वास्तु के अनुसार नेमप्लेट का विशेष महत्व होता है. ये मुख्य द्वार की शोभा बढ़ाने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को भी अपनी ओर आकर्षित करती है. वास्तु के अनुसार नेमप्लेट का चुनाव कैसे करें? चलिए, हम बताते हैं.


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13. नेमप्लेट पर धूल, गंदगी, मकड़ी के जाले वगैरह नहीं होने चाहिए. 14. नेमप्लेट की लिखावट व प्रकाश व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए, ताकि पढ़ने में परेशानी न हो. 15. नेमप्लेट बनानेवाले को तय मजदूरी से अतिरिक्त उपहार राशि देनी चाहिए. 16. दो नेमप्लेट एक साथ नहीं होनी चाहिए. यदि दो नेमप्लेट आवश्यक हों, तो ऊपर वाली नेमप्लेट नीचे वाली से छोटी होनी चाहिए. 17. नेमप्लेट के पीछे जीव-जंतु, छिपकली आदि अपना बसेरा न बनाने पाएं, ऐसी सावधानी बरतनी चाहिए. 18. नेमप्लेट पर काली चींटियों का घूमना मंगलकारी होता है. 19. नेमप्लेट के निर्माण में सम संख्या में धातु व लकड़ी की क़िस्मों का उपयोग करना चाहिए. विषम संख्या में नहीं. 20. नेमप्लेट पर मुद्रित अक्षर व अंकों का अपने स्थान से खिसकना, टूटना या गिरना अशुभ संकेत है. 21. नेमप्लेट की स्थापना के बाद किसी सुहागन का कर-स्पर्श समृद्धि लाता है. 22. विशेष अवसर एवं तीज-त्योहारों पर नेमप्लेट को दूर्वा से नौ बार स्पर्श कराकर दूर्वा को बहते पानी या बहती हवा में छोड़ देना चाहिए.यह भी पढ़ें: वास्तु के अनुसार कलर स्कीम सिलेक्शन
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