बच्चे को अच्छी आदतें सिखाना, अच्छे संस्कार देना पैरेंट्स की ज़िम्मेदारी होती है. पैरेंट्स अपनी इस जिम्मेदारी को भली भांति निभाते भी हैं. फिर भी बच्चे की बुरी और गंदी आदतें हैं कि छूटती ही नहीं, जिसके कारण पैरेंट्स को बहुत बार दूसरों के सामने शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है. अपने इस लेख में हम कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर पैरेंट्स बच्चे की गंदी और बुरी आदतों को छुड़ा सकते है और अपने को शर्मिंदा होने से भी शर्मिंदा होने से बचा सकते हैं-
बच्चे मासूम और नादान होते हैं, अपनी मासूमियत से सबका दिल जीत लेते हैं, पर जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, उनकी आदतें बदलने लगती है. कई बार बच्चे गंदी और बुरी आदतें सीख लेते हैं. पैरेंट्स के समझाने पर भी बच्चे नहीं सुनते हैं. बार-बार मना करने और समझाने के बाद बच्चे में सुधर नहीं हो रहा है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को बुरी और गंदी आदत लग गई है. बुरी और गंदी आदतें लगने की कई वजहें होती हैं. उदहारण के लिए- बच्चा किसी बात पर बुरा लगने या गुस्सा आने घर का सामान तोड़ने लगता है, सामान उठाकर इधर-उधर फेंकने लगता है, पूरा घर अस्त-व्यस्त कर देता हैं, ताकि वह अपने मन की भड़ास निकल सकें. ऐसे स्थितियों में पैरेंट्स को यह स्वीकार करना मुश्किल हो जाता है कि बच्चा बुरी या गंदी आदत का शिकार ही चुका है.
अपनाएं ये पैरेंटिंग टिप्स
- बच्चे की समस्या जानने की कोशिश करें
जब भी बच्चा उपरोक्त बताई हुई हरकतें करने लगे, तो पैरेंट्स होने के नाते आपका सबसे पहला कर्तव्य है कि बच्चे से यह जानने की कोशिश करें कि वह इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहा है? इस तरह की आदत उसे कहां और कैसे लगी? पैरेंट्स के बार-बार पूछने पर बच्चा महसूस भी करता है, ऐसे स्थिति में वे दांत किटकिटाने लगते हैं, नाख़ून चबाने लगते हैं, यहां तक कि कई बार वे चिढ़ भी जाते हैं. पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चे के व्यवहार को नोटिस करें, उन बातों के बारे में सोचें, जो उसे ऐसा करने के मजबूर करते हैं. एक बार समस्या जान लेने के बाद उसे दूर करने का सही तरीका अपनाएं.
2. बच्चे को समझाने का प्रयास करें
ज्यादातर पैरेंट्स को लगता है कि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा, बुरी और गंदी आदतें अपने आप छूट जाएंगी. उन्हें बार-बार बोलने की ज़रूरत नहीं है. जबकि ऐसा नहीं है, पेरेंट्स होने के नाते आपको चाहिए कि उसे सही और गलत का फ़र्क़ समझाएं. यदि आपके समझाने का बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ता है, तो बालमनोचिकित्सक की सलाह लें.
3. आदतें छोड़ने के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करें
अगर पैरेंट्स बच्चे की किसी बुरी आदत से दूर करना चाहते हैं, तो उसे छोड़ने के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करें और उसे तब तक प्रोत्साहित करते रहें, जब तक कि बच्चा अपनी बुरी आदत को छोड़ नहीं दें. जब बच्चा अपनी इस बुरी आदत पर काबू पा ले, तो उसे शाबाशी दें, उसकी तारीफ़ करें. इसे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और उसने अच्छी आदतें सीखने की इच्छा बलवती होने लगती है.
4. भूलकर भी बच्चे को सजा न दें
सजा देना किसी समस्या का समाधान नहीं है. अत: बच्चे की बुरी आदत को छुड़ाने के सजा देना सही नहीं है. बच्चे पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. पैरेंट्स की जिम्मेदारी है कि बच्चे को कोई भी बात प्यार से समझाएं, डांट-डपट से नही.
5. आदत छूटने में समय लगता है
पेरेंट्स यह समझने की भूल न करें कि अच्छी आदत बच्चा एक दिन में सीख लेगा और बुरी आदत भी एक दिन में छोड़ लेगा. इसके लिए पैरेंट्स को धैर्य से काम लेना होगा. धैर्य रखेंगे, न आपको दबाव महसूस होगा और न ही बच्चे को.
6. बच्चे पर भूलकर भी हाथ न उठाएं
बच्चे के गलत काम करने से रोकने, कुछ पूछने, उलटा जवाब देने, ज़ोर से चिल्लाने, नखरे दिखाने, कोई गलती करने अक्सर पैरेंट्स उन पर हाथ उठाने की गलती कर बैठते हैं. उन्हें लगता है कि मारने से बच्चे का स्वभाव और व्यवहार बदल जाएगा. लेकिन कुछ स्थितियों में ऐसा मामला उल्टा पड़ जाता है. पेरेंट्स के मारने वाली बुरी आदत बच्चे के दिलों दिमाग पर गहरा असर छोड़ जाती है.
- देवांश शर्मा