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फिल्म समीक्षा- दोस्ती के शिखर पर बेमिसाल ‘ऊंचाई’ (Movie Review- Uunchai)

दोस्ती ज़िंदगी है.. दोस्ती जीने का सबब है.. दोस्त है, तो दुनिया ख़ूबसूरत है.. सच दोस्ती के मायने ही कुछ ऐसे होते हैं और इसी दोस्ती को बड़ी ख़ूबसूरती से निर्देशक सूरज बड़जात्या ने अपनी फिल्म 'ऊंचाई' में दिखाया है.


चार दोस्त अमिताभ बच्चन, डैनी डेन्जोंगपा, बोमन ईरानी, अनुपम खेर की गहरी दोस्ती देखने क़ाबिल है और दोस्ती की मिसाल पेश करते हैं. कहानी बस इतनी सी है कि डैनी के जन्मदिन पर उनके सभी दोस्त मिलते हैं. उसी रात दिल का दौरा पड़ने उसकी मृत्यु हो जाती है. बाद में पता चलता है कि डैनी की इच्छा थी कि एवरेस्ट बेस कैंप में अपने सभी दोस्तों के साथ हिमालय की ऊंचाई पर चढ़ने और अपने बचपन की यादों और प्यार को फिर से जीने की. फिर सब दोस्त मिलकर डैनी की इच्छा को पूरी करने का संकल्प उठाते हैं. तब उनकी शुरू होती है ऐसी सफ़र जहां पर कई बाधाएं हैं, उतार-चढ़ाव है, मगर दोस्त की अंतिम इच्छा की खातिर वे हर बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ते हैं.

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अभिनय की बात करें, तो अमिताभ बच्चन अभिनय की ऊंचाइयों को छूते हुए दिखाई देते हैं. फिल्म में वे लेखक अमित श्रीवास्तव के क़िरदार में हैं. पैरेंट्स उनकी किताबें अपने बच्चों को पढ़ने के लिए अक्सर कहते हैं. अमितजी का कहना है कि इन किताबों में लिखी बातें मेरे निजी अनुभव नहीं है. अभिभावक अपने बच्चों पर इसे पढ़ने का दबाव न डालें. वे अपने बच्चे को उनकी इच्छा से जीने दें. अनुपम खेर हर सीन में अपनी लाजवाब अदाकारी से उसे बेमिसाल बना देते हैं. वे दोस्ती की एक अलग परिभाषा पेश करते हैं. उनके किताबों का शॉप है, जिसे वे मॉल वाले को देना नहीं चाहते हैं.


तीसरे दोस्त बोमन ईरानी की अलग दुनिया है. उनकी पत्नी की भूमिका निभाई है नीना गुप्ता ने. बोमन और नीना दोनों ने ही उत्कृष्ट अभिनय से लोगों को बेहद प्रभावित करते हैं. नीना अपने छोटे से रोल में भी बेहद प्रभावशाली लगी हैं. सरप्राइज़ में सारिका माला के रूप में है, जिनकी एक दिलचस्प कहानी भी जुड़ी हुई है.
फिर कैसे तीनों दोस्तों की एवरेस्ट हिमालय पर चढ़ाई यानी ट्रैकिंग करने की जद्दोज़ेहद को बड़ी ख़ूबसूरती से दिखाया गया है. परिणीति चोपड़ा, जो इनके गाइड की भूमिका में है, अपने छोटे से रोल में प्रभावित करती हैं.


राजश्री प्रोडक्शन की ख़ासियत रही है. फिल्म का गीत-संगीत जो यहां भी काफ़ी दमदार है और लुभाता है. अमित त्रिवेदी के संगीत कर्णप्रिय हैं. वहीं इरशाद कामिल का गीत अपना अलग जादू दिखाते हैं. सात साल बाद सूरज बड़जात्या एक बेहतरीन पारिवारिक फिल्म लेकर आए हैं. उन्होंने अपने लाजवाब निर्देशन से दर्शकों को कहीं ग़मगीन, तो कहीं चेहरों पर मुस्कुराहट, तो कहीं बेहद भावभीन भी किया.

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कलाकार- अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, बोमन ईरानी, डैनी डेन्जोंगपा, नीना गुप्ता, सारिका, परिणीति चोपड़ा
लेखक- अभिषेक दीक्षित
निर्देशक- सूरज बडज़ात्या
रेटिंग- *** 3

Photo Courtesy: Instagram

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