अक्सर हम अपने बड़े-बुज़ुर्गों को कहते सुनते हैं कि घर से बाहर निकलते समय दही-चीनी खाकर निकलो. हमारी मां भी परीक्षा के समय, इंटरव्यू देने या विदेश जाते समय हमें दही-चीनी खिलाकर घर से भेजती थीं. क्या वाकई दही-चीनी खाकर घर से निकलने से शुभता आने लगती है, काम में आनेवाली अड़चनें दूर होती हैं और हमारे कार्य अच्छी तरह संपन्न होते हैं?
शुभ काम के लिए दही-चीनी खाकर घर से निकलने के पीछे ये मान्यता है
दही और शक्कर दोनों ही चीज़ें सफ़ेद हैं और दोनों का संबंध चंद्रमा से है. चंद्रमा हमारे मन को नियंत्रित करता है. दही और शक्कर खाने से हमारे मन को ठंडक मिलती है और इससे हमारा पाचनतंत्र शांत रहता है. इसीलिए दही और शक्कर खाकर घर से निकलने को शुभ माना जाता है.
शुभ काम के लिए दही-चीनी खाकर घर से निकलने के पीछे ये सच्चाई है
- दही बहुत सारे विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर है.
- जब भी हम कोई महत्वपूर्ण काम करने निकलते हैं, तो हमारे दिल-दिमाग़ में बहुत हलचल चल रही होती है, जिसका असर हमारी सेहत और पाचनतंत्र पर भी पड़ता है. इससके कारण हमें एसिडिटी की तकलीफ़ हो सकती है. एसिडिटी होने पर हम असहज महसूस करते हैं, जिससे हमारे काम में रुकावट पैदा हो सकती है. ऐसे में दही एक कूलिंग एजेंट का काम करता है और हम जो भी खाते हैं उसे पचाने में सहायता करता है.
- इसी तरह चीनी यानी शुगर हमारे शुगर लेवल का बैलेंस बनाए रखती है. जब पाचनतंत्र और शुगर लेवर सही रहता है तो हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और हम अपना काम मन लगाकर कर पाते हैं.
यही वजह है कि हमारे बड़े-बुज़ुर्ग घर से बाहर निकलने से पहले हमें दही-चीनी खिलाते थे.