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60+सोशल एटीकेट्स, जो हर महिला को जानना ज़रूरी है(60+ Social Etiquette Rules Every Woman Should Know)

ऑफिस में, फोन पर, डायनिंग टेबल पर या आपस में बातें करते समय अक्सर हम शिष्टाचार की सामान्य, लेकिन महत्वपूर्ण बातों को नज़रअंदाज़ की देते हैं, जिससे हमारी इमेज अशिष्ट व असभ्य महिला की बन सकती है. ऐसा न हो, इसलिए शिष्टाचार की कुछ आम बातें हर महिला को मालूम होनी चाहिए.

ऑफिस एटिकेट्स


ऑफिस में अपनी अच्छी इमेज बनाने के लिए काम के साथ ही ऑफिस एटिकेट्स की जानकारी होनी भी ज़रूरी है. इसके लिए इन बातों को हमेशा फॉलो करें:

  • ऑफिस टाइम पर पहुंचें, ख़ासतौर पर तब, जब किसी ज़रूरी मीटिंग में शामिल होना हो.
  • फोन पर या सहकर्मियों के साथ धीमी आवाज़ में बात करें. तेज़ आवाज़ में बात करने से आसपास बैठे लोगों को काम करने में परेशानी हो सकती है.
  • जहां तक हो सके, ऑफिस में मोबाइल को साइलेंट मोड पर ही रखें. यदि ऐसा करना संभव न हो, तो मोबाइल की रिंगटोन का वॉल्यूम कम रखें. साथ ही सीट से उठते समय मोबाइल साथ ले जाना न भूलें.
  • अगर कोई पर्सनल कॉल अटेंड करनी हो, तो बातचीत के लिए ऐसी जगह चुनें, जहां दूसरों को डिस्टर्ब न हो.
  • जिस तरह आप घर की सफ़ाई पर ध्यान देती हैं, उसी तरह ऑफिस को भी साफ़-सुथरा रखें. डेस्क पर पेपर व फाइलों को व्यवस्थित ढंग से रखें.
  • अगर ऑफिस में कैंटीन हो तो लंच कैंटीन में ही करें. डेस्क पर लंच करना पड़े, तो खाना खाने के बाद डेस्क अच्छी तरह साफ़ कर लें. यदि बाहर से खाना ऑर्डर कर रही हैं, तो ज़्यादा महकने वाली डिश मंगाने से बचें. साथ ही खाते समय मुंह से आवाज़ न निकालें.
  • अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की बजाय ऐसा काम करें कि दूसरे ख़ुद-ब-ख़ुद आपके काम की तारीफ़ करें. ग़लती से भी कलीग्स या जूनियर्स के काम का श्रेय लेने की कोशिश न करें. इससे आपकी इमेज ख़राब हो सकती है.
  • ऑफिस में ज़्यादा भड़कीले कपड़े न पहनें और न ही सहकर्मियों की ड्रेसिंग सेंस पर किसी तरह का कमेंट न करें. अपने प्रोफेशन को ध्यान में रखकर ही कपड़ों का चुनाव करें. इसी तरह तेज़ ख़ुशबू वाले परफ्यूम का इस्तेमाल न करें.
  • अपने काम से काम रखें और किसी भी तरह की गॉसिप या बेकार की बातों में व़क़्त बर्बाद न करें. सहकर्मियों की शिकायत करने से बचें. साथ ही ऑफिस में विवादित मुद्दे न उठाएं.
  • टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद फ्लश करना न भूलें. टॉयलेट फ्लोर को भी साफ़ रखें और फ्लोर पर बैग न रखें, क्योंकि इससे जर्म्स फैलने का डर होता है.
  • ऑफिस में किसी के भी साथ भद्दा मज़ाक या डबल मीनिंग वाली बातें न करें. ऑफिस पार्टी में अल्कोहल (शराब) का सेवन या सहकर्मियों के साथ छेड़खानी भी न करें.
  • जहां तक हो सके सहयोगियों से सामान मांगने से बचें. किसी की टेबल से ऑफिस का सामान उठाने से पहले उसकी अनुमति अवश्य लें.
  • बॉस के केबिन में जानेे से पहले डोर नॉक करना न भूलें.

फोन एटिकेट्स

हर रोज़ घर और ऑफिस में आप फोन पर ढेर सारे लोगों से बातें करती हैं. ऐसे में यदि सामान्य शिष्टाचार का ध्यान न रखा जाए, तो दूसरी तरफ़ नकारात्मक संदेश जा सकता है. अतः फोन पर बात करते हुए निम्न बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है.

  • कॉल चाहे पर्सनल हो या प्रोफेशनल, हमेशा मुस्कुराते हुए बात करें और अपना परिचय ज़रूर दें. फोन करने वाला व्यक्ति भले ही आपकी
    मुस्कुराहट देख न सके, आपकी आवाज़ से आपके मूड का अंदाज़ा लगा सकता है.
  • बातचीत के दौरान दूसरे व्यक्ति को उसके नाम से संबोधित करें. इससे दूर रहते हुए भी आत्मीयता बढ़ती है.
  • अच्छे श्रोता बनें और सामने वाले की बात बीच में न काटें. कॉल को होल्ड पर रखने से पहले कॉलर से इसकी अनुमति लें. कोशिश करें कि किसी को ़ज़्यादा देर होल्ड पर न रखना पड़े.
  • खाते हुए फोन पर बात न करें. यदि कोई कॉल मिस हो जाए या आप बात करने की स्थिति में न हों, तो थोड़ी देर बाद ख़ुद कॉल करें.
  • जब गप्पे लड़ाने के लिए दोस्तों को फोन करें, तो पहले उनसे पूछ लें कि वे व्यस्त तो नहीं हैं? कई बार लोग अपना खाली समय काटने के लिए दोस्तों को फोन कर इधर-उधर की बातें शुरू कर देते हैं, जबकि दूसरी तरफ़ आपके दोस्त इस इंतज़ार में होते हैं कि कब आप फोन रखें तो वे अपना काम शुरू करें.
  • नए दोस्तों को फोन करने पर सबसे पहले अपना नाम और पहचान बताएं. पहचानो कौन हूं? तुम तो मेरी आवाज़ पहचानना भी भूल गए, जैसी बातें न कहें. कुछ लोग आवाज़ पहचानने में कमज़ोर होते हैं और आवाज़ न पहचान पाने पर झेंप जाते हैं.
  • किसी कॉल के दौरान कॉलर को होल्ड पर छोड़कर नया कॉल तभी अटेंड करें जब उसे अटेंड करना बहुत ज़रूरी हो.
  • यदि आपको किसी ज़रूरी या प्रो़फेशनल कॉल का इंतज़ार हो और उसी समय आपके परिवार के किसी सदस्य या दोस्त का फोन आ जाए, तो उन्हें बताएं कि बातचीत के दौरान वह कॉल आने पर आपको फोन काटना पड़ेगा.
  • फोन पर बहुत लंबी बातें न करें. फोन पर ज़्यादा लंबी बातचीत तभी एन्जॉय की जा सकती है जब आपके पास बहुत सारी बातें हों. अगर सारी नई बातें कह चुकी हों तो फोन रख दें, वरना बातों के दोहराव से सुनने वाला बोर हो जाता है.
  • अगर फोन पर कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसकी बातें ख़त्म न हो रही हों, तो आप उन्हें बात करके अच्छा लगा या हम इसी तरह बातें करते रहेंगे, जैसी बातें कहकर फोन रखने का इशारा करें.
  • किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बात न करें, जिसे कॉल करने वाला या कॉल सुनने वाला न पहचानता हो.
  • अक्सर लोग फोन पर बात करते हुए दूसरे काम भी करते रहते हैं और फोन करने वाले को पूरा अटेंशन नहीं दे पाते. आप ऐसा बिल्कुल न करें. यदि उस समय बात करने की ़फुर्सत न हो, तो फोन करने वाले को इस बारे में बता दें और बाद में फोन करके बात कर लें.
  • अगर आपने किसी को फोन किया है, तो अपना परिचय दें और अगर आपको किसी ने फोन किया है तो विनम्रता से उसका परिचय पूछें.
  • फोन पर बात करते समय अपना चेहरा डेस्क टॉप या फाइल की तरफ से हटा लें, ताकि आप फोन करने वाले व्यक्ति की बात ध्यान से सुन सकें.
  • फोन 2-3 घंटियों से ़ज़्यादा न बजने दें,जल्दी कॉल रिसीव करें.
  • फोन अटेंड करते हुए हमेशा अपने पास पेपर और पेन रखें.
  • कॉल पूरी होने पर फोन करने के लिए धन्यवाद ज़रूर कहें.
  • किसी क्लाइंट, कस्टमर या मरीज़ के घर पर सुबह 8 बजे के पहले और रात 9 बजे के बाद फोन बेहद ज़रूरी होने पर ही करें.

टेबल मैनर्स

डायनिंग टेबल पर कैसे बैठें, कांटे-छुरी का इस्तेमाल कैसे करें, कौन-सी चीज़ पहले खाएं जैसी कई छोटी-छोटी बातों की जानकारी न होने पर अक्सर हमें दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है. आपके साथ ऐसा न हो, इसलिए हम बता रहे हैं कुछ सामान्य टेबल एटिकेट्स.

  • हाथ धोकर बैठें. खाने कीटेबल पर बैठने से पहले अच्छी तरह हाथ धो लें. खाना दाहिने हाथ से खाएं. ग्लास या कोई अन्य बर्तन उठाने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करें.
  • खाने की टेबल पर सीधे बैठें. खाते समय न तो ज़्यादा झुकें और न ही चेयर को बहुत दूर रखकर खाना खाएं. चेयर को डायनिंग टेबल के बहुत पास रखने से कुहनियां एकदम बाहर की ओर निकल जाती हैं, जबकि बहुत दूर रखकर खाने से पीठ को ज़्यादा झुकाना पड़ता है. अत: दोनों ही स्थितियों से बचें.
  • कुहनियों को टेबल पर न रखें. यह शिष्टाचार के विरूद्ध है. अगर खाना नहीं खा रही हों, तो हाथों को गोद में ही रखें.
  • टेबल पर सबके उपस्थित होने के बाद ही खाना शुरू करें. अगर किसी पार्टी में गई हैं, तो मेज़बान का इंतज़ार करें. होस्ट के इशारा करने के बाद ही खाना शुरू करें.
  • खाना मुंह में लेकर बात न करें, न ही आवाज़ करके खाना खाएं. जहां तक हो सके मुंह बंद करके खाना चबाएं. छोटे-छोटे निवाले लेकर धीरे-धीरे खाएं.
  • अगर कुछ मांगना हो या कोई आइटम पास करने के लिए कहना हो, तो प्लीज़ शब्द का इस्तेमाल ज़रूर करें और मिलने के बाद धन्यवाद करना न भूलें.
  • अगर खाने में कोई आइटम पसंद न हो तब भी तुरंत मना करने की बजाय थोड़ा-सा लेकर टेस्ट करें. सीधे मना करना शिष्टाचार के ख़िलाफ़ है.
  • यदि खाने के दौरान दांतों में कुछ फंस जाए तो टेबल पर ही नाख़ूनों से दांत न साफ़ करने लगें. बहुत ज़रूरी हो, तो टेबल से उठकर एकांत में जाकर दांत साफ़ करें.
  • डिनर टेबल पर सबके सामने नाक न साफ़ करें. ज़रूरत पड़ने पर अन्य लोगों की इजाज़त लेकर रेस्टरूम में जाकर नाक साफ़ करें, फिर अच्छी तरह हाथ धोकर डिनर टेबल पर वापस बैठें.
  • खाने की टेबल पर बैठने के पहले मोबाइल फोन या तो बंद कर दें या फिर साइलेंट मोड पर रखें. खाते समय फोन पर बात करना शिष्टाचार के विरूद्ध है. अगर कोई ज़रूरी कॉल हो, तो टेबल से उठकर दूर जाकर बात करें.
  • अगर आपका पेट भर गया है, तो थोड़ा-बहुत खाना प्लेट में छोड़ने में कोई हर्ज़ नहीं है, लेकिन बहुत ़ज़्यादा खाना छोड़ना ठीक नहीं. इसी तरह प्लेट को ऐसे भी न चाट-पोंछकर साफ़ कर दें कि सामने वाले को लगे कि आपने दिनभर कुछ खाया ही नहीं है.
  • ऑफिशियल लंच या डिनर के दौरान कई बार ऐसी चीज़ें जिनका हम रोज़ाना घर में इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें अचानक खाने की टेबल पर देखकर एकबारगी हम समझ नहीं पाते कि क्या करें? ऐसी स्थिति में निम्न बातों की जानकारी आपकी उलझन सुलझा सकती है.
  • ऑर्डर देते समय मेनू कार्ड में देखने के बाद यदि किसी आइटम के बारे में कुछ समझ में नहीं आ रहा हो, तो वेटर को बुलाकर पूछ लें. हो सकता है, आपको किसी डिश की सामग्री के बारे में कन्फ्यूज़न हो या उस डिश में इस्तेमाल की गई कोई चीज़ न खानी हो, तो बेहतर होगा कि इस बारे में पहले ही पूछताछ कर लें.
  • खाने की टेबल पर बैठकर सबसे पहले नैपकिन गोद पर फैलाएं. खाते समय नैपकिन को गोद पर ही रखें. ज़रूरत पड़ने पर मुंह पोंछने के लिए नैपकिन का इस्तेमाल करें. अगर खाने के बीच में उठकर कहीं जाना पड़े, तो नैपकिन को चेयर पर रखें, इससे खाना सर्व करने वाले को समझ में आ जाएगा कि आप वापस लौटकर आने वाली हैं. खाने के दौरान अगर कपड़े पर कुछ गिर जाए, तो उसे नैपकिन से साफ़ करें. खाना ख़त्म हो जाने पर डिनर प्लेट की दाईं ओर नैपकिन रख दें.
  • कांटे को बाएं हाथ में पकड़ें और फूड आइटम को काटने के लिए इसका इस्तेमाल करें. कांटे का प्रयोग खाने के लिए करें. छुरी को दाहिने हाथ में ही पकड़ें. खाते समय कांटे और छुरी का इस्तेमाल न करना हो, तो उसे प्लेट में वी शेप का आकार बनाकर रखें. खाना ख़त्म होने के बाद छुरी और चम्मच को प्लेट में तिरछा रख दें. छुरी और चम्मच ऐसे रखें कि प्लेट उठाते समय फिसलकर गिरे नहीं. इस्तेमाल की हुई छुरी और चम्मच को टेबल पर वापस न रखें.
  • खाने के बाद हाथ साफ़ करने के लिए एक बार में एक हाथ की उंगलियों को ही फिंगर बाउल में डालकर साफ़ करें. हाथ धोने के बाद नैपकिन से अच्छी तरह पोंछ लें.

बनें स्मार्ट होममेकर

यदि आप चाहती हैं कि आपके पार्टनर आपको हर पार्टी व फंक्शन में साथ ले जाएं, तो अपनी पर्सनैलिटी में थोड़ा बदलाव लाएं और बनें स्मार्ट होममेकर.

हंसिए, मगर समझदारी से: हंसना-खिलखिलाना अच्छी बात है, लेकिन ज़ोरदार ठहाका लगाकर हंसने से बचें. अक्सर लोग भूल जाते हैं कि ज़ोरदार ठहाका लगाते समय उनका मुंह पूरी तरह खुल जाता है, जो देखने में बहुत भद्दा लगता है, लिहाजा ज़ोर की हंसी आने पर समझदारी दिखाते हुए हाथ से मुंह को ढंक लें. जम्हाई आने पर भी ऐसा ही करें. इसके अलावा, किसी के गिरने या फिसलने पर उसकी खिल्ली न उड़ाएं. इसे अभद्र व्यवहार माना जाता है.

हाथ झुलाते हुए न चलें: रास्ते पर हाथों को तेज़ी से झुलाते हुए न चलें. हाथों की गतिविधियों को एक सीमित क्षेत्र तक नियंत्रित रखें. इससे आपका हाथ दूसरों को स्पर्श नहीं करेगा और किसी के बैग या रास्ते की अन्य चीज़ों से टकराने से भी बचा रहेगा. यदि आप खड़ी हैं, तो हाथों को पीछे की तरफ़ न मोड़ें, इन्हें हमेशा आगे की ओर एक-दूसरे के ऊपर रखें.

ज़रूरी है आई कॉन्टैक्ट: पार्टी या अन्य मौक़ों पर किसी भी महिला को पार्टी में मौजूद अन्य मेहमानों से रू-ब-रू करवाना हर पुरुष के लिए शान की बात होती है. अतः जब भी कोई सज्जन एक व्यक्ति के बाद दूसरे से परिचय करवाने के लिए आपसे अनुमति मांगे, तो मुस्कुराते हुए हां कहें और सामने वाले व्यक्ति से आई कॉन्टैक्ट बनाकर बात करें. यह आपके उचित शिष्टाचार का प्रदर्शन करता है. अजनबियों को घूरे नहीं.

कूल रहें और एक्सक्यूज़ मी कहें : यदि किसी वजह से आपका मूड ख़राब हो जाता है और आपको ग़ुस्सा आ जाता है, तब भी जितना हो सके, अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रखने की कोशिश करें. भूलकर भी गाली-गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग न करें. बातचीत के दौरान बिना कुछ कहे अचानक निकल जाना बहुत ही ग़लत और ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैया है. यदि किसी कारणवश आपको ऐसा करना पड़ता है तो एक्सक्यूज़ मी कहकर बाहर निकलें.

सिच्युएशन देखकर करें रास्ता अख़्तियार: रास्ते पर पति के साथ चलते समय भीतरी तरफ़ से चलने की कोशिश करें. इससे आपको सुरक्षा तो मिलेगी ही, साथ ही दोनों के बीच एक मज़बूत सामंजस्य भी नज़र आएगा. यदि आप किसी भीड़ भरी जगह से गुज़र रही हैं, तो पति के साथ-साथ चलने की बजाय उनके पीछे-पीछे चलें. इससे वे भीड़ भरी जगहों पर आसानी से रास्ता निकाल लेंगे. ऐसा भी हो सकता है कि वे जल्दी से आगे जाकर सिनेमा हॉल या रेस्तंरा में सीट भी पा लें.

सलीके से करें व्यवहार : फुसफुसाहट या उंगलियों से इशारा करके बातचीत न करें. यह महिलाओं की शालीनता के िख़लाफ़ है. ऐसा करने से लोग समझेंगे कि आप चुगली या फ़ालतू बात कर रही हैं. ज़्यादा हाथ चलाकर बात न करे, वरना किसी को लग सकता है कि आप उसके बारे में काना़फूसी कर रही हैं. बैठते समय दोनों पैरों को क़रीब लाएं या फिर एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखकर यानी पैर क्रॉस में रखें.

रखें ख़्याल सफ़ाई और कम्फर्ट का: उचित व्यवहार के साथ ही शरीर की सही सफ़ाई यानी पर्सनल हाइजीन भी ज़रूरी है.इसमें सबसे मुख्य है पसीने की बदबू और मुंह की दुर्गंध से बचाव. इससे बचने के लिए अपने पर्स में डियो स्प्रे और माउथ फ्रेशनर रखना कभी न भूलें. ज़्यादा स्ट्रॉन्ग या एकदम माइल्ड परफ्यूम न लगाएं. ऐसे कपड़े पहनें जिन्हें आप आसानी से संभाल सकें और जिनमें आप ख़ुद को कम्फर्टेबल महसूस करें.

टेबल एटिकेट्स का पालन करें:
यदि लंच या डिनर करते समय कोई आपसे डिश पास करने को कहे, तो डिश को इस तरह से पास करें कि उसमें रखी चीज़ उछले नहीं. इसी प्रकार आपको भी किसी डिश की आवश्यकता हो तो एक्सक्यूज़ मी कहकर डिश पास करने को कहें.

कब और कैसे करें अभिवादन?
: हमेशा तनकर बैठें. दूसरों की सीट या कंधों पर न झुकें. इस तरह भी न बैठें कि दूसरों को लगे कि आप उन्हें पीठ दिखा रही हैं. इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति से आपका परिचय करवाया जा रहा है और उस व़क़्त आप बैठी हैं, तो बैठे रहिए. किसी भी पुरुष से परिचय करते समय महिला का उठकर उसे अभिवादन करना उचित व्यवहार नहीं समझा जाता है.

हवाई यात्रा के दौरान रखें शिष्टाचार का ख़्याल


हवाई यात्रा के दौरान सामान्य शिष्टाचार व छोटी-छोटी बातों की जानकारी न होने पर कई बार हमें सहयात्रियों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है. इस स्थिति से बचने और हवाई यात्रा को सुखद अनुभव बनाने के लिए शिष्टाचार का ख़्याल रखना ज़रूरी है.

टिकट बुकिंग कराते समय

  • एयर टिकट बुक करते समय नाम का विशेष ध्यान रखें. टिकट उसी नाम से लें जो आपके पासपोर्ट या पहचान पत्र पर लिखा हो. स्पेलिंग ग़लत होने पर आपको परेशानी हो सकती है. टिकट पर सही नाम होने से आपको चेकिंग के समय किसी तरह की दिक्क़त नहीं होगी.
  • अगर एयरलाइंस ऑफिस या रिज़र्वेशन काउंटर पर फोन करके बुकिंग करा रही हैं तो एजेंट से शालीन भाषा में बात करें. बुकिंग कराते समय आप अपनी मनपंसद सीट सिलेक्ट करके ब्लॉक कर सकती हैं.

हवाई यात्रा के पहले

  • हवाई यात्रा केलिए निकलने से पहले ज़्यादा परफ्यूम न लगाएं.चूंकि प्लेन चारों ओर से बंद रहता है, अत: परफ्यूम की तेज़ महक से सहयात्रियों को परेशानी हो सकती है.
  • अगर एयरपोर्ट पर ज़्यादा समय नहीं बिताना चाहतीं या समय की कमी है, तो इंटरनेट से ऑनलाइन चेक इन कर लें. बहुत सारी एयरलाइंस यह सुविधा प्रदान करती हैं.
  • घर से जल्दी निकलें. सामान्य तौर पर फ्लाइट छूटने से दो-तीन घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना ठीक होता है. इससे आपको एयरपोर्ट पर सारी औपचारिकताएं पूरी करने में आसानी होगी और आपके पास र्प्याप्त समय भी होगा.
  • कपड़ों का चयन सोच समझकर करें. ऐसे कपड़े पहनने से बचें जो अभद्र दिखते हों. भले ही आप फ्लाइट पर मात्र एक घंटे के लिए ही हों, फिर भी ऐसा आउटफिट न पहनें, जिस पर लोग टिप्पणी करें.
  • एयरपोर्ट पर सुरक्षा इंतज़ाम कड़े होते हैं. कड़ी चेकिंग से अक्सर लोगों को परेशानी होती है, लेकिन ऐसी स्थिति में इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि यह आपकी सुरक्षा के लिए ही किया जाता है. अत: सुरक्षाकर्मियों से नम्रता से पेश आएं और उनके काम में सहयोग दें.
  • बैगेज चेकिंग व अन्य फॉर्मेलिटीज़ करते समय लाइन तोड़ने की कोशिश न करें.
  • सिक्योरिटी गेट से गुज़रने के पहले सभी मैटेलिक वस्तुएं, जैसे- पेन, मोबाइल फोन, पैसे आदि अपने कैरी बैग में रखें. इससे सिक्योरिटी सर्च के दौरान आपका अनुभव सुखद रहेगा और चेकिंग में ज़्यादा समय भी नहीं लगेगा.
  • अगर नवजात शिशु या छोटे बच्चे के साथ ट्रैवल कर रही हैं, तो पूरी तैयारी के साथ जाएं.
  • बैगेज यानी सामान के ऊपर अपना एक बड़ा आइडेंटिफिकेशन टैग लगाकर रखें. इससे लैंडिंग के बाद आपको अपना बैग ढूंढ़ने में आसानी होगी.
  • एयरपोर्ट पर बने ड्यूटी फ्री शॉप्स में शॉपिंग करते हुए सतर्क रहें. यहां ज़्यादातर आइटम्स महंगे होते हैं.

बातचीत के दौरान रखें एटिकेट्स का ख़याल


विषय के चुनाव पर ध्यान दें: अक्सर लोगों को व्यक्तिगत हित से जुड़े मुद्दों पर बात करना अच्छा लगता है. बातचीत शुरू करते समय इन बातों पर विशेष ध्यान दें. उदाहरण के तौर पर, महिलाओं से उनके बच्चों के बारे में बात करें. पुरुषों से स्पोर्ट्स, राजनीति आदि के बारे में बात की जा सकती है.
दूसरों को अपनी बात कहने का मौक़ा दें: कुछ लोग जब एक बार बोलना शुरू करते हैं तो चुप होने का नाम ही नहीं लेते, ये ग़लत है. बातचीत के दौरान विचारों का आदान-प्रदान बेहद ज़रूरी है. अतः सामने वाले को अपनी बात कहने का मौक़ा दें.
आई कॉन्टेक्ट बनाएं: हमेशा सामने वाले की आंखों में आंखें डालकर बात करें. इससे लगता है कि आपको सामने वाले की बातों में दिलचस्पी है. अगर आपको आई कॉन्टेक्ट बनाए रखने में किसी तरह की असुविधा हो रही है, तो सामने वाले के चेहरे की ओर देखें.
धीमी आवाज़ में बात करें: अक्सर लोग बातचीत करते समय इतने उत्साहित हो जाते हैं कि उन्हें अपनी आवाज़ का ध्यान ही नहीं रहता. अतः बातचीत धीमी आवाज़ में करें. साथ ही बात करते समय ज़ोर-ज़ोर से न हंसें.

नाम से संबोधित करेंः किसी से बात करते समय उसे उसके नाम से संबोधित करें, क्योंकि नाम से पुकारा जाना सबको अच्छा लगता है.

मु़फ़्त की सलाह न दें: बहुत से लोगों को बिन मांगे सलाह देने की आदत होती है, यह ग़लत है. जब तक सामने वाला आप से किसी तरह की सलाह न मांगे, तब तक उसे किसी भी तरह की सलाह देने से बचें.

बीच में न टोकें: यदि कोई आप से कुछ कह रहा है तो उसे अपनी बात पूरी करने का मौक़ा दें.

मुस्कुराती रहें: बातचीत के दौरान मुस्कुराएं. यदि आप सामने वाले की बात से सहमत हैं तो सिर हिलाकर समर्थन ज़ाहिर करें. टॉपिक के अनुसार अपने चेहरे के हाव-भाव बदलती रहें, जैसे- यदि कोई ख़ुशखबरी दे रहा है तो मुस्कुराकर उसे बधाई दें, दुख की बात पर गंभीर होकर खेद प्रकट करें.

आधी-अधूरी जानकारी वाले विषय पर बात न करेंः आपको जिस विषय के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, उसके बारे में बात करने से बचें. किसी विषय के बारे में जानकारी चाहती हैं तो उस बारे में विनम्रता से पूछ लें.

मोबाइल साइलेंट मोड पर रखें: बातचीत के दौरान बार-बार मोबाइल बजना भी एटिकेट्स के ख़िलाफ़ है. अत: बातचीत करते समय अपने मोबाइल को साइलेंट मोड पर रखें.

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