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Woman Health
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अक्सर देखा गया है कि महिलाएं अपने सेहत को लेकर थोड़ी लापरवाह रही हैं. जबकि आज की तारीख़ में महिलाओं को ख़ुद के लिए समय निकालना और अपनी सेहत का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी हो गया है. ऐसे में यहां पर दिए गए पांच सलाहों को अपनाकर वे हर दिन अपने लिए और अपनों के लिए स्वयं को स्वस्थ रख सकती हैं. इस संदर्भ में हमें जे. सोमैया कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी की डॉ. श्वेता मनवाड़कर, जो प्रोफेसर और फिजियोथेरेपिस्ट भी हैं कई उपयोगी जानकारियां दीं.
आज की कोरोना वायरस और लॉकडाउन की महामारीवाली स्तिथि में जब परिवार का हर सदस्य तनाव का सामना कर रहा है, तब उस परिवार को सुख-चैन के कुछ पल, ख़ुशी-अपनापन देने का सामर्थ्य ज़्यादातर परिवारों में, उस घर की गृहिणी के हाथ में ही होता है. ऐसे में यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि वो दूसरों के साथ-साथ अपनी भी शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती का ख़्याल रखें. इसी से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें यहां पर दे रहे हैं.
१) सुबह का नाश्ता…
- स्त्रियां सब को खिलाने की व्यस्तता में भी अपने ख़ुद के सुबह के नाश्ते के प्रति भी ख़ास ध्यान दें.
- दिन की शुरुआत में लिया हुआ पौष्टिक आहार मेटाबॉलिज़्म के लिए अच्छा होता है और उससे आगे के काम करने के लिए एनर्जी मिलती है और वज़न भी कंट्रोल में रहता है.
- सुबह के नाश्ते में पोहा, उपमा इत्यादि के साथ केला, सेब, संतरा आदि फल, पनीर, दूध, रागी, राजगिरा , सिंगदाना, कुरमुरा, सूखा मेवा इत्यादि लें.
- इन सबसे शरीर को भरपूर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी मिलता है.
२) नियमित एक्सरसाइज़…
- तंदुरुस्त रहने के लिए हर दिन शारीरिक व्यायाम करना अत्यंत आवश्यक है.
- हफ़्ते के तीन दिन ३० मिनट तक एरोबिक एक्सरसाइज़ और हफ़्ते के दो दिन ३० मिनट तक स्नायु की ताकत बढ़ाने के व्यायाम ज़रूरी है.
- इससे आपका पूरे हफ़्ते में १५० मिनट का एक्सरसाइज़ का ज़रूरी कोटा पूरा हो जाएगा.
- हर ३० मिनट की एक्सरसाइज़ के पहले १० मिनट का वॉर्मअप और अंत में १० मिनट का कूल डाउन अवश्य करें.
- एक्सरसाइज़ के बारे में अपने डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट कि सलाह ज़रूर लें.
- इस तरह सही तरीक़े से एक्सरसाइज़ करने पर बिना किसी दर्द के व्यायाम का लाभ मिलेगा.
- घर पर चलने के लिए जगह न हो, तो आप थोड़ी-सी जगह में भी 8 के आंकड़े में जितनी देर चाहे उतनी देर बिना रुके चल सकती हैं. इस तरह के चलने को ‘इन्फिनिटी वॉक’ कहा जाता है.
- घर पर नियमित रूप से किए गए आसान स्ट्रेचेस, स्क्वॉट्स, अगर वेट्स नहीं हो, तो पानी की बोतल हाथ में पकड़कर हाथ की ताकत बढ़ाने के लिए किए गए एक्सरसाइज़ इन सबका ख़ासकर महिलाओं में हड्डियां और स्नायु ताकतवर बनाने में बहुत मदद मिलती है.
- घर पर एक्सरसाइज़ करने के लिए योगा मैट का इस्तेमाल अवश्य करें.
- व्यायाम के लिए एक समय और जगह निश्चित करेंगी, तो इससे हर दिन करने में आसानी भी होगी और मदद भी मिलेगी. साथ ही जल्दी ही एक्सरसाइज़ करना आपकी पॉज़िटिव आदत बन जाएगी.
३) एक्टिव रहने की आदत…
- महिलाएं नियमित एक्सरसाइज़ के साथ-साथ दिनभर एक्टिव रहने की आदत डालें.
- जैसे कोई भी मशीन पड़े-पड़े बिगड़ जाती है, वैसे ही अपने शरीर का भी है. अपने शरीर को मूवमेंट की आवश्यकता होती है, इसलिए एक ही शारीरिक स्थिति में बहुत देर तक ना बैठे.
- जब ध्यान में आ जाए कि आप बहुत देर से बैठी हैं, जैसे- टीवी के सामने या कुछ पढ़ते वक़्त या मोबाइल देखते समय, फोन पर बात करते वक़्त, तो उठकर थोड़ा टहल लें.
- बैठते वक़्त सीधा बैठे, चलते वक़्त सहजता से पर सीधा चले, रीढ़ की हड्डी व कंधे झुकाए नहीं.
- आलसपन ना आने दे, इससे जितना दूर रहे बेहतर है.
४) मन की सफ़ाई…
- तंदुरुस्त शरीर के लिए मन स्वस्थ होना भी अत्यावश्यक है.
- कई शोधों से यह साबित हुआ है कि शरीर की बहुत-सी बीमारियों का मूल मन में ही होता है.
- कई बार घर पर ऐसी कोई घटना घटती होती है, जिससे मन का चैन खो जाता है.
- ऐसे में मन का दुखी होना स्वाभाविक है, लेकिन लंबे समय तक दुखी रहना शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक है.
- इसलिए किसी भी ऐसी घटना के बाद जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी ख़ुद के भावनाओं पर काबू पाएं.
- प्राणायाम, योग, ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. इससे मन को बेहद शांति मिलेगी.
- जैसे हम गंदे-मैले कपड़े नहीं पहनते, वैसे ही मन भी मैला ना करे. अच्छा सोचें, अच्छा सुने और अच्छा बोलें.
५) स्वस्थ परस्पर संबंध…
- अच्छी सेहतभरी ज़िंदगी जीने के लिए अपनों का साथ और विश्वास बेहद ज़रूरी है.
- परिवार के लोगों के साथ बैठकर बातें करें.
- उनके साथ हंसी-मज़ाक के साथ ख़ुशी के पल बिताएं.
- घर पर कैरम, कार्ड्स आदि खेल भी खेल सकते हैं.
- कुछ महिलाएं घर के ज़िम्मेदारियों में ख़ुद को पूरी तरह से व्यस्त कर लेती हैं. ऐसा बिल्कुल ना करें.
- आपके जितने भी गहरे दोस्त हों, उनसे नियमित रूप से संपर्क में रहें.
- रिश्तेदारों से भी अपनापन व मधुर संबंध रखें.
- उनका हालचाल पूछने के लिए समय-समय पर फोन करें. इससे आपका तनाव भी कम होगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
आपकी सामाजिक स्थिति जितनी समृद्ध होगी, आपके रिश्ते जितने मज़बूत होंगे, बीमारियां उतनी ही आपसे दूर रहेंगी और आप ख़ुशहाल जीवन जी सकेंगी.
– ऊषा गुप्ता

मेरी उम्र 28 वर्ष है और मेरी शादी को 5 वर्ष हो गए हैं. मुझे मासिक धर्म में काफ़ी दर्द और रक्तस्राव होता है. मेरी सोनोग्राफ़ी से पता चला है कि मुझे चॉकलेट ओवेरियन सिस्ट है और इसकी सर्जरी करवानी होगी. लेकिन मैं अभी तक मां नहीं बन पाई हूं, इसलिए किसी भी तरह के ऑपरेशन से डरती हूं. मुझे क्या करना चाहिए?
– परमजीत कौर, दिल्ली.
एंडोमेट्रियोसिस में हर मासिक चक्र के दौरान ओवरी (अंडाशय) में रक्त इकट्ठा हो जाता है. धीरे-धीरे इसका आकार बढ़ने लगता है और इकट्ठा हुआ रक्त चॉकलेट सिस्ट बना लेता है. इस कारण मासिक धर्म के दौरान दर्द होता है एवं गर्भधारण करने में भी समस्या हो जाती है. लेप्रोस्कोपिक (कीहोल) सर्जरी ही इसका एकमात्र उपाय है. लेज़र जैसी आधुनिक तकनीक ने अब इस तरह की सर्जरी को और भी आसान बना दिया है.
मैं 26 वर्ष की हूं और मेरी शादी को दो साल हो गए हैं. अब हम बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं. क्या गर्भधारण के पहले मुझे कोई टेस्ट कराना ज़रूरी है?
– तराना, मुंबई.
बच्चा प्लान करने के पहले होनेवाले बच्चे की सेहत के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि रेग्युलर चेकअप करा लिए जाएं. आपको कुछ टेस्ट, जैसे- हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, थायरॉइड लेवल, थेलेसेमिया आदि टेस्ट करवा लेना चाहिए. एक सोनोग्राफ़ी टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे ये पता चल सके कि यूटेरस और ओवरीज़ सामान्य हैं. ब्लड प्रेशर अवश्य चेक कराएं. यदि कोई भी समस्या हो, तो गर्भधारण करने के पूर्व ही उसका इलाज करा लेना चाहिए, ताकि जन्म लेनेवाला बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो.
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
[email protected]
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मैं 39 वर्षीया कामकाजी महिला हूं. मैं यह जानना चाहती हूं कि मेरे लिए इस उम्र में कौन-से टेस्ट्स करवाने ज़रूरी हैं?
– पल्लवी राणा, इंदौर.
किसी भी हेल्थ प्रोफेशनल से आप अपना जनरल चेकअप करवा सकती हैं, जिसमें ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, चेस्ट व हार्ट की जांच के अलावा सिर से पैर तक की जांच की जाती है. इसके साथ ही पैप स्मियर टेस्ट व पेल्विक की जांच भी ज़रूर करवाएं. अगर कुछ डिटेक्ट हुआ, तो आपको सोनोग्राफी भी करानी पड़ सकती है. इसके अलावा साल में एक बार बेसिक एक्ज़ामिनेशन, जैसे ब्लड टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल, लिवर और किडनी प्रोफाइल, चेस्ट एक्स-रे और ईसीजी ज़रूर करवाएं. अगर आप फिट और हेल्दी हैं, फिर भी हर साल आंख और दांत की जांच ज़रूर करवाएं.
यह भी पढ़ें: Personal Problems: मेनोपॉज़ के क्या लक्षण होते हैं? (What Are The Signs And Symptoms Of Menopause?)
पिछले हफ़्ते मेरी ऑफिस की सहेली अचानक बेहोश हो गई, जो प्रेग्नेंट थी. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी इमर्जेंसी सर्जरी करनी पड़ी. डॉक्टर ने बताया कि वह एक्टॉपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) की शिकार हुई है. यह क्या है? क्या भविष्य में उसकी प्रेग्नेंसी नॉर्मल होगी?
– सरला पटेल, रोहतक.
इस अवस्था में भू्रण यूटेरस के अंदर रहने की बजाय बाहर आमतौर पर ट्यूब्स में रह जाता है, जिससे भू्रण 5-6 हफ़्तों से ज़्यादा सुरक्षित नहीं रहता. आमतौर पर महिलाओं को पेट में मरोड़, वेजाइनल ब्लीडिंग, कंधों आदि में दर्द होता है. एक्टॉपिक प्रेग्नेंसी सर्विक्स, ओवरीज़ या एब्डोमेन में भी हो सकती है. अगर उनका दूसरा ट्यूब ठीक है, तो भविष्य में वह प्रेग्नेंट हो सकती हैं.
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
[email protected]
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मैं 35 वर्षीया महिला हूं, पर अभी तक मां नहीं बन पाई हूं. कुछ समय पहले मैंने कंसीव किया था, पर ट्यूब में प्रेग्नेंसी होने के कारण तुरंत सर्जरी करवानी पड़ी थी. मुझे यह जानना है कि क्या इसके बाद मैं नेचुरली कंसीव कर पाऊंगी?
– राजेश्वरी पांडेय, पालमपुर.
महिलाओं में दो ट्यूब्स होती हैं, जिन्हें फैलोपियन ट्यूब्स कहते हैं. ये क़रीब 10 सेंटीमीटर लंबी होती हैं. ट्यूबरकुलोसिस (टीबी), प्रमेह, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ और अन्य यौन रोगों के कारण ट्यूब्स में इंफेक्शन हो सकता है या वो पूरी तरह ख़राब भी हो सकती हैं. जैसा कि आपने बताया कि आपकी इमर्जेंसी में सर्जरी की गई थी, दरअसल उसमें आपकी डैमेज्ड ट्यूब निकाल दी गई होगी. सबसे पहले आपकी दूसरी ट्यूब को चेक करना होगा कि उसमें कोई इंफेक्शन तो नहीं, क्योंकि अगर आपकी एक ट्यूब भी सही-सलामत है, तो आपके नेचुरली कंसीव करने के अभी भी 50% चांसेस हैं. इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी फर्टिलिटी एक्सपर्ट से मिलें.
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मैं 36 वर्षीया महिला हूं और मेरी पहली प्रेग्नेंसी को 2 महीने हो गए हैं. सोनोग्राफी के बाद डॉक्टर ने सब नॉर्मल बताया, पर चौथे महीने में ट्रिपल टेस्ट कराने की सलाह भी दी है. यह टेस्ट किसलिए है?
– चेतना पटवा, आगरा.
यह प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में किया जानेवाला एक ब्लड टेस्ट है. दरअसल, आपकी उम्र 35 साल से ज़्यादा है और इस उम्र के बाद प्रेग्नेंसी में कुछ असामान्यताएं आ सकती हैं, इसलिए डॉक्टर ने आपको यह टेस्ट कराने की सलाह दी है. ट्रिपल टेस्ट के ज़रिए यह जानने की कोशिश की जाती है कि कहीं गर्भवती मां को कोई क्रोमोज़ोमल असामान्यताएं या फिर न्युरल ट्यूब डिफेक्ट्स की संभावना तो नहीं. आमतौर पर इस टेस्ट के साथ अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है. अगर किसी तरह की असामान्यता पाई गई और टेस्ट पॉज़ीटिव आया तो, आपको एक और टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है.
यह भी पढ़ें: Personal Problems: मेनोपॉज़ के क्या लक्षण होते हैं? (What Are The Signs And Symptoms Of Menopause?)
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
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मैं 21 साल की हूं. मेरा मासिक धर्म हमेशा नियमित रहता है, किंतु मासिक धर्म आने के पूर्व मेरा पेट फूल जाता है और अचानक वज़न भी बढ़ जाता है. ऐसा क्यों होता है? कृपया इस बारे में जानकारी दें.
– प्रतिमा सिंह, बिहार.
आपकी समस्याओं के बारे में जानकर ऐसा लगता है कि आप पीएमएस (प्रीमेन्सट्रुअल सिंड्रोम) यानि माहवारी से पहले होनेवाली तकलीफ़ों से गुज़र रही हैं. इस दौरान आपको अपने आप में और भी कई तरह के बदलाव नज़र आ सकते हैं, जैसे- स्तनों के आकार में वृद्धि, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना, अधिक भूख लगना आदि. ये सब माहवारी के दौरान के सामान्य लक्षण हैं, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है. हां, अपने गायनाकोलॉजिस्ट से यह अवश्य जान लें कि आपके वज़न बढ़ने का कारण कहीं कोई और समस्या तो नहीं है.
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मैं 23 वर्षीय स्त्री हूं. छह माह पूर्व ही मेरा विवाह हुआ है. हम अगले दो सालों तक बच्चा नहीं चाहते, इसलिए कंडोम इस्तेमाल करते हैं. लेकिन मुझे इससे असहजता महसूस होती है और दर्द भी होता है. किसी ने मुझे बताया कि कंडोम या उसके जेल से मुझे एलर्जी हो सकती है. क्या वाकई मुझे इससे एलर्जी हो रही है? कृपया मेरी समस्या का समाधान बताएं.
आपको कंडोम के रबर या फिर इसके जेल से एलर्जी होने की संभावना है. चूंकि अभी आपकी उम्र भी काफ़ी कम है और अगले दो साल तक आप परिवार बढ़ाना नहीं चाहतीं, तो ऐसे में आप गर्भनिरोधक दवाइयों का इस्तेमाल कर सकती हैं. बेहतर होगा कि आप किसी गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करें, जो आपको बताएंगे कि आपके लिए कौन–सा गर्भनिरोधक उपयुक्त होगा.
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डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
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