मेरी आंखें छलछला उठीं. ‘विचारों के कितने भयंकर झंझावातों से गुज़रे हैं बाऊजी! ऊपर से शांत नजर आने वाला सागर…
एक गधा बड़े आराम से बरगद के पेड़ के नीचे लेटा हुआ था. लेटे-लेटे कई फ़ालतू के विचार उसके दिमाग़…
अब मुझे किसी से शिकवा ना शिकायत है अब मैं अकेला हूं, कितनी बड़ी राहत है थी चोट लगी उनको…
लौटने से एक रात पहले, तो उसने इतनी शानदार कॉफी बनाई थी कि पहला घूंट भरते ही मैं बरबस पूछ…
हज़ारों तीर किसी की कमान से गुज़रे ये एक हम ही थे जो फिर भी शान से गुज़रे कभी ज़मीन…
"देखा बच्चों, लगातार मेहनत करने से ही सफलता मिलती है और रास्ते में कभी सोना नहीं चाहिए." (हालांकि वो क्लास…
"अपने बच्चों को संस्कार देने में मैंने कभी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था, पर क्या करूंं नए ज़माने की…
किसी रिश्ते में वादे और स्वीकारोक्ति ज़रूरी तो नहीं कई बार बिना आई लव यू कहे भी तो प्यार होता…
कशमकश में थी कि कहूं कैसे मैं मन के जज़्बात को पढ़ा तुमको जब, कि मन मेरा भी बेनकाब हो…
एक व्यक्ति नदी में नहा रहा था कि उसने एक बिच्छू को नदी में डूबते देखा. बिच्छू को बचाने के…