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नए डेटिंग ट्रेंड्सः प्यार की नई परिभाषा (New Dating Trends: A New Definition Of Love)

अब डेटिंग सिर्फ़ उसे नहीं कहा जा सकता, जिसमें एक लड़का और एक लड़की एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हैं. एक-दूसरे को समझते हैं और फिर फ़ैसला लेते हैं कि ज़िंदगी भर साथ रहना या नहीं. अब इस सिंपल सी डेटिंग के साथ भी नए-नए ट्रेंड जुड़ गए हैं. आए दिन रिलेशनशिप में इतने नए टर्म्स आ गए हैं, जिन्हें अब याद रखना भी मुश्किल हो गया है. इन्हीं में से कुछ के बारे में हम बता रहें हैं.

ऑर्बिटिंग (Orbiting) रिश्ता टूटने यानी ब्रेकअप के बाद भी सोशल मीडिया पर अगर एक्स आपको फॉलो कर रहा है. आपके पोस्ट पर कमेंट कर रहा है, लेकिन फोन करने पर बात नहीं करता, मिलने नहीं आता, किसी तरह के कोई संपर्क में नहीं है, बस वर्चुअल दुनिया में आपसे जुड़ा है, तो इसका साफ़ मतलब है कि वह ऑर्बिटिंग कर रहा है. लेखक अन्ना इओविन के अनुसार, ऑर्बेटिंग तब होती है जब आप किसी के साथ संबंध तोड़ते हैं, लेकिन आप सोशल मीडिया पर उनको स्टॉक करना बंद नहीं करते. एक्स पार्टनर ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि सोशल मीडिया ने लोगों में Fomo (फियर ऑफ मिसिंग आउट) का एहसास बढ़ा दिया है. वो ये जानकारी लेना नहीं छोड़ना चाहते कि आपकी ज़िंदगी में क्या चल रहा है. लेकिन अगर आपको यह पसंद नहीं आ रहा है, तो आप एक्स पार्टनर को ब्लॉक या अनफॉलो कर दें, ताकि उनकी मौजूदगी या गैरमौजूदगी का असर आपकी इमोशनल हेल्थ पर न पड़े.

घोस्टिंग (Ghosting) जब कोई रिलेशनशिप बिना किसी कारण अचानक से ख़त्म हो जाए. इसमें रिश्ता तोड़ने की वजह भी नहीं बताई जाती. किसी दिन अचानक ही आपका पार्टनर आपके कॉल, मैसेज उठाना बंद कर दे और इसका कोई कारण भी ना बताए. मतलब वह आपकी लाइफ से एक दिन भूत की तरह गायब हो जाए, तो उसे घोस्टिंग कहते हैं. वैसे तो ऐसा स़िर्फ दो लोग जो प्यार में होते हैं या फिर डेट कर रहे होते हैं, उनके साथ होता है, लेकिन कई बार ऐसा दोस्तों, फैमिली और प्रोफेशनल लाइफ में भी हो सकता है. इस डेटिंग टर्म को घोस्टिंग इसलिए कहा जाता है कि जिस प्रकार भूतों के लिए कहा जाता है कि वो हवा में गायब हो जाते हैं और किसी को भनक भी नहीं होती है. उसी तरह घोस्टिंग करने में भी एकदम से सन्नाटा हो जाता है. सन्नाटे से मेरा मतलब है कि बिल्कुल किसी तरह का कॉन्टैक्ट नहीं रह जाता है.

ब्रेडक्रंबिंग (Breadcrumbing) ये रिलेशनशिप को एक्सप्लेन करने वाला एक नया टर्म है, जिसमें व्यक्ति मीठी-मीठी बातें तो करता है, रोमांटिक भी होता है, लेकिन सीरियस कमिटमेंट से बचता है. ब्रेडक्रंबिंग रिलेशनशिप निभा रहा व्यक्ति आमतौर पर पार्टनर की बातें टालता है और घुमा-फिराकर जवाब देता है, जिससे बात ख़त्म भी नहीं होती, लेकिन आगे भी नहीं बढ़ पाती. एक तरह से कहा जा सकता है कि वो रिलेशनशिप में रह कर भी दूरी बनाए रखते हैं. ब्रेडक्रंबिंग करने वाला व्यक्ति आपको समय-समय पर मैसेज, कॉल या सोशल मीडिया पर लाइक और कमेंट भेजता रहेगा, लेकिन जब आप उनसे मिलने या रिश्ते को आगे बढ़ाने की बात करेंगे तो वे बहाने बना सकते हैं या टाल-मटोल कर सकते हैं. यह व्यवहार भावनात्मक रूप से थका देने वाला हो सकता है, क्योंकि आप हमेशा दुविधा में रहते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ज़्यादातर लोग जानकर ब्रेडक्रंब नहीं करते हैं. ब्रेडक्रंब करने वाले लोग अपनी भावनाओं के बारे में कंफ्यूज रहते हैं. उन्हें नहीं पता होता कि वह अपने रिश्ते से क्या चाहते हैं. इस वजह से वह ख़ुद के साथ-साथ आपको भी परेशान करते हैं.

कुशनिंग (Cushning) इस रिलेशनशिप में साथी को बैकअप के तौर पर यूज़ किया जाता है यानी कि आपका पार्टनर आपके साथ रिलेशन में रहते हुए भी किसी दूसरे के साथ भी रिलेशनशिप में रहता है. ये लोग उनके लिए एक तरह का बैकअप होते हैं कि अगर किसी मोड़ पर उनका अपने पार्टनर से ब्रेकअप या तलाक़ हो जाए, तो वह अकेले न रहें. यानी अगर पार्टनर से रिश्ता टूटा, तो कोई तो हो जिसके कंधे पर सिर रखकर रोया जा सके. आपके पास भावनात्मक या रोमांटिक रूप से संभलने के लिए एक कुशन हो. ऐसा वे लोग करते हैं, जो इनसिक्योर होते हैं और उन्हें अपने रिलेशन पर पूरी तरह भरोसा नहीं होता. वे हमेशा एक बैकअप तैयार रखते हैं, ताकि उनके और भी विकल्प खुले रहें.

लव बॉम्बिंग (Love Bombing) यह प्यार की एक ऐसी स्थिति है, जहां आपको चाहने वाला अपनी फीलिंग्स का जमकर इज़हार करता है. अपने मैसेज, कॉल, गिफ्ट्स के ज़रिए आपको बताता है कि आप उसकी ज़िंदगी में कितने अहम् हैं. आप उसके सोलमेट हैं. वे आपको कुछ ही दिनों में इतना प्यार देंगे कि आप उनके प्यार को पाकर सब कुछ भूल जाएंगे और लगेगा अब ज़िंदगी से कुछ पाना बाकी नहीं रह गया. बस, यह बंदा मुझे मिल जाए, तो और क्या चाहिए. लेकिन ज़रा रुकिए. कहानी की हैप्पी एंडिंग यह नहीं है, बल्कि ये फेक यानी झूठा प्यार है, जो सिर्फ़ आपको कंट्रोल करने के लिए दिखाया जा रहा है, ताकि आप उसके इशारों पर चलें. वो कहें उठो तो उठें.. वो कहें बैठो तो बैठें. वे आपसे अपनी बात मनवाने के लिए प्यार और अटेंशन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. सौ बात की एक बात, ये प्यार सच्चा नहीं है, वो आपको ट्रैप कर रहा है.

सिचुएशनशिप (Situtionship) इसमें दो लोग एक दूसरे की ज़रूरत को पूरा करने के लिए साथ में रहते हैं. इसमें दोनों एक-दूसरे के साथ घूमने जा सकते हैं, लंच या डिनर कर सकते हैं. लेकिन इस रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया जाता है. यहां आप बिना शर्त के एक-दूसरे के साथ हैं, वो भी जब तक आपका मन चाहे. और जब मन भर जाए, तो दूसरे पार्टनर के प्रति आपकी कोई जवाबदेही भी नहीं होती. वो इस रिश्ते के बारे में न तो किसी को बताना चाहते और न ही इसको कोई नाम देना चाहते हैें. दरअसल, कई बार कुछ लोग अपने पुराने रिलेशनशिप में मिले धोखे या असफलता के वजह से भी इस तरह के रिलेशनशिप को पसंद करने लगते हैं. दूसरे, ब्रेकअप के दर्द से एक बार गुज़रने के बाद वह दोबारा उन परिस्थितियों में नहीं पड़ना चाहते, जहां दिल टूटने जैसा कांसेप्ट हो. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने लाइफ के गोल्स से भटके बिना रिलेशनशिप के फ़ायदों को एंजॉय करने के लिए इसमें आ जाते हैं.

बेंचिंग (Benching) इस तरह के रिलेशनशिप को ऐसे समझा जा सकता है कि आप किसी की पसंद तो हैं, लेकिन वेटिंग लिस्ट में आपका नाम शामिल है. ऐसे ट्रेंड में अक्सर किसी को डेट किया जाता है और सेकंड चॉइस को वेटिंग में रख दिया जाता है. अक्सर बेंचिंग कर रहा शख़्स अपनी ऑप्शनल डेट को कभीे-कभी मैसेज करता है, कभी आउटिंग पर साथ समय बिताता है, लेकिन रिलेशनशिप पर बात नहीं करता.

- शिखा जैन

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