एक्टर से पॉलिटिशियन बनी स्मृति ईरानी ने 'क्योंकि सास भी कभी बहू बनी थी' के बीते दिनों को याद किया. अपने बीते दिनों को याद करते हुए स्मृति ने कई बातों का खुलासा किया. कहा- उन दिनों उन्हें केवल 1800 रूपये मिलते थे. सेट पर जाने के लिए कार भी अफोर्ड नहीं कर सकती थी. ऑटो में बैठकर सेट पर जाती थी, तो उनके मेकअप मैन को शर्म आती थी.
टीवी शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से 'तुलसी भाभी' के रूप में घर घर में लोकप्रिय हुई स्मृति ईरानी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. स्मृति ने तुलसी भाभी के रोल में दर्शकों का दिल जीत लिया. शो शुरू होने के बाद स्मृति ने सात साल तक तुलसी भाभी का किरदार निभाया. 2007 में उन्होंने शो को अलविदा कह दिया.
नीलेश मिश्रा को दिए अपने इंटरव्यू में स्मृति ने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के बीते दिनों को याद किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सैलरी के बारे में बताया.साथ ही शो की प्रोडूसर शोभा कपूर के उन अजीब रूल्स का खुलासा किया, जो सेट पर टीवी स्टार्स के लिए बनाए गए थे.
स्मृति ने बताया- 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के पहले साल में उन्हें केवल 1800 रूपये मिलते थे. मेरे पास कार भी नहीं थी. जब मेरी शादी हुई तो मेरे और ज़ुबिन के पास केवल 30,000 रूपये थे. अपनी बात जारी रखते हुए स्मृति कहती है- मुझे याद है मेरा मेकअप मैन कहता था गाड़ी तो ले लो मुझे शर्म आता है मैं गाड़ी में आता हूँ...'
शो के सेट पर प्रोडूसर शोभा कपूर द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में स्मृति कहती हैं- सेट पर एक नियम था कि चाय कोई नहीं पीएगा और न कोई नहीं खाना खायेगा. इस नियम के पीछे ये कारण था कि सेट के फर्नीचर को खाने-पीने से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया था. हालांकि एक्टर्स चाय पि सकते थे, लेकिन टेक्निशन को ऐसा करने की अनुमति नहीं थी. फिर मैं अपने टेक्निशन्स फ्रेंड्स के साथ चाय पीने के लिए बाहर चली जाती थी.