विज्ञान में रुचि रखनेवालों के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग एक बेहतर करियर विकल्प है. आज बड़ी तेज़ी से इसमें लोगों की डिमांड बढ़ रही है. अगर आप भी दूसरे जॉब से अलग हट कर कुछ करने का माद्दा रखते हैं और विज्ञान में रुचि है, तो जेनेटिक इंजीनियरिंग आपके लिए बेहतर विकल्प साबित होगा. इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कैसे करें शुरुआत? आइए, जानते हैं.
क्या है जेनेटिक इंजीनियरिंग?
जेनेटिक इंजीनियरिंग विज्ञान की एक अत्याधुनिक ब्रांच है. यह क्षेत्र बायोटेक्नोलॉजी के अंतर्गत आता है. इसमें सजीव प्राणियों के डीएनए कोड में मौजूद जेनेटिक को अत्याधुनिक तकनीक के ज़रिए परिवर्तित किया जाता है. जेनेटिक तकनीक के ज़रिए जींस की मदद से पेड़-पौधे, जानवर और इंसानों में अच्छे गुणों को विकसित किया जाता है.
शैक्षणिक योग्यता
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए जेनेटिक या इससे संबंधित क्षेत्र में व्यक्ति को ग्रैज्युएट/पोस्ट ग्रैज्युएट होना अनिवार्य है, जैसे- बायोटेक्नोलॉजी, मॉलीक्युलर बायोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री.
क्या हैं कोर्सेस?
इस समय अधिकतर यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट में जेनेटिक इंजीनियरिंग के लिए अलग से कोर्स नहीं कराया जाता, लेकिन इसकी पढ़ाई बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री में सहायक विषय के रूप में होती है.
प्रमुख संस्थान
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप निम्न संस्थानों से पढ़ाई कर सकते हैं-
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास, खड़गपुर.
- आईआईटी, गुवाहाटी.
- आईआईटी, दिल्ली.
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली.
- उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद.
- पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना.
- राजेंद्र एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, बिहार.
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी.
- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली.
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली.
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