हमारे देश में सुहागन स्त्रियों के लिए मांग भरना अनिवार्य माना जाता है. शादी के समय भी मांग भरने की रस्म को ख़ास महत्व दिया जाता है. मांग भरने से न स़िर्फ महिलाओं की ख़ूबसूरती निखरती है, बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी हैं. आइए, जानते हैं सुहागन स्त्रियों के मांग भरने के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व.
धार्मिक मान्यता
* हमारे देश में सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है इसलिए शादी के समय वर सिंदूर से वधू की मांग भरता है.
* सिंदूर सुहागन स्त्रियों के शृंगार में महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसलिए शादी के बाद लगभग सभी महिलाएं मांग में सिंदूर भरती हैं.
वैज्ञानिक महत्व
* सिंदूर में पारा जैसी धातु की अधिकता होती है, जिससे चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़तीं यानी सिंदूर लगाने से महिलाओं के चेहरे पर बढ़ती उम्र के संकेत जल्दी नज़र नहीं आते और उनका चेहरा ख़ूबसूरत नज़र आता है.
* इसके साथ ही सिंदूर लगाने से स्त्री के शरीर में स्थित वैद्युतिक उत्तेजना नियंत्रित रहती है.