घर में लाल चींटियों (Red Ants) का आना अशुभ माना जाता है इसलिए हम सब घर में लाल चींटियां देखकर उन पर आटा या हल्दी डालकर उन्हें भगा देते हैं. क्या वाकई घर में लाल चींटियों का आना अशुभ होता है? घर में लाल चींटियां आने से क्या होता है, इसके बारे में बता रही हैं एस्ट्रो-टैरो एक्सपर्ट व न्यूमरोलॉजिस्ट मनीषा कौशिक.
आपने भी अपने घर में कभी न कभी लाल चींटियों को देखा ही होगा. जब बात बारिश के मौसम की आती है तो हम अक्सर अपने इर्दगिर्द घर के कोनो में, दरवाज़ों के किनारे, रसोई घर में इत्यादि जगहों पर चींटियों को पाते हैं. ऐसे में घर में चींटियों को देखते ही हम उन पर हल्दी या आता डालकर उन्हें भगा देते हैं. परन्तु क्या हम कभी यह सोचते हैं कि अचानक चींटियों का झुण्ड हमारे घर में क्यों आने लग गया है? अक्सर मौसम बदलते ही हम अपने घर में चींटियों का झुण्ड देखते हैं. परन्तु बेमौसम अचानक और बार-बार चींटियों का घर में या ऑफिस में दिखना क्या हमें कुछ इशारा करता है? क्या है चींटियों के आने की सच्चाई? घर में सामान्यतः दो प्रकार की चींटियां पाई जाती हैं- एक लाल चींटियां और दूसरी काली चींटियां.
घर में लाल चीटियों के आने से क्या होता है?
ऐसी मान्यता है कि चीटियों का संबंध हमारे ग्रहों में से शनि और राहु से होता है. चीटियों को शुभ-अशुभ मानने से जुड़ी एक कथा भी है. चींटी को श्रीहरि विष्णु का प्रतीक माना जाता है. ये तो हम सभी जानते हैं कि प्रह्लाद को मारने हेतु विभिन्न प्रकारों से सताया गया था. एक बार हिरण्यकश्यप ने कहा कि यदि हरि पर इतना विश्वास है, तो इस दहकते लोहे के खंबे से लिपटकर दिखाओ. ऐसे में प्रह्लाद ने जब अपने आराध्य श्री विष्णु को चींटी के रूप में उस लौह स्तंभ पर घूमते देखा, तो खुशी-खुशी उससे लिपट गए. तपता हुआ लौह स्तंभ शीतल हो गया. ऐसी मान्यता है कि चींटी रूपी नारायण को भोजन कराने से राहु एवं शनि के कोपों का शमन होता है. कई लोग ऐसा भी मानते हैं कि घर में लाल चीटियों का आना अशुभ होता है. साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि चीटियों को आटा डालने से कर्ज़ से मुक्ति मिलती है.
घर में लाल चीटियों के आने से होता है ये
एस्ट्रो-टैरो एक्सपर्ट व न्यूमरोलॉजिस्ट मनीषा कौशिक के अनुसार, किसी भी जीव को शुभ-अशुभ से जोड़ना गलत है. लाल चींटियों को अशुभ मानने के पीछे ये वजह हो सकती है कि लाल चींटियों के काटने से बहुत तेज़ दर्द तो होता है और सूजन भी आ जाती है. चींटियां ज़्यादातर खाने की चीज़ों के आसपास ही आती हैं. पुराने ज़माने में लोगों की रसोइयां साधारण होती थीं. रसोई के बर्तन आदि खुले ही रहते थे. ऐसे में नमी के कारण चींटियां रसोई में और खाने की चीज़ों पर आ जाती थीं. काली चींटियां तो अपना भोजन लेकर बिलों में चली जाती थीं, लेकिन लाल चींटियां खाद्य पदार्थों को खराब करने के साथ ही तेज़ काटती भी थीं. लाल चींटियों के काटने के कारण ही उन्हें अशुभ संकेत से जोड़कर देखा जाता है.
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