अभी वक़्त गुजरा कहां है अभी भोर होते ही आसमां में सुबह की लाली नज़र आती है सुबह टहलने निकले…
‘‘कौन-सी इज्ज़त! जिसे देखा नहीं जा सकता, जिसे नापा नहीं जा सकता, उसे बचाने की ख़ातिर मैं हार नहीं मानूंगी.…
शिष्यों की सहायता करने के लिए उसने एक बूढ़ी स्त्री का पता बताया, जो रोज़ जंगल में पत्ते बीनने जाया…
प्रेम कथाओं के पृष्ठों पर, जब-जब कहीं निहारा होगा सच मानो मेरी आंखों में केवल चित्र तुम्हारा होगा कभी याद…
बहुत समय पहले की बात है. जंगल के पास एक पहाड़ की ऊंची चोटी पर एक बाज रहता था. वो…
यह जो उम्र है वह रोज़ बढ़ रही है एक दिन यह इतनी बड़ी हो जाएगी कि ख़्वाब देखना छोड़…
वह उन बच्चों में से तो है नहीं कि जिन्हें अपना इतना स्पेस चाहिए कि वह अपने रूम से ही…
कुछ ऐसा ही करते हैं हम भी. किन्हीं काल्पनिक रस्सियों से बंधे रहते हैं और सोच लेते हैं कि यह…
फिर एक दिन वह शर्म और पश्चाताप भरी नज़रें झुकाएं पवित्रा की मां के सामने आकर खड़ी हो गई थीं.…
सामाजिक परंपरा का निर्वाह करते हुए उन्होंने लड़कियों को तो दूसरे घर ससम्मान बिदा कर दिया, परंतु बेटे ने पत्नी…