कौन हैं वास्तु पुरुष? जानें उन्हें प्रसन्न करने का तरीक़ा (Who Is Vastu Purush And What Is His Importance In Vastu Shashtra )
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जब भी किसी मकान, भवन या कारखाने का निर्माण किया जाता है, तो उसके पहले वहां वास्तु पूजा की जाती है. माना जाता है कि किसी भी निर्माण की नींव की वास्तु पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण है, वरना वहां सुख-शांति और समृद्धि का वास नहीं होता. इसीलिए हमारे देश में वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु पूजा का विधान है.
कौन हैं वास्तु पुरुष?
आपको शायद पता नहीं कि वास्तु पुरुष भवन के मूल संरक्षक होते हैं. पुराणों के अनुसार एक बार देवासुर संग्राम के दौरान भगवान शिव को बहुत पसीना आता है और जब वह पसीना ज़मीन पर गिरता है, तो वहां एक विशालकाय व्यक्ति बन जाता है. उसे बहुत भूख लगी थी, तो शिव जी की आज्ञा से वो दानवों पर टूट पड़ता है और सभी को खा जाता है, लेकिन उसकी भूख नहीं मिटती, तब वो शिव जी को तीनों लोकों को खाने की आज्ञा मांगी. शिव जी ने जैसे ही आज्ञा दी को तेज़ी से भूलोक की ओर दौड़ा. उसे देखकर समस्त देवतागण और ब्रह्माजी चिंचित हो गए. देवताओं में ब्रह्माजी से कोई उपाय करने को कहा, तो ब्रह्माजी ने उन्हें उस विशालकाय व्यक्ति को औंधे मुंह गिराने के लिए कहा, ताकि वो कुछ खा न सके. सभी देवताओं ने ज़ोर लगाकर उसे धरती पर औंधे मुंह गिरा दिया और सभी ऊपर से चढ़कर दबा दिए, ताकि वो कुछ खा न सके. तब उन्होंने ब्रह्माजी से कहा कि क्या मैं ऐसे ही हमेशा रहूंगा? तब ब्रह्माजी ने उसे वरदान दिया की हर तीन महीने में तुम दिशा बदलोगे और धरती पर किसी भी निर्माण कार्य से पहले तुम्हारी पूजा अनिवार्य होगी, अगर ऐसा न किया गया, तो तुम उन्हें सता सकते हो. तब से हर निर्माण कार्य से पहले वास्तु पूजा की जाती है और वास्तु पुरुष को प्रसन्न किया जाता है.
वास्तु पुरुष की प्रतिमा
विवादित भवन या निर्माण स्थल को शुद्ध करने के लिए वहां वास्तु पुरुष की प्रतिमा की स्थापना की जाती है. वास्तु पुरुष को जिस स्थान पर स्थापित किया जाता है, वहां हर आमवस्या या पूर्णिमा को नैवेद्य चढ़ाना आवश्यक है. कहते हैं ऐसा करने से वास्तु पुरुष प्रसन्न रहते हैं और उस स्थान पर तरक़्क़ी होती है.
वास्तु पुरुष और तथास्तु
आपने बड़े बुज़ुर्गों को कहते सुना होगा कि हमेशा अच्छा बोलो, कभी बुरा मत बोलो, क्योंकि बुरा जल्दी फलित होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, वास्तु पुरुष हमेशा तथास्तु बोलते रहते हैं, इसलिए हम जो भी बोलते हैं, वो सच हो जाता है, इसलिए हमेशा अच्छा बोलना चाहिए. वास्तु शास्त्र में यह भी है कि वास्तु पुरुष हमेशा हमें आशीर्वाद देते रहते हैं. उनके कारण ही हमारा घर सुरक्षित रहता है. घर में सुख शांति और समृद्धि बढ़ती है.
प्रसन्न करने के लिए लगाएं भोग
वैसे तो शास्त्रों में लिखा है कि रोज़ ही घर में जो भी बनता है उसका भोग वास्तु पुरुष को लगाना चाहिए, इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है, लेकिन अगर रोज़ाना मुमकिन नहीं तो हर अमावस्या और पूर्णिमा को ज़रूर भोग लगाना चाहिए. जो भी खाना बना है उसे थाली में निकालकर उस पर घी ज़रूर डालें और उसे उस स्थान पर ले जाएं, जहां वास्तु पुरुष को स्थापित किया गया हो. पहले जल से उस स्थान को शुद्ध कर दें, फिर जल से थाली को आचमन दें. अब थाली को उठाकर रसोई में लाएं और घर के मुखिया को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के लिए दें. ऐसा करने से वास्तु पुरुष प्रसन्न होते हैं और वहां सुख-समृद्धि और धन की वर्षा होती है.
- अनीता सिंह
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28 वास्तु टिप्स फॉर लिविंग रूम (28 Valuable Vastu Tips for living Room)
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लिविंग रूम घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. यह वो हिस्सा होता है, जिसमें गृहस्वामी का वैभव, सुरुचि, संपन्नता और मानसिकता प्रदर्शित होती है. लिविंग रूम की सलीके से की गई सजावट के साथ-साथ न केवल वास्तु व फैंगशुई के अनुसार की गई साज-सज्जा न केवल कमरे की ख़ूबसूरती को बढ़ाती है, बल्कि सुख-समृद्धि व ख़ुशहाली भी लाती है.
लिविंग रूम उत्तर पूर्व, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में बनाना चाहिए. वास्तु के अनुसार इसे शुभ माना जाता है.
अन्य कमरों की तुलना में लिविंग रूम बड़ा होना चाहिए.
लिविंग रूम में फर्नीचर इस तरह से रखें कि आनेजाने में किसी तरह की परेशानी न हो.
बीम के नीचे सोफा या कुरसी न रखें.
लिविंग रूम का उत्तर पूर्व अन्य धरातल से नीचे होना चाहिए.
इस रूम में पूर्व में अधिकतम खिड़की होनी चाहिए.
दक्षिण और पश्चिम भाग कुछ ऊंचा व बहुत ज़्यादा सुसज्जित होना चाहिए. टीवी, म्यूजिक आदि मनोरंजन वाले उपकरण इसी दिशा में रखने चाहिए.
अपने पूर्वजों की फोटो व उनकी निशानियों को व्यवस्थित ढंग से लगाएं. इससे अतिथियों पर पॉजिटिव असर पड़ता है.
बैठने का अरेंजमेंट इस तरह से होना चाहिए कि घर का मुखिया पूर्व या उत्तरमुखी हो.
सीलिंग के बीचोंबीच एक झूमर न होकर दो झूमर इस तरह से लगाएं कि बीच की जगह खाली हो.
मेहमानों के बैठने का अरेंजमेंट दक्षिण व पश्चिम मुखी हो.
लिविंग रूम में फूलों की सजावट का खास महत्व है, यहां पर रंग बिरंगे फूलों से भरा वास ख़ूबसूरत तरी़के से सजा होना चाहिए. आर्टिफिशियल फूलों की बजाय रियल फूलों का इस्तेमाल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है.
मेन एंटेरेंस पर मांगलिक तोरण ज़रूर लगाना चाहिए.
कमरे के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व में कोई वॉटर बॉडी रखना फेंगशुई के अनुसार शुभ होता ह. सेहत व धन-वैभव के अनुसार भी अच्छा होता है.
लिविंग रूम के लिए वर्गाकार व आयताकार स्वरूप अच्छा समझा जाता है. इससे पॉजिटिव एनर्जी मिलती है. यदि कमरे की डिज़ाइनिंग इस तरह की न हो, तो कमरे में कोई पौधा लगाना शुभ माना जाता है.
ज़मीन पर सजाए हुए ख़ूबसूरत कारपेट देखने में अच्छे लगते हैं और मेहमानों को भी आकर्षित करते हैं.
लिविंग रूम में शोपीस, परदे आदि सलीके से लगाएं.
दीवारों पर लाइट कलर्स यूज़ करें.
दीवारों का कलर छत के कलर से अलग हों.
कमरे में युद्ध, क्रोधित हावभाव व मौत वाली फोटो, पेंटिंग या तस्वीर न लगाएं.
इस कमरे को क्लीन रखें. साथ ही नेचुरल लाइट और एयर आने की पूरी व्यवस्था हो.
घर की छत न तो बहुत ऊंची हो व नही बहुत नीची, क्योंकि ऊंचाई से असुरक्षा का अहसास होता है, जबकि छत के नीचे होने से दबाव-सा महसूस होता है.
अधिक ऑक्सीजन व फ्रेश एयर के लिए लिविंग रूम में कम-से-कम दो खिड़कियां व दो रोशनदान ज़रूर हों.
लिविंग रूम को डाइनिंग रूम या किचन से ऊंचा नहीं होना चाहिए.
सोफा सेट दक्षिण व पश्चिम हिस्से की दीवार के पास रखें.
फिश एक्वेरियम या फाउंटेन को उत्तरी कोने में रखें.
लिविंग रूम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए लाइट कलर की दीवारों पर डार्क कलर की फोटो लगाएं.
अगर कमरे में फायर प्लेस बनाना चाहते हैं, तो उसे दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिमी हिस्से पर बनाएं.
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करियर में कामयाबी के लिए इफेक्टिव वास्तु ट्रिक्स (Effective Vastu Tricks For Success In Carrier)
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वास्तु शास्त्र के सिद्धांत न केवल घर की विभिन्न जगहों पर, बल्कि ऑफिस या दुकान की बनावट, साज-सज्जा और उठने-बैठने या कार्य करने की स्थिति पर भी लागू होते हैं. इसके इस्तेमाल से अगर व्यापार-व्यवसाय में मनोवांछित सफलता मिल सकती है, तो किसी भी तरह के लेन-देन संबंधी कार्य के लिए बैठने की दिशा या जगह गतिशीलता को प्रभावित कर सकती है.
क्या है वास्तु कनेक्शन?
* वास्तु शास्त्र के अनुसार पृथ्वी का चुंबकीय उत्तर क्षेत्र कुबेर का स्थान बताया गया है, जो धनागमन या धन की वृद्धि के लिए शुभ होता है.
* इस क्षेत्र में किया गया कोई भी कारोबार, चाहे वह व्यापारिक बैठकें हों, पैसे या आवश्यक दस्तावेज़ के लेन-देन का काम हो या फिर किसी तरह का बड़ा सौदा तय करना हो, तो उत्तर की ओर मुख रखने पर काफ़ी लाभ मिलता है और प्रोफेशन में आशानुरूप सफलता मिलती है.
* इसके पीछे वास्तु के दिए गए वैज्ञानिक कारण के अनुसार उत्तर की ओर सक्रिय चुंबकीय तरंगें मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय बना देती हैं और इस दिशा में प्रवाहित होनेवाली शुद्ध वायु से पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता है. इनसे मस्तिष्क की सक्रियता और याद्दाश्त बढ़ जाती है
.* यही बातें आंतरिक शक्ति की तरह व्यापारिक उन्नति और कार्यों को सफल बनाने में मदद करती हैं.
* कारोबारियों या ऑफिस में काम करने वालों को चाहिए कि वे अपना ज़्यादातर काम उत्तर की ओर मुख करके ही करें.
* अगर कैश बॉक्स और दूसरे महत्वपूर्ण काग़ज़ात या चेक बुक आदि अपने दाहिने ओर रखें, तो यह उनकी कार्य क्षमता को बढ़ा देता है.
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वास्तु टिप्स
1. ऑफिस में आपके बैठने की जगह के पीछे की दीवार यदि आपके काफ़ी क़रीब है, आपकी पीठ और दीवार के बीच जगह नाममात्र की है, तो इससे आपको एक सकारात्मकता या अदृश्य समर्थन का एहसास होगा.
2. आप जहां बैठते हों, उसके पीछे की दीवार पर पहाड़ों के दृश्य वाले पोस्टर लगाएं. इनसे दीवार से मिलने वाला अदृश्य समर्थन और अधिक प्रभावशाली हो जाएगा.
3. ऑफिस में आपके सामने की खुली जगह का अर्थ आगे बढ़ने, नए विचार बनने और खुलेपन के एहसास से है. इस कारण आपके बैठने की जगह के सामने का स्थान खुला-खुला होना चाहिए.
4. किसी कॉन्फ्रेंस रूम में हो रही मीटिंग के दौरान आपको दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बैठना चाहिए तथा आपकी सीट रूम के प्रवेश द्वार से दूर होनी चाहिए.
5. ऑफिस में इस्तेमाल किए जानेवाले फर्नीचर रेक्टेंगल या चौकोराकार (स्न्वेयर) के होने चाहिए. यदि ये स्न्वेयर हों, तो और भी अच्छा है. ये फर्नीचर लकड़ी के हों, तो और भी बेहतर परिणाम मिल सकता है.
6. यदि आपका ऑफिस पूर्व में है, तो ग्लास टॉप टेबल का उपयोग करना अच्छा होगा.
7. ध्यान रहे कि आपके बैठने की कुर्सी के पीछे की ऊंचाई अधिक हो, जिससे आप अपनी पीठ अच्छी तरह टिका सकें. यह प्रतिकात्मक सहयोग के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी अच्छा होगा.
8. यदि आपके ऑफिस में अनुपयुक्त या टूटे हुए फर्नीचर हैं, तो इन्हें तुरंत बदल दें या इनकी तुरंत मरम्मत करवा लें.
9. यदि ऑफिस में किसी भी तरह के पानी का लीकेज हो, जैसे- रखे गए पानी के जार में लीकेज या बेसिन के नल से बूंदें टपकती रहती हों, तो इसे तुरंत ठीक करवा लें, क्योंकि पानी का रिसाव धनहानि को दर्शाता है.
10. बिज़नेस के दौरान की जानेवाली सभी गतिविधियां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर की जानी चाहिए. धन की प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा काफ़ी अच्छी और उपयुक्त है.
11. अपने कार्यालय या दुकान के दक्षिण-पूर्व दिशा में कारोबार या कामकाज के सहयोग के लिए कमरे में रखे जाने वाले पौधे गमले में लगाकर रखें. ये नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर आपको तरोताज़ा बनाए रखेंगे.
12. आप अपने ऑफिस में दक्षिण-पूर्व में लैंप रख सकते हैं. काम के दौरान लैंप को जलाकर रखने से सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होगी. साथ ही धन लाभ भी होगा.
13. ऑफिस की पूर्व दिशा में ताज़ा फूलों को जगह दें. गुलदस्ते में लगे रंग-बिरंगे फूल आपकी मन:स्थिति को संतुलित और प्रफुल्लित बनाए रखेंगे.
14. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जैसे- कंप्यूटर, दूसरी मशीनें, हीटर, एयर कंडिशनर, प्रिंटर, फोटोकॉपी की मशीन आदि ऑफिस में होते ही हैं, लेकिन उनसे निकलने वाली गर्मी और आवाज़ों को नियंत्रित करना आवश्यक है. आप वास्तु के ज़रिए ऐसा कर सकते हैं. कोशिश करें कि इन्हें दक्षिण-पूर्व दिशा में रखा जाए.
15. अपनी योग्यता, कार्यशैली या फिर प्रोफेशन के अनुरूप वास्तु के उपायों को अपनाएं. इसके अनुसार यदि आप एक कलाकार, विद्यार्थी, लेखक, कारोबारी या फिर राजनेता हैं, तो अपना कमरा इसके अनुरूप बनाए रखें, ताकि कार्य के प्रति सहजता का एहसास कर सकें.
16. यदि आप किसी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं या आपका अपना कारोबार है, तो अपने दफ़्तर का कमरा दक्षिण-पूर्व की ओर रखें. उसमें बैठते समय आपका चेहरा उत्तर की ओर होना चाहिए.
17. ऑफिस के उत्तर-पूर्व हिस्से को हमेशा साफ़-सुथरा बनाए रखें. कोशिश करें कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह के अनावश्यक सामान न हों और इसमें हमेशा खुलेपन का एहसास हो. इसी तरह से कमरे के बीच का स्थान खुला होना चाहिए, ताकि आराम से आवाजाही हो सके.
18. यदि आप निर्माण संबंधी कार्य करते हैं, तो उत्पादन की नियमितता बनाए रखने के लिए इस कार्य का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम में बनाया जाना चाहिए.
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19. दफ़्तर की खिड़कियां और दरवाज़े हमेशा साफ़ और चमकते रहने चाहिए.
20. ऑफिस के कमरे में या टेबल के पूर्वोत्तर में पानी के फव्वारे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
21. कार्यालय के केबिन में वास्तु शास्त्र के अनुरूप लगाया गया दर्पण भी पैसे के आगमन में वॄिद्ध कर सकता है या फिर आपके करियर को चमका सकता है.
22. ऑफिस की पैंट्री दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए
.23. क़ानूनी कार्य के लिए पूर्व या पश्चिम का भाग उपयुक्त होता है.
24. ऑफिस के अकाउंट विभाग को उत्तर दिशा में बनाया जाना चाहिए. इसी तरह कैशियर को भी इसी हिस्से में बैठाया जाना चाहिए.
25. शोरूम या दुकान का कैश बॉक्स हमेशा दक्षिण और पश्चिम की दीवार के सहारे होना उपयुक्त होता है.
26. दुकान में बिक्री के सामानों को रखने के लिए शेल्फ, आलमारियां, शोकेस और कैश काउंटर दक्षिण दिशा में होने चाहिए.
27. दुकान के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में मंदिर या इष्टदेव की तस्वीर लगाएं. इसके अतिरिक्त दूसरे हिस्से में पीने का पानी रखें.
28. वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्यालय या कार्यस्थल या फिर दुकान आदि में लगाए जाने वाले बिजली या संचार साधनों के उपकरणों के स्विच बोर्ड दक्षिण-पूर्व हिस्से में लगाया जाना चाहिए.
क्या न करें?
करियर, ऑफिस के कामकाज या फिर व्यक्तिगत पेशे में सहजता और गतिशीलता बनाए रखने के लिए निम्नलिखित कार्य न करें, ये वास्तु शास्त्र के नियमों का उल्लंघन करते हैं-
- बीम के नीचे कभी न बैठें. अपना साधारण से साधारण काम भी इससे अलग होकर निपटाएं.
- कार्यालय या कार्यस्थल के प्रवेश द्वार की ओर अपनी पीठ रखते हुए बैठने से बचें.
- अपने बैठने के स्थान के पीछे बहते पानी के दृश्योंवाली तस्वीरें कभी न लगाएं. इससे आपको समर्थन में कमी का एहसास होगा और काम के दौरान बहुत जल्द नकारात्मकता का एहसास होने लगेगा.
- अपने पैरों को क्रॉस करते हुए कभी न बैठें.
- ऑफिस के कमरे में गोलाकार, अंडाकार या अनियमित आकार के फर्नीचर का उपयोग करने से बचें.
- जिन जगहों का इस्तेमाल कम होता हो या जहां नकारात्मकता का एहसास हो, उस जगह अपने ज़रूरी काम न करें.
- ऑफिस में भीड़भाड़ वाली जगह पर काम करने से बचें.श्र ऑफिस में किसी भी तरह के शोर या मशीनी आवाज़ों से बचें.
- धातु या प्लास्टिक के फर्नीचर का इस्तेमाल कम से कम करें. इसी तरह से जो भी फर्नीचर उपयोग में लाया जा रहा हो, उनमें नुकीलापन व तेज़ धार नहीं होनी चाहिए.
- ऑफिस की दीवारों पर या अपने डेस्क पर नकारात्मक या मन को अवसाद, उत्तेजना, आक्रोश से भर देनेवाली तस्वीरें न लगाएं.
- ऑफिस में अंधेरा नहीं होना चाहिए. पर्याप्त रोशनी का होना आवश्यक है.
- यदि कोई अपने घर से ही ऑफिस चलाता हो, तो ऑफिस का स्थान मुख्य शयनकक्ष से सटा हुआ नहीं होना चाहिए.
- ऑफिस के लिए पानी संबंधी इंतज़ाम दक्षिण दिशा में नहीं करना चाहिए, इससे कामकाज को नुक़सान पहुंच सकता है.
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धन प्राप्ति के लिए 25 Effective वास्तु टिप्स (25 Effective Vastu Tips for Wealth and Prosperity)
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घर में सुख-शांति, समृद्धि, धन-वैभव व ख़ुशहाली चाहते हैं तो वास्तु के कुछ नियमों का पालन करें और घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाएं.
1. मुख्यद्वार दक्षिण दिशा में हो तो आर्थिक परेशानियां हमेशा घेरे रहती हैं. जहां तक हो सके ऐसे घर का चुनाव न करें.
2. ईशान (उत्तर-पूर्व) में सात की संख्या में क्रिस्टल रखें. घर में पॉज़िटिव ऊर्जा बढ़ेगी व धनलाभ होगा.
3. अमावस्या के दिन घर की सफ़ाई का नियम बनाएं, तो महसूस करेंगे कि पॉज़िटिव एनर्जी बढ़ रही है.
4. रोज़ जब भी घर में पोंछा लगाएं, तो पानी में थोड़ी-सी हल्दी ज़रूर मिलाएं. ऐसा करने से आपको ज़रूर फ़ायदा होगा.
5. उत्तर की दिशा में पुष्य नक्षत्र में पूजा करवाकर कनक धारा यंत्र लगाएं, घर में धन की वृद्धि होगी.
6. घर के अंदर प्लास्टिक के फूल व पेड़-पौधे ना रखें, इससे दरिद्रता आती है और निगेटिव एनर्जी का प्रभाव बढ़ता है.
7. गुरुवार के दिन उत्तर दिशा में कमल के फूल रखने से धन की वृद्धि होती है.
8. पूर्व दिशा में बहुत ज़्यादा सामान रखने से एनर्जी फ्लो नहीं हो पाती, जिससे घर में बाधाएं आती हैं. उस दिशा में रखा सामान हटा दें, तुरंत पैसे संबंधी चिंताएं कम होने लगेंगी.
9. किचन में रात के जूठे बर्तन रखने से बिज़नेस में नुक़सान होता है. कृपया, ऐसा न करें. रात को ही किचन साफ़ कर लें.
10. बुधवार के दिन पैसे लेने-देने से धन में कमी आती है व हानि होती है, कृपया, इससे बचें.
11. बेडरूम में पानी रखना वर्जित है. ऐसा करने से व्यक्ति हमेशा कर्ज़ व उधार में फंसा रहता है. इसलिए बेडरूम में पानी भरकर न रखें.
12. अग्नि कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में रोज़ाना शाम को कपूर जलाने से धन की वृद्धि होती है.
13. दक्षिण की दीवार पर तिजोरी होने से धन बढ़ता है. इसकी बजाय किसी भी दिशा में रख देने से आमदनी घटती-बढ़ती रहती है.
14. तिजोरी में परफ्यूम ना रखें, इससे बहुत ज़्यादा नुक़सान होता है.
15. प्रत्येक पूर्णिमा के दिन दहलीज़ पर हल्दी से स्वस्तिक बनाएं. ऐसा करने से क़र्ज़ कम होने लगता है.
16. पुष्य नक्षत्र में भी दहलीज़ पर हल्दी से स्वस्तिक बनाने से धन में वृद्धि होती है.
17. घर का मुख्य दरवाज़ा अगर ख़राब हो या पूरी तरह से ना खुलता हो, तो इससे धनहानि होती है. इसे फ़ौरन ठीक करवाएं व कर्ज़ व निगेटिव एनर्जी से बचें.
18. रविवार के दिन उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र स्थापित करना शुभ होता है. ऐसा करने से कर्ज़ कम होते हैं.
19. दक्षिण की दीवार पर मंदिर होने से बड़े-बड़े संघर्ष सामने आते हैं व कभी-कभी व्यक्ति दिवालिया भी हो जाता है. कृपया, इसे हटाकर ईशान में स्थापित करें.
20. घर की तिजोरी में बुधवार को पैसा रखने से काफ़ी हद तक धन बढ़ता है और व्यक्ति सही दिशा में ख़र्च भी करता है.
21. घर में वर्ष में दो बार कोई भी पूजा या हवन करवाएं. ऐसा करने से कर्ज़ को प्रभावित करनेवाली ऊर्जा ख़त्म होकर धन ऊर्जा बढ़ती है. इससे वास्तु देवता भी प्रसन्न होते हैं.
22. उत्तर दिशा के मध्य में किसी अच्छे मुहूर्त में चांदी की कटोरी में मोती रखने से चमत्कारी रूप से धन में वृद्धि होती है.
23. जिस घर में ज़्यादा कलह होते हैं, वहां पर धन संबंधी चिंताएं बढ़ती हैं. ऐसा किसी बड़े वास्तु दोष के कारण होता है. कृपया, किसी अच्छे वास्तुशास्त्री से परामर्श लें.
24. गुरुवार को वास्तु में महालक्ष्मी अष्टकम पढ़ने से धन में वृद्धि होती है.
25. बांस के एक जोड़ी तने को लाल धागे से बांधकर इसे मुख्य द्वार की सामनेवाली दीवार पर टांग दें.