दीपवीर की शादी का आया कार्ड, इस दिन दूल्हा-दुल्हन बनेंगे दीपिका-रणवीर (Deepika-Ranveer Announce Wedding Date)
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दीपवीर की शादी का आया कार्ड, इस दिन दूल्हा-दुल्हन बनेंगे दीपिका-रणवीर
बॉलीवुड के दीपवीर ने आख़िरकार अपनी शादी की तारीख़ अनाउंस कर दी. जी हां, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार था, वो दिन आ ही गया. बॉलीवुड के हॉटेस्ट कपल दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी की तारीख़ तय हो गई है. ये पावर कपल नवंबर की १४-१५ तारीख़ को बंधेंगे शादी के पवित्र बंधन में. यह ख़बर दोनों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपनी शादी का कार्ड शेयर करते हुए किया. शादी का कार्ड तेज़ी से वायरल हो रहा है. कार्ड इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषाओं में है. इस खुशखबरी से दीपिका-रणवीर के फैन बेहद खुश हैं.
14-15 नवंबर को होगी शादी...
इस कार्ड में लिखा है, "14 और 15 नवंबर को हमारी शादी तय हुई है. इतने सालों में आपने हमें जो प्यार और स्नेह दिया है, उसके लिए हम आपके आभारी हैं और हमारे शुरू होने वाले प्रेम, दोस्ती और विश्वास के इस खूबसूरत सफर के लिए हम आपके आर्शीवाद की कामना करते हैं." हालांकि, कार्ड में इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि शादी कहां से होगी, लेकिन ये खबरें सामने आई थीं कि अनुष्का शर्मा और विराट कोहली की तरह ही दोनों इटली में शादी कर सकते हैं. फिलहाल दोनों की शादी की शॉपिंग शुरू हो गई है.
- अनीता सिंह
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शादी के दिन दूल्हा-दुल्हन न करें ये 18 ग़लतियां (18 Common Mistakes Brides And Grooms Must Avoid)
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शादी (Wedding) का दिन हर किसी के लिए ख़ास होता है. उस दिन के लिए न जाने कितने सपने, कितनी उम्मीदें और न जानें कितनी आकांक्षाएं जोड़ रखी होती है सबने, ऐसे में छोटी-छोटी ग़लतियां (Mistakes) शादी के सारे उत्साह-उमंग को फीका कर सकती हैं. अगर आपकी भी शादी होनेवाली है, तो ज़रूरी बातों के साथ-साथ इन बातों का भी ध्यान रखें, ताकि शादी के दिन की ख़ुशियां ताउम्र आपके चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का कारण बन सकें.
दुल्हन बचे इन ग़लतियों से
रितु की बारात आनेवाली थी. शादी के हॉल में घरवाले तैयारियों में लगे थे, पर रितु को कभी डेकोरेशन में कमी नज़र आ रही थी, तो कभी ब्यूटीशियन की तैयारी में कमी दिख रही थी, जिसके कारण उसे बहुत ग़ुस्सा आ रहा. ग़ुस्से में वो अपने मेकअप पर भी ध्यान नहीं दे रही थी. ब्यूटीशियन ने तो उसे तैयार कर दिया, पर लहंगे की मैचिंग चूड़ियां घर पर ही छूट गई थीं, जिससे उसका पारा और चढ़ गया. भाई ने आनन-फानन में चूड़ियां लाकर दीं, पर तब तक रितु ने सबका मूड ख़राब कर दिया था. जिसकी ख़ुशी के लिए सबने इतनी मेहनत की, अगर वही नाख़ुश रहे, तो सोचें कि घरवालों का क्या हाल होगा. शादी के दिन दुल्हन ऐसी कुछ ग़लतियों से बचे, तो वह ख़ूबसूरत दिन उसके साथ-साथ सभी के लिए ख़ास बन जाए.
1. लास्ट मोमेंट के लिए तैयारियां छोड़कर रखना
अक्सर कुछ दुल्हन कपड़े, ज्वेलरी, एक्सेसरीज़, अंडर गार्मेंट्स और स्पेशल ओकेज़न की स्पेशल ड्रेसेज़ या साड़ियां आदि लास्ट मोमेंट यानी शादीवाले दिन की पैकिंग के लिए छोड़कर रखती हैं, जिसके कारण जल्दबाज़ी में कुछ न कुछ छूट जाता है. आप अपनी पैकिंग शादी के 2-3 दिन पहले ही करके रख लें. शादी वाले दिन के लिए ये तैयारियां कभी भी न रखें, क्योंकि उस दिन व़क्त कैसे निकल जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा.
2. मन मुताबिक काम न होने पर ग़ुस्सा करना
माना कि आपने डेकोरेशन या म्यूज़िक अरेंजमेंट के लिए पहले से बात कर ली थी, पर अगर आख़िरी व़क्त पर किसी कारण उसमें कुछ बदलाव हो गए हैं, तो तिल का ताड़ न बनाएं. ग़ुस्सा करके अपना व घरवालों का मूड ख़राब न करें. ख़ुशी के इस मौ़के को ख़ुशगवार बनाए रखें.
3. रिश्तेदारों से ससुरालवालों की बुराई
अक्सर शादी के दिन दुल्हन के क़रीबी रिश्तेदार ससुरालवालों के बारे में जानने-समझने को आतुर रहते हैं, ऐसे में आपको ध्यान रखना चाहिए कि ससुरालवालों के बारे में आपको सकारात्मक ही बोलना है, क्योंकि किसी भी तरह की नकारात्मक सोच के साथ नए घर जाना सही नहीं. किसी भी तरह की नकारात्मक टिप्पणी मामले को बिगाड़ सकती है. क्या पता उन्हीं रिश्तेदारों में कोई ऐसा हो, जिसका कनेक्शन ससुराल पक्ष से हो.
4. सब कुछ ख़ुद करने की कोशिश करना
शादी के दिन रीति-रिवाज़ों की तैयारी, ख़ुद को तैयार रखना, नाते-रिश्तेदारों से मिलना-जुलना, घरवालों के छोटे-मोटे कई काम होते हैं, ये सब आप ख़ुद करने के चक्कर में न पड़ें. सभी को काम की ज़िम्मेदारियां पहले ही बांट दें. शादी के दिन दुल्हन को मेंटली और फिज़िकली रिलैक्स रहना बहुत ज़रूरी है, ऐसे में किसी भी तरह का फिज़िकल या मेंटल स्ट्रेस आपके ब्राइडल लुक के लिए सही नहीं होगा.
5. कुछ ज़्यादा ही हुकुम चलाना
शादी की गहमागहमी में अक्सर कुछ चीज़ें लोग भूल जाते हैं, ऐसे में सब की क्लास न लेती फिरें. हर कोई आपकी शादी को यादगार बनाने की कोशिश में लगा है, इसका ख़्याल रखें. उन्हें कुछ ऐसा न कह दें, जिससे उन्हें बुरा लगे.
6. दूल्हे से बहस करना
शादी की रस्मों के दौरान अगर दूल्हे राजा ने आपके मनमुताबिक कुछ नहीं किया, तो उनसे बहस करने न बैठ जाएं. ध्यान रखें कि शादी की रस्मों में आपके साथ-साथ उनके रिश्तेदार भी मौजूद हैं, अपने बेटे के साथ होनेवाली बहू का ऐसा व्यवहार उनपर आपका ग़लत इंप्रेशन डाल सकता है.
7 हर बात की शिकायत करना
किसी रिश्तेदार ने साड़ी या लहंगे के लिए कुछ कहा, किसी ने वेन्यू के लिए कुछ कहा या फिर किसी ने मेन्यू के बारे में कुछ कंपैरिज़न करके ताना मारा हो, तो उसे अवॉइड करें. शादियों में रिश्तेदार ऐसा करते ही हैं. इन बातों पर न तो ख़ुद परेशान हों और न ही ये बातें पैरेंट्स को
बताकर उन्हें परेशान करें. याद रखें आप हर किसी को ख़ुश नहीं रख सकतीं, इसलिए सब भूलकर अपना वेडिंग डे एंजॉय करें.
- कुछ भी न खाने की ग़लती
शादी के दिन काम की भागदौड़, लास्ट मोमेंेट की तैयारियों और एक्साइटमेंट के बीच अक्सर लड़कियां खाने पर ध्यान नहीं देतीं, जिसके कारण शाम तक उन्हें गैस-एसिडिटी हो जाती है या फिर चक्कर आने लगते हैं. आप ऐसा न करें. खाना समय से खाएं और पानी भी पर्याप्त पीएं, ताकि आप हाइड्रेटेड रहें और आपका चेहरा
खिला-खिला दिखे.
- सहेलियों के साथ मिलकर ससुरालवालों की ख़िंचाई करना
शादी की रस्मों के दौरान हंसी-मज़ाक अच्छा है, पर सहेलियों के साथ मिलकर ससुराल वालों की ख़िंचाई करना या मज़ाक बनाना ठीक नहीं.
ससुराल के लोग अब आपका परिवार हैं, ऐसे में उन पर आपका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा. हो सकता है, उसके लिए आपको बाद में सुनना भी पड़े, इसलिए जो भी करें, मर्यादा में रहकर करें.
- बहुत ज़्यादा हैवी लहंगा या साड़ी सिलेक्ट करना
शादी के दिन कई रस्में और विधि-विधान होते हैं और ऐसे में अगर आपका लहंगा और ज्वेलरी इतनी हैवी या चुभनेवाली है कि आप बहुत असहज महसूस कर रही हैं, तो शादी का सारा मज़ा किरकिरा हो जाएगा. कुछ लड़कियां तो इतने हैवी लहंगे पहन लेती हैं कि उठने-बैठन के लिए भी मदद की ज़रूरत पड़ती है. शादी का मतलब हैवी लहंगा या ज्वेलरी पहनना नहीं है. यह आपके लिए काफ़ी स्पेशल दिन है, तो आपका कंफर्टेबल रहना बहुत ज़रूरी है, इसलिए ऐसे कपड़े और ज्वेलरी पहनें, जो आप आसानी से कैरी कर सकें.
मुंबई में रहनेवाले किशोर की पिछले महीने शादी हुई. शादी का हॉल लड़कीवालों के घर के नज़दीक था, जो कि किशोर के घर से काफ़ी दूर था. जब किशोर की बारात हॉल पहुंची और शादी की विधि-विधान के लिए उसने शेरवानी ढूंढ़नी शुरू की, तो पता चला शेरवानी घर पर ही छूट गई. घर जाकर शेरवानी लाने में काफ़ी व़क्त निकल जाता, इसलिए पास में ही रह रहे किशोर के एक दोस्त ने उसे अपनी शादी की शेरवानी लाकर दी, जिससे फेरों की रस्म पूरी हुई. घरवाले एक-दूसरे के भरोसे रह गए और अच्छी-ख़ासी शेरवानी यूं ही रह गई. इससे सभी दूल्हों को सबक लेना चाहिए और शादी के कपड़े गाड़ी में रखना न भूलें.
- देर रात तक जागना
अक्सर देखा गया है कि शादी के ठीक पहले वाली रात दूल्हा भाई-बंधुओं और दोस्तों के साथ बैचलर पार्टी मनाने में इतना व्यस्त रहता है कि ठीक से सो नहीं पाता. एंजॉयमेंट के चक्कर में उसकी नींद पूरी नहीं होती, जिसके कारण शादी वाले दिन उसकी फोटोज़ उतनी अच्छी नहीं आती, जितनी फ्रेश फेस के साथ आ सकती थीं. इस बात का ख़ास ख़्याल रखें और अच्छी तरह नींद लें.
- एक्सेसरीज़ भूल जाना
शादी के लिए सब सूट या शेरवानी को ध्यान से ख़रीदते हैं, पर मोज़े, बेल्ट, कफलिंक्स, हैंकी आदि पर उतना ध्यान नहीं देते, जिससे बारात निकलने से पहले पता चलता है कि मोज़े नहीं हैं या फिर बेल्ट ख़रीदना भूल गए थे. आपके साथ ऐसा न हो, इसलिए इन बातों का ध्यान रखें.
- लास्ट मिनट की भाग-दौड़ ख़ुद करना
शादी के दिन सभी को समय से बुलाना, सभी वेंडर्स के साथ कोऑर्डिनेट करना, नाते-रिश्तेदारों को लाना-ले जाना, जैसे कई काम होते हैं, अगर आप ये सब काम ख़ुद करेंगे, तो थक जाएंगे. लास्ट मिनट की इस भाग-दौड़ की बजाय रिलैक्स करें, दूसरों में काम बांट दें.
- शादी की गाड़ी समय से न बुलाना
बारात निकलने के लिए सबसे ज़रूरी है, दूल्हे की गाड़ी. घर पर गाड़ी आने के बाद भी उसे सजाने में काफ़ी व़क्त लगता है, जिसके कारण ज़्यादातर बारातें लेट हो जाती हैं. अगर आप ऐसा नहीं चाहते, तो बारात निकलने के 2-3 घंटे पहले ही गाड़ी बुला लें.
- बिना बोले समझने की उम्मीद करना
आज आपकी शादी है, आप अपने लिए कुछ स्पेशल करवाना चाहते हैं या कुछ ख़ास करने की इच्छा है, तो आपको बोलना पड़ेगा. बिना बोले घरवालों से यह उम्मीद करना की वो अपने आप समझ जाएंगे, बेव़कूफ़ी है. अपने ख़ास दिन को और ख़ास बनाने के लिए जो चाहते हैं करें, घरवालों को भी अच्छा लगेगा.
- घरवालों की भावनाओं का ख़्याल न रखना
आज आपकी शादी है, इसका यह मतलब नहीं कि आप जो चाहें, बोलें, जो चाहें करें. सब आपको पैंपर करने के लिए वैसे ही कुछ न कुछ ख़ास करते रहते हैं. उनकी भावनाओं का ख़्याल रखें. मुझे यह पसंद नहीं या मुझे यह अच्छा नहीं लगता बोलकर उनका दिल न दुखाएं. माता-पिता के साथ-साथ बुआ, मौसी, चाची, दादी, नानी आदि की भी कई इच्छाएं होती हैं. इस दिन को अपने साथ-साथ उनके लिए भी ख़ास बनाएं और उन्हें हमेशा के लिए ढेरों ख़ुशियां दें.
- तैयारियों में कमी के लिए दुल्हन या घरवालों को सुनाना
कुछ दूल्हे ऐसे भी होते हैं, जो तैयारियों से नाख़ुश होने पर शादी के व़क्त ही नाराज़गी व्यक्त करने के लिए या तो मुंह फुला लेते हैं या फिर दुल्हन को सुनाते हैं. यह बहुत ही ग़लत है. ऐसा करके न स़िर्फ आप अपने ख़ास दिन को बर्बाद करते हैं, बल्कि दुल्हन व उसके घरवालों का भी मूड ख़राब कर देते हैं. इस बेकार-सी ग़लती से बचें.
घरवाले बचे इन ग़लतियों से
- लड़केवाले और लड़कीवाले दोनों के लिए सबसे ज़रूरी है कि वो शादी के हॉल में समय से पहुंचे, क्योंकि अगर वो लेट हो गए, तो सारे कार्यक्रम देरी से होंगे और रिश्तेदार देरी के कारण पूरी शादी एंजॉय नहीं कर पाएंगे.
- बारात पहुंचते ही पटाखों का शोर हर किसी को बता देता है कि बारात आ गई है, लेकिन कभी-कभार इससे हादसे भी हो जाते हैं. पटाखे जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि
नाचनेवालों के पास पटाखे उड़कर न जाएं, वरना किसी को चोट भी लग सकती है. दूल्हा-दुल्हन की गाड़ी में फर्स्ट एड बॉक्स ज़रूर रखें.
- रस्मों की चीज़ों के बैग संभालकर साथ रखें, वरना भीड़-भाड़ में बैग कहीं छूट सकते हैं.
- अरेंजमेंट का बैकअप ज़रूरी है. सभी वेंडर्स को पहले से इतल्ला कर दें कि किसी भी चीज़ की कमी के लिए शादी के व़क्त तैयार रहें.
- सबसे ज़रूरी बात इस गहमागहमी में यह न भूलें कि यह आपके बच्चे के लिए ख़ास दिन है, इसलिए किसी भी तरह की कमी के बावजूद ख़ुश रहें और माहौल को ख़ुशगवार बनाए रखें.
शादी के बाद क्यों बढ़ता है वज़न? जानें टॉप 10 कारण (Top 10 Reasons For Weight Gain After Marriage)
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अगर आपकी नई-नई शादी (New Marriage) हुई है और अचानक से अपने बढ़े हुए वज़न (Increased Weight) को लेकर आपके मन में कई सवाल उठे हैं और आप परेशान हैं, तो परेशान न हों. आपके सभी सवालों के जवाब यहां आपको मिलेंगे कि आख़िर शादी के बाद आपका वज़न इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ा है? द ओबेसिटी जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक शादी के 5 साल के भीतर 82% कपल्स का वज़न 5-10 किलो तक बढ़ जाता है. इसमें महिलाओं का वज़न पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा तेज़ी से बढ़ता है. लाइफस्टाइल में बदलाव के अलावा और क्या हैं कारण?
1. खानपान की आदतों में बदलाव
आपके मायके और ससुराल के खानपान में अंतर है. मसाले और पकाने की टेक्नीक दोनों जगह अलग है, जिसके कारण आपकी पाचनक्रिया पर इसका प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा मायके खाने के बाद टहलना, मॉर्निंग वॉक जैसी चीज़ें आपके रूटीन में शामिल थीं, जो यहां नहीं हैं.
2. अक्सर बाहर खाना
शादी के बाद से ही दोस्तों, रिश्तेदारों के यहां खाने का सिलसिला जो शुरू होता है, वो कई हफ़्तों तक जारी रहता है. इस बीच हनीमून पर आप बेरोक-टोक हर तरह के खाने को एंजॉय करते हैं, जिससे ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरीज़ खा लेते हैं.
3. प्राथमिकताएं बदल जाती हैं
शादी के बाद आप पति और ससुरालवालों की पसंद से खाना बनाती हैं और इंप्रेस करने के चक्कर में ख़ूब घी, तेल, मसाला इस्तेमाल करती हैं. इतनी मेहनत से बनाया खाना ख़राब न हो, इस चक्कर में ओवरईटिंग भी कर लेती हैं. समय के साथ बदली ये प्राथमिकताएं आपका वज़न बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार हैं.
4. लापरवाह हो जाती हैं
शादी के दिन स्टनिंग दिखने के लिए खाने-पीने पर ध्यान रखना, एक्सरसाइज़ करना, स्ट्रेस न लेना जैसी चीज़ें शादी के बाद लगभग पूरी तरह बदल जाती हैं. न चाहते हुए भी स्ट्रेस आ ही जाता है और बाकी कामों के चलते एक्सरसाइज़ का व़क्त नहीं मिलता. खाने का समय बदल जाता है और कहीं न कहीं यह सोच घर कर जाती है कि अब तो शादी हो गई, अब क्या फ़र्क़ पड़ता है.
शादी के बाद सभी कपल्स एक-दूसरे पर अपना प्यार न्योछावर करने और ख़ुश रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते. एक-दूसरे को पैंपर करने के लिए केक, पेस्ट्रीज़, चॉकलेट्स, पिज़्ज़ा, पास्ता जैसी सरप्राइज़ ट्रीट देते रहते हैं. कैलोरीज़ से भरपूर ये फैटी चीज़ें वज़न बढ़ाती हैं.
7. स्ट्रेस ईटिंग करना
शादी के बाद नए माहौल में ढलना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे में अगर दुल्हन वर्किंग है, तो उसकी ज़िम्मेदारियां और भी बढ़ जाती है. ऑफिस के साथ-साथ घर पर भी अपना बेस्ट देने की कोशिश में हमेशा स्ट्रेस में रहती हैं और स्ट्रेस ईटिंग की शिकार हो जाती है.
8. हार्मोनल बदलाव
लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण तेज़ी से वज़न बढ़ता है. इसके अलावा सेक्सुअल एक्टिविटीज़ के कारण होनेवाले हार्मोनल बदलाव भी इसका कारण बनते हैं. हांलाकि कुछ लोग इसे मिथ मानते हैं, पर वज़न बढ़ाने में हार्मोंस का अहम् रोल होता है, यह सभी मानते हैं.
9. मेटाबॉलिक बदलाव
आजकल ज़्यादातर कपल्स 28-30 साल की उम्र में शादी करते हैं. इस समय शरीर के मेटाबॉलिक रेट में बदलाव आता है, जिससे वज़न पहले के मुकाबले ज़्यादा तेज़ी से बढ़ता है.
10. प्रेग्नेंसी
बहुत-सी महिलाएं शादी के बाद ही कंसीव कर लेती हैं, जिससे परिवारवाले उसे पैंपर करने के लिए ओवर न्यूट्रीशियस चीज़ें खिलाते हैं, जिसे डिलीवरी के बाद भी वो कम नहीं कर पातीं.
वेट कंट्रोल के लिए क्या करें?
- घर में हर कोई खाना खा ले, उसके बाद मैं खाऊंगी वाला एटीट्यूट बदलें. नियमित समय पर खाना खाएं. ओवरईटिंग से बचें.
- अपने लुक्स के प्रति लापरवाह न हों.
- स्ट्रेस ईटिंग से बचने के लिए ख़ुद को ख़ुश रखें.
- एक-दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताने के लिए योगा क्लासेस या जिम जॉइन करें.
न्यूली मैरिड के लिए शादी से जुड़ी आवश्यक क़ानूनी सलाहें (Legal Things To Do For Newly Married Couples)
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शादी के बाद लड़की की ज़िंदगी ही नहीं बदलती, ज़्यादातर मामलों में उसका सरनेम भी बदल जाता है. अगर शादी के पहले ही शादी के बाद होनेवाली ज़रूरी क़ानूनी बदलावों के बारे में जान-समझ लें, तो हर तरह की काग़ज़ी कार्यवाही आसान हो जाती है. बहुत-से लोग इसे अहमियत नहीं देते और जब ज़रूरत आ पड़ती है, तब भागदौड़ शुरू कर देते हैं. ऐसी स्थिति आपके सामने न आए, इसलिए शादी से जुड़ी ज़रूरी क़ानूनी सलाह को समझें.
लड़कियां अपनी शादी को परफेक्ट बनाने के लिए सारी तैयारियां करती हैं, पर शादी के बाद विवाह को क़ानूनी मान्यता देने जैसे महत्वपूर्ण काम को अनदेखा कर देती हैं. मैरिज सर्टिफिकेट आपकी शादी का महज़ क़ानूनी गवाह नहीं, बल्कि भविष्य में होनेवाली किसी भी अनहोनी परिस्थिति में आपके लिए कवच की तरह काम करता है. वैसे भी वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे अनिवार्य घोषित कर दिया है. इसलिए इसकी पूरी जानकारी रखना बहुत ज़रूरी है.
शादी का रजिस्ट्रेशन/मैरिज सर्टिफिकेट
हमारे देश में शादी का रजिस्ट्रेशन द हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 या फिर द स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत किया जाता है. जहां हिंदू मैरिज एक्ट में पहले से हुई शादी का रजिस्ट्रेशन कर मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाता है, तो वहीं स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी व उसका रजिस्ट्रेशन दोनों एक साथ किया जाता है.
स्पेशल मैरिज एक्ट- शादी/रजिस्ट्रेशन
इसे आमतौर पर कोर्ट मैरिज कहते हैं. इसमें विवाह के इच्छुक लोगों को अपने इलाके के मैरिज ऑफिसर या सब रजिस्ट्रार को नोटिस देनी पड़ती है. याद रहे, दोनों में से कोई एक उस स्थान पर 30 दिनों से रह रहा हो. इसके बाद मैरिज ऑफिसर से उन्हें एक महीने का नोटिस पीरियड मिलता है, जिसके ख़त्म होने पर तय दिन व समय पर शादी व उसका रजिस्ट्रेशन दोनों एक साथ किया जाता है.
रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्यूमेंट्स
- शादी के 1 महीने के भीतर ही रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए. अपने माता-पिता/गार्जियन और गवाहों के साथ आपको रजिस्ट्रार के ऑफिस में जाना पड़ता है.
- इस दौरान जो रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं, उन्हें क्षमादान के साथ 5 साल के भीतर रजिस्ट्रार के पास यह प्रक्रिया पूरी करवानी पड़ती है.
- इसके लिए आप दोनों को बर्थ प्रूफ, रेसिडेंस प्रूफ, शादी की पूरी जानकारी वाला एफिडेविट, पति-पत्नी के पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ्स, शादी की एक फोटो, शादी का निमंत्रण कार्ड आदि डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत पड़ेगी.
- रजिस्ट्रेशन के 7-90 दिनों के भीतर आपका मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाता है.
सरनेम बदलना
हर महिला को यह अधिकार है कि वो शादी के पहलेवाला अपना सरनेम बनाए रख सकती है, पर ज़्यादातर महिलाएं क़ानूनी झंझटों से बचने के लिए सरनेम बदलवा ही लेती है. अगर आप भी अपना सरनेम बदलना चाहती हैं, तो आपको ये टिप्स.
- मैरिज सर्टिफिकेट मिलने के बाद सरनेम बदलने के लिए आपको राज्य सरकार के गैज़ेट ऑफिस में जाकर सरनेम बदलने के लिए आवेदन देना पड़ता है.
- सरनेम बदलने के बाद आपके बदले हुए नाम को ऑफिशियल बनाने के लिए किसी स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित किया जाता है.
- उस समाचार पत्र की कॉपी आपको हमेशा संभलाकर रखनी चाहिए. भविष्य में उसे आप लीगल डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल कर
सकते हैं.
यह भी पढें: 20 Tips: शादी से पहले करें शादी के बाद की तैयारियां
ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स में बदलाव
एक बार सरनेम में बदलाव हो जाए, तो आपको अपने सभी ज़रूरी काग़ज़ातों पर इसे बदलना पड़ता है. याद रहे, जब भी डॉक्यूमेंट्स में सरनेम बदलवाएं, आधे-अधूरे नहीं, बल्कि सभी में बदलवाएं.
पैन कार्ड:आजकल ज़्यादातर फाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन्स के लिए आपको पैनकार्ड की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट मिलते ही अपना पैनकार्ड अपडेट करवाएं.
- पैनकार्ड पर सरनेम बदलने की प्रक्रिया नया पैनकार्ड लेने जैसे ही है.
- इसके लिए आपको पैनकार्ड नेम करेक्शन का फॉर्म भरकर साथ में पुराने पैनकार्ड का नंबर और मैरिज सर्टिफिकेट या ऑफिशियल गर्वंमेंट गैज़ेट की कॉपी जमा करनी होगी.
- इसके अलावा आप जॉइंट नोटराइज़्ड एफिडेविट जमा करके भी पैनकार्ड अपडेट कर सकते हैं.
- पैनकार्ड अपडेट होने पर अपने इन्कम टैक्स पेपर्स अपडेट करना ना भूलें.
बैंक अकाउंट्स:आपका अगला क़दम बैक अकाउंट्स को अपडेट करना है. यहां
आपको अपने नाम के साथ-साथ नए पते को भी अपडेट कराना होगा.
- नाम बदलने के लिए आपको एक फॉर्म भरकर देना होगा और साथ ही में मैरिज सर्टिफिकेट की कॉपी और ऑफिशियल गर्वंमेंट गैज़ेट जमा करना होगा.
- एड्रेस बदलने के लिए आपको अपने पति के एड्रेस प्रूफ और पासपोर्ट की कॉपी जमा करनी होगी.
पासपोर्ट: चाहे बात आइडेंटिटी प्रूफ की हो या रेसिडेंशियल प्रूफ की, पासपोर्ट सबसे बेस्ट लीगल प्रूफ है. अपने पुराने पासपोर्ट को अपडेट करने के लिए-
- आपको पासपोर्ट री-इश्यू के लिए अप्लाई करना होगा.
- इसके साथ आपको आपका मैरिज सर्टिफिकेट और पुराना ओरिजनल पासपोर्ट, पासपोर्ट की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी और पति के पासपोर्ट की कॉपी भी जमा करनी होगा.
फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स: शादी के बाद आपको अपने फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स, जैसे- इन्वेस्टमेंट्स, इंश्योरेंस, लोन आदि के डॉक्यूमेंट्स को भी अपडेट करना होगा.
- इन्वेस्टमेंट्स, जैसे- म्यूचल फंड, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक्स बॉन्ड आदि को अपडेट करें. - पर्सनल या हाउसिंग लोन आदि से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स पर सरनेम ज़रूर बदलवाएं.
- सभी के साथ लाइफ इंश्योरेंस, मेडीक्लेम आदि को भी अपडेट करें. अगर आप किसी और की इंश्योरेंस पॉलिसी में नॉमिनी हैं, तो उसे भी
अपडेट ज़रूर कराएं. इन सभी के लिए आपका मैरिज सर्टिफिकेट और पति का रेसिडेंशियल प्रूफ जमा करना है.
प्रॉपर्टी:आजकल लड़कियां आत्मनिर्भर होती हैं, इसलिए प्रॉपटीज़ आदि की पूरी जानकारी संभालकर रखती हैं. अगर आप भी किसी प्रॉपर्टी की मालकिन या वारिस हैं, तो शादी के बाद उन डॉक्यूमेंट्स को अपडेट करना न भूलें. प्रॉपर्टी से जुड़े पेपर्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने लीगल एडवाइज़र से मिलें.
वोटिंग कार्ड:यह भी एक बहुत ज़रूरी आइडेंटिटी और रेसिडेंशियल लीगल प्रूफ है. शादी के बाद नेम करेक्शन का फॉर्म भरकर आप अपना नाम चेंज करा सकती हैं. इसके अलावा अपने ससुराल के इलेक्टोरल रोल में भी आपको अपना नाम दर्ज कराना होगा.
ये छोटी-छोटी बातें बहुत मायने रखती हैं, इसलिए शादी के बाद इन सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स को अपडेट कराएं. हमेशा ध्यान रखें, आपके सभी डॉक्यूमेंट्स पर आपका एक जैसा नाम होना चाहिए.
एनआरआई दूल्हे के मामले में
पिछले कुछ सालों में एनआरआई शादियों में जिस तरह की धोखाधड़ी सामने आई है, बहुत-से पैरेंट्स अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए ऐसे रिश्तों को कम तवज्जों दे रहे हैं. पर इसका यह कतई मतलब नहीं कि सभी एनआरआई लड़कों को शक के घेरे में खड़ा कर दें, पर अपने सुरक्षित भविष्य के लिए थोड़ी सावधानी ज़रूर बरतें.
- शादी से पहले लड़के के बारे में पूरी छानबीन करें. उसका नाम, पता, सोसाइटी में इमेज आदि सोशल मीडिया के ज़रिए या फिर वहां स्थित इंडियन ऐम्बसी के ज़रिए पता करें.
- अगर आप किसी और धर्म के लड़के से शादी कर रही हैं और शादी के बाद धर्म बदलना आदि प्रक्रिया है, तो शादी से पहले अपने लीगल एडवाइज़र से यहां व वहां के क़ानूनों की पूरी जानकारी हासिल कर लें, ताकि शादी के बाद किसी भी अनहोनी स्थिति में आप ख़ुद को लाचार महसूस न करें.
- जहां तक हो सके, शादी अपने ही देश में करें. विदेशी धरती पर शादी करने पर आप कई ज़रूरी क़ानूनी हक़ीक़तों से अनजान रहती हैं, जिसका ग़लत फ़ायदा आपके ससुराल वाले उठा सकते हैं.
मायके की तरह ससुराल में भी अपनाएं लव डोज़ फॉर्मूला (Love Dose Formula For Happy Married Life)
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कहते हैं लड़कियों से घर गुलज़ार रहता है और उनकी चहक से ही घर में रौनक बनी रहती है, पर यही लड़कियां जब ससुराल जाती हैं, तब क्यों ख़ुद को इतना क्यों बदल लेती हैं कि ससुराल में वही रौनक नहीं दिखाई देती? माना कि यह आपका ससुराल है, यहां कुछ मर्यादाएं हैं, पर इसका यह मतलब नहीं कि आप मायकेवाली नादानियां-शरारतें, लविंग-केयरिंग नेचर यानी अपना लव डोज़ पूरी तरह भूल जाएं. अपने नए घर को भी ख़ुशहाल रखना चाहती हैं, तो मायकेवाला लव डोज़ यहां भी आज़माएं.
सास को दें मम्मीवाला लव डोज़
सास-बहू का रिश्ता सबसे अनोखा होता है. लोगों की बरसों पुरानी सुनी-सुनाई बातों पर न जाएं, आज व़क्त बदल रहा है, हो सकता है आपकी सास सुलझे विचारों की महिला हो, इसलिए खुले दिल व दिमाग़ के साथ ससुराल जाएं और सास को अपनाएं.
- जिस तरह आप अपनी मम्मी को प्यार करती हैं, कोशिश करें की सास के बात-व्यवहार करते समय वही मां-बेटीवाली आत्मियता झलके.
- शादी से पहले ही जिस तरह होनेवाले पति से हमेशा बात करती हैं, उसी तरह कम से कम हफ़्ते में एक बार सास का हाल-चाल लेती रहीं.
- जिस तरह आप मम्मी को बालों में तेल लगाती हैं, नेल पेंट लगाती हैं, वो कौन-सी साड़ी पहनें यह डिसाइड करती हैं यही सब कुछ आपको अपनी सास के साथ भी तो करना है.
- जिस तरह खाना बनाते समय मम्मी से पूछकर काम करती हैं, उसी तरह सास से पूछकर करें. यहां अपना ईगो आड़े मत आने दें.
- हर स्त्री को सजना-संवरना पसंद होता है, तो कोशिश करें कि कभी-कभार उनके लिए कुछ कोई ब्यूटी प्रोडक्ट या कोई एक्सेसरी लेकर जाएं.
- अपने मम्मी और भाभी को देखकर आपके मन में जो भी आता है कि भाभी को मम्मी के लिए ऐसा करना चाहिए, वो सब आप अपनी सास के लिए ज़रूर करें.
- आपकी सास के लिए सबसे बेस्ट गिफ्ट होगा उनके बेटे का थोड़ा-सा ़फुर्सतवाला समय, तो कभी-कभार दोनों को कहीं शॉपिंग या यूं ही
पानीपूरी ट्रीट के लिए भेजें. दोनों के चेहरे की ख़ुशी आपकी मैरिड लाइफ में लव का डबल डोज़ लगाएगी.
- सास अपनी बहू से यही उम्मीद करती है कि वो उसे समझे, अगर आपको उनकी बात सही नहीं लग रही है, फिर भी तुरंत ना कहने की बजाय, थोड़ी देर बाद अपनी बात समझाकर कहें.
ससुरजी को दें पापावाला लव डोज़
ज़्यादातर घरों में ससुर और बहू का रिश्ता काफ़ी फॉर्मल होता है, लेकिन अगर आपके ससुरजी सुलझे हुए व मॉर्डन सोच के व्यक्ति हैं, तो आपके लिए बेस्ट मौक़ा है अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को ख़ुशहाल बनाने का.
- पापा की लाडली बिटिया को ससुर की लाडली बहू बनने के लिए ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत नहीं, बस ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य निभाने होंगे.
- जिस तरह आप पापा के घर देर से आने पर उन्हें फोन लगा देती थीं कि कहां हैं और कब तक आएंगे, यही आपको ससुरजी के साथ भी करना है.
- जब भी वो दोस्तों के साथ कहीं बाहर घूमने जा रहे हों, तो उनके लिए स्नैक्स आदि का इंतज़ाम ख़द करके दें. उन्हें अच्छा लगेगा.
- शाम को घर लौटने पर उनकी तबीयत पूछें और कुछ तकलीफ़ होने पर डॉक्टर के पास ले जाएं. याद रखें, उन्हें अकेले डॉक्टर के पास न जाने दें. साथ में ख़ुद जाएं या फिर पति को भेजें. तकलीफ़ में अपनों का साथ सबसे बड़ी दवा है.
- अगर ससुरजी कभी शांत या परेशान दिखें, तो उनकी परेशानी का कारण पूछें. अक्सर पैरेंट्स कोई समस्या बच्चों से बताने में हिचकिचाते हैं कि कहीं वो भी परेशान न हो जाएं.
- पापा के लिए फादर्स डे पर, उनके बर्थडे पर कुछ ख़ास करती थीं, बस यहां भी यही ध्यान रखें कि उनका बर्थडे, उनकी एनीवर्सरी आदि पर उन्हें विश करने के साथ-साथ कुछ ख़ास करें.
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ननद और जेठानी के लिए है बहनवाला लव डोज़
ननद और जेठानी ससुराल में आपकी हमउम्र व सहेली हैं. उनके साथ आपको वही दोस्ताना रखना है, जो आप अपनी दीदी या छोटी बहन के लिए रखती हैं.
- आपकी शॉपिंग हो या मौज-मस्ती हर जगह ये आपको कंपनी देने के लिए तैयार रहेंगी, बस आपको उन्हें ननद या जेठानी न समझकर एक नई फ्रेंड और बहन समझना है.
- जैसे अपनी बहन के स्पेशल दिन को ख़ास बनाती हैं, उसी तरह इनके दिन को भी ख़ास बनाएं.
- जैसे बहन के लिए कुछ न कुछ लाती रहती हैं और उनके चेहरे की मुस्कान के लिए सरप्राइज़ देती हैं, वही सरप्राइज़ यहां भी जारी रखें.
- उन्हें आपकी पसंदीदा साड़ियां, ड्रेसेज़, झुमके, नेकलेस आदि पहनने के लिए दें. उन्हें अच्छा लगेगा.
- ननद को जो पसंद है, वो उन्हें ज़रूर खिलाएं. अगर वो पिज़्ज़ा खाना चाहती हैं, तो भले ही खाना बनाने में लेट हो जाए, पर उनका मन ज़रूर रखें.
- अपनी दीदी के बच्चों से जितना प्यार करती हैं, उतना ही लाड़-प्यार जेठानी के बच्चों को भी दें. जब भी आप उनके बच्चों के लिए कुछ करेंगी, वो भी बड़ी बहन की तरह आप पर ढेर सारा प्यार लुटाएंगी.
- कभी-कभार स़िर्फ लेडीज़ गैंग बनाकर आप तीनों कहीं घूमने, मूवी या फिर शॉपिंग के लिए जाएं और जैसे बहन से पैसे नहीं लेतीं, बल्कि टिकट ख़ुद ही ख़रीदती हैं, वैसा यहां भी करें.
देवर-जेठ को दें भाईवाला लव डोज़
ससुराल में देवर और जेठ दो ऐसे लोग हैं, जो आपकी भाई की कमी पूरी करेंगे. जिस तरह भाई आपको जानबूझकर सताता है, चिढ़ाता है, इरिटेट करता है, वही रोल शायद देवर व जेठ निभाएं, तो याद रखें कि उन्हें भी भाईवाला प्यार देना है.
- देवर शरारती होते हैं, जानबूझकर भाभी को सताना, अपने काम उन्हें देना और बिज़ी रखने के लिए कुछ न कुछ करवाने में उन्हें बड़ा मज़ा आता है, ख़ैर इसकी तो आपको आदत है, क्योंकि भाई भी तो यही करता था. जैसे भाई को हैंडल करती थीं, वैसे इन्हें भी हैंडल करें.
- जेठजी को हैंडल करना देवर की तुलना में बहुत आसान है, क्योंकि ये न तो शरारतें करते हैं, न ही आपको सताते हैं, बस इन्हें एक चीज़ से मतलब होता है कि आप उनकी पत्नी को समझें. घर के कामों में हाथ बंटाएं और सबसे घुल-मिलकर रहे.
- जिस तरह आपको अपने भाई की हर पसंद-नापसंद पता होती है, उसी तरह देवर व जेठ की पसंद जानने की कोशिश करें.
- भाई के लिए कुछ करना बहनों को हमेशा ही अच्छा लगता है, तो यही नज़रियां यहां भी रखें और अपने भाइयों की लिस्ट में दो नाम और बढ़ा दें.
दादा-दादी को दें बचपनेवाला लव डोज़
दादी सास हो या दादा ससुर अपने पोते वो जितना प्यार करते हैं, शायद ही कोई करता होगा. उनके लिए बस एक ही चीज़ मायने रखती है कि पोते की बहू भी पोते को उतना ही प्यार करे और पोते की तरह उनसे घुल-मिल जाए.
- दादा-दादी को अपने की शरारतें लुभाती हैं, उनके साथ थोड़ा दुलार दिखाएं, थोड़ी छेड़खानी करें. दादी की ख़ूबसूरती के लिए कॉम्प्लीमेंट दें, तो दादा को उनकी चुस्ती-फुर्ती के लिए.
- दादा-दादी के साथ बैठें, उनसे बातें करें, उनके समय के बारे में पूछें और उनकी सेवा का कोई भी मौका हाथ से जाने न दें.
- उनके लिए उनकी फेवरेट खाने की चीज़ें लाएं, उन्हें नई-नई चीज़ों के बारे में बताएं.
- अगर दादा-दादी कहीं किसी तीर्थस्थान जाना चाहते हैं या अपने दोस्तों की मंडली का आपके सामने अक्सर ज़िक्र करते हैं, तो उनकी उम्मीदों को पूरा करें.
- उनके दोस्तों को घर पर बुलाएं, उनका आदर-सत्कार करें और दादा-दादी की तरफ़ से कोई गिफ्ट ज़रूर दें. उनके साथ-साथ दादा-दादी की ख़ुशी देखने लायक होगी.
- उनसे लाड़-प्यार ही उनके लिए बेस्ट लव डोज़ है. वो हर किसी को पैंपर करते हैं, आप उन्हें पैंपर करें. फिर देखिएगा, कैसे खिल उठेगा उनका तन-मन.