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सुरक्षित दिवाली कैसे मनाएं? (How To Celebrate A Safe Diwali?)

दिवाली ख़ुशियों और रोशनी का पर्व है. लेकिन ज़रा सी असावधानी आपकी त्योहारों की ख़ुशियों को ग्रहण लगा सकती है. इसलिए ज़रूरी है कुछ सावधानियां, कुछ एहतियात, जिनका ध्यान रखकर आप शुभ-सुरक्षित दिवाली सेलिब्रेट कर सकते हैं. कैसे मनाएं सेफ-सुरक्षित दिवाली, आइए जानते हैं.

आइए जानते हैं कि सेहत का ध्यान रखते हुए किस तरह से दीपावली के इस पर्व का आनंद लिया जा सकता है.

पटाखे जलाने के हैं शौकीन, तो ध्यान दें

सही पटाखें चुनें

- पटाखें हमेशा ब्रांडेड ही होने चाहिए, क्योंकि नकली पटाखे या पटाखे अगर अच्छी क्वालिटी के ना हों, तो वह जलाते समय हाथ में भी फट सकते हैं और बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

- पिछले साल के रखे हुए सिले हुए पटाखे ना जलाएं.

- हमें कई बार लगता है कि ये पटाखा जला नहीं सिल गया है और हम उसके आसपास और पटाखे जलने लगते हैं. पर वह बीच में ही आग पकड़कर जल उठता है और हमें अचानक से ही नुक़सान पहुंच सकता है.

कपड़े पहनते समय ध्यान दें

कई बार हम त्योहार की खुमारी में इतना खो जाते हैं कि हमें याद भी नहीं रहता कि हमें पटाखे भी जलाने हैं और उसके हिसाब से कपड़ें पहन लें. हम सिल्क के या आग पकड़ने वाले फैंसी कपड़े पहन लेते हैं या फिर साड़ी या कोई और अनकंफर्टेबल कपड़े पहन लेते हैं, जिसकी वजह से काफ़ी परेशानी होती है. हमें ऐसा करने से बचना चाहिए. अच्छा तो यह होगा कि आप पूजा के समय कुछ भी पहनें, लेकिन पटाखे जलाते समय उन्हें चेंज करके पजामा टी-शर्ट टाइप कुछ भी पहन लें. इससे आप ज़्यादा एंजॉय भी कर पाएंगे और आपकी सुरक्षा भी रहेगी.

पटाखे जलाते समय इन बातों का रखें ख़्याल

- सुरक्षात्मक चश्मा पहनें, ताकि आंखों को चिंगारियों और धुएं से बचाया जा सके. पटाखा जलाने के लिए स्पार्कलर, अगरबत्ती अथवा लकड़ी का इस्तेमाल करें, ताकि पटाखे से आपके हाथ दूर रहें और जलने का ख़तरा न हो. रॉकेट जैसे पटाखे जलाते वक़्त यह तय कर लें कि उसकी नोक खिड़की, दरवाज़े और किसी खुली बिल्डिंग की तरफ़ न हो. यह दुर्घटना की वजह बन सकता है.

- पटाखे जलाते वक़्त पैरों में जूते-चप्पल ज़रूर पहनें.

- हमेशा पटाखे जलाते वक़्त अपना चेहरा दूर रखें.

- एक पटाखा जलाते वक़्त बाकी पटाखे आसपास न रखें.

- कभी भी अपने हाथ में पटाखे न जलाएं. इसे नीचे रखकर जलाएं.

पटाखे कहां छोड़ें...

- पटाखे हमेशा खुली जगह पर किसी मैदान में, छत पर या पार्क में छोड़ें.

- पटाखे घर की बालकनी में ना छोड़ें, क्योंकि रॉकेट जैसे पटाखे बालकनी में छोड़ने से खिड़की के रास्ते से किसी के घर में भी घुस सकते हैं और नुक़सान पहुंचा सकते हैं.

- जले हुए पटाखों को एक पानी से भरी बाल्टी में डालें, ताकि उनमें अगर आग बची भी हो, तो बुझ जाए. अक्सर जले हुए पटाखों को हम यूं ही छोड़ देते हैं, जिनसे आग लगने की दुर्घटना भी हो सकती है

- इमर्जेंसी नंबर अपने पास तैयार रखें. एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसे कुछ इमरजेंसी नंबर रेडी रखें ताकि ज़रूरत पड़े, तो जल्द से जल्द आप इन नंबरों पर कॉल कर, मदद ले सकें.

जले हुए पटाखों का सुरक्षित तरीक़े से निपटारा करें

आधे जले हुए पटाखे भी ख़तरनाक साबित हो सकते हैं. यह पर्यावरण के लिए भी नुक़सानदेह हो सकते हैं. इस्तेमाल की गई फुलझड़ियां, फव्वारे, चकरी और रॉकेट एक साथ रखें और उन्हें फेंकने से पहले पानी की बाल्टी में डाल दें. जले हुए पटाखों से बचे मलबे को साफ़ करें और पर्यावरण के अनुकूल तरी़के से उनका निपटारा करें.

पटाखे हानिकारक प्रदूषक छोड़ते हैं जो हवा की गुणवत्ता को कम करते हैं, श्‍वसन संबंधी समस्याओं में योगदान करते हैं. ज़्यादा पटाखों का धुआं सेहत के लिए हानिकारक है, इसलिए कम पटाखें फोड़ें.

घर में दीयों और मोमबत्तियों को सुरक्षित जगहों पर रखें

कई बार हम ध्यान नहीं देते और दीयों को सीढ़ियों के बीचोंबीच सजा देते हैं, लेकिन इससे आने-जाने वालों को तकलीफ़ होती है. कई बार अगर किसी ने कोई लंबी ड्रेस पहनी हो, तो वो भी आग पकड़ सकती है. इसके अलावा घर में दीयों ओर मोमबत्ती को फर्नीचर के आसपास ना रखें. इससे भी आग पकड़ने का ख़तरा रहता है.

ये छोटी छोटी चीजें हैं, लेकिन हमें इनका ध्यान ज़रूर रखना चाहिए.

बच्चों का ध्यान रखें

- छोटे बच्चों को अकेले पटाखे न जलाने दें.

उन्हें हमेशा बड़ों की देखरेख में ही पटाखे जलाने दें, ताकि वे सुरक्षित रहें.

- अपने बच्चों को लहंगे, गाउन जैसी ड्रेसेस न पहनाएं. इनमें आग लग सकती है.

- पटाखे जलाते समय अपनी फर्स्ट एड किट तैयार रखें.

- पटाखे जलाते समय बच्चों को सिखाएं कि इन्हें दूर से जलाएं.

- जलते पटाखों को चेक करने के लिए उनके पास न जाएं और पटाखों को हाथ में रख कर न जलाएं.

नकली मिठाइयों से कड़वी न हो जाए मिठास

- त्योहारों के दिनों नकली मिठाइयों की बिक्री ज़ोरों पर होती है. मार्केट में लाल, पीली, काली, नीली हर रंग की मिठाइयां मौजूद होती हैं, जिनमें केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल होता है. इनका सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

- बाज़ार में मिलने वाला मावा भी नकली होता है, इसलिए जहां तक हो सके, घर की बनी फ्रेश चीज़ों, ताज़े फल और ताज़े फ्रूट जूस का इस्तेमाल करें.

- मिठाई की बजाय घर में बनी खीर, सेवइयां और कस्टर्ड आदि का इस्तेमाल करें.

- खोये की बजाय पेठे जैसी सूखी मिठाइयां इस्तेमाल करें.

शुगर और अस्थमा वाले पेशेंट त्योहारों में अपना ख़ास ख़्याल रखें

- लोग शुगर फ्री मिठाइयां यह सोचकर खाते हैं कि यह नुक़सान नहीं करेंगी. सच यह है कि ये चीज़ें शुगर फ्री होती हैं, न कि कैलोरी फ्री. ऐसे में कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर तेज़ी से बढ़ जाता है.

- डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्या वाले लोग अक्सर सेहत का हवाला देकर मीठे के बजाय नमकीन खाते हैं, जबकि तली और ज़्यादा नमक वाली चीज़ें भी परेशानी बढ़ाती हैं.

- पटाखों से निकलने वाली सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी टॉक्सिक गैसों व लेड जैसे पार्टिकल्स की वजह से अस्थमा और दिल के मरीज़ों की दिक़्क़तें कई गुना बढ़ जाती हैं. इसकी वजह से एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों की सांस की नली सिकुड़ जाती है और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं मिल पाती. ऐसे में धुएं और पोल्यूशन से बचने के लिए घर के अंदर रहें.

- अगर धुआं घर में आ जाए, तो एक साफ़-सुथरा कॉटन का रुमाल या कपड़ा गीला करके उसका पानी निचोड़ कर उससे मुंह ढंक कर सांस लें. इससे हानिकारक कण शरीर में प्रवेश नहीं करेंगे.

- सांस के साथ प्रदूषण अंदर जाने से रोकने के लिए मुंह पर गीला रुमाल रखें. अस्थमा के मरीज़ इनहेलर और दवाएं आदि नियमित रूप से लें.

अकेले हैं तो मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर सुरक्षित दिवाली कैसे मनाए?ं

- आपका परिवार कहीं दूर है तो क्या हुआ. आप वर्चुअली तो उनसे जुड़ ही सकते हैं. वीडियो कॉल के ज़रिए परिवार के साथ पूजा में शामिल हों और उनसे बातचीत करते रहें. इससे व्यक्ति ख़ुद को परिवार से जुड़ा हुआ महसूस करता है.

- ख़ुद को भी ख़ुश रखना ज़रूरी है. ख़ुद ही ख़ुद को एहसास दिलाएं कि आज त्योहार है, इसलिए अपनी पसंद का खाना खाएं, नए कपड़े पहनें, शॉपिंग करें, घर सजाएं और बाहर जाकर कॉलोनी के बच्चों के साथ पटाखे जलाएं.

- अकेले रहने की जगह पड़ोसियों और कुछ दोस्तों को अपने घर बुला लें या फिर आप उनके साथ डिनर प्लान करें या किसी के घर जाने का प्लान बना लें.

- शिखा जैन

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