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मॉनसून में शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज़ के रोगी करें ये 5 बेस्ट और ईज़ी एक्सरसाइज़…(5 Best And Easy Indoor Exercises For People With Diabetes During Monsoon)

डायबिटीज़ (diabetes) मैनेज (management) करने के लिए बेहद ज़रूरी है हेल्दी लाइफ़स्टाइल (healthy lifestyle), जिसमें डायट (diet), ट्रीटमेंट (treatment) के साथ-साथ डेली एक्सरसाइज़ (daily exercise) भी शामिल है. अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार, वेट्स के साथ वर्कआउट करने से कई और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी मिलते हैं जैसेकि इससे हड्डियां मजबूत होती हैं, ब्‍लड प्रेशर और कोलेस्‍ट्रॉल (cholesterol) कम होता है, वजन (weight) घटता है और हृदय (heart) संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है.

डायबक्‍युरा हेल्‍थकेयर एंड धर्मा डायबिटीज एंड मेटाबॉलिक क्‍लीनिक्‍स के डायरेक्‍टर एवं कंसल्‍टेंट डायबिटोलॉजिस्‍ट, डॉ मुदित सभरवाल कहते हैं- डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को रोज़ एक्‍सरसाइज करना अक्‍सर चुनौतीपूर्ण लगता है और बारिश के मौसम में तो इसे और भी नजरअंदाज कर दिया जाता है. अपने ब्‍लड शुगर लेवल को बरकरार रखने के लिए उन्‍हें छोटे-छोटे प्रयास जरूर करने चाहिए, जैसेकि वे घर पर ही वर्कआउट का रूटीन बना सकते हैं. हेल्दी डायट se लेकर और डेली एक्‍सरसाइज़ करके, डायबिटीज़ से ग्रसित लोग अपने ब्‍लड प्रेशर एवं ब्‍लड कोलेस्‍ट्रॉल के लेवल में भी सकारात्‍मक बदलाव देख सकते हैं.

डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ब्‍लड शुगर में होने वाले बदलावों के बारे में जानना महत्‍वपूर्ण है. इससे वे स्थिति को बेहतर ढंग से मैनेज कर सकते हैं. वर्कआउट से पहले और बाद में ब्‍लड ग्‍लूकोज़ लेवल पर निगरानी रखने से उन्‍हें यह समझने में मदद मिलेगी कि रोज़ एक्‍सरसाइज़ करने के आखिर क्‍या लाभ हैं. ऐसे में अपने डॉक्‍टर से परामर्श करके इंडोर वर्कआउट रूटीन्‍स आज़माने चाहिए. खासतौर से उन एक्‍सरसाइज़ के बारे में ज़रूर जानना चाहिए जो एनर्जी बढ़ाने और ब्‍लड शुगर का उचित स्‍तर बनाए रखने में मददगार होती हैं. यहां कुछ इंडोर एक्‍सरसाइज़ दी गई हैं जिन्‍हें आसानी से किया जा सकता है :

  1. वॉल पुश अप्‍स : दीवार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं और अपनी हथेलियों को कंधे की सीध में दीवार पर रखें. अपने टॉर्सो को स्‍ट्रेट रखकर मजबूती से प्‍लैंक स्‍टैंस करें, अपने सीने को दीवार की तरफ लाने के लिए अपनी कोहनी को मोड़े. धीरे-धीरे पुश बैक करें और अपनी भुजाओं को सीधा करें.
  2. साइड रेज़ : आप अपनी साइड्स पर अपने हाथों के दम पर बैठ सकते हैं या खड़े हो सकते हैं और दोनों हाथ में वेट ले सकते हैं. धीरे-धीरे दोनों हाथों को साइड से उठाएं, कोहनी को हलका से मोड़े, जब तक कि वे ‘टी’ आकार में कंधे की उंचाई पर ना पहुंच जाए. धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे लाएं और फिर इस प्रक्रिया को दोहरायें.
  3. चेयर रेज़: एक कुर्सी पर बैठ जाएं, सुनिश्चित करें कि यह सुरक्षित हो. अपने हाथों को अपने सीने की ओर सीधा रखें और पीछे की ओर झुकें. आपके हाथ आपके सामने बिल्‍कुल सीधे होने चाहिए ताकि आप सीधे बैठ सकें और सीधे खड़े हो सकें. अपनी सिटिंग पोजीशन में वापस आएं और इस एक्‍सरसाइज को दोबारा दोहरायें.
  4. बाइसेप कर्ल्‍स : अपने हाथों को साइड में रखें और अपनी हथेलियों को अंदर की तरफ. दोनों हाथों में वेट लें. हथेली को अपनी ओर रखते हुए, एक हाथ को मोड़ें और वेट को अपने कंधे पर लेकर आएं. नीचे आने पर दूसरे हाथ से यही प्रक्रिया दोहरायें.
  5. ट्राईसेप्‍स एक्‍सटेंशंस: अपने हाथ को अपने सिर के ऊपर लाएं ताकि आपकी कोहनी छत की तरफ हो और एक हाथ में वेट पकड़ें जोकि नीचे फर्श की तरफ हो. मूवमेंट के दौरान आपकी कोहनी को चोट से बचाने के लिए, अपने दूसरे हाथ का इस्‍तेमाल करें और हाथ को एक पोजीशन में बनाए रखें. अपने सिर से ऊपर वेट उठाने के लिए, अपने हाथ को सीधा करें. एक बार और उठाएं. दोहराने के लिए दूसरे हाथ का इस्‍तेमाल करें.

यह आसान सा वर्कआउट रूटीन आपकी ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकता है और आप बेहतर ढंग से डायबिटीज़ को मैनेज कर सकते हैं. इसे आजमाने से पहले अपने डायबिटीज़ के डॉक्‍टर से परामर्श करना महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके लिए सबसे बढ़िया रूटीन कौन सा है. याद रखें कि वर्क आउट करते वक्‍त अपने ब्‍लड शुगर लेवल की निरंतर जांच करना जरूरी है, इससे एक्‍सरसाइज रूटीन में आवश्‍यक बदलाव करने और बेहतर टेक्निक्‍स को ढूंढने में मदद मिल सकती है.

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