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नए साल में करें अपने रिश्तों की नई शुरुआत (Let’s give a fresh start for your relationship in New Year)

नया साल हर बार नया जोश, नई सोच और नया उत्साह लेकर आता है. हम सभी कुछ न कुछ नया सोचकर रखते हैं, रिज़ोल्यूशंस बनाते हैं, तो क्यों न इस बार हम अपने रिश्तों को लेकर कुछ नया सोचें और करें अपने रिश्तों की नई शुरुआत.

• सबसे पहले ख़ुद से ही शुरुआत क्यों न करें? अपने आपसे अपना रिश्ता बेहतर बनाने की कोशिश करें. आप सोचेंगे कि यह कैसे संभव है? बिल्कुल संभव है- ख़ुद पर थोड़ा ध्यान देना शुरू करें. अपनी हेल्थ और फिटनेस को प्रायोरिटी दें. अपने मन और शरीर का सम्मान करें.

•* अपनी ग्रूमिंग पर फोकस करें. मेडिटेशन करें. हेल्दी खाएं, ख़ुश रहें.

• * स्ट्रेस कम लें और मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान दें.

• * अपनी पॉज़िटिव साइड को बाहर निकालें. नेगेटिविटी को दूर करें.

•* डिसाइड करें कि इस साल से अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने की कोशिश करेंगे.

•* रिश्ते हों या प्रोफेशनल लाइफ, स्वार्थी नहीं बनेंगे.

• * सुबह उठते ही अपना दिन और रिश्ते बेहतर करने के लिए ख़ुद को मोटीवेट करेंगे.

• * एक प्लानर या डायरी या फिर कैलेंडर पर ही सबका बर्थडे, एनिवर्सरी आदि मार्क कर लें, ताकि आप अपनों का स्पेशल डे भूल न जाएं.

• * जीवन और रिश्तों के स्वरूप में आनेवाले बदलावों को भी एक्सेप्ट करें.

• * वक्त के साथ-साथ बदलाव आता ही है- चाहे हमारा शरीर हो, लुक्स हों, रिश्ते हों, इसलिए ज़िद्दी न बनें. ख़ुद को और अपनी सोच को भी बदलने की कोशिश करें.

• * ज़िम्मेदार बनें और खासतौर से वो महिलाएं जिनकी सोच होती है कि कुछ काम तो स़िर्फ मर्दों के ही होते हैं, जैसे- फाइनेंस, बैंक, प्रॉपर्टी, क़ानूनी या काग़ज़ी प्रक्रिया तो पुरुष ही कर सकते हैं और वही भागदौड़ कर सकते हैं. हर किसी को सेल्फ डिपेंडेंट बनने की ज़रूरत है, इससे आपका कॉन्फिडेंस बूस्ट होगा और जानकारी का दायरा भी बढ़ेगा.

• * ठीक इसी तरह पुरुषों को भी घरेलू काम आने चाहिए, क्योंकि कुकिंग, क्लीनिंग तो बेसिक लाइफ स्किल्स हैं और इन्हें जेंडर से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. ये काम सभी को आने चाहिए. अपने बच्चों को भी यह सिखाएं और इसका महत्व बताएं.

• * अपने पैरेंट्स से अपने रिश्ते बेहतर करें.

• * कोशिश करें कि उन्हें क्वालिटी टाइम दे सकें. उन्हें यह महसूस कराएं कि आपकी ज़िंदगी में उनकी अहमियत है और आपको उनकी फ़िक्र है.

• * उनकी हेल्थ को नज़रअंदाज़ न करें. उनकी भावनाओं का सम्मान करें.

• * इसी तरह अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ भी अपने रिश्ते की नई शुरुआत करें. उन्हें समय-समय पर फोन कर लिया करें. जो रिश्तेदार आपके ही शहर में रहते हों, वीकेंड पर उनसे मिल लें.

• * अपने कज़िंस और पुराने दोस्तों से भी अपने रिश्ते को रिवाइव करें. बिज़ी लाइफ के चलते जिनसे संपर्क लगभग टूट गया हो, उनसे दोबारा जुड़ें. गेट-टुगेदर रखें. पुराने दिन याद करें. कभी साथ में मूवी देख आएं.

• * अगर आप शादीशुदा हैं, तो अपने पार्टनर के साथ अपना रिश्ता बेहतर करें.

• * सारे शिकवे-गिले छोड़कर प्यार और रोमांस को रिवाइव करें. एक-दूसरे से वादा करें कि अगर कभी किसी बात को लेकर बहस या विवाद होता है, तो उसे समझदारी से सुलझाएंगे.

• * एक-दूसरे को समझेंगे, एक-दूजे के साथ ज़्यादा समय बिताएंगे.

• * महीने में एक बार कैंडल लाइट डिनर करेंगे. इसी तरह से साल में एक या दो बार हॉलिडे प्लान करेंगे.

• * एक-दूसरे के पैरेंट्स का सम्मान करेंगे.

• * मन में बदले की भावना नहीं आने देंगे, क्योंकि आपका पार्टनर आपका जीवनसाथी है, कॉम्पीटिटर नहीं.

*• पत्नी अगर हाउसवाइफ है, तो उसे यह एहसास न दिलाएं कि उसका घर में कोई योगदान या महत्व नहीं है, क्योंकि अक्सर पति हाउसवाइफ से यही कहते हैं कि तुम सारा दिन घर में करती ही क्या हो, मेरी तरह बाहर स्ट्रगल करोगी, तो पता चलेगा कि पैसे कितनी मुश्किल से कमाए जाते हैं.

• * इसी तरह पत्नी भी पति पर बात-बात पर शक न करे. दोस्तों के साथ भी उनको टाइम स्पेंड करने दे, क्योंकि वो आपका पति है, छोटा बच्चा नहीं कि हमेशा रोक-टोक करें या नकेल कसके रखें.

• * एडजस्टमेंट कई समस्याओं को हल करने की चाभी है. थोड़ा एडजस्ट करना सीखें.

• * साथ मिलकर बजट प्लान करें और सेविंग्स भी.

• * ख़ुद के व्यवहार में बदलाव लाएंगे, तभी रिश्ते भी बेहतरी की दिशा में बदलेंगे.

• * अगर बच्चे हैं, तो उनके साथ भी रिलेशनशिप बेहतर करें.

• * कोशिश करें कि उनके साथ आपका रिश्ता सिर्फ होमवर्क कराने और स्कूल छोड़ने व ले आने तक ही सीमित न रह जाए.

• * उनके कोमल मन को समझने की कोशिश करें. उनके साथ खेलें. हमेशा पढ़ाई को लेकर प्रेशर न बनाए रखें.

• * उनका व्यवहार अगर बदल रहा हो या उनके अचानक नंबर्स कम आने लगें, तो डांट लगाने की बजाय पहले मूल वजह को समझने का प्रयास करें.

• * उनके दोस्तों और टीचर्स से हमेशा संपर्क में रहें.

• * उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर नज़र रखें, लेकिन इसमें इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें यह न लगे कि आप उनकी जासूसी कर रहे हैं.

• * अनुशासन ज़रूरी है, लेकिन वो इतना भी ज़्यादा न हो जाए कि बच्चे आपसे झूठ बोलने लगें या बातें छिपाने लगें.

• * बच्चों को भी अपने रिश्तेदारों से टच में रखें. उन्हें रिश्तों का महत्व समझाएं.

• * उनमें अपनेपन की भावना जगाएं.

• * कुछ ज़िम्मेदारियां भी दें, ताकि उनका कॉन्फिडेंस बढ़े.

• * बच्चों के सामने अपना व्यवहार शालीन और प्यारभरा रखें, क्योंकि बच्चे देखकर ज़्यादा बेहतर तरी़के से सीखते हैं.

• * कोशिश करें कि इस साल अपनी एक बुरी आदत या लत को बच्चों की खातिर या अपनों की खातिर छोड़ने की, इससे आप भी बेहतर महसूस करेंगे और आपके रिश्ते भी.

• * इसी तरह कोई एक नई अच्छी आदत को अपने रूटीन में शामिल करें. चाहे किसी की मदद करना हो, कोई हॉबी या योगा क्लास जॉइन करना हो, कोई नई स्किल सीखना हो या घर में पूरी फैमिली के लिए एक साथ डिनर करने का नया रूल बनाना हो- आप अपने हिसाब से कुछ भी ट्राई कर सकते हैं.

- गीता शर्मा

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