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अब शादी से पहले कुंडली नहीं, सिबिल स्कोर देख रही हैं लड़कियां (Now, Girls Are Looking At CIBIL Score Instead Of Horoscope Before Marriage)

अब मॉडर्न युग के रूल्स भी डिफरेंट हो गए हैं, फिर चाहे लाइफस्टाइल हो, प्यार हो या शादी-ब्याह. क्या आप सोच भी सकते हैं कि आजकल लड़कियां और उनकी फैमिली लड़कों में गुण, परिवार, कुंडली या पैसों की बजाय उनका सिबिल यानी क्रेडिट स्कोर देखकर शादी पक्की कर रहे हैं.

अगर लड़के का क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो समझो शादी पक्की और अगर सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है, तो लड़का हाथ मलता ही रह जाएगा. चलिए इस नए ट्रेंड पर करते हैं चर्चा. आप हैरान हो रहे होंगे कि कुंडली मिलाने की बजाय ये क्या नया ट्रेंड शुरू हो गया है. शायद आपको यह बचकाना भी लगे, लेकिन यह एक स्मार्ट मूव है. आप सोच रहे होंगे कि कैसे यह स्मार्ट मूव है, चलिए हम बताते हैं.

* क्रेडिट स्कोर से लड़के का फाइनेंशियल स्टेटस पता चलता है कि वो फ़ाइनेंशियली कितना स्टेबल है. उसने कितना लोन लिया है या उस पर कितना कर्ज़ है, क्या वो इसे चुकाने में सक्षम है?

* क्योंकि अक्सर परिवार अपने बच्चों के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं. अपने कर्ज़े या लोन छिपा ले जाते हैं और फिर शादी के बाद इन्हीं बातों पर मतभेद होते हैं, इसलिए लड़केवालों का झूठ पकड़ने का भी यह अच्छा तरीक़ा है.

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* अक्सर हमारे यहां शादी से पहले पैसों को लेकर लड़का-लड़की ज़्यादा बात नहीं करते, इसलिए कई बातें पर्दे के पीछे ही रह जाती हैं.

* सिबिल स्कोर से जुड़ा एक मामला सामने आया है. ये घटना महाराष्ट्र के मुरतिजापुर की है, जिसने सबको हैरान कर दिया था. दूल्हे का सिबिल स्कोर कम होने की वजह से यहां एक शादी टूट गई. सब कुछ तय हो चुका था और शादी की डेट्स के बारे में ही बात हो रही थी, तभी दुल्हन के मामा ने लड़के के सिबिल स्कोर के बारे में जानकारी मांगी और उससे यह सच सामने आया कि लड़के का क्रेडिट स्कोर ख़राब था, उसने मल्टीपल लोन लिए हुए थे और उसकी फ़ाइनेंशियल स्थिति भी ठीक नहीं थी. इसके बाद लड़कीवालों ने रिश्ता तोड़ने का फैसला किया, ताकि उनकी बेटी का भविष्य ख़राब न हो.

* मैरिज एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आजकल जो भी फैमिली शादी की बात करने आती है, वो लड़के के सिबिल स्कोर के बारे में पूछताछ करती ही है.

* आज की जनरेशन स़िर्फ गुण या कुंडली जैसी बातों को ही तवज्जो नहीं देती, बल्कि वो फाइनेंशियल कंपैटिबिलिटी को भी महत्वपूर्ण मानती हैं, क्योंकि इससे आपके रिश्ते का भविष्य तय होता है.

क्या होता है सिबिल स्कोर?

- यह तीन अंकों की रेटिंग होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है.

- यह रेटिंग ही तय करती है कि आपका क्रेडिट स्कोर कैसा है?

- इसमें 750 का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है और आपको लोन भी आसानी से मिल जाता है.

- वहीं अगर सिबिल स्कोर कम या ख़राब है तो लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना बेहद मुश्किल होता है.

क्यों ख़राब होता है क्रेडिट स्कोर और इसे कैस बेहतर करें?

- लोन की किस्तें समय पर न चुकाने से क्रेडिट स्कोर ख़राब होता है. इसी तरह से क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न भरना या क्रेडिट कार्ड का ओवरयूज़ करना भी आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब करता है.

- बार-बार लोन लेना या बहुत ज़्यादा लोन लेना भी एक वजह है.

- इसके अलावा अगर आपने पहले कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है, तो आपके सिबिल स्कोर के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होगी, जिससे आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में बहुत परेशानी आएगी.

- अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर करने के लिए लोन की किस्त समय पर चुकाएं.

- क्रेडिट कार्ड का बिल भी समय पर भरें.

- क्रेडिट कार्ड के ओवरयूज़ से बचें.

- जितना हो सके कम लोन लें.

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क्यों ज़रूरी है फ़ाइनेंशियल कंपैटिबिलिटी?

- जिस तरह कुंडली गुणों का मिलान करती है, उसी तरह फ़ाइनेंशियल कुंडली कपल की फ़ाइनेंशियल हैबिट्स का मिलान करती है.

- अगर कपल में फ़ाइनेंशियल कंपैटिबिलिटी होगी तो पैसों को लेकर विवाद और झगड़े कम होंगे, उदाहरण के तौर पर- दोनों में से एक अगर बहुत ख़र्चीला है या बहुत कंजूस है, तो उस पर विवाद हो सकता है.

- लेकिन अगर कपल में फ़ाइनेंशियल कम्पैटिबिलिटी होगी तो पैसों को लेकर, सेविंग्स को लेकर और ख़र्चों को लेकर उनकी सोच एक जैसी होगी, जिससे वो बेहतर तरी़के से अपने फाइनेंस को मैनेज कर सकेंगे और उनकी लाइफ में फ़ाइनेंशियल स्टेबिलिटी आएगी.

- कई बार पार्टनर एक-दूसरे को बताए बिना भी छोटे-मोटे लोन ले लेते हैं, इससे बचें.

- अपने पार्टनर से आर्थिक सलाह ज़रूर लें.

- शादी से पहले फाइनेंस को लेकर झूठ बोलने से बचें, क्योंकि गुमराह करके आप शादी तो कर लेंगे, लेकिन उसका सफल होना मुश्किल होगा. तो अब कुंडली के साथ-साथ क्रेडिट स्कोर को भी इग्नोर न करें. ये आपको लड़के की फ़ाइनेंशियल स्थिति का सच्चा आईना दिखा देगा और आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे.

- गीता शर्मा

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