बात रिश्तों की करें, तो आजकल अधिकांश रिश्ते टॉक्सिक होते जा रहे हैं, जिनकी कई वजहें हैं, जैसे- फ़ास्ट लाइफ, तनाव, एक-दूसरे के लिए वक्त की कमी, एडजस्टमेंट न करना, सहनशक्ति का कम होते जाना, गुस्सा यानी एग्रेशन का बढ़ना, सोशल मीडिया आदि. लेकिन क्या आपको पता है मेडिटेशन यानी ध्यान एक ऐसी मेडिकेशन है, जो आपके टॉक्सिक रिश्तों के लिए टॉनिक साबित हो सकता है. कैसे? आइए जानें.

सेल्फ कंट्रोल: मेडिटेशन से सेल्फ कंट्रोल बढ़ता है. व्यक्ति अपनी भावनाओं, विचारों और गुस्से पर अधिक नियंत्रण रखने में सक्षम होता है. इससे धैर्य बढ़ता है और यही धैर्य रिश्तों में भी स्थिरता लाने में मदद करता है.
मानसिक रोगों और विकृत सोच को नियंत्रित करता है: रिसर्च कहते हैं कि मेडिटेशन कई तरह के मानसिक रोगों को भी नियंत्रित करने में सक्षम है. यह घबराहट, डर, विकृत सोच, अवसाद, तनाव, फोबिया, लत, ऑबसेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर आदि में भी फ़ायदेमंद है, जिसके चलते आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और आपके रिश्तों में भी तनाव और झगड़े कम होते हैं.
इमोशनल हेल्थ बेहतर होती है: मेडिटेशन इमोशनल हेल्थ को बेहतर बनाता है, जिससे पॉज़िटिविटी बढ़ती है और यही सकारात्मकता आपके रिश्तों को भी पॉज़िटिव, हैप्पी और हेल्दी बनाती है.
डिप्रेशन कम करके मूड बेहतर करता है: स्टडीज़ में साबित हुआ है कि मेडिटेशन से डिप्रेशन पैदा करने वाले केमिकल्स कम होते हैं. दरअसल इंफ्लेमेटरी केमिकल्स ही स्ट्रेस की मुख्य वजह हैं, जो मूड को प्रभावित करके डिप्रेशन पैदा करते हैं. ऐसे में मेडिटेशन इस केमिकल को घटाता है और डिप्रेशन को कम करता है, जिससे आपके रिश्तों में नेगेटिविटी कम होती है, कम्युनिकेशन बेहतर होता है और आपके रिश्ते मज़बूत होते हैं.
हैप्पी हॉर्मोंस को बढ़ाने में मदद करता है: मेडिटेशन से मस्तिष्क अल्फ़ा स्टेट में पहुंच जाता है, जिससे हैप्पी हॉर्मोंस रिलीज़ होते हैं और मन प्रसन्न व ऊर्जावान होता है. ख़ुशी की भावनाएं और बढ़ा एनर्जी लेवल आपको उत्साही बनाते हैं. रिश्तों में भी संतुष्टि की भावना को बढ़ावा मिलता है.
पार्टनर के प्रति नज़रिया बदलने में मदद करता है: मेडिटेशन आपको अपने पार्टनर के साथ समस्याओं को सुलझाने में मदद करता है, पार्टनर की गलतियों और कमियों को स्वीकार करने में सहायता करता है. रिश्तों के विवाद और तनावों के प्रति अधिक धैर्यवान बनने में मदद करता है.
तनावपूर्ण परिस्थितियों में शांत रखने में मदद करता है: अध्ययन से यह साबित हो चुका है कि ध्यान से मन शांत और स्थिर होता है, जिससे व्यक्ति तनाव को बेहतर तरीके से हैंडल करने में सक्षम बनता है. ऐसे में विवाद होने पर आप इस परिस्थिति को बेहतर ढंग से समझ और सुलझा पाएंगे, अपने पार्टनर से धैर्य बनाए रखते हुए बात करेंगे और विवाद का बेहतर समाधान निकालेंगे.
विचारों में स्पष्टता आती है: ध्यान से मन की उलझन दूर होती है और विचारों में स्पष्टता आती है, जिसके चलते आपके सोचने की प्रक्रिया बेहतर और मैच्योर होती है और आप अपने पार्टनर से बेहतर रिश्ते बना पाते हैं.
आपका कनेक्शन बेहतर होता है: मेडिटेशन मन के भटकाव को नियंत्रित करता है और आपमें एडजस्ट करने, माफ करने या माफ़ी मांगने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे आप मज़बूत व्यक्ति बनते हैं और झुकने में या सामनेवाले को भी माफ करने में आपको कोई बुराई नहीं लगती है. व्यक्तित्व में यही बदलाव आपके रिश्तों को भी बदलता है और उन्हें बेहतर बनाता है.
आपको हैप्पी और पॉज़िटिव पर्सन बनाता है: आप ख़ुद भी यही चाहते होंगे कि हमारे आसपास ऐसे लोग हों, जो हंसते-मुसकुराते रहें, ख़ुशी का माहौल बनाकर रखें. मेडिटेशन आपको भी ऐसा ही बनाने में मदद करता है, जिससे लोग आपके साथ रहने से खुश रहते हैं. चाहे पार्टनर हो या यार-दोस्त, हर कोई आपके साथ समय बिताने की इच्छा रखेगा, क्योंकि आप उनमें प्यार और खुशियां बांटते हैं.
मेडिटेशन के और भी हैं कई फायदे
- आपको फोकस्ड रखता है. यह एकाग्रता बढ़ाता है.
- मेडिटेशन से मन शांत व सुकून की अवस्था में पहुंच जाता है.
- मस्तिष्क को भी यह आरामदायक स्थिति में पहुंचाता है. यह मस्तिष्क को अल्फास्टेट में पहुंचाता है, जिससे हैप्पी हॉर्मोंस रिलीज़ होते हैं. - यह आपकी क्रियाशीतला बढ़ाता है, सोचने-समझने की शक्ति को बेहतर करता है.
- क्रोध, तनाव, चिंता, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से भी निजात दिलाता है.
- ना सिर्फ़ आपकी इमोशनल हेल्थ, बल्कि फिज़िकल हेल्थ भी बेहतर करता है.
- ध्यान करने से बढ़ती उम्र संबंधी भूलने की बीमारी में बेहद लाभ मिलता है और एकाग्रता बढ़ती है.

पार्टनर के साथ करें मेडिटेशन
• अपने पार्टनर के साथ भी आप ध्यान कर सकते हैं. एक साथ किसी शांत जगह पर बैठें, मन प्रसन्न और मस्तिष्क शांत हो. बहुत ज़्यादा विचारों का आना-जाना न हो. लंबी गहरी सांस लें. आंखें बंद रखें.
• आप दोनों मेडिटेशन के अपने अनुभव साझा करें.
• मेडिटेशन शुरू करने के बाद ख़ुद में और अपने रिश्ते में क्या बदलाव महसूस कर रहे हैं, वो शेयर करें.
• शुरुआत में मेडिटेशन किसी गुरु या एक्सपर्ट की देख-रेख में करें.
• अगर आप अपने रिश्ते में प्यार, अपनापन और ख़ुशी चाहते हैं, तो नियमित रूप से मेडिटेशन करें.
- गीता शर्मा
