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7) मुख्य द्वार के ऊपर या आसपास माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा ज़रूर चिपकाएं. 8) मुख्य द्वार की चौखट पर मिट्टी के दीये रखें. साथ ही रंगोली पर भी दीये रखना न भूलें. 9) लक्ष्मी माता के स्वागत के लिए मुख्य द्वार से पूजा घर तक पद चिह्न (बाज़ार में उपलब्ध) इस तरह लगाएं, जैसे माता लक्ष्मी बाहर से भीतर की ओर आ रही हों. 10) गेंदे के फूल और आम के पत्तों से बना तोरण मुख्य द्वार पर लगाएं. गेंदे के फूल और आम के पत्तों से बना तोरण सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. 11) पानी से भरे बाउल में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर मुख्य द्वार के पास पूर्व या उत्तर दिशा में रखें. ऐसा करने से सौभाग्य बढ़ता है और कमरे की रौनक भी दोगुनी हो जाती है. 12) दीपावली के दिन दीया जलाने के लिए शुद्ध घी या सरसों के तेल का इस्तेमाल करें. 13) हर दीये में चार बाती हो. एक बाती लक्ष्मीजी, दूसरी गणेशजी, तीसरी कुबरे और चौथी इंद्र देव के लिए. 14) कम से कम पांच दीये शुद्ध घी से जलाएं. एक दीये को कीचन में, दूसरे को बेडरूम, तीसरे को लिविंग रूम, चौथे को वॉशरूम तथा पांचवे को यदि घर में अन्य कमरा है तो वहां रखें. दीपावली के दिन बाउंड्री वॉल पर दीये जलाना न भूलें. 15) दीपावली के दिन मुख्य द्वार के सामने/आस-पास, पूजा घर और तुलसी के गमले के पास रंगोली ज़रूर बनाएं. रंगोली बनाने के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल ज़रूर करें. यह अत्यंत शुभ होता है.यह भी पढ़ें: लक्ष्मीजी को करें प्रसन्न: पहनें रंग राशि के अनुसार (Your Lucky Colour For Diwali)
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