साल 2016 जाते-जाते न जाने कितने झटके देकर और कितनी शॉकिंग न्यूज़ सुनाकर जाएगा. नोटबंदी से अभी जनता का हाल बेहाल ही था कि एक ख़बर और आ गई लोगों को परेशान करनेवाली. जी हां, आप भी जानिए क्या है ये ख़बर. असल में सोमवार, 19 दिसंबर की सुबह से ही चल रही माथापच्ची के बीच आख़िरकार प्रोविडेंट फंड बॉडी एंप्लॉईज़ प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइज़ेशन ने फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर घटा दी है. ऑर्गेनाइज़ेशन ने अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए पीएफ जमा पर 8.65% ब्याज तय किया है. पहले यह दर 8.8% थी.
इस फैसले ने आम जनता, ख़ासतौर पर नौकरीपेशा लोगों के होश उड़ा दिए हैं. पूरी ज़िंदगी नौकरी करने के बाद एक पीएफ ही तो सहारा होता है. उसपर भी इंटरेस्ट कम करके सरकार ने आम जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
इस सरकारी फैसले से भले ही सरकार के कोष पर ख़र्च का दबाव कम हो जाए, लेकिन लोगों का आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा. आमतौर पर बहुत से ग़रीब लोग कभी बेटी की शादी, तो कभी बेटे की नौकरी के लिए, अपने बुढ़ापे के लिए इसे एक बड़ा और सुरक्षित अमाउंट समझते थे.
इस फैसले से उन लोगों को ज़्यादा धक्का लगेगा, जो अपनी सैलरी का बड़ा अमाउंट पीएफ में कटवा देते हैं. उनकी सैलरी तो कम आती ही है और अब भविष्य के लिए जमा की गई राशि भी कम होगी, क्योंकि उनके जमा किए गए पीएफ अमाउंट पर ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं मिलेगा.
- श्वेता सिंह
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