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ग़ज़ल- जीने का हुनर सीखना है… (Gazal- Jeene Ka Hunar Sikhna Hai…)

दिल की तन्हाई में
एक दीप जलाने का हुनर सीखना है
मुझे ऐ ज़िंदगी तुझसे जीने का हुनर सीखना है

कुछ खोने का हुनर सीखना है
कुछ पाने पर संभले जाने का हुनर सीखना है

वैसे तो हर शख़्स ढेरों हुनर रखता है
कैसे होता है मुजाहिरा हुनर का, हुनर सीखना है

कुछ आंसू उठाने का हुनर सीखना है
कुछ ठहरे हुए आंसू गिराने का हुनर सीखना है

कुछ इंसानियत निभाने का हुनर सीखना है
कुछ हैवानियत से बच जाने का हुनर सीखना है

दिल में छुपे दर्द दबाने का हुनर सीखना है
और मुझे दुखियों के दर्द उठाने का हुनर सीखना है

वैसे तो सीखने को उम्र पड़ी है
मुझे तो बस उम्र बचाने का हुनर सीखना है

तेरी आंखों में खोने का हुनर सीखना है…

मुरली मनोहर श्रीवास्तव

Photo Coutesy: Freepik

यह भी पढ़े: Shayeri

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