भारती सिंह (Bharti Singh) और हर्ष लिम्बाचिया (Haarsh Limbachiya) टीवी इंडस्ट्री के फेवरेट कपल्स में से एक हैं और दोनों की ह्यूज फैन फ़ॉलोइंग है. भारती की तरह अब उनका बेटा गोला (Gola) भी फैंस का फेवरेट बन गया है. भारती ने 3 अप्रैल भी बेटे को जन्म दिया था और बेटे के जन्म के 2 हफ्ते बाद ही वो शूटिंग पर लौट गई थीं, जिसके लिए उन्हें काफी ट्रोल भी किया गया था.
हालांकि डिलीवरी के बाद इतनी जल्दी काम पर लौटना भारती सिंह के लिए आसान नहीं था. लेकिन चुंकि वो अपने काम के प्रति बहुत ही कमिटेड हैं, इसलिए उन्हें काम पर लौटना पड़ा, लेकिन काम पर लौटने से पहले भारती ने बेटे के लिए पूरा इंतज़ाम किया. हाल ही में एक इंटरव्यू भारती ने बच्चे को घर पर छोड़कर काम पर लौटने के बारे में बातें की और बताया कि भले ही वो बेटे को घर पर छोड़कर जाती हैं, लेकिन उन्होंने घर पर कैमरा लगा दिया है और हर वक्त गोले पर निगरानी रखती हैं.
भारती ने बताया, "मेरा बच्चा घर पर अकेला नहीं है. मेरा परिवार, 2 हेल्पर्स, हर्ष का परिवार, मेरी भतीजी उसके पास हैं. वह सुरक्षित हाथों में है, इसलिए मुझे उसकी चिंता नहीं होती. किसी तरह का गिल्ट महसूस नहीं होती कि मैं उसे घर पर छोड़कर आ गई हूं."
भारती ने ये भी बताया कि, "मैंने घर पर कैमरा भी लगवाया है, ताकि देख सकूँ कि गोला कैसा है, क्या कर रहा है. मैं अपने काम को लेकर बहुत पैशनेट हूं. मुझे यह भी लगता है कि अगर मैं इतना काम नहीं करती तो आज मैं उसके लिए ये सारी चीजें घर पर अफॉर्ड नहीं कर पाती जो हमारे पास हैं. इन दिनों मैं एक शो को अकेले होस्ट कर रही हूं, ताकि घर पर रहकर हर्ष उसका ध्यान रख सके."
भारती ने आगे कहा, "जब मैं प्रेग्नेंट थी, तब लोग न जाने क्या क्या सलाह देते थे. हर्ष भी पढ़ता रहता था कि प्रेग्नेंसी के दौरान क्या करना चाहिए, क्या नहीं. बेबी का कैसे ध्यान रखना चाहिए. लेकिन मैं इन सेट थ्योरीज में बिलीव नहीं करती हूं. मुझे लगता है हर किसी की अपनी स्ट्रेंथ होती है. इन सब बातों के बारे में सोच कर आप अपनी नींद अपना सुकून क्यों खराब करोगे. इस प्रोसेस में आप उस प्रोसेस को एंजॉय करना भूल जाते हैं, जो कि गलत है. मैं मानती हूं कि बहुत काम के बीच भी जब आप अपने बेबी को अपने हाथ में लेते हैं, तो उस पल में आपको ज़मानेभर की खुशियां मिल जाती हैं.''
भारती मानती हैं कि औरतों के अंदर मां बनने के बाद एक अलग ही शक्ति आ जाती है. "कई बार कई चीज़ें एक साथ होती हैं. आप बेबी के साथ होते जो तभी दरवाजे की बेल बजती है, फोन बजने लगता है, हम डिसाइड कर रहे होते हैं आज क्या खाना बनाना है, और बेबी रोने लगता है. उसे भी अटेंशन चाहिए होता है. मुझे लगता है इसलिए एक मां को दुर्गा मां से जोड़ा जाता है. जिसके पास इतनी ताकत और हिम्मत होती है कि वो सब कुछ बढ़िया तरीके से कर लेती है.''