जीवनसाथी चुनना एक बेहद महत्वपूर्ण फ़ैसला होता है. जिस व्यक्ति के साथ आप शादी के बंधन में बंधने का फ़ैसला ले रहे हैं, वह कैसा है, उसका परिवार कैसा है, ये सभी बातें बहुत मायने रखती हैं. इसलिए शादी से पहले अपनी कुछ शंकाओं को दूर करना ज़रूरी है, ताकि अरेंज मैरिज के बाद कोई समस्या न हो. आइए जानें शादी से पहले किन बातों को क्लियर करें, ताकि बाद में पछताना न पड़े.
पास्ट के बारे में ज़रूर पूछें
कहीं ऐसा तो नहीं कि आपको शादी के बाद पार्टनर की तरफ़ से कोई सरप्राइज़ मिलने वाला हो, जो आप कभी नहीं चाहेंगे. यह उसके एक्स के बारे में भी हो सकता है, शादी और तलाक के बारे में भी हो सकता है. इसलिए अगर आप नहीं चाहते कि शादी के बाद आपको कोई सरप्राइज़ मिले, तो ज़रूरी है कि अपने पार्टनर से खुलकर बात करें कि आपके कोई राज़ हों, तो पहले ही बता दें, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो. अगर आपकी सगाई टूटी हो या तलाक़ हुआ हो जैसी बातें पहले ही खुलकर लेना सही रहता है. अनकही बातें छोड़ देने से पति-पत्नी के बीच आगे चलकर चीज़ें ख़राब हो सकती हैं. हो सकता है, जो राज़ आप बताना ना चाह रहे हों, वो शादी के बाद उन्हें किसी और से पता चल जाए. ऐसी स्थिति में रिश्ते में दरार आ सकती है.
घरेलू कामों के बारे में बात करें
अधिकतर परिवारों में ये माना जाता है कि घर का काम तो महिला ही करेगी, लेकिन अगर आप वर्किंग हैं, तो पहले ही अपने पार्टनर से इस बारे में बात कर लें कि आप कौन से काम कर सकती हैं और किन कामों में उन्हें पति की हेल्प की ज़रूरत होगी या फिर किन कामों के लिए मेड की ज़रूरत होगी. दोनों साथ में बैठकर घर के कामों की लिस्ट बनाएं और अपने-अपने काम बांट लें, ताकि पहले से ही किसी को कोई ग़लत एक्सपेक्टेशन ना हो, वरना इन बातों को लेकर मनमुटाव होना तय है.
फाइनेंशियल कंपैटिबिलिटी
यानी पैसों पर बात अगर आप दोनों वर्किंग हैं, तो अरेंज मैरिज की बात आगे बढ़ाते समय इस मुद्दे पर भी खुलकर बात करें, जैसे कि शादी के बाद आप अपने ख़र्चों को किस तरह बांटेंगे? क्या आप ख़र्चों को आधा-आधा बांटना पसंद करेंगे या फिर एक की सैलरी ख़र्च और दूसरे की सैलरी से सेविंग हों, ऐसा हिसाब रखना चाहेंगे. अगर आप महिला हैं और शादी के बाद भी अपने माता-पिता का ख़र्च उठाना चाहती हैं, तो अपने होने वाले पार्टनर को इसकी जानकारी पहले ही देना बेहतर होगा. अगर नौकरी नहीं करती हैं, तो भी पति से आपकी क्या फाइनेंशियल अपेक्षाएं हैं, इस मुद्दे पर बात करना ज़रूरी है.
फैमिली प्लानिंग
यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिस पर बात की जानी चाहिए. आजकल कपल वर्किंग हैं, ऐसे में एक महिला के लिए शादी होते ही बच्चे करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी को शादी के तुरंत बाद बच्चों की चाहत होती है, तो किसी के लिए करियर पहली प्राथमिकता होती है. यानी कुछ लोग तुरंत बच्चा चाहते हैं, कुछ 2-3 साल बाद. अगर इस पर आपकी सोच अलग है, तो भविष्य में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है. इसलिए शादी से पहले ही इस पर एक-दूसरे की राय जान लेना ज़रूरी है. बच्चों को लेकर दोनों की सोच क्या है, यह क्लियर कर देना अच्छा रहता है. अगर आप कुछ साल बाद बच्चा चाहती हैं, तो पहले ही इस पर पार्टनर से बात करके तय कर लें और जल्दी चाहती हैं तो भी बता दें. दोनों पहले ही एक फैसले पर सहमत हों, ताकि बाद में इस बात को लेकर कोई तनाव न हो.
अपनी-अपनी एक्सपेक्टेशन को क्लियर कर लें
हर शख़्स की अपने होनेवाले जीवनसाथी से कुछ उम्मीदें तो रहती ही हैं. ऐसे में आप भी उनसे इसके बारे में बात करें और पूछें कि वे अपनी लाइफ में पार्टनर से क्या उम्मीद रखते हैं. उनकी इच्छा जानने के बाद आप आगे का फ़ैसला लेने में कोई हिचक नहीं महसूस करेंगे. आपको पता होना चाहिए कि आप जिससे शादी करने जा रहे हैं, वह और उसकी फैमिली क्या सोच रखती है और लाइफ में आपके गोल्स मेल खाते हैं या नहीं.

हेल्थ के बारे में बात करें
शादी के बाद आप उनके जीवन का हिस्सा होंगे, इसलिए आपको उनके हेल्थ के बारे में जानने का अधिकार है. भले ही उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्या थी और ठीक हो गई है, लेकिन आपको इसके बारे में सब कुछ पता होना चाहिए. दोनों ही एक-दूसरे को बताएं कि कभी किसी चोट की सर्जरी हुई हो या फिर शुगर आदि कोई भी प्रॉब्लम हो. यहां तक कि अगर आप चश्मा लगाती हैं, तो भी बताना ज़रूरी है.
बचत और ख़र्च
हर व्यक्ति का ज़िंदगी जीने का अलग तरीक़ा होता है. कोई पैसे से ख़ुशियां ख़रीदता है, तो किसी के लिए मन और घर की शांति ही ख़ुशियों की चाबी है. इसलिए पैसों को लेकर पार्टनर की क्या सोच है ये जानें. अपने होनेवाले पति के साथ बचत और ख़र्चे के बारे में बात करें. यदि आपके पार्टनर बहुत अधिक अनावश्यक चीज़ों पर ख़र्च करते हैं, तो यह तनाव पैदा करता है. पार्टनर से यह बात भी करें कि हर महीने कितनी सेविंग करेंगे, ताकि भविष्य के लिए पैसा जोड़ा जा सके.
परिवार और बैकग्राउंड
लड़के के परिवार के मूल्य कैसे हैं, यानी क्या वो आपस में घुल-मिलकर रहते हैं, उनकी सोच कैसी है, इन सब बातों को जानने से आपको ये समझ आ जाएगा कि शादी के बाद यहां आपको कैसा माहौल मिलेगा. साथ ही लड़के का चरित्र कैसा है, इस बारे में भी जान लें. क्या वो दूसरों का सम्मान करता है, बातचीत कैसे करता है, ख़ुद से कमज़ोर लोगों से कैसे व्यवहार करता है, उसके दोस्त कैसे हैं... ये सभी बातें आपको लड़के को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे.
नौकरी और सैलरी
अरेंज मैरिज में शादी के पहले लड़के की नौकरी के बारे में सही जानकारी ज़रूर ले लें. कई बार झूठ बोलकर भी शादी कर ली जाती है. इसलिए नौकरी और सैलरी की सही जानकारी होना ज़रूरी है. आप चाहें तो उनकी कंपनी में जाकर भी पता लगा सकती हैं, इसमें कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि ये आपका हक़ है. आख़िर आप अपनी पूरी ज़िंदगी उनके साथ बिताने जा रही हैं. इसलिए इस बारे में जानना ज़रूरी है. पार्टनर से सैलेरी स्लिप भी मांगी जा सकती है, ताकि शक की कोई गुंजाइश न हो. अगर आप नौकरी करती हैं, तो आप भी अपनी सैलेरी स्लिप शेयर करें.
घर की प्लानिंग
आप जहां रहते हैं, वह आपके द्वारा लिए गए सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक है, क्योंकि यह आपके जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करता है- करियर, रिश्ता या बच्चे. शादी से पहले अपने साथी के साथ घर और उससे जुड़े अपने विचार पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है. आप कहां बसना या रहना चाहते हैं? घर कितना बड़ा होना चाहिए? अगर आपको काम के लिए बाहर जाने का मौक़ा मिलता है, तो क्या आप परिवार के साथ रहने को प्राथमिकता देंगे? इन बातों पर बात करना बेहद ज़रूरी है.
लाइफस्टाइल
लड़का किस तरह की लाइफस्टाइल पसंद करता है, कैसे रहता है और भविष्य में क्या चाहता है, इन बातों के बारे में अच्छे से जान लें. इस बारे में जानना भी ज़रूरी है, वरना आगे चलकर विचार न मिलने के कारण मन-मुटाव की स्थिति भी पैदा हो सकती है.
फिजिकल रिलेशनशिप को लेकर नज़रिया
शादी के बाद फिजिकल इंटिमेसी बहुत ज़रूरी हिस्सा होता है. यह जानना ज़रूरी है कि आपकी होनेवाली पत्नी की इस विषय पर सोच क्या है? वह कितनी ओपन है? क्या उसके लिए फिजिकल बॉन्डिंग मायने रखती है या नहीं? इससे आप दोनों के बीच कन्फ्यूजन नहीं होगा. ये लाइफ का एक बहुत अहम् हिस्सा है, इसलिए इसे लेकर अपनी-अपनी सोच ज़रूर शेयर करें.
- शिखा जैन

