बारिश के दिनों में घर से जुड़ी बहुत-सी बातों पर ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है, जैसे- लीकेज, सीलन, महंगे उपकरण, बिजली आदि. साथ ही यदि आप घर में रिपेयरिंग करवाने जा रहे हैं, तो उससे पहले कई छोटी-छोटी चीज़ों पर गौर कर लेना चाहिए. इस संबंध में हमें आर्किटेक्ट व इंटीरियर एक्सपर्ट नीरव मनीष पांचाल ने कई उपयोगी जानकारियां दीं.
- बरसात के दिनों में लीकेज की आम समस्या होती है, इसलिए घर की रिपेयरिंग करने से पहले घर, छत या टैरेस फ्लोर की जांच कर लें.
- एक जिसे सीधे पेंट की तरह लगा सकते हैं. इसे वॉटर प्रूफिंग वन व टू कंपाउंड कहा जाता है.
- दूसरा एलडब्ल्यू प्लास्टो होता है, इसे सीमेंट में मिलाकर प्लास्टर करते हैं.
- इसके अलावा ऐपौक्सी भी होता है, जो पेंट की तरह और थोड़ा प्लास्टिक की तरह होता है. इससे दीवारों में क्रैक्स नहीं होते और सीलन भी नहीं होती.
14. मॉनसून में घर की रिपेयरिंग करते समय ख़ासतौर पर दीवारों के प्लास्टर को जांच-परख लें. यदि कहीं पर भी दरारें दिखें, तो समय रहते दोबारा प्लास्टर कर लें.
15. प्लास्टर से पहले पुट्टी ज़रूर लगाएं. साथ ही प्लास्टर करते समय वॉटर प्रूफिंग कंपाउंड भी करवा लें.
16. पेंटिंग करवाते समय दीवारों के प्लास्टर को इस कारण भी चेक कर लेना चाहिए कि दरारें न होने पर वॉटरप्रूफ पेंट एक्स्ट्रा सेफ्टी देता है और फिर दरारों को ठीक करके ही पेंटिंग कराना बेहतर रहता है.
17. पेंट करने के लिए तीन लेयर्स चढ़ाई जाती हैं और उससे पहले पुट्टी भी लगाई जाती है, जिसे वॉल पुट्टी कहते हैं.
18. कभी-कभी पेंट व पॉलिश के कारण भी सीलन हो जाती है. ऐसा अक्सर बारिश के दिनों में होता है. दरअसल, उस समय पेंट या पॉलिश के अंदर नमी रह जाती है, जिससे बाद में सीलन नज़र आती है.
19. लेबर समय बचाने के लिए एक के ऊपर एक लेयर चढ़ाते जाते हैं. ऐसे में अगर एक लेयर के बिना सूखे उस पर दूसरी लेयर लगा दी जाए, तो क्रैक होने की संभावना रहती है. इसलिए यदि उसी समय क्रैक दिखे, तो उसे रिपेयर करवा लें.
20. यदि इस कारण घर में सीलन दिखे, तो इसके लिए इंस्टेंट वॉटरपू्रफिंग कंपाउंड आते हैं, इसे गीली दीवारों पर लगाने से भी बेहतर परिणाम देते हैं.
21. बाहरी दीवारों का प्लास्टर वॉटर प्रूफिंग कंपाउंड डालकर करवाया जाए, जो कम से कम 15 एमएम तक का होना चाहिए.
22. दरवाज़े को रिपेयर कर रहे हैं, तो ध्यान दें कि यदि वो लकड़ी का है, तो उसे निकलवाकर दोबारा फिक्स करके उसे पेंट कर लें या उस पर प्लास्टिक की पट्टी लगाएं, जिससे यदि दरवाज़े पर पानी पड़े, तो वो फूले नहीं.
23. यदि बाथरूम की कोई टाइल टूट-फूट गई हो, तो उसे भी तुरंत सील कर दें. साथ ही छत की कोई टाइल्स लूज़ या क्रैक हो गई हो, तो उसे निकालकर दोबारा लगाएं.
24. यदि आप घर में प्लास्टर करवाने के बाद पेंटिंग करवाना चाह रहे हैं, तो इसे शुरू करने से पहले पेंटर से नमी स्तर की जांच ज़रूर करवा लें. वो इसे मॉइश्चर मीटर की मदद से करेगा.
- योजना महीप गुप्ता
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