्रिप, मल्टी ट्रिप, सालभर घूमने के लिए जाना आदि. यदि आप सोलो ट्रिप पर जा रहे हैं, तो ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि पॉलिसी लेने की अवधि यात्रा की अवधि से कम नहीं हो.
- पॉलिसी लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि यदि किसी कारण से यात्रा में देरी हो रही हो, तो तब तक ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायर न हो जाए.
- यात्रा पर निकलने से पहले यात्री यानी बीमाकर्ता इंश्योरेंस कंपनी से जांच-पड़ताल कर लें कि वे उस डेस्टिनेशन को कवर करते हैं या नहीं, जहां वे घूमने के लिए जा रहे हैं.
- ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदते समय अगर बीमाकर्ता या उनके पारिवारिक सदस्य को पहले से ही कोई बीमारी है, तो उसके बारे में बीमा कंपनी को अवगत कराए, क्योंकि ट्रैवल इंश्योरेंस कंपनियां पहले से होनेवाली बीमारियों को कवर नहीं करती हैं. ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में केवल कुछ जानलेवा बीमारियों को ही कवर किया जाता है.
- बीमाकर्ता को चाहिए कि वह तय डेस्टिनेशन के अलावा उन सुविधाओं की भी एक लिस्ट बनाए, जिन पर वह एक तय राशि क्लेम कर सकता है.
- यदि यात्री किसी ऐसी जगह पर घूमने के लिए जा रहे हैं, जो शेंगेन अप्रूव्ड (Schengen Approved) है, तो यात्री को बीमा कंपनी से यह ज़रूर पूछना चाहिए कि ऐसे डेस्टिनेशन के लिए आपका ट्रैवल इंश्योरेंस वैध है या नहीं. शेंगेन अप्रूव्ड एरिया यानी कि यूरोपीय देशों द्वारा किया गया एक समझौता है, जो यात्रियों को उन देश की सीमाओं के पार बिना पासपोर्ट के कहीं भी घूमने की अनुमति नहीं देता है. इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यात्री वीएफएस वेबसाइट चेक कर सकते हैं.
- बहुत सारे यात्री ऐसे विशेष ट्रैवल इंश्योरेंस की मांग करते हैं, जो किसी विशेष क्षेत्र के लिए हो. इन विशेष ट्रैवल इंश्योरेंस योजनाओं की कीमत उस विशेष क्षेत्र के चिकित्सा उपचार की लागत को ध्यान में रखते हुए या फिर अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है.
- बीमा पॉलिसी के दस्तावेज़ों पर एक कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर दिया होता है. अगर यात्री को बीमा पॉलिसी संबंधी किसी तरह की पूछताछ करनी है, तो वह इस कस्टमर केयर पर फोन करके सारी जानकारी हासिल कर सकता है.
- यात्री को पॉलिसी क्लेम करने की समयसीमा का ध्यान रखना चाहिए. वह केवल तय या सीमित समयसीमा के भीतर ही क्लेम कर सकता है, पॉलिसी ख़त्म होने के बाद नहीं. यदि बीमा कंपनी किसी लोकल सर्विस प्रोवाइडर के साथ टाइ-अप करती है, तो उस स्थिति में यात्री पॉलिसी के कॉन्ट्रैक्ट में दिए गए निर्देेशों को ध्यान में रखें.
- ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले यात्री पॉलिसी के कॉन्ट्रैक्ट को अच्छी तरह से पढ़ लें कि उसमें क्या-क्या सुविधाएं शामिल की गई हैं. उदाहरण के लिए- बहुत-सी बीमा कंपनियां एडवेंचर स्पोर्ट्स और ऐसे खेलों को कवर नहीं करती हैं, जिनमें नेचुरल डेथ होने का संभावना होती है. इन सब नियम-निर्देशों जानने के बाद ही यात्री ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लें.
ऑनलाइन ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी भी लेना है आसान
अगर आप टेक्नो फ्रेंडली हैं, तो आपके लिए ऑनलाइन ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बहुत आसान है. कुछ ही मिनटों में सारी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करके आप ट्रैवल इंश्योरेंस ले सकते हैं. ऑनलाइन ट्रैवल इंश्योरेंस इंस्टेंट प्रोसीज़र है, जिसे आप अपनी यात्रा शुरू करने से पहले हवाई अड्डे पर मौजूद रहकर भी पूरा कर सकते हैं.
यात्री क्या-क्या कवर कर सकते हैं ट्रैवल इंश्योरेंस में?
- उड़ानों में देरी होना या उनके कैंसल होने पर यात्रा में देरी होती है. ऐसी स्थिति में ट्रैवल इंश्योरेंस बहुत मददगार साबित होता है.
- यात्रा में देरी होने के अलावा उस दौरान खाने-पीने में होनेवाले ख़र्च और होटल में रुकने का ख़र्च भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर होता है.
- सफ़र में अगर किसी यात्री का सामान खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो इसे भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर किया जाता है.
- यात्रा के दौरान यदि परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है या किसी का एक्सीडेंट हो जाता है, तो अस्पताल का सारा ख़र्च, जैसे- अस्पताल का बिल, डॉक्टर की फीस, मेडिकल जांच (एक्स-रे आदि) के बिल भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर होता है.
- यात्रा के दौरान यदि किसी यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो इस स्थिति को भी ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर किया जा सकता है. जिन परिस्थितियों में यात्री की मृत्यु होती है, उसी के अनुसार कवरेज मिलता है.
– देवांश शर्मा

4. क्या साइटसीइंग के समय टूरिस्ट स्पॉट पर मुझे एंट्रेंस फी देना पड़ेगा.
डेस्टिनेशन पहुंचने से जुडे सवाल
- क्या सिंगल फ्लाइट नंबर का मतलब है कि यह डेस्टिनेशन के लिए नॉन स्टॉप फ्लाइट है.
- अगर फ्लाइट चेंज करते समय मैं कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो जाए तो उसकी भरपाई कौन करेगा.
- बैगेज गुम हो जाने पर क्या मुझे उसका पैसे मिलेगा.ये भी पढ़ेंः छुट्टियों में करें अंडमान की सैर (Andaman: Enjoy Your Vacation At This Island)
खाने से जुड़े सवाल
1. क्या मैं बुफे और आला कार्टा में से अपने हिसाब से चुनाव कर सकता हूं.
2. क्या हमें अपनी पसंद या धर्म के हिसाब से खाना मिलेगा.साइटसीइंग से जुड़े सवाल
1. क्या मैं अपनी इच्छा के हिसाब से टूरिस्ट स्पॉट्स चुन सकता हूं.
2. क्या घूमने के लिए एसी गाड़ी मिलेगी.
3. क्या हमें ट्रेंड गाइड मिलेगा या ड्राइवर ही गाइड का काम करेगा.पेपरवर्क
1. क्या ट्रैवल डाक्यूमेंट जमा करने में एजेंसी मदद करेगी
2. चूंकि अलग-अलग देशों में वीजा और वैक्सिनेशन के नियम अलग-अलग होते हैं. तो क्या मुझे इस बात की पूरी जानकारी दी जाएगी.
ट्रैवल इंश्योरेंस
1. क्या इसके अंदर हॉलीडे के दौरान मेडिकल इमरजेंसी कवर है.
2. क्या मेरे इंश्योरेंस प्लान में बैगेज और पासपोर्ट लॉस कवर है.
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अगर आप गर्मियों (Summer) में कहीं घूमने जाना चाहते हैं, लेकिन आपका बजट (Budget) आपको प्लानिंग (Planning) करने से रोक रहा है, तो आप कम बजट (Low Budget) में इन जगहों (Places) की सैर कर सकते हैं.
ऋषिकेश
अगर आप एडवेंचर का शौक रखते हैं तो ऋषिकेश आपके लिए सबसे बेहतरीन जगह हो सकती हैं. यहां पर 2 दिन और 3 रातें ठहरने पर खाना-पीना मिलाकर 3 हजार से भी कम का खर्चा आएगा. यहां पर सुख सुविधाओं के साथ काफी कम पैसों में रुकने के लिए धर्मशालाएं मिल जाएंगी. आप राफटिंग से लेकर बंगी जंपिंग और ट्रेकिंग के लिए जा सकते हैं. ये पूरा ट्रिप आपका 5 से 6 हजार के अंदर हो जाएगा.
चकार्ता
देहरादून का खूबसूरत हिल स्टेशन चकार्ता टौंस और यमुना नदी के बीच में स्थित है. प्रकृति को पसंद करने वालों के लिए यह जगह सबसे बेस्ट है. यहां टाइगर फॉस और यहां से ग्रेट वॉल ऑन चाइना का नज़ारा, हनूल महासू और लाखामंडल मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं. यह जगह नैनिताल और मसूरी के मुकाबले सस्ती है और यहां आपको भीड़ भी कम मिलेगी.
कसोल
बैचलर्स की सबसे ज्यादा पसंदीदा जगहों में से एक कसोल है. यह चंडीगढ़ और मनाली के पास एक छोटा सा हिल स्टेशन है. अगर बहुत पीक सीजन नहीं चल रहा है तो यहां पर आपको आसानी से 800 से 900 रुपए में होटल मिल जाएगा. खाने पीने को लेकर यह जगह सस्ती है. कम पैसों में ही आप पेटभर खाना आराम से खा सकते हैं. आप कसोल में पार्वती नदी के पास बैठकर टाइम स्पेंड कर सकते हैं. वहां कुछ कैफे भी हैं, जिनमें आप इजरायली खाने का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके अलावा वहां जर्मन बेकरी है, जहां आप शाम को ब्रेकफास्ट कर सकते हैं. अगले दिन सुबह खिरगंगा ट्रेकिंग के लिए निकले. रात को खिरगंगा में ही कैंप में स्टे करें। आपको यह ट्रिप हमेशा याद रहेगा.
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लैंड्सडाउन
कपल्स के लिए ये स्पॉट बेस्ट है. दिल्ली से इसकी दूरी सिर्फ 250 किलोमीटर है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1700 मीटर है. यहां के सबसे लाजवाब पॉइंट्स हैं भुल्ला लेक, सेंट मैरी चर्च और टिप इन टॉप. यहां से हिमालय की चौखम्बा और त्रिशूल चोटी साफ दिखाई देती है. हां, लेकिन यहां गर्मियों में जाना अवॉइड करें.
ओरछा
पहाड़ों से घिरा खूबसूरत स्थल ओरछा, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित है. जो अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है. यह ऐतिहासिक नगर राजा रूद्र प्रताप सिंह द्वारा बसाया गया था. जो यहां के प्रथम शासक बने. यह शहर बेतवा नदी के किनारे बसा है, जो टीकमगढ़ से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है और जबकि उत्तर प्रदेश के झांसी से इसकी दूरी मात्र 15 किमी रह जाती है. इस पर्यटन स्थल का प्लान आप कम बजट में बना सकते हैं. जहांगीर महल, राज महल, राय प्रवीन महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, रामराजा मंदिर, फूल बाग, सुंदर महल आदि यहां के प्रमुख देखने लायक स्थान हैं.
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अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुरू हो गई थी, लेकिन केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल रविवार और 30 अप्रैल सोमवार को खुले. चारों मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही आधिकारिक रूप से चार धाम की यात्रा शुरू हो गई है. इन चारों तीर्थ स्थलों पर आप कैसे पहुंच सकते हैं और यात्रा के दौरान आपको कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए. आइए जानते हैं.
यमुनोत्री है पहला पड़ाव
यमुनोत्री को चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव कहा जाता है. यहां यमुना का पहाड़ी शैली में बना खूबसूरत मंदिर है और मंदिर के पास ही खौलते पानी का स्रोत है जो तीर्थ यात्रियों के आकर्षण का केंद्र है. यमुनोत्री पहुंचने के लिए आप दिल्ली से देहरादून या ऋषिकेश तक हवाई यात्रा या रेल यात्रा से पहुंच सकते हैं.यहां से आगे सड़क मार्ग और आखिरी कुछ किलोमीटर पैदल चलकर यमुनोत्री पहुंच सकते हैं.
गंगोत्री है दूसरा पड़ाव
चारधाम यात्रा का दूसरा पड़ाव गंगोत्री है. यमुनोत्री के दर्शन कर तीर्थ यात्री गंगोत्री में गंगा माता की पूजा के लिए पहुंचते हैं. गंगा का प्राकृतिक स्रोत गोमुख ग्लेश्यिर गंगोत्री से 18 किलोमीटर दूर है. यमुनोत्री से गंगोत्री की सड़क मार्ग से दूरी 219 किलोमीटर है जबकि ऋषिकेश से गंगोत्री की दूरी 265 किलोमीटर है और वहां से वाहन से सीधे पहुंचा जा सकता है.
कैसे पहुंचे केदारनाथ?
चारधाम यात्रा का तीसरा पड़ाव केदारनाथ धाम है जो उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में आता है. ऋषिकेश से गौरीकुण्ड की दूरी 76 किलोमीटर है और यहां से 18 किलोमीटर की दूरी तय करके केदारनाथ पहुंच सकते हैं. केदारनाथ और लिंचैली के बीच 4 मीटर चौड़ी सीमेंटेड सड़क बना दी गई है जिससे श्रद्धालु आसानी से केदारनाथ पहुंच सकते हैं.
कैसे पहुंचे बद्रीनाथ?
बद्रीनाथधाम तक गाड़ियां जाती हैं, इसलिए यहां मौसम अनुकूल होने पर पैदल नहीं जाना पड़ता. बद्रीनाथ को बैकुण्ठ धाम भी कहा जाता है. यहां पहुंचने के लिए ऋषिकेश से देवप्रयाग, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली और गोविन्दघाट होते हुए पहुंचा जा सकता है.
कब जाएं ?
वैसे तो चारधाम यात्रा हर साल अप्रैल महीने में शुरू होती है और अक्टूबर-नवंबर में खत्म हो जाती है, लेकिन सितंबर का महीना इस यात्रा का पीक सीजन होता है क्योंकि जून से अगस्त के बीच इस इलाके में भारी बारिश होती है, जिसकी वजह से तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सितंबर चारधाम यात्रा पर जाने का सबसे बेस्ट समय है क्योंकि बारिश के बाद पूरी घाटी धुली हुई और फ्रेश हो जाती है, चारों तरफ हरियाली नजर आने लगती है और यहां की प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है.
इन बातों का रखें खास ख्याल
चारधाम यात्रा ही नहीं बल्कि किसी भी यात्रा के दौरान आपको अपनी जरूरी दवाइयां हमेशा साथ रखनी चाहिए.
इसके अलावा छोटी-मोटी सामान्य परेशानियों जैसे- पेट दर्द, उल्टी, सिरदर्द, बुखार की दवा के अलावा क्रीम और पेनरिलीफ स्प्रे भी साथ रखना चाहिए.
यात्रा के दौरान गर्म और ऊनी कपड़े साथ रखें क्योंकि इस क्षेत्र का मौसम हमेशा ठंडा रहता है और ऊंचाई पर तो ठंड ज्यादा बढ़ जाती है.
इसके अलावा एक अच्छा टॉर्च भी साथ जरूर रखें.
चारधाम की यात्रा अकेले करने की बजाए दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ करें क्योंकि रूट चैलेंजिंग होने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

लंदन देखा, पेरिस देखा, और देखा जापान….सारे जहां मे कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान… बॉलीवुड का ये गाना आज भी देश के प्रति सम्मान और प्रेम से भर देता है. इस धरती पर दूसरा हिंदुस्तान आपको नहीं मिलेगा, क्योंकि हिंदुस्तान का दिल उसके गांवों में धड़कता है. असली भारत तो गांवों में ही नज़र आता है, लेकिन अफ़सोस आपके बच्चे इस सुखद अनुभूति से कोसों दूर हो चुके हैं. दुनिया घूमकर क्या करेंगे जनाब, जब बच्चों की रगों में देश के प्रति प्रेम नहीं भर पाएंगे. जी हां, विदेशों की सैर करके अपने बच्चों के दिलों में आप विदेशी तौर-तरी़के तो भर रहे हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर अपनी सभ्यता और संस्कृति से दूर हो रहे हैं. अभी भी व़क्त है. चलिए, आज़ादी के इस महीने में बच्चों के साथ विलेज टूर पर.चलिए आज़ादी के इस माहौल में अपने बच्चों के साथ कुछ दिन हिंदुस्तान के गांवों में बिताइए.
मलाना, हिमाचल प्रदेश
देश में ही अगर आपको ग्रीक कल्चर देखना है, तो हिमाचल प्रदेश का मलाना गांव आपके लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है. यहां के लोग ख़ुद को एलेक्ज़ेंडर के वंशज मानते हैं. इतना ही नहीं मलाना गांव में लोकल कोर्ट भी है. कोर्ट का सिस्टम प्राचीन ग्रीक सिस्टम से मेल खाता है.
कैसे पहुंचे?
मलाना पहुंचने के लिए आप दिल्ली से मनाली के लिए बस/टैक्सी ले सकते हैं. मनाली से मलाना 90 किलोमीटर की दूरी पर है. मनाली से जरी या नेरंग तक आप टैक्सी से पहुंच सकते हैं. दिल्ली से ही आप फ्लाइट के ज़रिए कुल्लु एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं. वहां से लोकल टैक्सी के ज़रिए मलाना पहुंच सकते हैं.
मस्ट डू
– मलाना जाने के बाद जमदग्नी मंदिर ज़रूर जाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भूलकर भी दीवारों को हाथ न लगाएं.
– अगर आप ट्रेकिंग के शौक़ीन हैं, तो मलाना आपके लिए बेहतर जगह है.
– पडाड़ों से सनसेट और सन राइज़ ज़रूर देखें.
मलाना को छुआ, तो पैसे लगेंगे
जी हां, मलाना अपीन ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है. यहां रहने वाले लोग आपका आदर तो करेंगे, लेकिन जैसे ही आप वहां की कोई चीज़ छूने की कोशिश करेंगे, तो आपका फाइन देना पड़ेगा, इसलिए गांव को दूर से ही देखें. कुछ भी छूने की ग़लती न करें.
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अनोखा मलाना
मलाना की कुछ ऐसी बातें भी हैं, जो आपका दिल जीत लेंगी.
यहां के लोग पेड़ पर नाख़ून नहीं लगाते. उनके अनुसार इस
तरह से पेड़ को तकलीफ़ होती है. इतना ही नहीं जंगल में
लकड़ियां नहीं जलाते और तो और स़िर्फ और स़िर्फ सूखी
लकड़ियों का ही उपयोग करते हैं, वो भी जंगल से बाहर.
मावाल्यान्नॉन्ग, मेघालय
शिलॉन्ग से 90 किलोमीटर दूर दक्षिण में बसा मावाल्यान्नॉन्ग गांव पूरे विश्व में साफ़-सुथरा गांव के रूप में प्रसिद्ध है. बहते पानी के ऊपर पेड़ों की जड़ों से बना ब्रिज आपको यहीं देखने को मिलेगा. इस गांव में आपको प्रकृति की इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना देखने को मिलेगा. 2003 में इसे एशिया के सबसे साफ़-सुथरे गांव के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था. ईको टूरिज़्म का एहसास करने के लिए मावाल्यान्नॉन्ग ज़रूर जाएं.
कैसे पहुंचे?
यहां जाने के लिए दिल्ली और मुंबई से फ्लाइट के ज़रिए आप शिलॉन्ग एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं. शिलॉन्ग से टैक्सी के ज़रिए आप मावाल्यान्नॉन्ग पहुंच सकते हैं. ट्रेन के ज़रिए भी आप पहले शिलॉन्ग रेलवे स्टेशन जा सकते हैं. फिर वहां से लोकल टैक्सी के ज़रिए आप पहुंच सकते हैं.
मस्ट डू
– ट्रेकिंग के दीवानों के लिए ये जगह बहुत अच्छी है. मावाल्यान्नॉन्ग से लिविंग ब्रिज तक की ट्रेकिंग ज़रूर करें.
– प्रकृति की सुंदर कृति बहते झरनों की नीचे नहाएं.
– गुफाओं की लाइफ जानने के लिए गुफाओं की सैर ज़रूर करें.
दांडी, गुजरात
गुजरात का नन्हा-सा गांव, जो कभी गुजरात में ही फेमस नहीं था, महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह ने उसे दुनिया के मानचित्र पर लाकर खड़ा कर दिया. ऐतिहासिक रूप से इस गांव का महत्व तो है ही साथ में प्राकृतिक रूप से भी ये संपन्न है. बच्चों को दांडी की यात्रा ज़रूर कराएं.
कैसे पहुंचे?
फ्लाइट, रेल, बस से आप दांडी पहुंच सकते हैं. आप सूरत पहुंचकर वहां से दांडी जा सकते हैं.
मस्ट डू
– दांडी बीच पर जाकर नमक सत्याग्रह यादें ताज़ा ज़रूर करें.
– होटल के कमरे तक सीमित रहने की बजाय बच्चों को गांव की सैर कराएं.
– वहां के लोगों से नमक सत्याग्रह के बारे में जानें.
– हो सके तो दांडी से साबरमती तक की यात्रा करें. इससे आप उस समय को जीने में सफल रहेंगे.
याना, कर्नाटक
जंगलों और पहाड़ों के बीच शान से बना कर्नाटक का ये गांव आपको प्रकृति के अप्रतिम दृश्य का अवलोकन कराएगा. स्कूल के किताबों में पेड़ों और पहाड़ों को देखने और उन्हें रंगों से भरने वाले बच्चों के लिए ये गांव किसी सपने से कम नहीं लगेगा. ये एक हिल स्टेशन है. दुनियाभर से पर्यटक याना का रॉक फॉरमेशन देखने आते हैं.
कैसे पहुंचे?
याना गांव पहुंचने के लिए बैंग्लोर नज़दीकी
एयरपोर्ट है. ट्रेन से जाने के लिए कोंकण रेलवे का चुनाव करें. कुम्टा नज़दीकी रेलवे स्टेशन है.
मस्ट डू
– बच्चों के साथ विबुति झरना देखने ज़रूर जाएं.
– पहाड़ों के बीच बने याना मंदिर में बच्चों के साथ पूजा करने ज़रूर जाएं.
– जंगलों के बीच में बने गुफा में बच्चों के साथ सैर ज़रूर करें.
– ट्रेकिंग के शौक़ीन हैं, तो याना में ट्रेकिंग ज़रूर करें.
बहुत कुछ सीखेंगे बच्चे
आमतौर पर शहरों के दो कमरों के घरों में रहने वाले
बच्चों की दुनिया स़िर्फ आप तक ही सीमित होती है.
देश के गांव किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं,
उस पर उनका ध्यान नहीं जाता. इस ट्रिप के
माध्यम से बच्चे हक़ीकत से रू-ब-रू होंगे
और वापस आने के बाद अपने में सुधार
करेंगे. उदाहरण के लिए पानी बचाना,
इलेक्ट्रीसिटी बचाना, महंगे कपड़ों,
खिलौने आदि की ज़िद्द करने से
पहले कई बार सोचेंगे.
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स्मार्ट टिप्स
– गांव का सैर करते समय अपने बैगपैक में कुछ देसी आउटफिट ज़रूर रखें.
– हील्स आदि रखने की बजाय फ्लैट फुटवेयर और स्पोर्ट्स शूज़ रखें.
– बैग में फर्स्टएड ज़रूर रखें.
– अगर बच्चों को कहीं का भी पानी सूट नहीं करता, तो साथ में पैक्ड पानी ले जाएं.
– जिस गांव की सैर करने जा रहे हैं, वहां की जानकारी लोकल गाइड से पहले ही ले लें. हो सके तो इंटरनेट के माध्यम से वहां की जानकारी ले लें.
– अपने साथ किसी लोकल गाइड को ज़रूर ले जाएं. इससे आप वहां के लोगों से आसानी से बात कर सकेंगे.
– इस ट्रिप पर कैमरा साथ रखें.
– अभी भी हमारे गांवों में इलेक्ट्रीसिटी की काफ़ी दिक्क़त होती है. ऐसे में मोबाइल को फुल चार्ज रखें औऱ हो सके तो घूमने के समय इंटरनेट का उपयोग कम करें. इससे बैटरी बचेगी.
– गांव के लोगों से बात करते समय नम्रता बरतें.
– किसी भी अनजान पर विश्वास करने की ग़लती न करें.
न उड़ाएं मज़ाक
शहर और गांव के कल्चर में बहुत फर्क़ होता है.
कपड़ों से लेकर बातचीत, खान-पान आदि में
विभिन्नता होती है. ऐसे में वहां के लोगों को
देखकर हंसने या उनका मज़ाक उड़ाने
की ग़लती न करें.
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एग्ज़ाम के बाद बच्चों को रिफ्रेशमेंट की ज़रूरत होती है. ऐसे में उन्हें कुछ ऐसी जगहों की सैर कराएं, जिससे वो पूरे साल के लिए रिचार्ज हो जाएं. तो चलिए चलते हैं किड्स प्लैनेट की सैर पर.
हैलो किटी थीम पार्क, जापान
सालों से आप सभी का मनोरंजन करने वाली किटी की दुनिया भी बहुत रोमांचक है. जापान के टोक्यो में स्थित ये हैलो किटी पार्क आपके बच्चे को रोमांच से भर देगा. तो देर किस बात की इस छुट्टी बच्चे को सैर कराएं किटी वर्ल्ड की. ये एक इंडोर थीम पार्क है.
कैसे जाएं?
दिल्ली, मुंबई आदि महानगरों से आप जापान की राजधानी टोक्यो पहुंच सकते हैं. इसके बाद आप वहां से टामा सेंटर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर वहां से किटी थीम पार्क पहुंच सकते हैं.
मुख्य आकर्षण
– हैलो किटी बोट राइड
– किटीज़ हाउस
– फूड मशीन रेस्टोरेंट
– फेस्टिवल प्लाज़ा
Must Do
– हैलो किटी थीम पार्क की सभी राइड्स का आनंद अवश्य लें.
– किटी कैफे में बैठकर कॉफी ज़रूर पीएं.
– हैलो किटी प्लेन से सफ़र करें.
– हैलो किटी बस की सैर भी आपके लिए मज़ेदार होगी.
– टोक्यो में बने हैलो किटी स्टोर पर ज़रूर जाएं. यहां 8 फिट की किटी आपका स्वागत करने के लिए खड़ी रहेगी.
शॉपिंग भी है ज़रूरी
किटी वर्ल्ड में जाने के बाद शॉपिंग ज़रूर करें. किटी की दुनिया से अपने बच्चों के लिए बहुत-सी चीज़ें ख़रीदें.
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पेप्पा पिग वर्ल्ड, इंग्लैंड
इंग्लैंड के हैम्पशायर में 140 एकड़ में बना पेप्पा पिग वर्ल्ड कार्टून पेप्पा पिग पर आधारित है. यह थीम पार्क बच्चों को कार्टून की दुनिया की सैर कराती है. 60 से अधिक राइड्स वाला ये थीम पार्क बच्चों के साथ-साथ आपका भी मनोरंजन करने के लिए तैयार है.
कैसे जाएं?
पेप्पा पिग वर्ल्ड पहुंचने के लिए आप दिल्ली, मुंबई, चेन्नई आदि महानगरों से सीधे हीथ्रो इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर सकते हैं. एयरपोर्ट से लोकल कैब के ज़रिए आप डेढ़ घंटे में पिग वर्ल्ड पहुंच जाएंगे.
राइड्स
पेप्पा पिग वर्ल्ड में जाने के बाद बच्चों के साथ आप भी राइड करना न भूलें. कुछ मुख्य राइड्स इस प्रकार हैं:
– विंडी कैसल राइड
– ग्रैंडपा पिग्स लिटिल ट्रेन
– ग्रैंडपा पिग्स बोट ट्रिप
– पेपाज़ बिग बलून राइड
– मिस रैबिट्स हेलिकॉप्टर फ्लाइट
मुख्य आकर्षण
– मम्मी पिग एंड डैडी पिग
– पेप्पाज़ हाउस
– द स्कूल
– ग्रैंडपा पिग्स हाउस
– पेप्पाज़ टॉय शॉप
फोटोग्राफी है ज़रूरी
पेप्पा पिग वर्ल्ड में जाने के बाद सभी राइड्स का आनंद ज़रूर लें. राइड्स करते समय फोटो निकालना न भूलें.

डिज़्ज़ी वर्ल्ड, चेन्नई
चेन्नई से 35 किलोमीटर दूर ईस्ट कोस्ट रोड पर बना डिज़्ज़ी वर्ल्ड देश के बड़े अम्यूज़मेंट पार्क में से एक है. 45 एकड़ में बना ये पार्क बच्चों के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है. पढ़ाई के प्रेशर को कम करने के लिए बच्चों को यहां ज़रूर ले जाएं.
कैसे जाएं?
किसी भी शहर से आप फ्लाइट/ट्रेन/बस/कार के माध्यम से चेन्नई पहुंच सकते हैं. उसके बाद वहां से डिज़्ज़ी वर्ल्ड जा सकते हैं.
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राइड्स
– बैट मैन जेट
– डिज़्ज़ी एक्सप्रेस
– टोरा स्पिन
– एलिफैंट सफ़ारी
– ग्रैनी बग
– रॉकेट टावर
मुख्य आकर्षण
– रेन ट्री
– ट्री हाउस
– कार्निवल गेम्स
– इमैजिन
वन्ड्रेला पार्क, कोचि
बच्चों को मैजिकल चीज़ें बहुत पसंद आती हैं. ऐसे में उन्हें कोचि का वन्ड्रेला अम्यूज़मेंट पार्क बहुत पसंद आएगा. बच्चों के साथ फन टाइम स्पेंड करना चाहते हैं, तो कोचि के इस पार्क में ज़रूर जाएं. कोचि शहर से 12 किलोमीटर दूर पल्लिक्कर पहाड़ी की चोटि पर बना ये पार्क आपके हॉलिडे को और भी मज़ेदार बनाने के लिए तैयार है.
कैसे जाएं?
वन्ड्रेला अम्यूज़मेंट पार्क पहुंचने के लिए आप देश के किसी भी महानगर से सीधे फ्लाइट के ज़रिए कोचि एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं. एयरपोर्ट से लोकल वेहिकल के ज़रिए आप आसानी से पार्क पहुंच सकते हैं. ट्रेन से यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो कोचि रेलवे स्टेशन नज़दीकी रेलवे स्टेशन है.
राइड्स
– फ्लाइंग अम्मू
– बलून टॉवर
– हैप्पी कंगारू
– मैजिक प्लेन
– जंपिंग फ्रॉग
मुख्य आकर्षण
– बलराम केव
– रॉकिन टग
– एक्सडी मैक्स
– म्यूज़िकल फाउंटेन एंड लेज़र शो
– सिनेमैजिक राइड
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आज मैं ऊपर…आसमां नीचे…इस गाने की तर्ज पर अगर आप भी मन में अक्सर ऐसा सोचते हैं कि आप भी आसमान में पंछियों की तरह उड़ें, तो चलिए आपके इस शौक़ को हम पूरा कर देते हैं. जी हां, अक्टूबर के इस सुहाने मौसम में अपने पंखों को दीजिए उड़ान और उड़िए खुले आसमान में. कैसे? अरे पैराग्लाइडिंग करके. आसमान में उड़ने की आपकी हसरत को पूरा करने के लिए हम बता रहे हैं कुछ ऐसी जगहों के बारे में, जो पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध और पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
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बीर बिलिंग- हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में स्थित बीर बिलिंग स़िर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर है. यहां पर हर साल दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. इसे भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी भी कहते हैं. ख़ूबसूरत
पहाड़ों से घिरा बीर बिलिंग का दृश्य बहुत ही मनोहर दिखता है. पहाड़ों पर इतराते और अटखेलियां करते मेघ आपके टूर को और भी ख़ूबसूरत बना देते हैं.
कैसे पहुंचे?
बीर बिलिंग पहुंचने के लिए आप दिल्ली से बाई रोड पहुंच सकते हैं. न्यू दिल्ली से यहां के लिए डायरेक्ट बसें चलती हैं. आप इन बसों के माध्यम से भी यहां पहुंच सकते हैं. ये बसें आपको बैजनाथ छोड़ेंगी. वहां से आपको टैक्सी के ज़रिए बीर जाना होगा. आपके पास अगर समय की कोई कमी नहीं है, तो आप ट्वाय ट्रेन से भी जा सकते हैं. ये ट्रेन सात घंटे के आसपास आपको बीर छोड़ेगी.
ये भी देखें
बीर बिलिंग जाने के बाद स़िर्फ पैराग्लाइडिंग करना और वापस आ जाना सही नहीं लगता, इसलिए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी जगहों के बारे में जो हैं फेमस और आपकी जर्नी को यादगार बना देंगी.
– कंकलेश्वर मंदिर
– बैजनाथ मंदिर
– ताशीजोंग मॉनेस्टरी
ट्रेकिंग का लें आनंद
अगर आपको पहाड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता है, तो बीर में अपनी ये इच्छा ज़रूर पूरी करें. टूरिस्ट गाइड आपको ट्रेकिंग के लिए मदद करते हैं. ग्रुप में ट्रेकिंग करके आप अपनी ट्रिप को और भी आनंददायक बना सकते हैं.
नंदी हिल- कर्नाटक
नंदी हिल कर्नाटक में चिकबलपुर शहर से मात्र 10 किलोमीटर दूर है. बैंग्लोर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह बहुत ही आकर्षक पहाड़ है. यहां हर साल दुनियाभर से हज़ारों सैलानी पैराग्लाइडिंग के लिए आते हैं. कुछ दिन के लिए अगर शहरी लाइपस्टाइल से दूर प्रकृति की गोद में बिताना चाहते हैं, तो नंदी हिल आपके लिए परफेक्ट है.
कैसे पहुंचे?
फ्लाइट, ट्रेन या बस के ज़रिए आप बैंग्लोर पहुंच सकते हैं. वहां से फिर आप बसों/टैक्सी के माध्यम से नंदी हिल पहुंच सकते हैं.
ये भी देखें
नंदी हील पहुंचने के बाद पैराग्लाइडिंग से अगर समय बच जाए, तो इन जगहों पर ज़रूर जाएं:
– टीपू सुल्तान का किला
– नंदी टेंपल
– मुदेनहल्ली म्यूज़ियम
– टीपूज़ ड्रॉप
करें साइकलिंग और ट्रेकिंग
आपको अगर साइकलिंग का शौक़ है और नेचर की गोद में साइकलिंग करना चाहते हैं, तो नंदी हिल जाने के बाद साइकलिंग का मौक़ा बिल्कुल न गवाएं. इतना ही नहीं आप यहां ट्रेकिंग का आनंद भी उठा सकते हैं.
पावना- महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 65 किलोमीटर दूर पावना में पैराग्लाइडिंग करने का आनंद ही कुछ और है. पहाड़ों से अपने पंख लगाकर जब आप पावना लेक के ऊपर उड़ान भरते हैं, तो नज़ारा ही कुछ और होता है. यहां पर आना बहुत ही आसान है. पैराग्लाइडिंग के लिए आपको ज़्यादा दिन का इंतज़ार नहीं करना पड़ता. मखमली पहाड़ और स़फेद झील के आसपास उड़ना बहुत ही अच्छा लगता है.
कैसे पहुंचे?
आप देश के किसी भी शहर से पहले मुंबई या पुणे पहुंच जाइए. उसके बाद आसानी से आप पावना पहुंच सकते हैं. ट्रेन, बस या फिर प्राइवेट टैक्सी करके भी आप वहां पहुंच सकते हैं.
ये भी देखेेंं
– पावना लेक ज़रूर देखें.
– यहां के रिसॉर्ट में ज़रूर जाएं.
– यहां से आप लोनावला भी जा सकते हैं.
मसूरी- उत्तराखंड
मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है. ये क्षेत्र पढ़ाई, व्यवसाय और टूरिज़्म के लिए जाना जाता है. हो सकता है आफ मसूरी कई बार गए हों और वहां के ख़ूबसूरत पहाड़ों का नज़ारा देखा हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मसूरी में पैराग्लाइडिंग करना कितना सुखद और अद्भुत अनुभव होता है. जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने, इसलिए इस बार आप मसूरी ख़ासतौर पर पैराग्लाइडिंग के लिए जाएं.
कैसे पहुंचे?
आप बस, ट्रेन और फ्लाइट के ज़रिए मसूरी पहुंच सकते हैं. फ्लाइट से जाने के लिए आपको देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर जाना होगा.
ये भी देखेेंं
– मसूरी लेक
– कंपनी गार्डन
– ज्वालाजी मंदिर
– क्लाउड हिल
पैराग्लाइडिंग करने से पहले कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें.
– ट्रेन्ड और अच्छे इंट्रक्टर के निगरानी में पैराग्लाइडिंग करें.
– उंचाई से डर लगता है, तो दोस्तों के दबाव में आकर पैराग्लाइडिंग बिल्कुल न करें.
– बूट्स, हेलमेट और ग्लोब्स ज़रूर पहनें.
– स्मार्टनेस दिखाने के चक्कर में बादलों के बीच में उड़ान न भरें.
– ख़ुद उड़ान भरने से पहले दूसरों को टेकऑफ और लैंडिंग करते देखें. इससे आपको मनोबल बढ़ेगा और आप सही तरह से उड़ान भर सकेंगे.
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हमसफ़र के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की सोच रहे हैं और उन्हें सरप्राइज़ देना चाहते हैं, तो उन्हें कराइए आईलैंड की सैर. एक नज़र दुनिया के ख़ास आईलैंड पर.इस साल को और भी यादगार बनाने के लिए अपने हमसफ़र के साथ जाएं आईलैंड की ट्रिप पर. आईलैंड की ख़ूबसूरत और रोमांटिक वादियां आप दोनों को और भी क़रीब ले आएगी.
फीजी
टरक्वाइश वॉटर, ग्लिटरिंग सैंड्स के साथ फीजी पर्यकटों को अपनी ओर आकर्षित करता है. हमसफ़र के साथ यहां जाना किसी रोमांटिक ट्रिप से कम नहीं होगा. यहां के वर्ल्डक्लास रिसॉर्ट आपका मूड ही बदल देंगे.
आकर्षण के केंद्र
गार्डन ऑफ स्लीपिंग जाएंट्स, फायरवॉकिंग सेरिमनी, फीजी म्यूज़ियम, कोरल कोस्ट, द यसावस, पोर्ट देनारू मरीना आदि फीजी के मुख्य आकर्षण हैं.
कैसे जाएं?
मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आदि महानगरों से आप फ्लाइट के माध्यम से फीजी के नजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच सकते हैं. उसके बाद वहां के लोकल वेहिकल से आप फीजी के अलग-अलग आईलैंड की सैर कर सकते हैं.
पार्टनर के साथ फीजी के सुहाने मौसम
में घूमते समय वहां का लोकल ड्रिंक
कावा पीना न भूलें.
बोरा बोरा
दुनिया के सुंदर आईलैंड में से बोरा बोरा एक है. लग्ज़ीरियस रिसॉर्ट, सनी स्काई, रोमांटिक व्यू के साथ बोरा-बोरा आईलैंड आपको आकर्षित करने के लिए तैयार है. पार्टनर के साथ कुछ पल अकेले में बिताने के लिए ये आईलैंड आपके लिए बहुत ही रोमांटिक जगह है. हरी झाड़ियों से घिरा समुद्र का नीला पानी पर्यटकों को यहां बार-बार आने के लिए आकर्षित करते हैं.
कैसे जाएं?
दिल्ली, मुंबई, बैंग्लोर, चेन्नई से आप हवाई जहाज़ के माध्यम से बोरा बोरा पहुंच सकते हैं. बोरा बोरा मोटू म्यूट एयरपोर्ट यहां का इंटरनेशनल एयरपोर्ट है.
बोरा बोरा की सैर करते व़क्त वहां का स्थानीय
खाना खाना न भूलें. कोकोनट मिल्क और
लाइम जूस में बनी माही-माही फिश
का स्वाद ज़रूर चखें.
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सैंटोरिनी या सदोरिनी
ग्रीस से 200 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र के बीच में बना सैंटोरिनी आईलैंड अपनी सुंदरता के नाते दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां की ख़ूबसूरत वादियां बॉलीवुड निर्देशकों को भी बहुत पसंद आती हैं. तो अगर आप भी अपने हमसफ़र को स्पेशल फील कराना चाहते हैं, तो यहां ज़रूर जाएं.
आकर्षण के केंद्र
एनसिएंट थिरा, कमारी बीच, रेड बीच,
अमोडी बे आदि यहां की ख़ूबसूरत जगहें हैं.
इसके साथ ही यहां का रेड और ब्लैक सैंड
बीच भी पर्यटकों को ख़ासा पसंद आता है.
कैसे जाएं?
मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली, चेन्नई आदि महानगरों से आप ग्रीस के लिए उड़ान भर सकते हैं. एथेंस एयरपोर्ट से आप सैंटोरिनी के लिए उड़ान भर सकते हैं. या फिर फेरी के माध्यम से भी आप सैंटोरिनी पहुंच सकते हैं.
बॉलीवुड फिल्म चलते-चलते के कुछ दृश्यों की शूटिंग ग्रीस में हुई थी.
इस फिल्म के माध्यम से आप इस आईलैंड की ख़ूबसूरती का
अंदाज़ा लगा सकते हैं. बॉलीवुड फिल्म टशन, बैंग-बैंग,
वॉन्टेड की शूटिंग भी ग्रीस में हुई है.
मालदीव
क्रिस्टल ब्लू वॉटर में ऑरेंज सनसेट का नज़ारा आपको मालदीव में ही मिल सकता है. हमसफ़र के साथ अपने ख़ास पल को और भी रोमांटिक बनाने की चाह रखते हैं, तो मालदीव की सैर ज़रूर करें. समुद्र के अंदर व्हेल और कुछ अन्य जीवों को देखने के लिए बोट की सैर ज़रूर करें.
आकर्षण के केंद्र
राजधानी माले के अलावा
माले फिश मार्केट, नेशनल
म्यूज़ियम, हुकुरू मीस्की
आदि पर्यटकों को सालभर
मालदीव आने के लिए आकर्षित करते रहते हैं.
कैसे जाएं?
मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली, बैंग्लोर से आप माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच सकते हैं.
मालदीव घूमते समय वहां के लोकल
फूड का ज़ायका लेना न भूलें. फिश
करी के साथ राइस ज़रूर खाएं.
ऐसा स्वाद आपको कहीं और
नहीं मिलेगा.
श्वेता सिंह
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शादियों का सीज़न चल रहा है. ऐसे में लाज़मी है कि अपनी स्वीटहार्ट को आप किसी स्पेशल जगह ले जाना चाहते हों. आप सोच रहे होंगे कि आपका हनीमून डेस्टिनेशन कुछ ऐसा हो कि ताउम्र आपकी पार्टनर को याद रहे. तो चलिए, हम बताते हैं कुछ ऐसी जगहों के बारे में, जो आपके हनीमून को बना देंगे बेहद रोमांटिक और ख़ास.
उदयपुर
सर्दी की सुहानी धूप के साथ उदयपुर का नज़ारा और भी आकर्षक हो जाता है. उदयपुर घूमने का सही मौसम यही है. ख़ूबसूरत महल और झीलों के इस शहर का नज़ारा तब और ख़ास हो जाता है, जब आपके हाथों में पार्टनर का हाथ हो.
कैसे जाएं?
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, जयपुर आदि से आप सीधे उदयपुर के लिए फ्लाइट ले सकते हैं. इसके साथ ही देश के दूसरे शहरों से ट्रेन की सुविधा भी है.
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क्या देखें?
झीलों और महलों के इस शहर में ऐसी बहुत-सी जगहें हैं जिन्हें आप अपनी यादों के एल्बम में कैद कर सकते हैं.
दुनिया के सबसे रोमांटिक पैलेस में से एक उदयपुर लेक पैलेस की सैर करना न भूलें.
पार्टनर के साथ गुलाब बाग में दो पल ज़रूरी बैठें.
पिचोला झील के किनारे बना उदयपुर सिटी पैलेस भागदौड़ से दूर आपको सुख और चैन का एहसास दिलाएगा.
कहां से करें शापिंग?
इतने सालों बाद पार्टनर के साथ इस रोमांटिक जगह पर घूमने का मज़ा शॉपिंक के साथ दुगुना हो जाता है. आप इन जगहों से शॉपिंग कर सकते हैं.
उदयपुर का क्लॉक मार्केट गोल्ड, सिल्वर, कॉपर आदि से बनी आकर्षक वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है.
एम्ब्रॉयडरी, टेक्स्टाइल आदि वस्तुएं ख़रीदने के लिए लेक पैलेस रोड पर शॉपिंग करना न भूलें.
हैंडीक्राफ्ट्स के लिए जगदीश टेम्पल स्ट्रीट मार्केट ज़रूर जाएं.
कपड़ों की ख़रीददारी के लिए आप घंटा घर मार्केट जा सकते हैं.
औली
समुद्र से 9 हज़ार फीट की उंचाई पर बसा औली उत्तराखंड का बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल है. कुछ लोग सालभर इंतज़ार करने के बाद ठंड के मौसम में औली घूमने का प्लान बनाते हैं. आप भी अगर प्रकृति की गोद में बर्फ की चादर पर बैठकर दो पल बिताना चाहते हैं, तो औली आपके लिए बेस्ट हनीमून डेस्टीनेशन है. पूरी दुनिया में औली स्कीइंग के लिए मशहूर है.
कैसे जाएं?
औली जाने के लिए सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांटरोड है. इसके अलावा आप ट्रेन से भी औली जा सकते हैं. हरिद्वार सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है.
क्या देखें?
त्रिशूल पीक यहां के आकर्षण का केंद्र है.
औली स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है. अल्पाइन स्कीइंग, नार्डिक स्कीइंग और टेलीमार्क स्कीइंग का आनंद लेना न भूलें.
एशिया की सबसे लंबी केबल कार औली में ही है. बर्फिले मौसम में इसका आनंद लेना न भूलें.
नंदा देवी नेशनल पार्क ज़रूर देखें.
जोशीमठ ट्रैकिंग भी आकर्षण का केंद्र है.
कहां से करें शॉपिंग?
औली से लौटते व़क्त आप जोशीमठ के लोकल बाज़ार से वुलन कैप्स, ब्लैंकेट्स, शॉल आदि ख़रीद सकते हैं.
हवाई
दुनिया के बड़े और आकर्षक हनीमून डेस्टीनेशन में से हवाई एक है. यह जगह कपल्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं. ट्रॉपिकल बीचेस, जंगल, सर्फिंग, लक्ज़ीरियस होटल आदि चीज़ें हवाई को और जगहों से अलग करती हैं.
कैसे जाएं?
हवाई जाने के लिए आप दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बैंग्लोर आदि जगहों से फ्लाइट द्वारा पहुंच सकते हैं.
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क्या देखें?
हवाई का सबसे व्यस्त आईलैंड ओआहू घूमने के लिए बहुत ही बेहतरीन जगह है.
पार्टनर के साथ माउई जाना न भूलें. पूरी तरह से प्रकृति की गोद में समाई माउई में जगह-जगह वाटरफॉल और हरियाली इसके आकर्षण का केंद्र है.
वॉलकेनो लेशनल पार्क देखने के लिए बिग आईलैंड ज़रूर जाएं.
काउआई में हेलीकॉप्टर विज़िट करना न भूलें.
हवाई के बीचेज़ दुनिया के रोमांटिक बीचेज़ में माने जाते हैं. ऐसे में बीचेज़ पर घूमने ज़रूर जाएं.
कहां से शॉपिंग करें?
हवाई के वाईकीकी इंटरनेशनल मारकेट में ख़रीददारी करने का चांस मिस न करें. यहां की लोकल चीज़ों की शॉपिंग आपके लिए बेहतर होगी. हैंडीक्राफ्ट से लेकर फाइन आर्ट तक हर तरह की वस्तुएं यहां आपको मिलेंगी.
पेरिस
फ्रांस की राजधानी पेरिस किसी स्वप्न लोक की तरह है. शहर के बीच में बहती सोन नदी और उसके किनारे पर खड़ा एफिल टावर दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. पेरिस को फैशन की राजधानी माना जाता है. फैशन की शुरुआत यहीं से होती है.
कैसे जाएं?
दिल्ली, मुंबई, बैंग्लोर, चेन्नई आदि बड़े शहरों से फ्लाइट की सीधे सुविधा है.
क्या देखें?
एफिल टावर की झलक के बिना पेरिस टूर की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
सैकड़ों तरह के फूल और पौधों की सुंदरता वाला ट्यूलेरी गार्डन घूमने ज़रूर जाएं.
दुनिया का सबसे बड़ा चित्र संग्रहालय लूब्रु देखने ज़रूर जाएं.
कहां से शॉपिंग करें?
आर्टिस्टिक ज्वेलरी और डेकोर आइटम्स की शॉपिंग के लिए बेस्टील आर्ट मार्केट प्रसिद्ध है.
डिज़ाइनर कपड़ों और एक्सेसरीज़ के लिए कैनल सेंट मार्टीन मार्केट जाएं.
कुछ एंटीक और सेकंडहैंड चीज़ों की ख़रीददारी के लिए आप फ्ली मार्केट जा सकते हैं.
– श्वेता सिंह
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क्या आप भी उन लोगों में से हैं, जिनके पास ऑफिस के काम के अलावा किसी चीज़ के लिए व़क्त नहीं रहता और 24/7 बिज़ी रहते हैं? इसके कारण परिवार आपसे बार-बार शिकायतें करता रहता है कि आप उन्हें कहीं घुमाने नहीं ले जाते. चलिए, हम आपको एक उपाय बताते हैं, जिससे आपका टाइम भी बच जाएगा और परिवार की शिकायत भी दूर हो जाएगी. फैमिली के साथ प्लान करें वीकेंड ट्रिप. जी हां, कहीं दूर नहीं, बल्कि अपने ही शहर के आसपास की चुनिंदा जगहों की सैर कराके आप परिवार का दिल जीतने के साथ-साथ अपना समय भी बचा सकते हैं.
मुंबई के आसपास
कभी न सोने वाली मुंबई नगरी में रहनेवालों को तो पता ही होगा कि ख़ुद के लिए समय निकालना कितना मुश्किल होता है. ऐसे में कहीं न जा पाने का मलाल छोड़कर परिवार के साथ आसपास की जगहों की सैर पर निकल जाइए. यकीन मानिए, तरोताज़ा होने का ये बेस्ट आइडिया है.
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खंडाला
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट जब प्यार से अपनी रील लाइफ हीरोइन रानी मुखर्जी को खंडाला घुमाने की बात करते हैं, तो आती क्या खंडाला… गाना लोगों की ज़ुबां पर चढ़ जाता है. इस गाने ने इस जगह की डिमांड और बढ़ा दी. आप भी अपनी सोलमेट और फैमिली के साथ खंडाला की ट्रिप पर निकल पड़िए. अरे जनाब, ये आपके शहर से महज़ 110 किलोमीटर की दूरी पर ही है.
कैसे जाएं?
प्राइवेट टैक्सी या अपनी कार से आप यहां पहुंच सकते हैं.
कहां जाएं?
र्टाइगर्स लीप
अमृतांजन पॉइंट
रिवर्सिंग स्टेशन
भुशी लेक
ड्यूक्स नोज़
जयपुर के आसपास
अगर आप जयपुर में या उसके आसपास रहते हैं, तो वीकेंड में आप फैमिली के साथ माउंट आबू का ट्रिप प्लान कर सकते हैं. ये एक बेहतरीन जगह है.
माउंट आबू
रेत के टीलों में एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू साल के 12 महीनों आपका स्वागत करता है. यह जगह आपको मानसिक शांति के साथ रोमांचित भी करती है. वीकेंड में फैमिली के साथ माउंट आबू की सैर करें.
कैसे जाएं?
जयपुर से टैक्सी/बस से माउंट आबू जा सकते हैं. आप अपनी कार से भी जा सकते हैं. आप ट्रेन के ज़रिए भी माउंट आबू पहुंच सकते हैं, लेकिन रोड ट्रिप का आनंद लेने के लिए टैक्सी/बस से ही जाएं.
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कहां जाएं?
दिलवाड़ा के मंदिर
नक्की झील
टोड रॉक
भोपाल के आसपास
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में या इसके आसपास रहते हैं, तो वीकेंड में पचमढ़ी आपके लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन होगा.
पचमढ़ी
यह मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है. सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरे इस हिल स्टेशन में प्राकृतिक सौंदर्य की कोई कमी नहीं है.
कैसे जाएं?
भोपाल और छिंदवाड़ा से बस के ज़रिए आप पिपरिया पहुंच सकते हैं. यहां से टैक्सी के ज़रिए आप अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं.
कहां जाएं?
अप्सरा विहार
प्रियदर्शनी पॉइंट
बी फॉल्स
आइरिन पूल
धूपगढ़
पांडव गुफाएं
दिल्ली के आसपास
राजधानी की भागदौड़ भरी ज़िंदगी से इस वीकेंड ब्रेक लीजिए और निकल पड़िए फैमिली टूर पर.
गढ़ मुक्तेश्वर
ऐतिहासिक गढ़ मुक्तेश्वर आपके लिए कूल वीकेंड पॉइंट बन सकता है. प्रकृति का बेहतरीन रूप आपको यहां देखने को मिलेगा. शहर की चकाचौंध से दूर इस शांत जगह पर आकर आपको सुकून मिलेगा. फैमिली के साथ वीकेंड एंजॉय करने यहां ज़रूर जाएं. यह दिल्ली से स़िर्फ 97 किलोमीटर दूर है.
कैसे जाएं?
ट्रेन से आप गढ़ मुक्तेश्वर स्टेशन पहुंच सकते हैं. आप चाहें तो अपनी कार या फिर टैक्सी बुक करके भी वहां पहुंच सकते हैं.
कहां जाएं?
गंगा मंदिर
उंछागांव का किला
पाटना बर्ड सेंक्चुरी
– श्वेता सिंह