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जमकर करें अपने काम की मार्केटिंग (Fiercely marketing your work)

  2 करीब 5 साल से एक ही कंपनी में जॉब कर रही है. वो बहुत ईमानदार और मेहनती लड़की है, फिर भी आजतक उसे वो सफलता नहीं मिली जिसकी वो हक़दार है. उसका काम भी नोटिस नहीं किया जाता. इससे अंजली को दुख तो होता है, मगर अपने संकोची स्वभाव के कारण वो बॉस से खुलकर बात नहीं कर पाती. जिस प्रोजेक्ट के लिए उसने दिन-रात मेहनत की, कोई और उसे अपना आइडिया बताकर क्रेडिट ले जाता है और अंजली बस मुंह देखती रह जाती है. झिझक के कारण आजतक उसने अपनी उपलब्धियों और गुणों के बारे में बॉस को नहीं बताया, जिसका ख़ामियाज़ा कम इंक्रीमेंट और प्रमोशन के रूप में उसे उठाना पड़ता है. यदि आपकी स्थिति भी अंजली जैसी है, तो अब से मुंह खोलिए, बताइए कि आपने क्या-क्या किया है और आप कौन-कौन-से काम बेहतर तरी़के से कर सकते हैं. अपना काम दिखाएं अपने दिमाग़ से ये बात निकाल दें कि आप जो अच्छा काम कर रहे हैं, उसे मैनेजर या सीनियर लीडर्स जानते हैं, क्योंकि ज़्यादातर लोग स़िर्फ अपने काम पर ध्यान देते हैं और उनकी नज़र ऐसे एंप्लॉई पर ज़्यादा रहती है जो ऑफिस में लाइमलाइट में रहते हैं. अतः कोशिश करें कि आप जो भी काम करें उसके बारे में अपने सीनियर और बॉस को बताएं कि मैंने फलां काम किया. आपने काम कितने समय में किया इसका ब्यौरा भी अपने पास रखें ताकि कभी बॉस पूछे तो आप बता सकें. साथ ही हर इंसान में कुछ ख़ास क्वालिटी होती है, यदि आपको भी किसी काम में महारत हासिल है, तो उसके बारे में भी बॉस को ज़रूर बताएं. स्मार्ट टिप: अपने काम के बारे में बताते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका लहज़ा आत्मप्रशंसा वाला न हो. साथ ही स़िर्फ अपने काम के बारे में बताएं. दूसरा क्या नहीं कर रहा है इसका ज़िक्र भूलकर भी न करें. लक्ष्य तय करें अपने लिए कुछ लक्ष्य तय करें जिन्हें आप हासिल करना चाहते हैं और जिनसे कंपनी का फ़ायदा हो. बॉस को इस बात से अवगत कराएं और तय समयसीमा में अपना लक्ष्य पूरा करने की कोशिश करें. इससे निश्‍चय ही बॉस इंप्रेस होंगे और उनकी नज़रों में आपकी सकारात्मक छवि बनेगी. स्मार्ट टिप: जोश में आकर कोई ऐसा लक्ष्य न तय कर बैठें जिसे पूरा करना आपके लिए बहुत मुश्किल हो या फिर समयसीमा इतनी कम न रखें कि उसमें वो काम पूरा ही न हो पाए. नए आइडियाज़ बताएं किसी भी फील्ड में कंपनी ऐसे कर्मचारियों को ज़्यादा तवज्जो देती है जो क्रिएटिव होते हैं, जो हमेशा अपनी नई सोच से कंपनी को आगे बढ़ाने की बात करते हैं. यदि आपके दिमाग़ में कभी कोई आइडिया आए, तो अपने किसी कलीग से शेयर करने की बजाय बेझिझक बॉस से कहें. हो सकता है, पहली बार में आपका आइडिया उन्हें पसंद न आए, मगर आपकी पहल हमेशा उनकी नज़रों में रहेगी. अपनी बात कह देने से आपकी छवि अच्छी बनेगी. स्मार्ट टिप: कोई भी आइडिया आते ही तुरंत बॉस के पास जाने की बजाय अपने स्तर पर पहले उसके परिणाम और उसे लागू करने के तरीक़ों पर विचार कर लें. फिर पूरी तैयारी के साथ बॉस के बास जाएं ताकि उन्हें लगे कि आप पूरा होमवर्क करके आए हैं. यूं ही हवा में बात नहीं कर रहे. काम का रिकॉर्ड रखें यदि आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि काम करने के बाद भी आपके साथ सैलरी के मामले में सौतेला व्यवहार हो रहा है, तो अपने सभी काम और ज़िम्मेदारियों का रिकॉर्ड रखें. आपको कोई प्रोजेक्ट कब मिला, उसे आपने कितने दिनों में तैयार किया, आपने कंपनी द्वारा दी गई किन-किन ज़िम्मेदारियों को किस तरह निभाया आदि. आपने शायद देखा होगा कि ऑफिस में कुछ लोग बहुत काम नहीं करते, मगर एचआर डिपार्टमेंट और बॉस के सामने अपने उन्हीं छोटे-मोटे काम का पूरा रिकॉर्ड इस तरह पेश करते हैं कि वो बहुत मेहनती हैं. अतः अब से आप भी अपने पूरे काम की सही तरह से लिस्ट बनाएं और जब कोई आप पर उंगली उठाए, तो वो लिस्ट सीनियर मैनेजमेंट/बॉस को दिखाएं. स्मार्ट टिप: काम के रिकॉर्ड में कभी भी कोई ऐसी चीज़ न लिखें जो आपने नहीं की है. पूरी ईमानदारी से लिस्ट बनाएं. प्रेज़ेंटेबल रहें ब्रांडिंग और मार्केटिंग के इस ज़माने में अच्छी से ज़्यादा सुंदर चीज़ें बिकती हैं. विश्‍वास न हो तो ख़ुद ज़रा ध्यान दीजिए. बाज़ार जाने पर हम सामान की क्वालिटी तो बाद में देखते हैं, मगर पैकिंग अच्छी हो तो उसे देखकर तुरंत इंप्रेस हो जाते हैं. इसी तरह ऑफिस में यदि कोई एंप्लॉई अच्छे कपड़े पहनकर, हमेशा प्रेज़ेंटेबल दिखता है, तो लोग उसे ज़्यादा नोटिस करते हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं कि आगे बढ़ने के लिए काम करना ज़रूरी है, मगर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए आपका प्रेज़ेंटेबल दिखना भी ज़रूरी है. कभी किसी से डरे नहीं, पूरे आत्मविश्‍वास के साथ अपनी बात रखें और ये आत्मविश्‍वास आपके चेहरे व पर्सनैलिटी में भी नज़र आना चाहिए. स्मार्ट टिप: भले ही आपके ऑफिस का कोई ड्रेस कोड न हो फिर भी अपनी तरफ़ से फॉर्मल आउटफिट व फुटवेयर ही पहनें. इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और इमेज भी अच्छी बनेगी. न बोलने के नुक़सान
  • आपका काम नोटिस नहीं होता.
  • कोई नई ज़िम्मेदारी देते समय बॉस सोचेंगे कि आप ये काम नहीं कर सकते.
  • प्रमोशन/इंक्रीमेंट पर असर पड़ता है.
  • आपकी गिनती मेहनती और काम करनेवाले लोगों में नहीं होती, ये सोचकर आपका मनोबल गिरता है.
  • कोई दूसरा आपके काम का क्रेडिट ले जाता है.

- कंचन सिंह

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