अम्मा जल्दी ही मुख्य मुद्दे पर आ गईं, “सुमति, बरही में मैंने काफ़ी सामान भेजा था. सास ने तो नहीं…
"तुम्हारी चिर संचित अभिलाषा को साकार करने के लिए भी हम सबने मिलकर तुम्हें यह भेंट देने का निश्चय किया.…
अचानक मां की अंतिम सलाह दिमाग़ में कौंधी. सहसा मेरे मुंह से निकल पड़ा, “नहीं, विभोर. सब कुछ गड़बड़ हो…
हर्ष तो उनकी हिट लिस्ट में हैं. फिर इधर एक-दो घटनाएं कुछ ऐसी घट गई हैं कि हमें लगने लगा…
प्यार सामाजिक वर्जनाओं को नहीं स्वीकारता, फिर क्यों वर्जनाओं के कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है? कितना नीरस होगा…
संगीता माथुर “बच्चे बड़े हो रहे हैं, समझदार हो रहे हैं, तो अपनी ज़िम्मेदारियां और अपने कर्तव्य समझ रहे हैं.…
नैतिक को सहसा अपनी ससुराल में खेली पहली होली याद आई… होली की सुबह यामिनी ने चुपके से थाली भर…
बदली के घूंघट को तोड़, धूप सखी इठलाकर बोली अब तो मैं मुँह दिखलाऊंगी ही, आने को है होली बिन…
"… दो-चार ने गुलाल लगाया था, मगर ऐसे हिचकते हुए कि मुंह भी पूरा नहीं रंगा गया था… और मुझे…
मनुहरि खिड़की से हटकर बिस्तर पर आ गया. आत्ममुग्धता, विशिष्टता का बोध उसे सुहा नहीं रहा है, बल्कि अस्वाभाविक लग…