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ख़ूबसूरत त्वचा के लिए योगासन (Yoga for beautiful skin)

    yog mudrasan 

हमारे चेहरे में 57 मांसपेशियां होती हैं और किसी भी प्रकार के तनाव से चेहरे पर झुर्रियां नज़र आने लगती हैं. योगा हमारे हार्मोंस को संतुलित करता है, जिससे चेहरे पर चमक आती है. यह ऑक्सीजनयुक्त रक्त को त्वचा तक पहुंचाने की प्रक्रिया को बढ़ाता है, जिससे त्वचा का रूखापन व ढीलापन दूर होता है और त्वचा में कसाव आता है. आइए जानें, ख़ूबसूरत त्वचा के लिए कुछ योगासन.

मुद्रासन

  1. सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को जितना संभव हो, फैलाएं.
  2. सांस छोड़ते हुए सामने की ओर झुकें. अपनी दोनों हथेलियां ज़मीन पर रखें. फिर सिर से ज़मीन को छूने की कोशिश करें. इसी स्थिति में जितनी देर तक सांस रोक सकते हैं, रोकें. ऐसा तीन-चार बार करें.
लाभ- यह आसन चेहरे पर रक्त का संचार बढ़ाता है और रोमछिद्रों को खोलता है, ताकि त्वचा आसानी से सांस ले सके और चेहरे की चमक बरक़रार रहे.

योगमुद्रासन

  1. पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं. दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर दाएं हाथ से बाएं हाथ की कलाई को पकड़ें.
  2. आंखें बंद करके शरीर को रिलैक्स करें. सांस छोड़ते हुए ज़मीन पर माथा टिकाएं. 10-30 सेकंड तक इसी पोज़ीशन में रहें.
  3. धीरे-धीरे गर्दन को उठाएं और सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में आएं.
लाभ- ये आसन डार्क सर्कल्स और झुर्रियों से छुटकारा दिलाता है.

 कपालभाति

  1. पद्मासन या सुखासन में बैठकर सांस अंदर लेने की प्रक्रिया को रोककर बलपूर्वक सांस बाहर छोड़ने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराना ही कपालभाति प्राणायाम है.
  2. शुरू में 30-40 बार करें और धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं. इसे आप 100 बार तक कर सकते हैं. बीच-बीच में लंबी सांस लेकर मांसपेशियों को आराम देते रहें.
लाभ- यह प्राणायाम आपके चेहरे की झुर्रियां व आंखों के नीचे का कालापन हटाकर चेहरे की चमक बढ़ाता है. शरीर की चर्बी भी कम होती है और शरीर सुडौल बनता है.

 अनुलोम-विलोम

  1. अपनी सुविधानुसार पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं.
  2. अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाहिने छिद्र को बंद करें और बाएं छिद्र से सांस अंदर लें.
  1. अब बाएं छिद्र को अंगूठे के बगलवाली दो उंगलियों से बंद करें और आठ तक गिनती गिनकर दाहिने छिद्र से अंगूठा हटाकर सांस बाहर छोड़ें.
  2. अब दाएं नाक से ही सांस अंदर लें और बाएं छिद्र से बाहर छोड़ें.
लाभ- अनुलोम-विलोम रोज़ाना करने से फेफड़े शक्तिशाली बनते हैं. इससे नाड़ियां शुद्ध होती हैं, जिससे शरीर स्वस्थ, कांतिमय व शक्तिशाली बनता है.  

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